ऋषिकेश, 07 मार्च । परमार्थ निकेतन में 35 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ बुधवार की सुबह प्रदेश के राज्यपाल पूर्व लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह करेंगे। जिसमें विश्व के 90 देशों से लगभग 50 विदेशी 25 से अधिक देशों से 75 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रशिक्षण देंगे। यह जानकारी मंगलवार को परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोेत्सव की शुरूआत औपचारिक रूप से विश्व शान्ति यज्ञ के साथ हुयी जिसमें सभी आगंतुकों का स्वागत किया गया।
इस अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती ने बताया कि आज सेे कई वर्ष पूर्व 16 से 18 प्रतिभागियों के साथ योग की इस यात्रा की शुरूआत हुयी थी,जो आज एक वटवृक्ष की तरह विशाल हो गया है और पूरे विश्व को योगमय करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक 88 देशों से लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने पंजीकरण कर लिया है ,तथा 25 से अधिक देशों से 75 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग कर रहे हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योग खुद से जुड़ने की यात्रा है, और यही संदेश हमारे पर्व और त्यौहार भी हमें देते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से वैश्विक स्तर तक भारत की अमूल्य धरोहर योग, अतुलनीय संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम् का मंत्र और विविधता में एकता की संस्कृति को पहंुचाने का प्रयास करते हैं उसमें मीडिया की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से हम भारत में पूरे विश्व का दर्शन करते हैं तथा पूरा विश्व माँ गंगा के इस पावन तट पर पूरे भारत को देखता हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के अनेक देशों से सेवा देने आये साधकों को स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने संदेश दिया कि यह योग महोत्सव खुद को संवारने, तराशने और तलाशने का है। आप सभी प्रभु के यंत्र के रूप में अपनी सेवायें प्रदान करें। मैट पर योग करने के साथ ही आपस में भी योग (मेलजोल) करें यही वास्तव में योग है। यह अन्तर्राष्ट्रीय फेस्टिवल के साथ अन्तर (आत्मा) का भी पर्व है।
विशेष योगाभ्यास में – प्रातः 4ः30 बजे से रात 9ः30 बजे तक होगी, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी, लीला योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, डीप योग, नाड़ी योग एवं भारतीय दर्शन, डाॅस आफ प्राण, द रूट आफ यम, योग राग, सूर्योदय नाद, श्रीकृष्ण बांसुरी राग, कास्मिक हार्ट, की भी कक्षायें सम्पन्न होगी। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों, धर्मगुरूओं, विशेषज्ञों, राजनेताओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में होगा।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत की संस्कृति, दर्शन, समृद्ध विरासत, धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने हेतु विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।
भारत, अफगानिस्तान, अल्बानिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बोस्निया और हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राज़ील, बुल्गारिया, कंबोडिया, कनाडा, चाड, चीन, कोलंबिया, क्रोशिया, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, यूरोपीय संघ ईयू, फॉकलैंड, आइलैंड, फिनलैंड, फ्रांस, गैबॉन, जॉर्जिया, जर्मनी, घाना, यूनान, हांगकांग, आइसलैंड, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, कुवैत, लाओस, लिथुआनिया, मलेशिया, माली, माल्टा, मॉरीशस, मेक्सिको, मंगोलिया, मोंटेनेग्रो, मोरक्को, मोजाम्बिक, नामिबिया, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, ओमान, पेरू, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, तंजानिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे, उज्वेकिस्तान, वेनेजुएला, वियतनाम आदि अन्य अनेक देशों के 15 सो से अधिक योग जिज्ञासुओं, प्रतिभागियों और 25 से अधिक देशों से 75 से अधिक योग प्रशिक्षक सहभाग कर रहे हैं।
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