भारत में बहने वाली मां गंगा देश व दुनिया को शांति का संदेश दे रही है – रामनाथ कोविंद
ऋषिकेश,28 नवम्बर। भारत के राष्ट्रपति, रामनाथ कोविन्द , और भारत की पहली महिला सविता कोविंद ने अपनी बेटी स्वाति के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम के घाट पर देश की सुख समृद्धि व शांति के लिए गंगा आरती के साथ यज्ञ में डाली आहुति । रविवार को ऋषिकेश परमार्थ निकेतन पहुंचने पर आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में ऋषिकुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से सभी का दिव्य स्वागत किया।
इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि मां गंगा के बिना भारत अधूरा है और भारत के के बिना गंगा अधूरी है क्योंकि देश ही नहीं दुनिया को शांति का संदेश दे रही है उन्होंने कहा कि मैं एक बार स्विजरलैंड गया ,वहां के लोगों ने उन्होंने मुझसे पूछा कि भारत में शांति है और हमारे यहां अशांति है, जिसका कारण भारत में बहने वाली मां गंगा है। जो कि शांति का संदेश दे रही है। और यहां के लोग भी शांतिप्रिय हैं जो कि मां गंगा के आकर्षण के कारण ही शांति का संदेश दे रहे हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहाकि आज हम देश की आजादी का अमृत उत्सव मना रहे हैं अमृत भी देवभूमि की धरती से ही प्राप्त हुआ है, जिसके चलते हम वसुदेव कुटुंबकम की भावना लेकर चल रहे हैं, मैं आज हिमालय की उत्पत्ति का में ऐसे संत का दर्शन महामहिम राष्ट्रपति के रूप में कर रहा हूं ।जोकि शहज व महान भी हैं, जोकि साधारण परिवार मैं पैदा होकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जो की जात पात से ऊपर उठकर देश की सेवा में लगे हैं।
राष्ट्रपति की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा आध्यात्मिक उत्थान, पारंपरिक समारोह और उच्च स्तरीय चर्चाओं के साथ सम्पन्न हो रही है। उन्होंने आज सायंकाल परमार्थ निकेतन की विश्व विख्यात माँ गंगा जी की आरती में सहभाग कर वैश्विक परिवार को सम्बोधित किया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के साथ चर्चा करते हुये राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वामी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में चलाए जा रहे विभिन्न सेवा कार्यो पर विस्तृत चर्चा की।
आज के ऐतिहासिक समारोह की शुरुआत स्वामी चिदानन्द सरस्वती और डा साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा राष्ट्रपति और भारत की प्रथम महिला सविता कोविन्द के दिव्य अभिनन्दन के साथ हुई।
स्वामी ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुये उनके जीवन की अविश्वसनीय जीवन यात्रा, राष्ट्र की सेवा के लिए उनकी प्रतिबद्धता और उनके अद्भुत नेतृत्व के साथ कुम्भ मेला प्रयागराज यात्रा की स्मृतियों को ताजा किया। यह यात्रा स्वयं से वयं की यात्रा है, अनेकता से एकता की यात्रा है।परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बताया कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद और डाॅ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वर्ष 2019 प्रयागराज कुम्भ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनन्दन और सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
आज के दिव्य कार्यक्रम में मां गंगा, सभी जल निकायों और हमारी प्रकृति, पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु स्वामी से प्रेरित होकर विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी पुरस्कार नामांकित, भक्ति गायिका स्नातम कौर द्वारा लिखित और उनके साथ ही ग्रैमी पुरस्कार नामांकित देवा प्रेमल और मितेन, कृष्णा दास, सीसी व्हाइट और अन्य साथियों द्वारा गाया गया एक दिव्य गान ‘गंगा गान’ (गंगा एंथम) गंगा आरती के दौरान प्रस्तुत किया। यह गंगा गान हम सभी का आह्वान करते हुये संदेश देता है कि इस पवित्र नदी के जल को प्रदूषण से बचाने और संरक्षित करने के लिए मिलकर काम करें और अपनी नदी के स्वच्छ और स्वस्थ प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करें।
ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डा साध्वी भगवती ने अपने विचार साझा करते हुये कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भारत का शानदार नेतृत्व वास्तव में ऐतिहासिक है। ऐसे व्यक्तित्व की दूरदृष्टि, मिशन और प्रतिबद्धता को प्रमाण है, जिसे अपनी युवावस्था में स्कूल जाने के लिए प्रतिदिन 8 किमी पैदल चलना पड़ता था। आज वह समर्पित युवक हर जाति, धर्म, रंग और सम्प्रदाय के लोगों के लिए न्याय, समानता और अखंडता के पथ प्रदर्शक के रूप में भारत का नेतृत्व कर रहा है। उनका नेतृत्व – सर्वोच्च न्यायालय के एक वकील के रूप में, बिहार के राज्यपाल और भारत के राष्ट्रपति के रूप में – सभी के कल्याण के लिए समर्पण में निहित है – सर्व भूत हिते रताः उनके जीवन का परम उद्देश्य है और यही परमार्थ निकेतन का आदर्श वाक्य, मंत्र और मिशन भी है।
इस दौरान स्वामी ने पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का दिव्य स्वागत किया। आरती के पश्चात राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद और उनकी बेटी ने पवित्र गंगा जी में दीप प्रवाहित किये तत्पश्चात भारत के राष्ट्रगान के गायन के साथ गंगा आरती समारोह का समापन हुआ।
इस अवसर पर प्रदेश के राज्यपाल कैप्टन लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, पुष्कर सिंह धामी ,उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और गुरमीत कौर खालसा भी उपस्थित थी।
Leave a Reply