ऋषिकेश 25 दिसंबर। ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर आयोजित धेनुमानस गौ कथा के पांचवे दिन गौ गंगा भक्तों के बीच प्रवचन करते हुए प्रसंग में संत गोपाल मणि महाराज ने कहा कि अथर्ववेद कहता है गाय पशु नही है पशवो न गावः लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है इस देश लोग गाय को पशु समझते हैं महाराज ने कहा कि रावण ने भी यही भूल की थी उसने गाय को पशु समझा और गंगा को सामान्य नदी समझा इसीलिए रावण का पतन हुआ जिस देश के 80 करोड़ से अधिक लोग गाय को माता मानते हो उसको पूजते हो उसके प्रति आस्था का भाव रखते हों महराज ने कहा कि इस बात की अनुमति देश का संविधान भी देता है कि देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आस्था का सम्मान करना और कराना देश की सरकारों का कर्तव्य है गाय पशु नही माता है इसलिए गौ को राष्ट्रमाता का संवैधानिक सम्मान मिलना ही चाहिए आगे प्रसंग में मणि महाराज ने कहा भगवान राम और श्री कृष्ण भी इस धरा पर गौ के लिए है अवतरित हुए है.. जो जीते जी गाय की पूछ पकड़ लेते हैं उनको सहज रूप से अंतिम समय में गोलोक धाम की प्राप्ति हो जाती है सहजता से मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। आगे महाराज ने सबका आह्वान किया कि आइए सभी सनातनी गौरक्षा के लिए गौ को सम्मान देने के लिए सब एक मंच पर आए क्योंकि गाय इस देश की धार्मिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक धरोहर है इसलिए गौ को बचाना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है अभी नही तो कभी नहीं सरकारों को भी इस ओर कार्य करना चाहिए
पूज्य आचार्य सीता शरण ने प्रवचन करते हुए कहा कि शुभ कार्य का अर्थ मात्र वे कर्म नहीं जिनसे आपको लाभ हो अपितु वे कर्म हैं जिनसे आपका लोक-परलोक सुधर जाता है और आप पुण्य के भागी बनते है। आपके माध्यम से किसी का भला होता है।
चाहने मात्र से शुभ कार्यों का अवसर नहीं मिला करता मगर अवसर मिलने पर उन्हें चाहा अवश्य जा सकता है। अवसर मिले तो शुभ को शीघ्र करो।
इस अवसर पर भारतीय गौ क्रांति मंच दिल्ली प्रभारी कुसुम भट्ट व सचिव विकाश पाटनी,हिमाचल प्रदेश के प्रभारी बंशी भरद्वाज व श्रीमती उमेश सूद, श्रीमती चंदना साधुका , मीडिया प्रभारी आचार्य राकेश सेमवाल,ज्योति प्रकाश शास्त्री, सूरज मणि रतूड़ी, सते सिंह गुसाई, श्रीमती रमा थपलियाल, गोपाल रतूड़ी आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे हैं।















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