केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत ‌ऋषिकेश कैंपस में प्रारंभ होंगे, ‌नए सत्र से पांच नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, नए सत्र में छात्रावास की भी मिलेगी सुविधा


आपदा प्रबंधन, डिजिटल आफिस मैनेजमेंट, माइक्रोसाफ्ट एंड वेब डिजाइन जैसे सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम होंगे संचालित

ऋषिकेश , 9 अप्रैल  । भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पं. ललित मोहन शर्मा श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में आगामी शिक्षण सत्र में पांच नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम आरंभ हो जाएंगे। जिसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से इन पाठ्यक्रमों के संचालन को हरी झंडी प्रदान कर दी गई है।‌‌‌ ज्ञात ज्ञात रहे कि पिछले वर्ष श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय का परिषद बनने के बाद ऋषिकेश परिसर में नए पाठ्यक्रमों के संचालन का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। फिलहाल नए सत्र में पांच नए सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के संचालन का रास्ता लगभग साफ हो चुका है। यह पाठ्यक्रम विज्ञान, कला तथा वाणिज्य संकाय में संचालित किए जाएंगे।

कैंपस के प्रभारी प्राचार्य प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने बताया कि कला संकाय में भूगोल विषय के साथ आपदा प्रबंधन तथा हिंदी विषय में आध्यात्मिक एवं पवित्रता पर सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम को मंजूरी मिली है। इसके अलावा वाणिज्य विषय में डिजिटल आफिस मैनेजमेंट के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के अलावा विज्ञान वर्ग में वनस्पति विज्ञान विषय में मशरूम कंट्रीब्यूशन तथा भौतिक विज्ञान में माइक्रोसाफ्ट एंड वेब डिजाइन सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम मंजूरी दी गई है।

उन्होंने बताया कि यह सभी पाठ्यक्रम छह माह के होंगे। उन्होंने बताया कि नए सत्र से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की जा रही है, जिसमें इस तरह के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की अनिवार्यता की गई है। उन्होंने बताया कि इन पांचों सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को विश्वविद्यालय की ओर से भी हरी झंडी प्रदान की गई है। शीघ्र ही इनके लिए बजट की भी व्यवस्था होने की उम्मीद है। आगामी सत्र में इन सभी पांच पाठ्यक्रमों में 30-30 सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा।
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नए सत्र में मिलेगी छात्रावास की सुविधा
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में अब छात्राओं को छात्रावास की सुविधा मिल पाएगी। ऋषिकेश महाविद्यालय की बैराज रोड स्थित भूमि पर करीब 20 वर्ष पूर्व छात्रावास का निर्माण शुरू किया गया था। मगर, बजट की कमी के चलते यह काम अधर में लटक गया था। लंबे समय तक यह निर्माण बंद रहा और यह खंडहर की स्थिति में बदल गए थे।

पिछले कुछ वर्षों में हुए पत्राचार तथा ऋषिकेश में विश्वविद्यालय का कैंपस बनने के बाद छात्रावास के निर्माण की प्रक्रिया में कुछ तेजी आई। लगभग 40 लाख रुपये के बजट से जल विद्युत निगम ने छात्रावास का निर्माण पूर्ण कर लिया है। हालांकि अभी छात्रावास के आसपास साफ-सफाई तथा सुंदरीकरण के लिए और बजट की दरकार है।

प्रभारी प्राचार्य प्रो. गुलशन कुमार ढींगरा ने बताया कि छात्रावास के निर्माण की रिपोर्ट स्क्रीनिंग कमेटी ने शासन को भेज दी है। इस कार्य के लिए बजट की मांग की गई है। उन्होंने बताया कि सब कुछ ठीक रहा तो नए सत्र में छात्राओं को यहां छात्रावास की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी।

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