तीर्थ नगरी में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने उमड़ा सैलाब छठी माता के गीतों से गूंजा त्रिवेणी घाट बैंड बाजों के साथ भगवान भाष्कर की उपासना के लिए पहुंचे श्रद्वालु
तीर्थ नगरी में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने उमड़ा सैलाब छठी माता के गीतों से गूंजा त्रिवेणी घाट बैंड बाजों के साथ भगवान भाष्कर की उपासना के लिए पहुंचे श्रद्वालु
ऋषिकेश,30अक्टूबर। छठ महोत्सव की धूम अब यू पी -बिहार तक ही सीमित नही रही है।पूरे देश के साथ उत्तराखंड में भी लोकपर्व छठ चमक बिखेरने लगा है।बात अगर तीर्थ नगरी की करें, तो यहां लोक आस्था की ब्यार बहती नजर आ रही है।
लोकपर्व छठ के पावन अवसर पर रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तीर्थनगरी के गंगाघाटों,तटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। पर्व पर छठी माता के भक्तों ने भगवान भास्कर की विधि विधान से आराधना की।
आस्था के इस पावन पर्व पर पूर्वांचल मूल के हजारों लोग बाजेगाजों के साथ त्रिवेणीघाट समेत विभिन्न इलाकों से गंगातटों पर पहुंचे। देरशाम त्रिवेणीघाट पर भजन संध्या और बिरहा मुकाबला भी आयोजित किया गया।
तीर्थनगरी और आसपास के इलाकों में सूर्य भगवान की आराधना का लोकपर्व छठ हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके त्रिवेणीघाट को दुल्हन की तरह सजाकर पूजा-आराधना के लिए खासे इंतजाम किए गए थे। अपराह्न के बाद से श्रद्धालुओं के गंगातटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जो कि सूर्यास्त से कुछ देर पहले तक अनवरत जारी रहा। इस दौरान श्रद्धालु अलग-अलग इलाकों से टोलियां बनाकर टोकरियों में पूजा सामग्री लेकर गंगातटों पर पहुंचे। श्रद्धालुओं ने शाम सूर्यदेव को अर्घ्य दिया और पारिवारिक सुख-शांति, समृद्धि की कामना की। उधर, त्योहार के दृष्टिगत श्रद्धालु महिलाओं का निर्जल व्रत रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। महिलाएं सोमवार को प्रात: सूर्योदय पर अर्घ्य के बाद व्रत खोलेंगी।
लोकपर्वों को मानने और मनाने वालों का पर्व-त्योहारों के प्रति उमंग उल्लास ही कुछ और होता है। रविवार को लोकपर्व छठ के मौके पर गंगातटों पर उमड़े लोगों में इस उल्लास को करीब से देखा जा सकता था। इस दौरान जवान और बूढ़े, बच्चों में भी त्योहार के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला। पर्व के अवसर पर व्रती महिलाओं के साथ परिवार के अन्य लोग भी भगवान सूर्यदेव की पूजा-आराधना के लिए गंगा तटों पर उमड़े।
त्रिवेणीघाट पर छठ पूजा के दौरान उमड़ी भीड़ को देखने के लिए विदेशी पर्यटकों में भी काफी उत्साह दिखा। सोलह श्रृंगारों में सजी सुहागिन महिलाएं विदेशी पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रही। घाट पर उमड़ी भीड़ को देख विदेशी पर्यटक इस त्योहार को करीब से देखने के लिए भावुक थे। विदेशी पर्यटकों ने कहा कि भारतीय संस्कृति का यह त्योहार उनके लिए अविस्मरणीय है।