ऋषिकेश, 26 दिसम्बर । शीशम झाड़ी स्थित अवधूत आश्रम के 96 वें वर्षीय स्वामी रामदेव पाठी के शनिवार की देर रात ब्रह्मलीन हो जाने के उपरांत रविवार की सुबह दयानंद घाट पर संतो ने श्रद्धांजलि देने के उपरांत दाह संस्कार कर दिया है जिन्हें उनके शिष्य स्वामी महिमानंद पाठी ने मुखाग्नि दी ।इस दौरान उन्होंने बताया कि आगामी 10 जनवरी को स्वामी जी की सत्रवीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अवधूत आश्रम की स्थापना वर्ष 18 सो 90 में स्वामी स्वामी सुखान पार्टी द्वारा की गई थी, जिसके बाद स्वामी नारायण दास ,स्वामी केशवानंद, स्वामी ब्रह्म ऋषि ,स्वामी हरि प्रकाश, के बाद आश्रम के संचालक के रूप में छठ स्वामी रामदेव पाठी जिन्होंने 1952 में संन्यास ग्रहण करने के बाद आश्रम की कमान 1986 में संभाली जिन्होंने अपने सेवाकाल में गरीबों की सेवा के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी कई स्कूलों की स्थापना कर गरीब बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराई।
96 वर्षीय रामदेव पाठी अपने जीवन काल में ही स्वामी महिमानंद कोशिश अब बनाकर आश्रम के संचालक के रूप में स्थापित कर दिया था जोकि रामानंद संप्रदाय से जुड़े हैं।
रविवार की सुबह ब्रह्मलीन स्वामी रामदेव पार्टी को श्रद्धांजलि देने वालों में हरिद्वार से योगाचार्य रामदेव के शिष्य आचार्य बालकृष्ण, ऋषिकेश शीशम झाड़ी के राम स्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी ईश्वरदास ,महंत विनय सारस्वत, आचार्य रवि शास्त्री, डॉ स्वामीनारायण दास, हरिद्वार के स्वामी ऋषिश्वरा नंद, उर्फ संजय ,महंत स्वामी दयाराम दास, महंत विनय सारस्वत, महंत बलवीर सिंह, स्वामी कृष्णानंद सहित ऋषिकेश पंजाब हरियाणा सहित कई प्रदेशों के उनके अनुयाईयो ने भी अपनी श्रद्धांजलि दी ।
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