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ऋषिकेश से आइपीएल मैच में सट्टा लगवाते निगम पार्षद पति सहित दो गिरफ्तार, कब्जे से लैपटॉप टीवी सेटअप और मोबाइल के साथ नकदी भी की बरामद


 

ऋषिकेश,30 सितम्सबर।एसओजी देहात और कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने आइपीएल मैच में सट्टा लगवाने के आरोप में नगर निगम ऋषिकेश की पार्षद के पति सहित दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से लैपटाप, टीवी, सेटअप बाक्स,पांच मोबाइल फोन और नकदी बरामद की गई है।

गुरुवार को कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी ने बताया कि डीजीपी उत्तराखंड के आदेश पर आइपीएल में सट्टा लगवाने वालों के खिलाफ प्रदेश भर में कार्रवाई की जा रही है। कोतवाली क्षेत्र में भी इस तरह की शिकायतें मिल रही थी। जिसके लिए एसओजी देहात प्रभारी ओम कांत भूषण के साथ पुलिस टीम को लगाया गया था। सूचना यह भी आ रही थी कि यहां के होटल,धर्मशाला आदि में इस तरह की सट्टेबाजी हो रही है।

एसओजी और देहात और कोतवाली पुलिस की टीम ने सूचना के आधार पर बुधवार की रात बड़ी कार्रवाई करते हुए आइपीएल का सट्टा लगवाने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि रेलवे रोड स्थित होटल द प्रेसिडेंट को चेक किया गया तो उसके कमरा नंबर 104 में दो व्यक्तियों को आनलाइन एप्लीकेशन के जरिए लैपटाप पर सट्टा खिलाते हुए गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में विजेंद्र कुमार पुत्र ऋषि पाल निवासी मानवेंद्र नगर बाल्मीकि बस्ती ऋषिकेश और मनीष सेमवाल पुत्र हंसराज सेमवाल निवासी गली नंबर 13 आदर्श ग्राम ऋषिकेश को मौके से गिरफ्तार किया गया।प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि विजेंद्र की पत्नी नगर निगम में पार्षद है।

मौके से लैपटाप, एलइडी टीवी,सेटअप बाक्स, सट्टा रजिस्टर, पांच मोबाइल फोन, एक इंटरनेट डिवाइस और सट्टे से जमा 3450 रुपए बरामद किए गए। दोनों व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित धारों में मुकदमा दर्ज किया गया।

प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी ने बताया कि इस मामले में जब आरोपी विजेंद्र से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसकी रेलवे रोड पर कपड़े की दुकान है। लाकडाउन के कारण से बहुत आर्थिक नुकसान हो गया था। उसके ऊपर कर्जा भी हो गया था। कर्जा चुकाने और जल्द पैसे के लालच में वह यह काम करने लगा। उसने यूट्यूब से इसकी प्रक्रिया सीखी, इसका आनलाइन साफ्टवेयर खरीदा। इसमें पैसा लगाकर सट्टा खेलने वाले व्यक्तियों की ओर से उसके पास एडवांस पैसा जमा किया जाता था।

उसके बाद मैच के दौरान वह फोन के माध्यम से सामने वाले व्यक्ति से बोली लगाते थे। जिसका विवरण रजिस्टर में अंकित किया जाता था। उसने एक सप्ताह पूर्व ही यह काम शुरू किया था।


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