चार धामों के लिए प्रारंभ हुई आचार्य अरुण गिरी के संचालन में छड़ी यात्रा ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर किया स्नान देव भूमि उत्तराखण्ड़ चारों धाम में छड़ी यात्रा की परंपरा सन् 805 ई० में आह्वान अखाड़े ने की
ऋषिकेश ,14 अप्रैल ।आदि गुरु शंकराचार्य के सानिध्य में प्रारंभ हुई चारों धाम छड़ी यात्रा ने ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर विधि विधान से गंगा स्नान के बाद मंदिरों के दर्शन किए।
गुरुवार को हरिद्वार स्थित ब्रह्मकुंड में छड़ी को आह्वान पीठाधीश्वर आचार्य महामण्ड़लेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज के संचालन में षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा भूपेंद्र गिरी,श्री महन्त गोपाल गिरी महाराज राष्ट्रीय अध्यक्ष षड् दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति की अध्यक्षता में किया गया।
शुक्रवार को छड़ी को ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर स्नान कार्यक्रम के दौरान सुबह विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की गई, षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल गिरी ने बताया कि देव भूमि उत्तराखण्ड़ चारों धाम में छड़ी यात्रा की परंपरा सन् 805 ई० की आह्वान अखाड़े की है । उस समय मात्र तीन अखाड़े ही थे, आहवाहन,अटल, और महानिर्वाणी, यह तीनों अखाड़े के साधु ही आदि गुरु शंकराचार्य महाराज के साथ ऋषिकेश से बसन्त पंचमी को हृषिकेश नारायण देवता की स्थापना कर के 13 अप्रैल को हरिद्वार व 14 अप्रैल को ऋषिकेश त्रिवेणी संगम त्रिवेणी घाट में छड़ी का स्नान श्री बद्रीनारायण के लिए रवाना हुई थी। तभी से यह पैदल छड़ी यात्रा की परम्परा है । छड़ी यात्रा अखाड़ा श्री शम्भु पंच दश नाम आवाहन नागा संन्यासी की थी, जिस का संचालन षड् दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति ऋषिकेश द्वारा संचालित किया जाता रहा है। जिस में बाद में सभी अखाड़े के साधु समलित हुए जिसे षड् दर्शन साधु समाज की छड़ी यात्रा के नाम से संचालित किया जाता है।
13 अप्रैल 2023 ई० वृहस्पतिवार को आवाहन पीठाधीश्वर आचार्य महामण्ड़लेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज , उपाध्यक्ष स्वामी चैतनानन्द गिरी , अखाड़े के श्री महन्त थाना पति रवि गिरी जी,थाना पति प्रेम गिरी , कारवारी लालेश्वर गिरी, महन्त प्रयाग गिरी, महन्त भोला गिरी, गोपाल दास गुड्डू ब्रह्मचारी, आचार्य पण्डित सुबोध शास्त्री आदि की उपस्थिति में छड़ी ने स्नान किया और हरिद्वार भूपत वाला से ऋषिकेश के लिए रवाना हो हुई, जो कि शुक्रवार को प्रातः श्री वीरभद्र महादेव दर्शन कर त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में त्रिवेणी संगम में स्नान कर मां गंगा की भोग आरती कर श्री गंगा अन्नपूर्णा अन्न क्षेत्र लंगर में भोग प्रसाद लिया। और जनता के दर्शनार्थ मन्दिर श्री गौरीशंकर महादेव के अन्तर्गत त्रिवेणी मन्दिर में रखी गई, तथा दुसरे दिन सभी आश्रम और मंदिरों में दर्शन देगी। और अक्षय तृतीया को यमनोत्री पंहुचेगी , और गंगा सप्तमी को गंगोत्री पंहुचेगी, तथा फिर केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ के लिए रवाना होगी ।
ऋषिकेश में आव्हान अखाड़े के आचार्य महामण्लेश्वर अरुण गिरी महाराज षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र गिरी महाराज, महंत श्री गोपाल गिरी, महामंत्री कपिल मुनि, जनार्दन शंकराचार्य आश्रम के केशव ब्रह्मचारी, रविद्र पुरी, भोलागिरी, स्वामी राकेश पुरी, स्वामी अच्युतानंद गिरी महाराज, ब्रह्मचारी गुड्डू, ब्रह्मचारी स्वामी बिल्केश्वर बाबा, भानु ब्रह्मचारी, अनुप गिरी, मनोहर लाल, राकेश गिरी, जतिन विरमानी, गोपाल विरमानी, पंडित अमन, सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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