उत्तराखंड पुलिस की माओवाद के ताबूत में आखिरी कील
ऋषिकेश 14सितंबर। उत्तराखंड में पिछले चार सालों से फरार चल रहा माओवादी आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। अल्मोड़ा पुलिस और एसटीएफ ने फरार माओवादी भास्कर पांडे को अल्मोड़ा से गिरफ्तार कर लिया है। 2017 से माओवादी भास्कर पांडे फरार चल रहा था, जिसे आखिरकार पुलिस और एसओजी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने जानकारी देते बताया कि डीजीपी अशोक कुमार द्वारा पुलिस की टीम को ₹20000 इनाम और मेडल की घोषणा की गई है।
उत्तराखंड का सबसे वरिष्ठ माओवादी लीडर भास्कर पांडे को अल्मोड़ा पुलिस और एसटीएफ उत्तराखंड के ज्वाइंट एक्शन में गिरफ्तार किया गया।भास्कर पांडे 20000 का इनामी अपराधी था।2017 के अल्मोड़ा और नैनीताल के लोक संपत्ति अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत था तीन मुकदमे , इसमें फरार था।
शासन के लिए 50000 का इनाम बढ़ाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया था।भास्कर पांडे हल्द्वानी में एक कोरियर जिसका नाम व राजेश बता रहा था को पेनड्राइव तथा कुछ लिखित मटेरियल देने जा रहा था हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास भास्कर पांडे इस दौरान किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय था।भास्कर पांडे खीम सिंह बोरा का सबसे खास साथी माना जाता है जिसे यूपी एसटीएफ ने पकड़ा था। इस दौरान भास्कर पांडे द्वारा भारत में कई जगह ट्रेनिंग ली गई ।
मोओवाद से संबंधित उसने अपने कई साथियों के साथ मिलकर यहां अपने क्रियाकलापों को क्रियाकलापों को अंजाम देने की कोशिश की, उत्तराखंड का आखरी वांटेड माओवादी 2017 इलेक्शन में धारी तहसील में धारी तहसील की जीप जलाई थी । उत्कृष्ट कार्य हेतु माननीय पुलिस महानिदेशक द्वारा टीम को 20000 का इनाम तथा मेडल की घोषणा की गई है
Leave a Reply