ऋषिकेश 10 जनवरी। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में देवप्रयाग के बद्रीश पंडा समाज को प्रतिनिधित्व न दिए जाने से पंडा समाज में रोष व्याप्त है। श्री बद्रीश पंडा पंचायत ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर पुनर्विचार कर भूल सुधार करने की मांग की है।
श्री बद्रीश पंडा पंचायत के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने कहा कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के गठन में सरकार ने देवप्रयाग बद्रीश पंडा समाज को प्रतिनिधित्व ना देकर बड़ी अनदेखी की है। जिससे देवप्रयाग का संपूर्ण पंडा समाज नाराज हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने बद्रीनाथ धाम को प्रचारित करने के साथ भाजपा को हमेशा सहयोग किया है। मगर, वर्तमान सरकार ने देवप्रयाग के पंडा समाज को पूरी तरह दरकिनार कर हाशिए पर रख दिया।
उन्होंने कहा कि श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति में क्षेत्र विशेष के व्यक्तियों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया गया। जबकि देवप्रयाग पंडा समाज के एक भी प्रतिनिधि को समिति में स्थान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ पंडा समाज के परिवार उत्तराखंड के 52 गांवों तथा शहरों में निवासरत हैं, जिनकी जनसंख्या 20-25 हजार के आसपास है। सभी विधानसभाओं में देवप्रयाग पंडा समाज के परिवार निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस अनदेखी का खामियाजा भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। उन्होंने सरकार से श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के गठन में पुनर्विचार करने तथा भूल सुधार कर देवप्रयाग पंडा समाज को प्रतिनिधित्व देने की मांग की है।