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उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने के साथ अधिनियम लिया वापस, तीर्थ पुरोहितों में खुशी की लहर जब तक विधानसभा में अधिनियम वापस नहीं लिया जाएगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा -कृष्णकांत कोठियाल


ऋषिकेश ,30 नवम्बर। उत्तराखंड सरकार द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के साथ बनाए गए उत्तराखंड के समस्त मंदिरों के लिए अधिनियम को रद्द किए जाने का एलान करते ही समस्त चार धाम हक हकूक धारी महापंचायत तीर्थ पुरोहित समिति ने खुशी जाहिर करते हुए सरकार से विधानसभा में इसे रद्द किए जाने की मांग की है ।

सोमवार को उत्तराखंड सरकार द्वारा जैसे ही देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने के साथ अधिनियम को जल्द किए जाने का ऐलान किया गया। वैसे ही उत्तराखंड के चार धाम हक हकूक धारी महापंचायत तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी तीर्थ पुरोहितों पंडा पंचायत के साथ उनके आंदोलन से जुड़े सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सरकार के निर्णय को उत्तराखंड के हित में बताते कहा कि सरकार ने उनकी मांगों को मानकर अपनी सद्बुद्धि का परिचय दिया है ।

लेकिन अभी उनका आंदोलन जब तक जारी रहेगा। तब तक उत्तराखंड की विधानसभा में इस कानून को रद्द किए जाने के लिए प्रस्ताव लाकर इसे निरस्त किए जाने का ऐलान नहीं किया जाता ।उन्होंने कहा कि यह जीत सभी संस्थाओं की जीत है ,और उत्तराखंड को इस काले कानून से निजात मिली है ।जिसकी घोषणा के बाद ऋषिकेश मे भी तीन पुरोहितों में खुशी देखी जा रही है ।

जिस पर तीर्थ पुरोहित समिति ऋषिकेश के महामंत्री चेतन शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा उत्तराखंड के हित में लिए गए इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए ।क्योंकि इस कानून के बनने के बाद चार धाम में सेवा देने वाले सभी तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक पर सरकारी कुठाराघात होता ।इसके हटने से उन्हें फिर उनके हक हकूक मिल जाएंगे ।

इस अवसर पर केदारनाथ महासभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, केदारनाथ सभा के सचिव कुबेरनाथ पोस्ती, तीर्थ पुरोहित सभा के राजेश बगवाडी, ने कहा कि जिस दिन विधानसभा में इसकी घोषणा की जाएगी उसके बाद चारों धामों में बहुत विशाल स्वतर पर दिवाली मनाते हुए खुशी का इजहार किया जाएगा ।


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