गजब: राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में बिना टेंडर आउटसोर्स कंपनी को दे दिया काम – मुख्य चिकित्साधीक्षक ने समय से पहले एजेंसी का काम समाप्त कर नए टेंडर मांगे, 150 कर्मचारियों को निकाले जाने पर हुआ सीएमएस का विरोध


ऋषिकेश 1 अप्रैल। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में तीन माह पूर्व तक अनियमितताओं का बोलबाला रहा है। नियमों को ताक पर रखकर कई काम किए गए। तत्कालीन सीएमएस के कार्यकाल में ठेके पर कार्मिक उपलब्ध कराने वाली हरिद्वार की एक एजेंसी को बिना टेंडर सीधे काम दे दिया गया। मामला सामने आया तो वर्तमान सीएमएस ने एजेंसी का अनुबंध समाप्त करके नए टेंडर आमंत्रित कर लिए। मामला चिकित्सालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी देहरादून के कार्यालय तक पहुंच गया है।

कुंभ मेला के तहत चिकित्सा सेवाओं से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल में तत्कालीन मुख्य सचिव शासन को मौके पर जाकर व्यवस्थाओं की जांच और व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। बीते वर्ष मार्च माह में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने राजकीय चिकित्सालय पहुंचकर व्यवस्थाओं पर नाखुशी जताई थी और तत्कालीन सीएमएस डा. नरेंद्र सिंह तोमर को जिला मुख्यालय से सम्बद्ध करते हुए सर्जन डा. विजयेश भारद्वाज को सीएमएस बनाया था।

उनके कार्यकाल में बीते वर्ष जून माह में ठेके पर कार्मिक उपलब्ध कराने वाली हरिद्वार की एक एजेंसी को काम दे दिया गया। जबकि मानकों के अनुसार इस काम के लिए टेंडर आमंत्रित किए जाने थे। यहां पर नियमों को ताक पर रखकर उक्त एजेंसी को सीधे कार्य आदेश जारी कर दिए गए। इस मामले में चिकित्सालय के ही एक लिपिक की भूमिका चर्चा में रही है। उस दौरान दो चालकों नियुक्ति, चिकित्सालय में सामग्री की खरीद फरोख्त पर भी पर भी सवाल खड़े किए गए थे।

इस वर्ष जनवरी माह में चिकित्सालय के सीएमएस डा. विजयेश भारद्वाज का पौड़ी जिला चिकित्सालय में तबादला करते हुए वहां तैनात सीएमएस डा. रमेश सिंह राणा को ऋषिकेश चिकित्सालय के सीएमएस बनाया गया था। नए मुख्य चिकित्साधीक्षक ने व्यवस्थाओं में सुधार करते हुए कई आवश्यक कदम उठाएं। इस दौरान हरिद्वार की आउट सोर्स एजेंसी को काम देने का मामला भी सामने आया। उक्त एजेंसी ने यहां विभिन्न पदों पर करीब 30 कर्मचारी उपलब्ध कराए थे। यह तैनाती जून वर्ष 2021 में की गई थी।

राजकीय चिकित्सालय में ठेके पर चलने वाली व्यवस्थाओं के तहत मुख्य चिकित्साधीक्षक ने अधिकतर एजेंसियों के कार्य 31 मार्च तक पूर्ण करते हुए नए टेंडर आमंत्रित किए हैं। इसमें आउट सोर्स एजेंसी के लिए भी टेंडर मांगे गए हैं। सीएमएस की इस कार्रवाई से चिकित्सालय में हड़कंप मचा है।

राजकीय चिकित्सालय संचालन समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी देहरादून डा. राजेश कुमार से सीएमएस डा. आरएस राणा ने गुरुवार को मुलाकात की। उन्हें सभी बातों से अवगत कराया। जिसके बाद यहां पर नियम विरुद्ध हुए कार्यों से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

इस विषय में डा. आरएस राणा,सीएमएस, राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश का कहना है कि टेंडर नियमानुसार निर्धारित प्रक्रिया को अपनाते हुए विभिन्न सेवाओं के लिए आमंत्रित किए गए हैं। इससे चिकित्सालय की व्यवस्था प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।चिकित्सालय के रेगुलर कर्मचारियों से नए टेंडर होने तक काम चलाया जा रहा है। पूर्व में यदि कोई भी अनियमितताएं हुई है तो उनकी जांच होगी।


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