गौरा शक्ति के तहत महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से होगी सुनिश्चित: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखण्ड पुलिस गौरा शक्तिएप के अन्तर्गत सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालयों/संस्थानों में कार्यरत महिलाओं के लिए स्व रजिस्ट्रेशन सुविधा का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ


ऋषिकेश देहरादून 12 नवंबर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में उत्तराखंड पुलिस एप के अन्तर्गत सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालयों/संस्थानों में कार्यरत महिलाओं के लिए स्व रजिस्ट्रेशन सुविधा का शुभारंभ किया।किसी भी कार्यालय में कार्यरत महिलाएं उत्तराखण्ड पुलिस एप में दिये गये विकल्प गौरा शक्ति से अपना रजिस्ट्रेशन कर सकती हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के दृष्टिगत सरकारी एवं गैरसरकारी कार्यालयों में कामकाजी महिलाओं को इस एप में रजिस्ट्रेशन के लिए प्रेरित किया जाए। इसका व्यापक स्तर पर प्रचार एवं प्रसार भी किया जाए। सभी जनपदों में इसके लिए संगोष्ठियों एवं अन्य प्रचार माध्यमों से प्रचारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गौरा शक्ति के तहत प्राप्त होने वाली शिकायतों पर संबंधित थानों से त्वरित कारवाई की जाए। उच्च स्तर से कृत कारवाई की नियमित निगरानी रखी जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि महिलाओं के स्व रजिस्ट्रेशन की यह सुविधा प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी द्वारा महिला सुरक्षा के लिए बेहतर ईको सिस्टम विकसित करने के विजन के अनुरूप कामकाजी महिलाओं में सुरक्षा की भावना बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

बैठक में जानकारी दी गई कि इस एप में रजिस्ट्रेशन करने वाली सभी महिलाओं की रजिस्ट्रेशन से संबंधित जानकारी को गोपनीय रखा जायेगा। इसके लिए प्रत्येक जनपद में एक महिला सब इंस्पेक्टर एवं थानों में एक महिला सब इंस्पेक्टर एवं एक महिला कांस्टेबल तैनात की गई है। उत्तराखंड पुलिस एप के अन्तर्गत गौराशक्ति विकल्प में जाकर जब कोई महिला अपना रजिस्ट्रेशन करायेंगी तो संबंधित थाने से महिला सब इंस्पेक्टर को इसकी सूचना प्राप्त होते ही रजिस्ट्रेशन कराने वाली महिला से बात कर रजिस्ट्रेशन पूर्ण होने की जानकारी देगी, साथ ही समय-समय पर फीडबैक भी लिया जायेगा। गौरा शक्ति के अन्तर्गत स्व रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त महिलाएं ई-शिकायत भी दर्ज करा सकती हैं, साथ ही इसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोन नम्बर भी उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए। ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए। साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए। ताकि अपराधी किसी दशा में बचने न पाएं। प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं। मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में राज्य में महिला सुरक्षा एवं सशक्तीकरण के सबंध में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस कंट्रोल रूम में बात कर जन शिकायतों के निस्तारण के लिए की जा रही कार्यवाही की जानकारी भी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर थाने में महिला सब इंस्पेक्टर की तैनाती हो। महिला मित्र प्रकोष्ठ की स्थापना की जाए। महिला के प्रति अपराधों को रोकने के लिए जन सहभागिता भी जरूरी है। महिलाओं से जुड़े संगठनों से नियमित सम्पर्क रखा जाए। सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें। महिला अपराधों से संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही हो। शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पुलिस की वेबसाइट पर अपराधियों के नामों की लिस्ट अपलोड की जाए। महिला अपराधों से संबंधित मामलों की जनपदों में जिलाधिकारी स्तर पर लगातार समीक्षा की जाए। विवेचना और पैरवी में कमी पाए जाने पर तत्काल दूर की जाएं। बैठक में जानकारी दी गई कि सीएम हेल्पलाईन में पिछले 10 माह में जो शिकायते दर्ज हुई, उनमें से 92 प्रतिशत शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, डीजीपी  अशोक कुमार, सचिव  आर. मीनाक्षी सुंदरम,  शैलेश बगोली,  अरविन्द सिंह ह्यांकी,  रविनाथ रमन, एडीजी  वी. मुरूगेशन, आईजी  ए.पी. अशुमान, अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, डीआईजी गढ़वाल  के. एस. नगन्याल, डीआईजी  सेंथिल अबुदई,  पी रेनुका देवी, जिलाधिकारी देहारादून  सोनिका, एस.एस.पी देहरादून  दलीप सिंह कुंवर, वर्चुअल माध्यम से गढ़वाल कमिश्नर  सुशील कुमार एवं सभी जिलाधिकारी एवं एस.एस.पी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *