ऋषिकेश, 26 अक्टूबर ।जनार्दन आश्रम शंकराचार्य समाधि स्थल मायाकुंड में प्रातकाल में शंकराचार्य मधावाश्रम महाराज की समाधि में विधि विधान से पूजन किया गया।
बुधवार को शंकराचार्य भगवान की पादुका का पूजन आचार्य मुकुंद शास्त्री,आचार्य मणिराम पैन्यूली, आचार्य डॉ जनार्दन कैरवान के द्वारा संपादित किया गया । ब्रह्मलीन शंकराचार्य मधावाश्रम के शिष्य केश्वस्वरूप ब्रह्मचारी ने इस अवसर पर उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव ने आजीवन सनातन धर्म की रक्षा के लिए कार्य किया है,उनका ध्येय यही था कि गौ,गंगा गायत्री की उपासना होती रहे। हम भी उनके बताए गए सद्मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं। इस अवसर पर हरियाणा, हिमाचल,पंजाब,दिल्ली, उत्तराखंड से आए भक्तों ने गुरु समाधि कर उनको श्रद्धांजलि दी। दंडी स्वामी विज्ञानानंद तीर्थ महाराज,आशीष ब्रह्मचारी,श्रीमहंत अभय चैतन्य, संजय शास्त्री, एलपी पुरोहित ,शैलेंद्र मिश्र,हर्षमनी पैन्यूली गङ्गाराम व्यास, महेश चमोली,जितेंद्र प्रसाद भट्ट,पुरुषोत्तम रणकोटी, महेश चमोली,आशाराम व्यास आदि उपस्थित थे।