ऋषिकेश, 18 दिसंबर,: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और उत्तराखंड राज्य के लिए यह गर्व का क्षण रहा, जब राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस-2025 के अवसर राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले चार छात्र एवं छात्राओं को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। यह उपलब्धि न केवल टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (उत्तराखंड राज्य की नोडल एजेंसी) की युवा पीढ़ी के मध्य ऊर्जा संरक्षण जागरूकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को उजागर करती है, बल्कि संगठन और राज्य को प्रतिष्ठा और पहचान भी दिलाती है।
यह प्रतियोगिता भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा आयोजित की गई थी। भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार(एनईसीए)- 2025 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता-2025 के विजेताओं को सम्मानित किया।
सभा को संबोधित करते हुए, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण ऊर्जा का सबसे पर्यावरण के अनुकूल और विश्वसनीय स्रोत है। ऊर्जा संरक्षण सिर्फ एक विकल्प नहीं है, बल्कि आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ऊर्जा की बचत करने का अर्थ सिर्फ कम उपयोग करना नहीं है, बल्कि ऊर्जा का बुद्धिमानी से, जिम्मेदारी से और कुशलता से उपयोग करना है।
माननीय केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री, मनोहर लाल ने कहा कि भारत वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व कर रहा है, जो वैश्विक तापमान वृद्धि को 2°सी से नीचे रखने के लक्ष्य के अनुरूप है। उन्होंने ऊर्जा दक्षता में सुधार की प्रभावशाली दर के साथ भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि पर भी प्रकाश डाला।
माननीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री, श्रीपाद नाइक ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों ने ऊर्जा संरक्षण में अनुकरणीय प्रयासों को पहचानने की एक सुदृढ़ परंपरा को बढ़ावा दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऊर्जा संरक्षण केवल प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हमारे व्यवहार में बदलाव के बारे में भी है।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव, पंकज अग्रवाल ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व ने ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को भारत की विकास रणनीति के केंद्र में रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा, हरित विकास और विकसित भारत 2047 का विजन केवल विवेकपूर्ण ऊर्जा उपयोग से ही प्राप्त किया जा सकता है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सिपन कुमार गर्ग ने इस उपलब्धि पर विजेताओं और उत्तराखंड राज्य को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता जैसी पहल ऊर्जा संरक्षण के बारे में बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने के लिए असरदार प्लेटफॉर्म का काम करती हैं, साथ ही बच्चों को हरित भविष्य के लिए सततता का एंबेसडर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
उत्तराखंड से ग्रुप-ए से कुमारी पीहू रानी और मास्टर रिदम दास और ग्रुप-बी से कुमारी इशिता कुमारी और कुमारी शताक्षी वत्स, को समारोह के दौरान सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
इस मौके पर नीरज वर्मा, कार्यपालक निदेशक (प्रभारी, एनसीआर, कार्यालय), डॉ. ए. एन. त्रिपाठी, मुख्य महाप्रबंधक (मा.सं. एवं प्रशा. केन्द्रीय संचार), ए. के. विश्वकर्मा, उप महाप्रबंधक (मा.सं.) (नोडल ऑफिसर-उत्तराखंड) के साथ टीएचडीसीआईएल, विद्युत मंत्रालय एवं अन्य पीएसयू के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।













Leave a Reply