भरत मिलाप आश्रम के संस्थापक राम कृपालु दास हुए ब्रह्मलीन संतो ने दी , सन्यास परंपरा के अनुसार समाधि

ऋषिकेश 27 मार्च। मायाकुंड ऋषिकेश श्री भरत मिलाप आश्रम के संस्थापक तपो निष्ठ स्वामी राम कृपालु दास जी महाराज आज सुबह 81 वर्ष की आयु में ब्रह्मलीन हो गये है। उनकी परम शिष्य मां साध्वी ने बताया कि राम कृपाल जी महाराज कटक उड़ीसा में 27 सितंबर 1940 को जन्म लिया था ।जोकि बाल्यकाल से वैराग्य धारण करने के उपरांत हिमालय में चले आए थे। जिसके बाद उन्होंने चीरवासा, गोमुख ,उत्तरकाशी में कठोर तपस्या की ।इस दौरान 1978 में उत्तरकाशी में आई गंगा जी में भयंकर बाढ़ के दौरान उनकी विष्णु कुटिया बह गई, जिसके बाद वह वहां से ऋषिकेश चले आए। और उन्होंने मायाकुंड में श्री भरत मिलाप आश्रम की स्थापना की ।और तभी से गंगा किनारे प्रतिदिन भजन पूजा पाठ आदि में लीन रहे , तभी से उन्होंने अपना पूरा जीवन गंगाजल पीकर ही व्यतीत किया। लेकिन अचानक 21 मार्च की सुबह जब वह आश्रम में ही स्नान करने जा रहे थे। कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई ।जिन्हें ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचार हेतु भर्ती किया गया ।जहां उन्होंने आज सुबह 3:00 बजे अंतिम सांस ली, जिसके बाद उनके तमाम देश विदेश में रहने वाले अनुयायियों में शोक की लहर फैल गई ।और उन्होंने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। इस अवसर पर अखिल भारतीय षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल गिरी ,उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष महंत भूपेंद्र गिरी, महामंत्री कपिल मुनि ,ब्रह्मपुरी राम मंदिर के संस्थापक स्वामी दयाराम दास ,गोपाल ब्रह्मचारी , कात्यानी मंदिर के संस्थापक गुरविंदर सलूजा, के अतिरिक्त देश के विभिन्न प्रांतों हरियाणा ,पंजाब उड़ीसा से आए हजारों भक्तों ने उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। जिन्हे सन्यास परंपरा के अनुसार समाधि दी गई।

 

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