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उत्तराखंड के विख्यात धामों के कपाट बंद होने का काउंटडाउन शुरू होते ही यात्रा ने पकडी गति


ऋषिकेश, 22 अक्टूबर ।  कोरोना काल के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से बंद की गई, उत्तराखंड के विश्वविख्यात चारों धामों की यात्रा को हाई कोर्ट के दिशा निर्देशन में प्रारंभ किए जाने के बाद अब धामों के कपाट बंद होने का काउंटडाउन शुरू होते ही यात्रा ने गति पकड़ ली है, जिसके चलते शुक्रवार को ऋषिकेश चारधाम बस टर्मिनल एवं हरिद्वार बस अड्डे से प्रात: तीर्थयात्रियों ने चारधाम के लिए बडी संख्या में प्रस्थान किया ।

ऋषिकेश में विभिन्न विभागों के साथ देवस्थानम बोर्ड एवं यात्रा प्रशासन संगठन सहित पुलिस, चिकित्सा- स्वास्थ्य,परिवहन, पर्यटन, नगर निगम,संयुक्त रोटेशन के हेल्प डेस्क यात्रियों को सहायता मार्गदर्शन कर रहे है। यात्रियों की सुविधा व उनके मार्गदर्शन के लिए पुलिस चौकी यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश द्वारा यात्री सूचनाओं की लाउडस्पीकर से उद्घोषणा की जा रही है।

ऋषिकेश बस टर्मिनल आरटीपीसीआर केंद्र से तीर्थयात्रियों की निशुल्क कोविड जांंच की जा रही है। श्री बदरीनाथ धाम हेतु सड़क मार्ग सुचारू रूप से खोल दिया गया है। सुबह से तीर्थयात्री को श्री बदरीनाथ दर्शन को जा रहे है। केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में यात्रा जारी है। केदारनाथ धाम हेतु हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है। आज मौसम साफ है। चारो धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम में मौसम सर्द है। लेकिन बारिश नहीं है।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक दो लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। बदरीनाथ धाम के कपाट 20नवंबर, केदारनाथ धाम एवं यमुनोत्री धाम के कपाट 6 नवंबर, गंगोत्री धाम के कपाट 5 नवंबर को बंद हो जायेंगे। जबकि तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के 30 अक्टूबर एवं द्वितीय केदार भगवानश्री मद्महेश्वर के कपाट 22 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे इसी के साथ गोड ने यह भी बताया कि मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा।


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