एम्स में तीन बच्चों के   दिल का सफल  ऑपरेशन  किया गया 


ऋषिकेश,(30 मार्च)  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग ने हाल ही में तीन बच्चों के ग्लेन ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर इन नौनिहालों के जीवन को बढ़ाया है। एम्स निदेशक रवि कांत  ने सीटीवीएस विभाग की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की, साथ ही उन्होंने जटिल शल्य चिकित्सा करने वाली टीम की सराहना की। चिकित्सकों के अनुसार उत्तरकाशी निवासी एक डेढ़ वर्ष की बच्ची के दिल में जन्मजात छेद था, मगर उसके दिल का सीधा हिस्सा (राइट वेंट्रिकल) पूर्ण रूप से विकसित नहीं था,इसे सिंगल वेंट्रिकल कहते हैं। ऐसे में बच्चे के दिल में जन्म से बने छेद को बंद करना नामुमकिन होता है। साथ ही इससे बच्चे का शरीर कभी भी अत्यधिक नीला पड़ सकता है साथ ही उसका हार्ट फेल होने का खतरा बना रहता है। बच्ची के दिल का ऑपरेशन करने वाली टीम के प्रमुख व सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जन डा. अनीश गुप्ता  ने बताया कि उन्होंने इस पेशेंट के सिर से अशुद्ध रक्त लाने वाली नस( एसवीसी) को काटकर उसके फेफड़े में सीधे जाेड़ दिया,जिससे बच्ची की ऑक्सीजन की मात्रा 60 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत तक हो गई।            इस प्रक्रिया को पहली मर्तबा इस ऑपरेशन को करने वाले डॉक्टर ग्लेन के नाम से ग्लेन प्रोसिजर कहा जाता है।इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में डा. अनीश के अलावा डा. अजेय मिश्रा, पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट डा. यश श्रीवास्तव व डा. राहुल शर्मा शामिल थे।इसके अलावा चिकित्सकों की इसी टीम ने देहरादून निवासी दो-दो साल के दो अन्य बच्चों की भी बी.डी. ग्लेन ( बाई डायरेक्शनल ग्लेन)  की सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया है। अब यह बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। सफल शल्य चिकित्सा के बाद इन बच्चों के माता-पिता व अन्य परिजनों ने डा. अनीश व अन्य चिकित्सकों के अलावा उनकी टीम में सहयोग देने वाले नर्सिंग ऑफिसर व परफ्यूजनिस्ट का धन्यवाद ज्ञापित किया।साथ ही  इस उपलब्धि के लिए निदेशक  प्रो. रवि कांत  ने चिकित्सकीय टीम की प्रशंसा के साथ ही बच्चों को सुखी व दीर्घजीवन की शुभकामनाएं दी। टीम में तुहिन सुब्रा, कलई मणी, सबरीनाथन, केशव, गौरव, धर्मचंद, प्रियंका, अतुल, संजीव, अरविंद आदि शामिल थे।                                         

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