महाशिवरात्रि के पर्व पर हर हर महादेव के साथ शिव भक्तों ने नीलकंठ सहित ऋषिकेश के तमाम शिवालयों में किया महादेव का जलाभिषेक



ऋषिकेश,0 1 मार्च । महाशिवरात्रि के पर्व पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए लाखों की संख्या में शिव भक्तों ने आस्था की गंगा में डुबकी लगाकर नीलकंठ सहित नगर के तमाम शिवालयों में हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ रुद्राभिषेक किए जाने के बाद जलाभिषेक किया।महाशिवरात्रि के पर्व पर मंगलवार को नीलकंठ में जलाभिषेक किए जाने वाले कावड़ियों ने सोमवार से ही पहुंचना प्रारंभ कर दिया था।

जिसके चलते रात्रि तक नीलकंठ में लाखों लोगों द्वारा जलाभिषेक किया गया ,जिसके बाद सोमवार और मंगलवार की रात्रि से ही सभी शिवालयों में जलाभिषेक किए जाने वाले भोले के भक्तों की लाइने लगनी प्रारंभ हो गई थी।

इस दौरान नीलकंठ के अतिरिक्त ऋषिकेश के चंद्रेश्वर, सोमेश्वर ,वीरभद्र और पातालेश्वर मंदिरों में शिव भक्तों ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ जहां रुद्राभिषेक किया। जिनकी सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। नीलकंठ मार्ग पर हाथियों के डर से कांवरियों को बंगाली नाले के पास ही शाम को ही रोक दिया गया था ।

जिन्हें प्रातः होते ही सुरक्षा व्यवस्था के बीच नीलकंठ जाने दिया गया। इसी के साथ सोमेश्वर मंदिर और वीरभद्र मंदिर प्रांगण में विशाल मेलों का आयोजन भी किया गया।

जहां बड़ी संख्या में पहुंचकर लोगों ने मेलों का आनंद भी लिया मेले के दौरान किसी भी घटना से निपटने के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी डीसी ढोंडियाल, ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी रवि कुमार सैनी खुद पुलिस बल के साथ मौके पर तैनात रहे।

चार धाम यात्रा 2022 की तैयारी को लेकर गढ़वाल आयुक्त ने सभी अधिकारियों के साथ की समीक्षा 15 अप्रैल तक सभी तैयारियां पूर्ण करने के लिए निर्देश – चारों धामों में यात्रियों को प्रसाद भी दिया जाएगा



ऋषिकेश 28 फरवरी । उत्तराखंड में मई माह से प्रारंभ होने वाली चार धाम यात्रा 2022 की तैयारियों को लेकर गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने गढ़वाल के जिला अधिकारियों सहित सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली ,जिसमें यात्रा की सभी तैयारियों को लेकर मंथन किया गया।

साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि एयर एंबुलेंस की व्यवस्था जिलाधिकारियों के माध्यम से करवाई जाने के साथ मंदिरों में भक्तों को लाइन लगाकर दर्शन करवाए जाएंगे, और सभी को प्रसाद भी वितरण किया जाएगा।

सभी व्यवस्थाओं को 15 अप्रैल तक सुनिश्चित किए जाने के लिए निर्देशित किया गया। सोमवार को नगर निगम ऋषिकेश के सभागार में आयोजित गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार की अध्यक्षता में बैठक के दौरान पूर्व में यात्रा के दौरान आई समस्याओं की समीक्षा के साथ कोविड-19 में यात्रा के दौरान बस मालिकों के अतिरिक्त विभागीय समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया, बैठक में जनपद स्तर पर जिलाधिकारियों के नियंत्रण में यात्रियों की सहायता के लिए यात्रा मार्ग बाधित होने पर संबंधित जिलों में आपदा प्रबंधन विभाग के साथ यात्रियों की सुविधा को देखते हुए चार धाम यात्रा कंट्रोल रूम के संचालन, लोक निर्माण विभाग ,राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण विभाग, बीआरओ एनएचआईडीसीएल के कार्यों की समीक्षा भी की गई।

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जिसमें कहा गया कि यात्रा के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों पर मार्गो को गड्ढा मुक्त किए जाने के साथ डामरीकरण कर लिया जाए ,जिसके दौरान यात्रा प्रारंभ होने पर ब्लास्टिंग और बड़े मरम्मत के कार्यों को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। बैठक में एनएचआई द्वारा हरिद्वार ऋषिकेश देहरादून यात्रा मार्गों की प्रगति के अतिरिक्त सभी निर्माण इकाइयों के यात्रा मार्गों पर सूचना पट लगाए जाने तथा बुलडोजर ,जेसीबी, पोकलैंड ,मशीनों को सड़क किनारे उचित स्थान पर रखे जाने के लिए निर्देशित किया गया ।

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इसी के साथ यह भी कहा गया कि डंपिंग जॉन का समतलीकरण कर उपयुक्त स्थानों पर यात्रियों के लिए अस्थाई शौचालय व पेशाब घरों का भी निर्माण किया जाए। पुलिस विभाग को निर्देशित करते हुए कहा गया कि यात्रा सीजन में सभी धार्मों एवं यात्रा मार्गों पर एसडीआरएफ ,पुलिस बल, गोताखोर, ट्रैफिक पुलिस व्यवस्था के साथ रोड सेफ्टी की भी निगरानी की जाए।

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बैठक में कहा गया कि परिवहन विभाग द्वारा 15 अप्रैल से पहले संयुक्त रोटेशन की स्थापना एवं चार धाम यात्रा में जाने वाली सभी बसों की संख्या को सुनिश्चित कर लिया जाए, जिसकी समिति द्वारा प्रतिदिन समीक्षा कर यात्रा पर जाने वाले वाहनों की सूचना एवं यात्रियों की सूचना अपडेट रखकर यात्रा प्रशासन को दैनिक रूप से उपलब्ध कराया जाए, बसों की कमी होने पर परिवहन कंपनियों द्वारा 20 दिन पहले परिवहन विभाग को सूचित करना होगा ।

उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों को भी यात्रा सीजन में यात्रियों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए चार धाम में संचालित किया जाएगा, बैठक में गढ़वाल आयुष ने यह भी कहा कि यात्रा बस टर्मिनल में चार धाम सहायता केंद्र का संचालन संभागीय परिवहन अधिकारी चारधाम यात्रा नोडल अधिकारी के नियंत्रण में संबंधित विभागों से समन्वय कर यात्रा प्रारंभ होने से पहले 25 अप्रैल तक चालू कर दिया जाए ।

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इसी के साथ यात्री सहायता केंद्र में यात्रा से जुड़े संबंधित विभागों के कर्मचारियों की तैनाती यात्रा सीजन तक उनके पटल ,हेल्प डेस्क लगाने के साथ कर दी जाए, यात्रियों की चिकित्सा स्वास्थ्य को देखते हुए संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया कि सभी यात्रा मार्ग पर एसआई ,चिकित्सा केंद्र में चिकित्सक के साथ अपेक्षित स्टाफ की तैनाती और जीवन रक्षक दवाइयां ,उपकरण ,पोर्टेबल ऑक्सीजन, सिलेंडर एवं एंबुलेंस की व्यवस्था एवं यात्री चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध चार धाम यात्रा मार्गो पर स्वास्थ्य निरीक्षकों की तैनाती कर दी जाए बैठक में यह भी बताया गया कि एयर एंबुलेंस की व्यवस्था जिलाधिकारी द्वारा शासन स्तर से करवाया जाएगा।

इसी के साथ पानी ,बिजली, खाद्यान्न की व्यवस्था भी भरपूर मात्रा में की जाए। बैठक के अंत में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति जोशीमठ और जिलाधिकारी उत्तरकाशी को निर्देशित किया गया ,कि वह यात्रियों को मंदिरों के दर्शन हेतु व्यवस्थित लाइन लगवा कर करवाना सुनिश्चित करें ।सभी यात्रियों को प्रसाद भी दिया जाएगा ।केदारनाथ धाम में यात्रियों को बाढ़ से बचाने के लिए तीन सेड का निर्माण किया जाए तथा यात्रियों के जूते चप्पल रखने हेतु व्यापक स्थान पर जूता स्टैंड निर्मित करवाया जाए।

चार धाम में सर्दी होने पर यात्रियों के लिए अलाव की व्यवस्था किया जाना भी सुनिश्चित किया गया। इसी के साथ सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह पैदल मार्ग उत्तरकाशी के जानकी चट्टी, यमुनोत्री धाम में स्ट्रीट लाइट, बैठने के लिए बेंच ,टीन सेड का शीघ्र निर्माण करवाना सुनिश्चित करें ।

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बैठक में गढ़वाल सभी जिलाधिकारी और संबंधित विभागों के जिलाधिकारी हरिद्वार डॉ विनय शंकर पांडे, डीआईजी गढ़वाल के के एस नगलयाल, नरेंद्र सिंह क्यूरियाल आरटीओ प्रशासन दिनेश पठोई, सहित अन्यअधिकारी भी मौजूद थे ।

 

ऋषिकेश में संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्यो का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन उत्तराखंड राज्य में संस्कृत को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए विशेष कार्य योजना बनानी होगी- शिवपसाद खाली



 

ऋषिकेश 27 फरवरी।  उत्तराखंड के संस्कृत शिक्षा निदेशक शिवपसाद खाली ने कहा कि संस्कृत को राज्य भाषा बनाए जाने और उसका सम्मान वापस दिलाए जाने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करनी होगी, यह तभी संभव है जब हम सब एक जुट होकर कार्य कर सकेंगे।हांलाकि उत्तराखंड में स्थापित 97 संस्कृत विद्यालयो द्बारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।

यह विचार रविवार को ऋषिकेश स्थित श्री जयराम आश्रम संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रधानाचार्य प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन अवसर पर शिक्षा निदेशक खाली ने उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए कहा कि दो दिन तक चली कार्यशाला मैं सभी विषयों पर गंभीरता पूर्वक मंथन किया है।

कार्यशाला के दौरान दूसरे दिन उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद के परिषदीय परीक्षाओं के प्रबंधन में प्रधानाचार्य एवं अन्य व्यक्तियों की कार्यकुशलता, शिक्षा की उपयोगिता एवं पारदर्शिता के साथ विद्यालयों में मानव संसाधन के समुचित विकास एवं छात्र छात्राओं की सुरक्षा हेतु ऑनलाइन गूगल कक्षाओं के संचालन के अतिरिक्त शैक्षणिक गतिविधियों के आयोजन एवं प्रसार नवाचारी, पर गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि विद्यालयों में किस प्रकार की पढ़ाई कराई जा रही है, शिक्षा किस प्रकार की है उस पर भी मंथन किया जाना अत्यंत आवश्यक है। इस दौरान भूकंप ग्रस्त क्षैत्रों में चल रहे विद्यालयों की स्थिति और उसमें शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के लिए पानी के पीने की व्यवस्था भी दुरुस्त ब पर किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया ।क्योंकि पानी के कारण बच्चों में कुपोषण जैसी बीमारियां भी फैलती है ,जिससे सुरक्षित रहने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।

कार्यशाला में यह भी कहा गया कि बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए विद्यालयों के बाहर सुझाव पेटिका में लगाई जानी चाहिए ,कार्यशाला में वर्तमान समय में सोशल मीडिया का उपयोग किए जाने के साथ उस पर बच्चे क्या देख रहे हैं, इसकी भी मॉनिटरिंग किया जाना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि बच्चे कुछ ऐसी सोशल मीडिया की साइड भी देख रहे हैं। जिससे वह गलत संगति में पडकर जेल तक जा रहे हैं। जिससे बचाने के लिए उन्हें उनके परिजनों को भी जागरूक किया जाना चाहिए ।जिससे वे उसकी निगरानी कर सकेंगे।

कार्यशाला में बोर्ड परीक्षाओं की समस्याओं के समाधान के लिए सभी विद्यालयों को पहले से तैयारी किए जाने के लिए भी निर्देशित किया गया। जिसमें कहा गया कि परीक्षाओं से पूर्व प्राप्त होने वाले प्रश्न पत्रों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक विद्यालय में अलमारियों व लोकर का होना अत्यंत आवश्यक है।

कार्यशाला के दौरान वर्तमान समय में विद्यालयों की स्थिति और भूमिका , आदर्श विद्यालयों की संरचना और उनमें संसाधनों की अभिवृद्धि किए जाने के साथ सामुदायिक सहभागिता निभाने पर भी विचार किया गया। इस दौरान विद्यालय भवन का निर्माण किए जाने के अतिरिक्त छात्रों की संख्या बढाए जाने के साथ बाल अधिकार सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे विषय पर भी विचार किया गया।

कार्यशाला में उपनिदेशक पद्माकर मिश्र सहायक निदेशक हरिद्वार वाजसरवा, संजू प्रसाद ध्यानी , मुख्य प्रशासनिक अधिकारी शिक्षा निदेशालय खिलाफ सिह , उत्तम सिंह राणा मायाराम रसौली प्रधानाचार्य जयराम आश्रम शिव प्रसाद भट्ट प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ जनार्दन कैरवान, विजय जुगराण, ओमप्रकाश पोरवाल ,विवेक पुरी, बृजेश शैयाणा, वाणी भूषण भट्ट ,शैलेंद्र कोठियाल, राम प्रसाद थपलियाल, उत्तराखंड के सभी संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे ।

प्राचीन श्री राम तपस्थली में आयोजित की गई, विश्व शांति के लिए 1लाख 25 हजार पार्थिव शिवलिंग की पूजा



 

ऋषिकेश 26 फरवरी ।ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर ब्रह्मपुरी स्थित प्राचीन श्रीराम तपस्थली श्री नारायणी नमो नमो संस्था द्वारा आयोजित धार्मिक कार्यक्रम के दौरान विश्व शांति के लिए 1लाख 25 हजार पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना कर भव्य अभिषेक किया गया।

शनिवार को शिवरात्रि से पूर्व श्रीराम तपस्थली के पीठाधीश्वर स्वामी दयाराम दास की देखरेख में आयोजित पार्थिव शिवलिंग अभिषेक के दौरान ब्राह्मणों द्वारा प्रातः रुद्राभिषेक के साथ पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना भी की गई ।

इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य जजमान विवेक रोहिया सहित गुजरात, पंजाब, उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र से आए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने रुद्राभिषेक में प्रतिभाग किया। इस दौरान श्रीराम तपस्थली के पीठाधीश्वर स्वामी दयारामदास ने कहा कि शिवरात्रि का महत्व शिव और शिव शिव की शक्ति की आराधना का पर्व है।

इस दिन भगवान ब्रह्मा और विष्णु के बीच हुए विवाद के बाद वर्चस्व को समाप्त करने के लिए भगवान शिव ने शिवलिंग की स्थापना भी की, तभी से धरती पर शिवलिंग पर जलाभिषेक की परंपरा भी प्रारंभ हुई है ।उन्होंने कहा कि इस दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक का महत्व भी बताया गया है।

दयाराम दास ने कहा कि भगवान शिव की आराधना किये जाने से मनुष्य को सुख समृद्धि के साथ शांति प्राप्त होती है। वही अनेकों कष्टों का निवारण भी हो जाता है। ब्रह्मपुरी स्थित श्रीराम तपस्थली प्राचीन स्थलों में शामिल है ।

यहां किया गया सभी प्रकार का अनुष्ठान लाभ दिए जाने के साथ विश्व शांति की कामना को पूरा करता है ।इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए यहां 1लाख25 हजार पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना की गई है।

ऋषिकेश में प्रारंभ हुआ संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्य का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर वर्तमान समय में संस्कृत देववाणी को बचाया जाना अत्यंत आवश्यक है- शिवपसाद खाली



ऋषिकेश में प्रारंभ हुआ संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्य का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर

वर्तमान समय में संस्कृत देववाणी को बचाया जाना अत्यंत आवश्यक है- शिवपसाद खाली

ऋषिकेश 27 फरवरी  । उत्तराखंड के संस्कृत शिक्षा निदेशक शिवपसाद खाली ने कहा कि वर्तमान समय में संस्कृत देववाणी को बचाया जाना अत्यंत आवश्यक है, इसके लिए उत्तराखंड में स्थापित 97
संस्कृत विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है जा रही है। यह विचार शनिवार को ऋषिकेश स्थित श्री जयराम आश्रम संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रधानाचार्य प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए शिक्षा निदेशक खाली ने उपस्थिति को सम्बोधित करते हुए कहा कि संस्कृत का उद्धार तभी होगा जब हम कड़ी मेहनत और निष्ठा के साथ कार्य करेंगे उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में नूतन पाठ्यक्रम भी बहुत अच्छा बना है ,जिसे बनाए जाने के लिए सभी की मेहनत व पसीना लगा, उन्होंने कहा कि संस्कृत विद्यालय में कार्यरत प्रधानाचार्य को और अच्छा वेतन दिये जाने के साथ उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। इसके लिए सरकार पूरी तरह कटिबद्ध है ।लेकिन हमें भी इसके लिए पूरी मेहनत करनी होगी। खाली का कहना था कि जहां संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है, उसके लिए हमें अन्य लोगों को भी जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। क्योंकि संस्कृत में ही सभी भाषाएं छिपी है ।आज मनुष्य के प्रातः उठने से लेकर उसके अंतिम समय तक संस्कृत में दिए गए मंत्रों का काफी महत्व है। कार्यशाला के दौरान वर्तमान समय में विद्यालयों की स्थिति और भूमिका , आदर्श विद्यालयों की संरचना और उनमें संसाधनों की अभिवृद्धि किए जाने के साथ सामुदायिक सहभागिता निभाने पर भी विचार किया गया। इस दौरान विद्यालय भवन का निर्माण किए जाने के अतिरिक्त छात्रों की संख्या बनाए जाने के साथ बाल अधिकार सुरक्षा एवं स्वास्थ्य जैसे विषय पर भी विचार किया गया। कार्यशाला में उपनिदेशक पद्माकर मिश्र सहायक निदेशक हरिद्वार वाजसरवा, संजू प्रसाद ध्यानी , मुख्य प्रशासनिक अधिकारी शिक्षा निदेशालय खिलाफ सिह , उत्तम सिंह राणा मायाराम रसौली प्रधानाचार्य जयराम आश्रम शिव प्रसाद भट्ट प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ जनार्दन कैरवान, विजय जुगराण, ओमप्रकाश पोरवाल ,विवेक पुरी, बृजेश शैयाणा, वाणी भूषण भट्ट ,शैलेंद्र कोठियाल, राम प्रसाद थपलियाल, उत्तराखंड के सभी संस्कृत विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित थे ।

यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं के लिऐ सुख और शांति के लिए महिलाओं ने हवन किया



 

यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं खुद को शारीरिक,मानसिक व आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाएं छात्र-छात्रायें – शांति देवी

ऋषिकेश,26 फरवरी।  ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट द्वारा महिलाओं द्वारा की जा रही गंगा आरती पूर्णानंद घाट में महिलाओं ने पूजन-अर्चना कर रूस और यूक्रेन हमले को लेकर माहौल काफी तनावपूर्ण को निजात दिलाने की प्रार्थना की। सभी ने पूजा-पाठ, स्तुति, अर्चना करते हुए गंगा मैया से यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं को यूक्रेन से सकुशल वापस हो, शक्ति दें और स्वस्थ रखें ये कामना की साथ ही महिला साधकों ने हवन कर आहुतियां दी। रूस और यूक्रेन हमले निदान की कामना करते हुए श्रद्धालुओं ने महामृत्युजय मंत्र और गायत्री मंत्र का जाप किया। ट्रस्ट की मुखिया शांति देवी ने कहा कि भारत सरकार व हमारे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हमारी सरकार पूरी नज़र बनाकर रखे हुए है। सरकार को भारतीयों की पूरी चिंता है और भारत सरकार के पास पूरे आंकड़े हैं। उनकी वापसी के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं सरकार को अपने नागरिकों की पूरी चिंता है।
शांति ने कहा कि भारत सरकार और राजनाथ सिंह रूस और यूक्रेन दोनों देशों के राजनीतिक व सैन्य अधिकारियों से संपर्क बना रखा है उनके अच्छे प्रयास के लिए उनको बहुत-बहुत साधुवाद।
भारतीय छात्रों को सरकार से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने की अपील की व नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
और कहा कि ऋषिकेश गंगा आरती ट्रस्ट दोनों देशों के बीच शांति चाहता है। उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों के तरफ से युद्ध को बढ़ावा देने वाली कोई स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए।
मुख्य रूप से महिला गंगा आरती में गंग सबलाओं आचार्य अभिनव पोखरियाल ,डायरेक्टर नमामि गंगे स्पिरिचुअल,आचार्य विजेंद्र गॉड, प्रीति अग्रवाल, अनीता देवी , सरिता देवी ने गंगा आरती में विशेष भूमिका अदा की।

आचार्य प्रशांत की महाभारत और अष्टावक्र गीता पुस्तक का हुआ विमोचन धर्म एवं ग्रंथों से हमें प्यार करना चाहिए -आचार्य प्रशांत



आचार्य प्रशांत की महाभारत और अष्टावक्र गीता पुस्तक का हुआ विमोचन

धर्म एवं ग्रंथों से हमें प्यार करना चाहिए -आचार्य प्रशांत

ऋषिकेश 23 फरवरी ।अशांत अद्वैत संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत ने कहा कि धर्म एवं ग्रंथों से हमें प्यार करना चाहिए , जो कि हमें प्रकाश की ओर ले जाते हैं। यह विचार आचार्य प्रशांत ने तपोवन स्थित एक रिसोर्ट मे महाभारत और अष्टावक्र गीता पुस्तक के विमोचन के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में ग्रंथों का महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि हमें प्रकाश की ओर ले जाने का मार्ग तो दिखाते ही हैं साथ ही हमें अपनी अच्छाइयों को बुराइयों से भी अवगत कराते हैं उन्होंने कहा कि आज के युग में धर्म और राजनीति पर काफी चर्चाएं होती है परंतु उनका मानना है कि राजनीति धर्म पर आधारित होनी चाहिए क्योंकि सही राजनीति की दिशा दिखाने में अपना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है उनका मानना था कि यदि राजनीतिक होगी तो मनुष्य सही धर्म की ओर अग्रसर होगा आचार्य प्रशांत ने कहा कि बुद्धि और स्मृति भी संसाधन है ।

जिसका सही दिशा मैं यदि प्रयोग किया जाएगा सुबह मुक्ति की ओर ले जाएगा उल्लेखनीय है कि प्रशांतअद्वैत संस्था के संस्थापक आचार्य प्रशांत विगत 2006 से भारत के वैदिक ग्रन्थों का आम जनमानस को ज्ञान देने हेतु आध्यात्मिक मिशन में कार्यरत हैं। आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ एवं अध्यात्म संबंधी 70 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।

हिंदू समाज को उनके ग्रन्थों का ज्ञान हो सके, इसके लिए “घर घर उपनिषद” नामक विशाल कार्यक्रम की शुरुआत की जा चुकी है। इस मुहिम के तहत 20 करोड़ घरों में वेदांत-उपनिषद की प्रति संस्था निशुल्क पहुंचाई जा रही है ।
आचार्य ने आई आई टी- आई आई एम की डिग्री के बाद जनमानस में आध्यात्मिक पुनरुत्थान का बीड़ा उठाया है । अंग्रेज़ी में उनकी पुस्तक ‘कर्म’ देश की शीर्ष बेस्टसेलिंग पुस्तक है। देश के जाने-माने विश्वविद्यालयों में 500 से अधिक उनके सत्र हो चुके हैं,उनके द्वारा 25 फरवरी से एक मार्च तक ऋषिकेश में एक आध्यत्मिक शिविर “अद्वैत महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने संत रविदास मंदिर में पहुंच कर माथा टेका और सामाजिक समरसता के प्रवर्तक संत रविदास के जीवन से प्रेरणा लेने के आह्वान किया



 

ऋषिकेश 16 फरवरी । उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष  प्रेम चंद अग्रवाल ने वीरभद्र के मीरा नगर स्थित संत रविदास मंदिर में पहुंच कर माथा टेका और सामाजिक समरसता के प्रवर्तक संत रविदास के जीवन से प्रेरणा लेने के आह्वान किया ।
रविदास जयंती के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष  प्रेम चंद अग्रवाल  ने मीरा नगर पहुंचकर रविदास मंदिर पर माथा टेका और कहा है कि संत रविदास सामाजिक परिवर्तन के प्रतीक थे । उन्होंने समाज के अंदर फैली विषमताओं को दूर करने के लिए जीवन पर्यंत प्रयास किए परिणाम स्वरूप संत रविदास की समाज के प्रत्येक वर्ग में स्वीकार्यता है एवं सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।

इस मौके पर  अग्रवाल ने कहा है कि गुरु रविदास जी ने जो संदेश दिया है वह देश में आज भी प्रसांगिक है l संत रविदास जी जाति प्रथा के उन्मूलन में प्रयास करने के लिए जाने जाते हैं। भक्ति आंदोलन में भी गुरु रविदास का बड़ा योगदान दिया है,।

इस अवसर पर श्यामपुर के मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, प्रदीप कुमार, रविंद्र राणा, नगर निगम पार्षद सुभाष बाल्मीकि, रवि शर्मा, सुमन कुमार, रवि शर्मा आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 : चारधाम यात्रा बैठक 28 फरवरी को होगी ऋषिकेश मे



ऋषिकेश: 12 फरवरी ।उत्तराखंड चारधाम यात्रा एवं श्री हेमकुंड साहिब लोकपाल तीर्थ यात्रा 2022 की तैयारियों, आवश्यक व्यवस्थाओं हेतु गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में‌ 28 फरवरी सोमवार को बैठक आयोजित की जायेगी। यह जानकारी चार धाम यात्रा समिति के प्रचार अधिकारी हरीश गौड़ ने देते हुए बताया कि बैठक ऋषिकेश नगर निगम के स्वर्ण जयंती सभागार में पूर्वाह्न 11.30 बजे से आयोजित की गयी है।

गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार द्वारा जारी आदेश के अनुसार बैठक में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद, श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति, गुरु द्वारा हेमकुंड साहिब, पुलिस महानिरीक्षक, सहित सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षक, सीमा सड़क संगठन, राष्ट्रीय राजमार्ग, सार्वजनिक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, विद्युत,खाद्यान्न, संचार,परिवहन, उरेडा, पंचायत राज,नगर निगम, तहसील प्रशासन, संयुक्त रोटेशन, सुलभ इंटरनेशनल के अधिकारियों को चारधाम यात्रा बैठक में मौजूद रहने के आदेश दिये गये हैं।

विश्व‌प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को खुल रहे है। श्री गंगोत्री यमुनोत्री धाम के कपाट परंपरागत रूप से अक्षय तृतीया 3 मई को खुलेंगे श्री गंगोत्री- यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के समय की औपचारिक घोषणा तीर्थ पुरोहितों तथा गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समिति द्वारा की जायेगी। जबकि श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 1 मार्च शिवरात्रि के अवसर पर तय होगी।

गुरूद्वारा हेम कुंड साहिब से प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री हेमकुंड साहिब के कपाट इस यात्रा वर्ष मई माह के अंतिम सप्ताह में खुलेंगे ।
विशेष कार्याधिकारी यात्रा प्रशासन संगठन ए. के. श्रीवास्तव के अनुसार नगर आयुक्त ऋषिकेश को चारधाम यात्रा बैठक की तैयारियों के लिए गढ़वाल आयुक्त ने निर्देश‌ जारी किये हैं।

स्वामी शांतानंद महाराज की 22 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाई गई



ऋषिकेश,06 जनवरी  ।श्री गीता आश्रम ऋषिकेश में ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष योगीराज ब्रह्मलीन स्वामी शांतानंद महाराज की 22 वीं पुण्यतिथि श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाई गई ।इस अवसर पर आश्रम में गीता पाठ यज्ञ हवन पूजन एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम संपन्न हुआ।

महंत स्वामी सर्व आत्मानंद स्वामी महामृत्युंजय स्वामी गीता चैतन्य ,पंडित दिव्यानंद शास्त्री ,अनिल नौटियाल ,चंद्र मित्र शुक्ला ,त्रिभुवन उपाध्याय, माधव अग्रवाल , पूर्व चेयरमैन नगर पंचायत श्रीमती शकुंतला राजपूत ,गुरु पाल बत्रा मंडल अध्यक्ष भाजपा ,गोपाल अग्रवाल आदि अनेक महानुभावों ने स्वामी शांतानंद महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ दीपक गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि स्वामी शांतानंद अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी वेद व्यासानंद महाराज के प्रिय सन्यासी शिष्य थे , 30 वर्ष पूर्व उन्होंने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।

सन 2000 में स्वामी शांतानंद ब्रह्मलीन हुए आज ट्रस्ट द्वारा उनके द्वारा संपादित कार्यों को निरंतर किया जा रहा हैः आश्रम में अन्न क्षेत्र गौ सेवा विद्यालय गीता संदेश मासिक पत्र प्रकाशन अतिथि सेवा निरंतर चल रही हैः कार्यक्रम का संचालन भानु मित्र शर्मा द्वारा किया गया गया।