Advertisement

सभी देवताओं में शिव की महिमा अपरंपार -राजू बापू


ऋषिकेश, 29 सितम्बर । सभी देवताओं में शिव की महिमा अपरंपार है ,जोकि अपने भोलेपन के कारण शीघ्र ही भक्तों के कल्याण के लिए समर्पित रहे हैं। यह विचार शीशम झाड़ी स्थित रामस्वरूप आश्रम में आयोजित पितृपक्ष के दौरान गुजरात से आए अशोक भाई ,घनश्याम भाई ,अश्वनी पटेल द्वारा ब्रह्मचारी ब्रह्मचारी के सानिध्य में शिव पुराण महा कथा के दौरान गुजरात के विख्यात अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक राजू बापू ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि जो लोग शिवपुराण की कथा का श्रवण करते हैं । आज हम मणिपुर पर्वत जहां भोले शंकर ने कंठ में धारण किए गए हलाहल शपथ को शांत करने के लिए पर्वत में तपस्या की थी।

आज उसी की तलहटी में गंगा किनारे बैठकर हम शिव महिमा का रसपान कर रहे हैं क्योंकि गंगा है तो शिव है शिव है तो गंगा है इसलिए कहा है कि भगवान भोलेनाथ कल्याण करने के लिए स्वयं तत्पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि भोले शंकर की महिमा अपरंपार है, जिन्होंने हमेशा प्राणी मात्र के कल्याण के लिए ही तप व तपस्या की है। जो कि शीघ्र ही अपने भक्तों के प्रति समर्पित रहे हैं, उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से निकले 14 रत्नों में से एक हलाहल को उस समय अपने कंठ में धारण किया ,जब उसको पीने के लिए राक्षस और देवता भी संकट में फंस गए थे ।

जिसका समाधान भगवान शिव ने ही उस हला हल को अपने कंठ में उतार कर कर सृष्टि पर होने वाले हलाहल के कारण ह विनाश से बचाया था ।उन्होंने कहा कि शिव की महिमा को समझने के लिए देवताओं में भी असमंजस की स्थिति बनी रही है। इसीलिए सृष्टि की रचना में देवताओं में जहां ब्रह्मा विष्णु महेश का नाम अग्रिम पंक्ति में आता है, वही भगवान शिव सभी देवताओं में सर्वमान्य देवता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि मन से शिव की आराधना की जाए तो मनुष्य पर आने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि पितृपक्ष के दौरान शिव की महिमा का सरवन किया जाना मनुष्य के कल्याण के लिए अति उपयोगी है ।

इस अवसर पर रामस्वरूप आश्रम के संस्थापक और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संत ब्रह्मचारी रामस्वरूप ब्रह्मचारी आचार्य महादेव, मंहत सुखबीर सिंह ने कथावाचक को शॉल उड़ाकर सम्मानित भी किया।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *