स्नान पर्व की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु संपूर्ण मेला क्षेत्र को 09 सुपर जोन, 14 जोन एवम 23 सेक्टरों (01 जीआरपी तथा 01 यातायात के सेक्टर सहित) में बांटकर पुलिस बल की ड्यूटी लगाई


सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में मेले के दौरान कोविड सम्बंधित गाइड लाइन का पालन न करने वाले लगभग 83 लोगों का चालान भी किया गया।

आज दिनांक: 12.04.2021 को समय: 1500 बजे तक हरिद्वार सीमा पर आने वाले वाहनों एवं व्यक्तियों की कोविड टेस्टिंग की स्थिति:-

1. कुल कोविड टेस्ट : 9678
पॉजिटिव आये: 26

3. बिना कोविड टेस्ट लौटाए:
व्यक्ति : 2758  वाहन: 357

स्नान पर्व की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने हेतु संपूर्ण मेला क्षेत्र को 09 सुपर जोन, 14 जोन एवम 23 सेक्टरों (01 जीआरपी तथा 01 यातायात के सेक्टर सहित) में बांटकर पुलिस बल की ड्यूटी लगाई गई।

प्रत्येक सुपर जोन में प्रभारी अधिकारी के रूप में वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक, जोन में अपर पुलिस अधीक्षक और सेक्टरों में पुलिस उपाधीक्षक को नियुक्त किया गया।

सुपर जोन का विवरण:-
1. प्रथम जोन: हर की पैड़ी
2. द्वितीय जोन: भूपतवाला
3. तृतीय जोन: रोड़ी
4. चतुर्थ : कनखल
5. पंचम : ऋषिकेश
6. षष्ठम : यातायात
7. सप्तम : पैदल यातायात व्यवस्था
8. अष्ठम : जीआरपी
9. नवम : अखाड़ा जुलूस व्यवस्था

14 जोन एवं उसमें स्थित 23 सेक्टरों का विवरण:-
1. प्रथम जोन – हर की पैड़ी
2. द्वितीय जोन – मंशा देवी
3. हरिद्वार – हरिद्वार, मायापुर, ऋषिकुल
4. भूपतवाला – भूपतवाला, भीमगोडा
5. रायवाला – रायवाला, सप्तसरोवर
6. पन्तदीप – पन्तदीप, लालजीवाला
7. रोड़ी – रोड़ी, बेलवाला,
8. गौरीशंकर – नीलधारा, गौरीशंकर, चंडी देवी
9. कनखल – कनखल, बैरागी, दक्षदीप
10. ज्वालापुर – ज्वालापुर, रानीपुर
11. ऋषिकेश – ऋषिकेश, लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, नीलकंठ
12. यातायात आउटर देहरादून – सम्पूर्ण आउटर क्षेत्र देहरादून, दिशा ऋषिकेश, लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, नीलकंठ
13. यातायात इनर – सम्पूर्ण कुम्भ इनर क्षेत्र।
14. यातायात आउटर रुड़की – सम्पूर्ण कुम्भ आउटर क्षेत्र

*मुख्य यातायात व्यवस्था के अलावा 09 आपातकालीन यातायात योजनाएं भी बनाई गई*

कोई भी आकस्मिक स्थिति आने पर तात्कालिक रूप से सहायता पहुंचाने के लिए निर्धारित मार्गों से अलग 08 प्रशासनिक मार्गो का भी चयन किया गया, जिन्हें हर समय अवरोध मुक्त रखा गया

इसके अलावा सम्पूर्ण शाही स्नान जुलूस मार्ग के लिए अलग से पुलिस व्यवस्था बनाकर सम्पूर्ण जुलूस मार्ग की पुलिस व्यवस्था को 07 सेक्टरों में  बांटा गया तथा एक निरीक्षक स्तर के अधिकारी को होल्डअप्स प्रभारी नियुक्त किया गया।

शाही स्नान हेतु की गई अन्य पुलिस व्यवस्थाये:-
[  ] अखाड़ो के साथ और अखाड़ा मार्ग पर जगह-जगह पर रस्सा फोर्स लगाई गई।
[  ] चैकिंग-फ्रिस्किंग एवं अभिसूचना संकलन*मेला क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की विध्वंसक वस्तु अथवा अवैध अस्त्र-शस्त्र न ला सके इसके लिये विभिन्न स्थानों में अभिसूचना इकाई की 28 अलग-अलग टीमें हैंड हेल्ड मैटल डिटेक्टर और डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर सहित दिन-रात चैकिंग-फ्रिस्किंग और अभिसूचना संकलन का कार्य करती रही।
[  ] *संचार व्यवस्था* मेले के दौरान संचार व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के लिए अखाड़ा, जीआरपी, पैरामिलिट्री एवं यातायात सहित 16 सब कंट्रोल रूम बनाये गए।
[  ] *सीसीटीवी कैमरा* रेडियो संचार व्यवस्था के अतिरिक्त संचार पुलिस द्वारा सीसीटीवी कैमरों के नेटवर्क को संभालने का कार्य भी किया गया। मेला क्षेत्र में सतर्क दृष्टि बनाये रखने के लिये वर्तमान में मैपिंग किये गए 1150 निजी/ संस्थागत कैमरों के साथ-साथ 310 पुलिस कैमरों का प्रयोग भी किया गया। पुलिस कैमरों में 100 कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस हैं। हरिद्वार बोर्डरों पर 10 ANPR (Automatic Number Plate Reader) तकनीक से लैस कैमरे भी कार्यरत रहे।
[  ] मेला हेल्पलाइन पर आने वाली कॉल पर तुरंत रिस्पांस के लिए लगातार पारियों में 24 घण्टे  की ड्यूटी तैनात रही।
[  ] *जल पुलिस* स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं के गंगा में पैर फिसल कर बहने और डूबकर मृत्यु होने की घटनाओं पर अंकुश लगाए जाने हेतु जल पुलिस, SDRF और आपदा राहत दल की सम्मिलित ड्यूटी सभी आवश्यक उपकरणों और बोट सहित 20 संवेदनशील स्थानों पर तैनात रही। *जल पुलिस के द्वारा अलग-अलग स्थानों पर कुल 03 लोगों (02 पुरुष, 01 महिला) डूबने से बचाया गया।
[  ] *जेबकतरा स्क्वाड* सादे वस्त्रों में जेबकतरी और उठाईगिरी रोकने के लिए 07 टीमें तैनात रही।
[  ] *घुड़सवार पुलिस* सभी अखाड़ों के साथ जुलूस समाप्ति से अंत तक के लिये घुड़सवार पुलिस ड्यूटी में रही।
[  ] *खोया-पाया सेल* स्नान पर्व की भीड़ में अपने परिजनों से बिछुड़ कर गुम हो जाने वाले 47 लोगों (23 महिला, 24 पुरुष) में से 36 लोगों (17 महिला, 19 पुरुषों) अपनो से मिलाया गया, शेष 11 (06 महिला, 05 पुरुष) की खोजबीन के लिये प्रयास जारी हैं। प्रमुख 03 स्थानों 1. गंगा सभा प्रसारण केंद्र, 2. नगर नियंत्रण कक्ष, 3. रेलवे स्टेशन हरिद्वार पर खोया-पाया केंद्रों की व्यवस्था की गई। इसके अतिरिक्त 07 स्थान दक्षदीप पार्किंग, सर्वानन्द/पावनधाम के समीप, चंडी टापू मीडिया सेंटर, शंकराचार्य चौक, धीरवाली पार्किंग, नीलधारा पार्किंग के समीप, कनखल एवं 23 कुम्भ अस्थायी थाना परिसरों में स्थापित खोया पाया केंद्र भी बिछुड़ों को अपनो से मिलाने में लगे रहे।
[  ] राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की 01 टीम, उत्तराखंड आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) की 02 टीमें, उत्तराखंड पीएसी, उत्तर प्रदेश पीएसी एवं केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 55 कम्पनियां किसी भी विपरीत परिस्थिति से निबटने के लिये अपनी-अपनी जगहों पर सतर्क रहे।
[  ] अग्निशमन विभाग की सभी 41 टीमें पूरी तैयारी के साथ निर्धारित स्थलों पर अग्निशामक उपकरणों और फायर टेंडर सहित किसी भी आपात स्थिति के लिये तैयार रहे।
[  ] बम निरोधक दस्ते की 12 टीमें अपने 12 स्निफर डॉग्स (Dogs) एवं बम निरोधक उपकरणों के साथ नियमित अंतराल पर हर की पैड़ी एवं आस-पास के संवेदनशील क्षेत्रों में गहन रूप से एन्टीसेबोटाज चेक की कार्यवाही करती रही।

श्री संजय गुंज्याल पुलिस महानिरीक्षक कुम्भ मेला 2021 हरिद्वार द्वारा स्नान प्रारंभ होने के साथ ही स्नान घाटों पर स्नानार्थियों की संख्या, पार्किंग में वाहनों की संख्या एवं यातायात स्तिथि की जानकारी सम्बंधित सूपर जोनल, जोनल तथा सेक्टर प्रभारियों से प्राप्त की जाती रही।

इसके अतिरिक्त शाही स्नान प्रारंभ होने पर डीजीपी एवं आईजी कुम्भ द्वारा स्वयं हर की पैड़ी और मेला नियंत्रण भवन स्तिथ CCTV कंट्रोल रूम में नियमित तौर से जाकर अखाड़ों के जुलूस की स्थिति, हर की पैड़ी पर स्नान की व्यवस्था, अन्य घाटों पर स्नान की स्थिति, प्रमुख मार्गों, बाजारों और पार्किंग की स्तिथि को CCTV कैमरों के माध्यम से देख कर दिशा निर्देश दिए गए।

आईजी कुम्भ एवं श्री जन्मजेय खंडूरी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कुम्भ मेला 2021 के द्वारा हर की पैड़ी, अपर रोड, मुख्य बाजारों, भीमगोडा आदि का स्थलीय भृमण कर ड्यूटी पर तैनात पुलिस बल का मार्गदर्शन कर उनका उत्साहवर्धन भी किया गया।

आईजी कुम्भ एवं एसएसपी कुम्भ के द्वारा स्थलीय ड्यूटी पर तैनात सुपर जोनल, जोनल, सेक्टर पुलिस अधिकारीगण से लगातार संपर्क कायम रखते हुए उन्हें समय-समय पर परिस्तिथी अनुसार यथोचित दिशा-निर्देश जारी किए जाते रहे।

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