ऋषिकेश 17 सितंबर। शिव पार्वती के विवाह स्थली सीमान्त ग्राम पंचायत त्रियुगीनारायण में वामन द्वादशी मेला सादगी से मनाया गया। इस दौरान 20 निसंतान दंपतियों को नारायण का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। यह मेला भगवान विष्णु के शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन वामन रूप अवतरित होने पर मनाया जाता है। जिस कारण इसे वामन द्वादशि के रूप में जाना जाता है।
विकास खण्ड ऊखीमठ के सीमान्त ग्राम पंचायत त्रियुगीनारायण में वर्षों से मनाया जाने वाला वामन द्वादशी मेला सादगी एवम कोविड नियमों के तहत मनाया गया। मंदिर में पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना के बाद भगवान नारायण एवम भैरव नाथ की मूर्तियों को जमाण या डोली में सजा कर रात्रि चार पहर की पूजा की जाती है।इसके बाद दूसरे दिन प्रातः काल की पूजा अर्चना के बाद थाल में सजा कर आम भक्तों के दर्शनार्थ बाहर लाया जाता है।
वामन द्वादसी मेले का मुख्य आकर्षण भगवान नारायण एवम क्षेत्रपाल भगवान की मूर्ति को चांदी की थाल में सजा कर आम भक्तों के दर्शनार्थ मन्दिर गर्भ गृह से बाहर लाया गया। ग्राम शेरसी के नौटियाल परिवारों द्वारा भगवान की थाल को सिर में रख कर ब्राह्मणों एवम पुरोहितों द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ मन्दिर की
21 परिक्रमाएं करने के बाद रात्रि जागरण उपवास पर बैठी निसन्तान दम्पतियों को भगवान नारायण के पश्वा एवम भैरवनाथ के पश्वा द्वारा उन्हें आशीर्वाद स्वरूप फल प्रदान किये गए।
मेले का मुख्य आकर्षण ग्रामवासियों द्वारा जंगल से मोरू की झाखड़ियाँ (लम्बी डालें) लाना है। इनका पौराणिक उद्देश्य इस स्थान पर अधिक बर्फवारी होने के कारण तीन युगों से जलती आ रही अग्नि कुंड में लकड़ियों की व्यवस्था करना भी है। मेले में कई निसन्तान दम्पतियाँ मेले की पूर्व रात्रि में संतान की प्राप्ति हेतु उपवास करते हैं। इस वर्ष इनकी संख्या 18 थी।
जिनमे से उत्तराखंड के दूरस्थ गढ़वाल के अतिरिक्त कुमाँऊ से भी दम्पतियाँ सन्तान प्राप्ति हेतु पहुंचे हुवे थे। स्मरण रहे कि इस स्थान पर भगवान नारायण की बारहों महीने पूजा अर्चना की जाती है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान त्रियुगीनारायण प्रियंका तिवारी सरपंच राजेश भट्ट महिला मंगलदल अध्यक्ष आरती देवी तीर्थ पुरोहित भक्तदर्शन जगमोहन भट्ट योगेंद्र तिवारी महेंद्र सेमवाल एवम बड़ी संख्या में ग्रामीण तथा दूरस्थ क्षेत्रों से भगवान नारायण का आशीर्वाद लेने हेतु भक्त बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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