ऋषिकेश, 21 अक्टूबर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज पुलिस स्मरण दिवस के अवसर पर उन अदम्य साहस और अनन्य कर्तव्यनिष्ठा वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान देकर भारत माता की सेवा की। विशेष रूप से हम 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में शहीद हुए वीर पुलिसकर्मियों की शहादत को याद कर उनके अद्वितीय साहस और राष्ट्रभक्ति को नमन करते हैं।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि, “देश की सेवा हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले हमारे पुलिसकर्मियों की राष्ट्रभक्ति को नमन। वे वेतन के लिए नहीं, बल्कि वतन की रक्षा के लिए कार्य करते हैं। उनकी हर चुनौती, हर कठिनाई, और हर जोखिम देशभक्ति की मिसाल है। वे केवल वर्दीधारी ही नहीं, बल्कि मातृभूमि के सच्चे सिपाही हैं जिनका हर श्वास देश सेवा को समर्पित है। उनके लिए नौकरी नहीं, बल्कि कर्तव्य ही पूजा और राष्ट्रसेवा ही धर्म है। चाहे तपती दोपहर हो या सर्द रात, पर्व का उल्लास हो या संकट की घड़ी हमारी पुलिस हर पल समाज की सुरक्षा में सतर्क और समर्पित रहती है।
स्वामी ने कहा कि वे शांति के प्रहरी हैं, व्यवस्था के रक्षक और नागरिकों के विश्वास का प्रतीक। उनका साहस और अनुशासन राष्ट्र की रीढ़ है। हर ड्यूटी, हर चुनौती और हर जोखिम में वे केवल एक ही संकल्प लेकर खड़े रहते हैं “राष्ट्र पहले, स्वयं बाद में।” उनके त्याग से ही हमारा समाज सुरक्षित और सशक्त है।
1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स की घटना भारत की वीर गाथाओं में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। उस समय, जब सीमाओं पर तनाव और खतरा चरम पर था, हमारे पुलिसकर्मियों ने अपनी जान की परवाह नहीं की और अपना सर्वोच्च साहस दिखाते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा की।
स्वामी ने कहा कि सत्य और धर्म के मार्ग पर खड़ा होना ही सबसे बड़ा साहस है। जो धर्म और कर्तव्य के लिए अपने प्राण न्योछावर करता है, वही असली नायक है। सभी पुलिसकर्मी एक जीवंत उदाहरण हैं। वे केवल कानून लागू ही नहीं करते, कनून व्यवस्था बनाये के साथ सुरक्षा, न्याय और समाज में विश्वास की भावना बनाए रखने हेेतु भी अद्भुत योगदान प्रदान करते है। यह जिम्मेदारी इतनी बड़ी है कि इसके लिए साहस और समर्पण आवश्यक है, और यही उनकी महानता है।
हमारे पुलिसकर्मीयों द्वारा दिखाई गई कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और समर्पण हर नागरिक के लिए प्रेरणा हैं। शहीदों की याद हमें यह संदेश देती है कि हमारी स्वतंत्रता, सुरक्षा और अखंडता आसान नहीं हैं इसके लिए अनगिनत नायक हर समय अपने प्राणों का जोखिम उठाते हैं।
स्वामी ने उन सभी शहीद पुलिसकर्मियों को नमन करते हुये श्रद्धाजंलि अर्पित कि जिन्होंने 1959 के हॉट स्प्रिंग्स में अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी वीरता, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। आइए हम सब मिलकर उनका स्मरण करें और यह संकल्प लें कि हम उनके आदर्शों को हमेशा जीवित रखेंगे।
पुलिस स्मरण दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन से शहीद पुलिसकर्मियों को अर्पित की श्रद्धांजलि, हमारी पुलिस शांति के प्रहरी, व्यवस्था के रक्षक और नागरिकों के विश्वास का प्रतीक: स्वामी चिदानन्द सरस्वती

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