जगद्गुरु स्वामी रामानंदाचार्य महाराज के 724वें जन्मोत्सव पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश में निकली भव्य शोभायात्रा ,नगर की सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह पर यात्रा का फूल मालाओं के साथ किया स्वागत



ऋषिकेश 02 फरवरी। ऋषिकेश तीर्थ नगरी में आज जगद्गुरु स्वामी रामानंदाचार्य महाराज के 724वें जन्मोत्सव पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें संत समाज के साथ ही स्कूली बच्चों ने भी शिरकत की।

मायाकुंड स्थित स्वामी रामानंद संत आश्रम में विरक्त श्री वैष्णव मंडल समिति के तत्वावधान में स्वामी रामानंदाचार्य महाराज का 724वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शाेभायात्रा का शुभारंभ मायाकुंड स्थित आश्रम परिसर से हुआ। जिसके बाद यात्रा निर्मल आश्रम मार्ग, सुभाष चौक, मुखर्जी मार्ग, तिलक रोड, अंबेडकर चौक, रेलवे रोड, लक्ष्मणूला मार्ग से होते हुए वापस मंदिर परिसर में संपन्न हुई। नगर की सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह पर यात्रा का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। शोभायात्रा में घोड़ों पर सवार संत महात्मा एवं स्वामी रामानंदाचार्य महाराज के जीवन पर आधारित झाकियां मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। इसके अलावा सरस्वती विद्या मंदिर, विद्या मंदिर इंटर कालेज, पंजाब सिंध क्षेत्र इंटर कालेज, वेद महाविद्यालय सहित कई अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने शोभायात्रा में शिरकत की। शोभायात्रा में राधा-कृष्ण, भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु की सुंदर झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रही।

शोभायात्रा के पश्चात आश्रम परिसर में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज की अध्यक्षता में संत सम्मेलन आयोजन किया गया। जिसमें सभी संतों ने स्वामी दयाराम दास के आदर्श तथा उनके बताए गए सिद्धांत एवं मार्गों का स्मरण किया।

महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज के संचालन में चले कार्यक्रम में स्वामी डा. नारायण दास, स्वामी परमानंद दास महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी वृंदावन दास महाराज, महंत रवि प्रपन्नाचार्य, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, महंत सुरेश दास, महंत बलवीर सिंह, स्वामी सीताराम दास, स्वामी अखंडानंद, स्वामी आलोक हरि, स्वामी केशव स्वरूप ब्रह्मचारी, महंत जगदीश प्रपन्नाचार्य, निवर्तमान महापौर अनीता ममगाईं, संदीप गुप्ता, दीपक दास, रामकृपाल गौतम, रमाबल्लभ भट्ट, अभिषेक शर्मा, चेतन शर्मा, राम चौबे, पं. वेद प्रकाश, रीना शर्मा, डा. जनार्दन कैरवान आदि उपस्थित रहे।

मकर संक्रांति: तीर्थ नगरी ऋषिकेश के सभी घाटों पर देश के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में आस्था की डुबकी,  श्रद्धालुओं ने गरीबों में किया दान पुण्य तो वही नगर की सामाजिक संस्थाओं ने नगर में किया खिचड़ी प्रसाद का वितरण 



ऋषिकेश, 15 जनवरी । मकर संक्रांति के अवसर पर दूसरे दिन भी देश के विभिन्न प्रांतो से आए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश के सभी घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई जाने के साथ गरीबों में दान पुण्य किया। वही पर्वतीय क्षेत्रों से आई देव डोलियों को भी स्नान कराया गया।

सोमवार को काफी संख्या में वाहनों से आए श्रद्धालुओं के कारण यातायात व्यवस्था पूरे दिन अस्त व्यस्त रही, जिसे नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा।

यहां बताते चलें कि पिछले कई वर्षों से ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति 14 जनवरी के जगह 15 जनवरी को मनाई जा रही है, जिसका कारण पंडित सुमित गौड ने बताया कि वर्ष 2008 से 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही होगी 32 वर्षों से प्रतिवर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही पडती रही है ।

परन्तु 2081 से आगे 72 वर्षों तक अर्थात 2153 तक यह 16 जनवरी को रहेगी। क्योंकि सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश का दिन मकर संक्रांति के रूप में जाना जाता है। इस दिन से मिथुन राशि तक में सूर्य के बने रहने पर सूर्य उत्तरायण और कर्क से धनु राशि तक में सूर्य के बने रहने पर इसे दक्षिणायन का माना जाता है, सूर्य का धनु से मकर राशि में संक्रमण प्रतिवर्ष लगभग 20 मिनट विलंब‌से होता है स्थूल गणना के आधार पर 3 वर्षों में यह अंतर 1 घंटे का और 72 वर्षों में पूरे 24 घंटे का हो जाता है। जिसके चलते अब मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। जिसे मनाए जाने के लिए देश के विभिन्न प्रांत पंजाब, हरियाणा ,उत्तर प्रदेश, दिल्ली से काफी संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश पहुंचे और उन्होंने त्रिवेणी घाट, राम झूला ,शत्रुघन घाट ,लक्ष्मण झूला के घाट पर आस्था की डुबकी लगाई।

इस दौरान श्रद्धालुओं ने गरीबों में दान पुण्य भी किया इसी के साथ नगर की सामाजिक संस्थाओं ने नगर में खिचड़ी प्रसाद का वितरण भी किया, वरिष्ठ नागरिक को की ओर से हरिद्वार मार्ग पर स्थित जैन मंदिर के निकट और देहरादून तिहराए पर नगर के व्यापारियों द्वारा खिचड़ी वितरित की गई।

ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट पर सर्वपितृ अमावस्या को हजारों ने अनुष्ठान कर पितरों की मुक्ति के लिए ‌किया तर्पण



ऋषिकेश, 14 अक्टूबर । सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर फिर से नगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट सहित लक्ष्मण झूला तक सभी घाटों पर अपने पितरों की मुक्ति के लिए किए गए श्रद्धालुओं द्वारा अनुष्ठान‌‌ के साथ ही पितरों की विदाई ‌ करते हुए ‌पितृपक्ष यानि श्राद्ध पक्ष का समापन हुआ।

शनिवार को अमावस्या पर जिन‌ भूले बिसरे पितरों की मृत्यु की तिथि पता नहीं होती, उनका श्राद्ध किया गया। साथ ही जिन्होंने आश्विन पूर्णिमा पर श्राद्ध नहीं किया, उन्होंने भी सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण कर पितरों की मोक्ष पर प्राप्ति‌ के लिए श्रद्धालुओं ने देवभूमि ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया। सर्वपितृ अमावस्या को पितृविसर्जनी अमावस्या या महालय समापन अथवा महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। महालय के दिन ही सभी पितरों की विदाई होती है। वैसे भी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन पितर श्राद्ध तर्पण की आशा में अपने वंशजों के द्वार आते हैं, लेकिन अगर उन्हें पिंडदान न दिया जाये तो ऐसा कहा जाता है कि वह श्राप देकर वापस चले जाते हैं। इसलिये सर्वपितृ विसर्जन के दिन पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।

शनिवार को अमावस्या पर सुबह से ही त्रिवेणी घाट पर अपने पितरों के निमित्त तर्पण व कर्मकांड संम्पन्न कराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। लोगों ने पितरों के निमित्त वस्त्र, भोजन सहित अन्य वस्तुएं दान दी। इस दौरान लोगों ने हवन व तर्पण कर अपने पितरों को मोक्ष मिलने की कामना की।

त्रिवेणी घाट पर बड़ी गाड़ियों के प्रवेश से दिनभर रहा जाम

सर्वपितृ अमावस्या पर त्रिवेणी घाट में भारी अव्यवस्थाओं का झोल देखने को मिला।सुबह से ही घाट पर हजारों श्रद्वालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी।इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई थी।बड़ी गाड़ियों के घाट पर प्रवेश के चलते दिनभर उग्रसेन द्वार से लेकर त्रिवेणी घाट मुख्य द्वार तक जाम लगा रहा।

अखिल भारतीय संत समिति ने तीर्थ नगरी में हो रही गायों की हत्या पर जताया रोष -मुख्यमंत्री को देंगे ज्ञापन



ऋषिकेश,25 अगस्त ।अखिल भारतीय संत समिति एवं विरक्त वैष्णव मंडल समिति ने तीर्थ नगरी ऋषिकेश तपोवन में आए दिन हो रही गायों की निर्मम हत्या, भू माफिया द्वारा आश्रमों को खुर्द किए जाने, देवभूमि में राज्य सरकार की शराब नीति के तहत खोली जा रही शराब की दुकानों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिए जाने का निर्णय लिया गया ।

यह निर्णय शुक्रवार को भगवान आश्रम में आयोजित अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष गोपालाचार्य ओर विरक्त वैष्णव मण्डल समिति के अध्यक्ष स्वामी दयाराम दास की अध्यक्षता और महामंत्री स्वामी अखंडानंद के संचालन में बैठक के दौरान उपस्थित संतों ने सरकार की शराब नीति का विरोध करते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश में उत्तराखंड के तमाम शहरों और कस्बो में खोली जा रही, शराब की दुकानों के कारण देवभूमि की गरिमा दूषित हो रही है।

आज पूरी देवभूमि पर्यटन क्षेत्र में तब्दील हो गई है, जहां विभिन्न प्रकार की अपराधिक गतिविधियां भी संचालित की जा रही है। जिसके कारण कानून व्यवस्था भी लड़खड़ा गई है। संतों ने उत्तराखंड में संतों की भूमि को कब्जाने के लिए भू माफियो की सक्रियता पर भी चिंता व्यक्त की, वही गायों की बड़े पैमाने पर तस्करी कर की जा रही हत्या पर भी रोष व्यक्त किया, इसी के साथ सडक दुर्घटना मे घायल मवेशियो की हत्या करने वालो को संरक्षण देने वाले लोगो के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की।

बैठक मे यह भी कहा गया कि इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा जो कडे कानून सरकारो द्वारा बनाए जा रहे कानून का असर भी इस प्रकार की गतिविधि करने वालों पर नहीं पड़ रहा है। जिसके कारण तस्करो के हौसले बुलंद है ,इसे रोकने वाले संतो पर भी हमले किए जा रहे है। जिसे देखते हुए संतो की रक्षा की जाए ।इसके विरोध में जल्द प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

बैठक में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास महाराज अध्यक्ष विरत्त वैष्णव मंडल,युवराज स्वामी गोपालाचार्य ,अध्यक्ष अखिल भारतीय संत समिति महामंत्री स्वामी अखंडानंद सरस्वती, अखिल भारतीय संत समिति , स्वामी मंहत लोकेश दास महाराज, महंत आलोक हरि, महाराज महंत स्वामी करुणा शरण महाराज ,महंत रवि प्रपन्नाचार्य , राम दास ,केशव दास, प्रमोद दास, महावीर दास श्याम, दास राम, पदम दास, स्वामी गणेश दास, महाराज स्वामी परमानंद दास ,स्वामी योगी आशुतोष , योगी नवीन जोशी, आदि उपस्थित थे ।

श्री रामायण प्रचार समिति द्वारा आयोजित राम कथा का पंचम दिवस,भगवान राम तथा भरत के आदर्श को यदि समाज अपना दे तो छोटे-बड़े का भेद स्वयं ही मिट जाएगा: स्वामी कृष्णाचार्य



ऋषिकेश 20 अगस्त। श्री रामायण प्रचार समिति द्वारा आयोजित कथा के संतम दिवस पर तुलसी मानस मंदिर में तुलसीदास की जयंती पर आयोजित महोत्सव में राम कथा मर्मज्ञ जगतगुरु उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य महाराज ने कहा कि आज समाज में कैकई के क्रोध और मंथरा के लोभ का अनुसरण तो हो रहा है मगर राम और भरत के आदर्श को कोई नहीं अपना रहा है उन्होंने कहां की यदि भगवान राम तथा भरत के आदर्श को कोई समाज अपना दे तो छोटे-बड़े का भेद स्वयं ही मिट जाएगा।

तुलसी मानस मंदिर में गोस्वामी तुलसीदास की जयंती महोत्सव के तहत श्री रामायण प्रचार समिति द्वारा आयोजित रामकथा के पंचम दिन कथा मर्मज्ञ कृष्णाचार्य महाराज ने भगवान राम की लीलाओं का सुंदर वर्णन किया उन्होंने कहा कि आज समाज भगवान राम को तो मानता है मगर उनके द्वारा स्थापित परंपराओं से कन्नी काट रहा है जबकि आज भरत जैसे संतों की जरूरत है जब तक हम लोभ अंहकार व क्रोध का त्याग नहीं करते थे तब तक रामराज की कल्पना साकार नहीं हो सकती।

तीज के पावन कार्यक्रमों में राधा माधव संकीर्तन मंडल द्वारा राधा कृष्ण व भगवान राम के भजनों का गुणगान किया जाएगा।

इस अवसर पर आचार्य पंडित वेद प्रकाश मिश्रा आचार्य सतीश घड़ियाल कार्यक्रम के संयोजक महंत रवि प्रपन्नाचार्य ,चंद्र प्रकाश, इच्छु पुनियानी, अशोक कुमार अरोड़ा, श्याम अरोड़ा, तनुज अरोड़ा, अभिषेक शर्मा, राजीव लोचन ,नीलकमल अरोड़ा, मधुसूदन शर्मा, राम अवतार रसिक ,अनुज उनियाल ,इंदु उनियाल, राजीव मोहन, मनमोहन शर्मा ,अशोक अग्रवाल, इंद्रमोहन पाहवा ,राघवेंद्र मोहन, अमिताभ थपलियाल ,पवन शर्मा, पंकज शर्मा, कपिल गुप्ता आदि उपस्थित थे