मकर संक्रांति: तीर्थ नगरी ऋषिकेश के सभी घाटों पर देश के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी,  श्रद्धालुओं ने गरीबों में किया दान पुण्य तो वही नगर की सामाजिक संस्थाओं ने नगर में किया खिचड़ी प्रसाद का वितरण 


ऋषिकेश, 15 जनवरी । मकर संक्रांति के अवसर पर दूसरे दिन भी देश के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश के सभी घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई जाने के साथ गरीबों में दान पुण्य किया। वही पर्वतीय क्षेत्रों से आई देव डोलियों को भी स्नान कराया गया।

सोमवार को काफी संख्या में वाहनों से आए श्रद्धालुओं के कारण यातायात व्यवस्था पूरे दिन अस्त व्यस्त रही, जिसे नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।

यहां बताते चलें कि पिछले कई वर्षों से ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी के जगह 15 जनवरी को मनाई जा रही है, जिसका कारण पंडित सुमित गौड ने बताया कि वर्ष 2008 से 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही होगी 32 वर्षों से प्रतिवर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पडती रही है ।

परन्तु 2081 से आगे 72 वर्षों तक अर्थात 2153 तक यह 16 जनवरी को रहेगी। क्योंकि सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का दिन मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इस दिन से मिथुन राशि तक में सूर्य के बने रहने पर सूर्य उत्तरायण और कर्क से धनु राशि तक में सूर्य के बने रहने पर इसे दक्षिणायन का माना जाता है, सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण प्रतिवर्ष लगभग 20 मिनट विलंब‌से होता है स्थूल गणना के आधार पर 3 वर्षों में यह अंतर 1 घंटे का और 72 वर्षों में पूरे 24 घंटे का हो जाता है। जिसके चलते अब मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। जिसे मनाए जाने के लिए देश के विभिन्न प्रांत पंजाब, हरियाणा ,उत्तर प्रदेश, दिल्ली से काफी संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश पहुंचे और उन्होंने त्रिवेणी घाट, राम झूला ,शत्रुघन घाट ,लक्ष्मण झूला के घाट पर आस्था की डुबकी लगाई।

इस दौरान श्रद्धालुओं ने गरीबों में दान पुण्य भी किया इसी के साथ नगर की सामाजिक संस्थाओं ने नगर में खिचड़ी प्रसाद का वितरण भी किया, वरिष्ठ नागरिक को की ओर से हरिद्वार मार्ग पर स्थित जैन मंदिर के निकट और देहरादून तिहराए पर नगर के व्यापारियों द्वारा खिचड़ी वितरित की गई।

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