स्वास्थ्य सेवाओं में इक्विटी की शुरूआत हो-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश,08 अप्रैल । ‘विश्व स्वास्थ्य दिवस’ जनसमुदाय को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा शुरू की गयी एक पहल है। यह बात विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि मातृ शक्ति जिसकी घर-घर में पहुच होती है उन सभी को संकल्प कराया कि वे स्वस्थ्य के प्रति जागरूक करें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के साथ सत्याग्रह की तर्ज पर स्वास्थ्य आग्रह का कार्यक्रम किया तथा इस हेतु सभी धर्माचार्यो को सहभाग हेतु आमंत्रित किया।
कोविड महामारी के दौरान हम देख रहे है, कि एक छोटा सा वायरस दुनिया के किसी भी छोर पर खड़े लोगों को प्रभावित कर रहा है। जो लोग स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम हैं, जिनके पास दूसरों की तुलना में बेहतर स्वास्थ्य सेवायें उपलब्ध है या उनकी पहुंच बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं तक है, इस वायरस ने सभी को प्रभावित किया है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये यह जरूरी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में इक्विटी की शुरूआत की जायें और इसी से कोविड रिकवरी आसान और कारगर रूप से हो पायेगी।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अब जरूरत है असमानताओं और भेदभाव से उपर उठकर सभी की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच बनाना और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराना। जो लोग कोविड से प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने से अनुकूल परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं।
स्वामी ने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य ईश्वर द्वारा हमें दिया गया एक अनमोल उपहार है और स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है अतः इसे स्वस्थ और रोगमुक्त रखना हमारा परम कर्तव्य है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि मातृ शक्ति जिसकी घर-घर में पहुच होती है उन सभी को संकल्प कराया कि वे स्वस्थ्य के प्रति जागरूक करें।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के साथ सत्याग्रह की तर्ज पर स्वास्थ्य आग्रह का कार्यक्रम किया तथा इस हेतु सभी धर्माचार्यो को सहभाग हेतु आमंत्रित किया।