विक्रमी संवत 2081, नव संवत्सर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने नगर में किया पथ संचलन, नगर वासियों ने किया पुष्प वर्षा कर स्वागत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष में बड़े कार्यक्रम करने के स्थान पर समाज के प्रबोधन को लेकर पंच परिवर्तन पर होगा जोर: लक्ष्मी प्रसाद
ऋषिकेश 09 अप्रैल। तीर्थ नगरी ऋषिकेश में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा विक्रम सवत2081 के अवसर पर हिन्दू नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दौरान आध्य गुरु भगवा ध्वज को प्रणाम कर नगर में बैंड बाजों के साथ पथ संचलन किया। जिसका नगर वासियों ने पुष्प वर्षा कर जबरदस्त जगह-जगह स्वागत किया।
मंगलवार को भरत मंदिर इंटर कॉलेज के खेल मैदान में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा कार्यक्रम में विनोद कोठारी की अध्यक्षता में संघ के क्षेत्र सामाजिक समरसता संयोजक) लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित स्वयंसेवको को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आध्य सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस का उल्लेख करते हुए उनके जीवन पर भी प्रकाश डाला। तथा साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष 2025 में पूरे हो रहे हैं। इसलिए संघ, शाखा कार्य विस्तार के साथ ही संघ कार्य को सर्वव्यापी और सर्वस्पर्शी बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होने बताया कि संघ ने शताब्दी वर्ष में बड़े कार्यक्रम करने के स्थान पर सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्यबोध जैसे विषयों पर समाज का प्रबोधन करने का निर्णय लिया है। इसलिए संघ के कार्यकर्ता शताब्दी वर्ष में इन विषयों को लेकर समाज के बीच जाएंगे। इसके अंतर्गत पांच परिवर्तन, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, ‘स्व’ आधारित व्यवस्था का आग्रह और नागरिक कर्तव्य शामिल होंगे।
उन्होने कहा कि आज भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति इस बात का परिचायक है, कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विमर्श