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समाज में बिखराव और परिवारों की टूटती हुई कड़ियां को संजोने के लिए गंगा तट पर हुआ चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन गुजरात के विभिन्न शहरों और गांवों से आए आए 500 लोगों ने लिया हिस्सा


ऋषिकेश 25 अक्टूबर ऋषिकेश के पावन गंगा तट पर स्थित गीता भवन में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर परिवारों में विघटन की समस्याएं उत्पन्न होने के कारण चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें गुजरात के विभिन्न शहरों और गांवों से आए लोगों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम का आयोजन सूरत के हीरा व्यापारी  नक्कू जोधनी  ब्रदर्स के द्वारा आयोजित किया गया । गुजरात के प्रसिद्ध कथा वाचक एवं विचारक मूर्ति मानदास इस्कॉन सूरत ब्रांच के द्वारा परिवारों के विघटन पर सेमिनार में शिरकत करने आए गुजरात से हर वर्ग और आयु के श्रद्धालु को अपनी कथा और विचारों के द्वारा उनका मार्गदर्शन किया गया। उन्होंने गुजरात से आए सभी श्रद्धालुओं को पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर लगातार टूटते परिवारों ओर अपनी भारतवर्ष की संस्कृति को भूलते जाने के कारण परिवारों में बढ़ते क्लेश और अपने क्रोध पर नियंत्रण ना करने को लेकर मूल मंत्र देते हुए परिवारों को संगठित करने का भी मार्ग बताया।

इस अवसर पर ऋषिकेश मे गंगा के तट पर स्थित गीता आश्रम में  सूर्य ग्रहण के समय पर कथा वाचक एवं विचारक मूर्ति मानदास के सानिध्य में  गुजरात से आए विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालुओं द्वारा गुजरात की संस्कृति के रंग गरबा और संगीत के माध्यम से अपने गुरु मूर्तिमान प्रभुपाद की भक्ति में रंग कर भजन कीर्तन गाते हुए श्रीमन नारायण को याद किया।

इस अवसर पर गुजरात से आए नक्कु जोधानी परिवार जनों सहित काफी संख्या में श्रद्धालु और भक्त गण मौजूद थे।


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