ऋषिकेश 26 दिसंबर। ऋषिकेश त्रिवेणी घाट पर आयोजित धेनु मानस की गो कथा के छठे दिन गोपाल मणि ने प्रवचन करते हुए कहा कि गौमाता की कथा इस दुनियां की सबसे पुरानी कथा है लेकिन दुनियां के लोग भूल गये हैं प्रसंग में संत गोपालमणि महाराज ने कहा कि आज भी धरती गौ ब्राम्हण कन्या धर्मात्माओं पुण्यात्माओं पर टिकी है इसलिए सभी का आह्वान किया कि मनुष्य जीवन सत्कर्म शुभकर्म करने के लिए मिला है सभी को समाज में अच्छे कर्म करने चाहिए सभी प्राणियों में केवल मुनष्य ही विवेकशील प्राणी है क्या करना है क्या नहीं यह विवेक केवल मनुष्य के अंदर ही है आगे महराज श्री ने कहा कि जब व्यक्ति गाय के पक्ष में खड़े होता है तो उसके जीवन की सभी के सारे संकट खत्म हो जाते हैं।
आचार्य सीताशरण ने अपने प्रवचन में कहा कि
व्यस्तता हो अवश्य मगर वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय किसी के साथ नहीं चलता। हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा और एक बात समय किसी के लिए रुकता भी नही।
अत:समय अमूल्य है हर क्षण घट रहा है, यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये और अपने जीवन को अच्छे कार्यों में, श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये। समय का सदुपयोग बुद्धिमत्ता है और समय का दुरुपयोग बहुत बड़ी मूर्खता।
पूज्य शरण जी ने सुंदर भजन सद्गुरु महाराज हमारा गौ माता कि कथा सुणोद ……. भजन सुनाया जिस पर सारे श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर नृत्य करने लगे ।
इस अवसर पर चंदना साधुका,उमेश सूद,कुसुम भट्ट,,विकास पाटनी,दयाशंकर महाराज,आशीष शुक्ला ,आर० के० सूरी, आचार्य राकेश सेमवाल आदि कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे हैं।















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