केंद्र सरकार की ओर से पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने की तारीख बढ़ी, पढ़िए कैसे होगा पैन कार्ड आधार से लिंक



ऋषिकेश/ देहरादून/ दिल्ली  28 मार्च। केंद्र सरकार की ओर से पैन कार्ड को आधार से लिंक कराने को लेकर खत्म हो रही आखिरी  डेड लाइन 31 मार्च की समय अवधि अब बड़ने जा रही है।  अगर आपने अभी तक अपने कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है तो आपके लिए जरूरी खबर है। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से पैन को आधार से लिंक करने की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि पैन से आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च को तीन महीने आगे बढ़ाकर 30 जून की जा रही है। आइए पेन कार्ड को आधार से लिंक करने का आसान तरीका जानते है।रिपोर्टस के अनुसार आयकर विभाग के नियम के अनुसार यदि आप 31 मार्च, 2023 तक अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड को लिंक करवाना अनिवार्य था। लेकिन अब इसकी लास्ट डेट बढ़ा दी गई है। 30 जून तक आधार और पैन लिंक करना अनिवार्य किया गया है। ऐसा नहीं करने पर आपका पैन कार्ड एक्सपायर हो जाएगा। बताया जा रहा है कि आपका पैन कार्ड निष्क्रिय होने पर प्लास्टिक का एक टुकड़ा मात्र रह जाएगा, जिसका सीधा सा अर्थ है कि आप इसे कहीं भी उपयोग नहीं कर पाएंगे। इनकम टैक्स भरने के साथ वित्तीय लेनदेन करने में भी समस्या का सामना करना पड़ेगा।

ऐसे करें आधार और पैन कार्ड को लिंक

  • इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
  • साइट पेज पर बाईं तरफ आपको क्विक लिंक्स का ऑप्शन मिलेगा।
  • ‘लिंक आधार’ ऑप्शन पर क्लिक करना है।
  • अपना पैन, आधार नंबर और नाम एंटर करना है।
  • ये जानकारियां देने के बाद आपको एक OTP भेजा जाएगा।
  • OTP को एंटर करने के बाद आपका आधार और पैन लिंक हो जाएगा।
  • मोबाइल से मैसेज के जरिए ऐसे करें से लिंक

टैक्सपेयर्स आधार नंबर को पैन के साथ जोड़ना चाहते हैं उन्हें अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 567678 या 56161 पर एसएमएस भेजना होगा। इसका फॉर्मेट है UIDPAN<स्पेस><12 नंबरों का आधार कार्ड><स्पेस><10 digit PAN> फिर इसे 567678 या 56161 पर भेज दें।

ब्रेकिंग न्यूज: उत्तरी भारत दहला भूकंप के झटको से, उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में सहमे लोग



ऋषिकेश 21 मार्च। उत्तराखंड दिल्ली हिमाचल राजस्थान हरियाणा एनसीआर जम्मू कश्मीर सहित पूरा उत्तरी भारत में  भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अभी अभी आए भूकंप के तेज झटकों ने अफगानिस्तान पाकिस्तान तजाकिस्तान चीन  भारत को हिला कर रख दिया।  भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में बताया गया है, और भूकंप की तीव्रता 6.6 बताई जा रही है।  चीन ,पाकिस्तान, कजाकिस्तान और भारत में भी 10:20 पर यह झटके महसूस किए गए हैं।   लोग घरों से निकलकर सड़कों और खुली स्थान पर भाग खड़े हुए हैं। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक किसी तरह का   जान माल की हानि का कोई समाचार  प्राप्त नही हुआ है।

हिन्दी फ़िल्म जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री काजोल देवगन और तनीषा मुखर्जी पहुंची ऋषिकेश, की गंगा आरती



ऋषिकेश, 18 मार्च। हिन्दी फिल्म जगत की प्रसिद्ध अभिनेत्री काजोल देवगन और उनकी बहन तनीषा मुखर्जी दोनों बहने आज जौली ग्रांट एयरपोर्ट से ऋषिकेश पहुंची। वहां से वह गंगा आरती के लिए आज ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन पहुंची।

जहां उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से आशीर्वाद लेकर विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया ।

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि फिल्में समाज का दर्पण होती हैं। आज का युवा फिल्मों के माध्यम से बहुत कुछ ग्रहण करता है। अभिनेता और अभिनेत्री युवाओं के रोल माॅडल होते हैं इसलिये जरूरी है कि फिल्में उत्कृष्ट समाज को प्रतिबिंबित करती हो।स्वामी  ने कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व के सामने ग्लोबल वार्मिग और क्लाइमेंट चेंज की समस्यायें विद्यमान है। अगर फिल्मों के माध्यम से पर्यावरण और जल संरक्षण का संदेश प्रसारित किया जाये तो उसका असर गहरा और दूर तक होगा।फिल्मों के माध्यम से समाज का उत्कृष्ट स्वरूप प्रस्तुत करने के साथ ही हरियाली संवर्द्धन, पारम्परिक जीवन शैली और भारत की उत्कृष्ट जीवन शैली को प्रस्तुत किया जाये तो पीढ़ी दर पीढ़ी इस संदेश को प्रसारित किया जा सकता है।

इस मौके पर प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री काजोल ने कहा कि परमार्थ निकेतन की न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर एक उत्कृष्ट पहचान है। स्वामी जी ने भारतीय संस्कृति और संस्कारों की दिव्यता को बनाये रखने के लिये अद्भुत कार्य किये है। इस संदेेश को आज हम सभी यहां से लेकर जा रहे हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने काजोल देवगन, तनीषा मुखर्जी और उनकी सभी सहेलियों को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर उनका अभिनन्दन किया।

विधानसभा में वित्त मंत्री ने पेश किया 77 हजार 407 करोड़ का बजट, जोशीमठ के लिए 1000 करोड़ तो वही g20 सम्मेलन के लिए भी रखा 100 करोड़ रुपए का प्रावधान



ऋषिकेश/ देहरादून/भराड़ीसैण (गैरसैंण) 15 मार्च।भराड़ीसैंण विधानसभा सदन के भीतर आज उत्तराखंड वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्त बजट पेश किया।

बजट पेश करने पर वित्त व संसदीय कार्य मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को कैबिनेट मंत्री व भाजपा विधायकों ने मुंह मीठा कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बजट वर्ष 2025 को ध्यान में रखकर बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि सदन के भीतर प्रस्तुत 77 हजार 407 करोड़ का यह 2023-24 का बजट राज्य के सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें उद्यान विभाग के लिए 815 करोड़, उद्योग विभाग में 461 करोड, पर्यटन विभाग में 302 करोड़, शिक्षा व युवा कल्याण विभाग में 10469 करोड़, कृषि विभाग के लिए 1294 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 4217.87 करोड़ का बजट रखा गया है।

जबकि समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए 2850 करोड़, विकेंद्रीकृत विकास के अंतर्गत जिला योजना में 925 करोड़, लोक निर्माण विभाग के लिए 2791 करोड़, ऊर्जा विभाग के लिए 1251 करोड़ का मद रखा गया है।

उन्होंने कहा कि बजट में जोशीमठ व अन्य स्थानों में भू धंसाव व अन्य के अंतर्गत राहत कार्य के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान है, उन्होंने कहा कि बजट में जी-20 समिट के लिए 100 करोड रुपए का प्रावधान है। साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों में स्थापना कार्य के लिए तेरा सौ करोड़ जबकि अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के लिए दो सौ पंद्रह करोड़ का प्रावधान किया गया है।

मौके पर मौजूद मंत्री गण का विधायक गणों ने वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को मिठाई खिलाकर बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस बजट से सभी वर्गों को लाभ मिलेगा।

इस दौरान विधायक दुर्गेश्वर लाल, डॉ मोहन बिष्ट, सुरेश चौहान, सुरेश चौहान, महेश जीना, रेणु बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, आदेश चौहान, विनोद कंडारी, विनोद चमोली आदि विधायक गण उपस्थित रहे।

केन्द्रीय पूल से मार्च-2024 तक की अवधि हेतु उत्तराखंड को 400 मेगावाट अतिरिक्त कोटा उपलब्ध कराये जाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से की भेंट, साथ ही मार्च-2023 के लिए राज्य को केन्द्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत प्रदान किये पर दिया धन्यवाद



 

देहरादून दिल्ली 11 मार्च। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री  आर के सिंह से भेंट कर माह मार्च-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य को केन्द्रीय पूल से 300 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत प्रदान किये पर धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरणीय कारणों से राज्य में निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण में विलम्ब अथवा इनके माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने के फलस्वरूप विद्युत मांग के सापेक्ष विद्युत उपलब्धता में कमी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में बेस लोड हेतु तापीय विद्युत गृह का उपलब्ध न होने, बीती शीत ऋतु में कम वर्षा एवं बर्फबारी के फलस्वरूव अभी से ही नदियों में कम जलस्तर के फलरूवरूव प्रदेश के जलविद्युत उत्पादन में कमी परिलक्षित होने के कारण उत्तराखण्ड राज्य की विद्युत मांग एवं उपलब्धता में वर्ष 2023-24 में औसतन 400 मेगावाट का अन्तर अनुमानित है।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य को इस संभावित विद्युत संकट मुक्त करने हेतु केन्द्रीय पूल से मार्च-2024 तक की अवधि हेतु 400 मेगावाट अतिरिक्त कोटा उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध किया। जिस पर केंद्रीय मंत्री द्वारा सकारात्मक निर्णय का आश्वासन प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री ने टी0एच0डी0सी0, खुर्जा के आवंटन पर पुर्नविचार किए जाने अथवा उत्तराखण्ड राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को संबल प्रदान जाने के उद्देश्य से इस पावर स्टेशन की 133 मेगावाट की अनावंटित क्षमता, उत्तराखण्ड राज्य को आवंटित करने का भी अनुरोध किया।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश हेतु बेस लोड विधुत गृह कोयला की उपलब्धता वाले प्रदेशों में स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य को आवश्यक सहयोग प्रदान करेगी।

प्रदेश की लंबित जल विधुत परियोजनाओं पर शीघ्र ही प्रधानमंत्री कार्यालय स्तर पर बैठक आयोजित की जायेगी।
केंद्रीय दल द्वारा उत्तराखंड में विधुत आपूर्ति और आवश्यकता का अध्ययन कर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी जोशीमठ में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद में पुनर्निर्माण कार्यों में मदद हेतु भी आश्वासन प्रदान किया गया। लोहारी नागपाला परियोजना में सुरक्षा कार्य पूर्ण करते हुए योजना को उत्तराखंड राज्य को हस्तगत कराने का भी निर्णय लिया गया।केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड स्थित गैस पावर प्लांट के पुनः संचालन का भी सुझाव दिया।

बैठक में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारी, उत्तराखंड के सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

परमार्थ निकेतन में ‌‌अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव – 2023 का शुभारंभ , राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि)  गुरमीत सिंह करेंगें  15 सो ‌‌‌‌ से अधिक योग जिज्ञासुओं, प्रतिभागियों और 25 से अधिक देशों से 75 से अधिक योग प्रशिक्षक सहभाग कर रहे  हम होली के अवसर पर योग के हो-ले, प्रभु और स्व से जोड़ता है योग -स्वामी चिदानन्द सरस्वती



ऋषिकेश, 07 मार्च ।  परमार्थ निकेतन में 35 वें अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ बुधवार की सुबह प्रदेश के राज्यपाल पूर्व लेफ्टिनेंट गुरमीत सिंह करेंगे। जिसमें विश्व के 90 देशों से लगभग 50 विदेशी 25 से अधिक देशों से 75 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में प्रशिक्षण देंगे। यह जानकारी मंगलवार को ‌परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक डा साध्वी भगवती सरस्वती  ने  पत्रकारों को देते हुए  बताया कि  अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश द्वारा अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोेत्सव की शुरूआत औपचारिक रूप से ‌विश्व शान्ति यज्ञ के साथ हुयी जिसमें सभी आगंतुकों का स्वागत किया गया।

इस अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती  ने बताया कि आज सेे कई  वर्ष ‌पूर्व 16 से 18 प्रतिभागियों के साथ योग की इस यात्रा की शुरूआत हुयी थी‌,जो आज एक वटवृक्ष की तरह विशाल हो गया है और पूरे विश्व को योगमय करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष अब तक 88 देशों से लगभग एक हजार प्रतिभागियों ने पंजीकरण कर लिया है ,तथा 25 से अधिक देशों से 75 योगाचार्य अपनी उत्कृष्ट विधाओं के साथ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभाग कर रहे हैं।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि योग खुद से जुड़ने की यात्रा है, और यही संदेश हमारे पर्व और त्यौहार भी हमें देते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से वैश्विक स्तर तक भारत की अमूल्य धरोहर योग, अतुलनीय संस्कृति, वसुधैव कुटुम्बकम् का मंत्र और विविधता में एकता की संस्कृति को पहंुचाने का प्रयास करते हैं उसमें मीडिया की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से हम भारत में पूरे विश्व का दर्शन करते हैं तथा पूरा विश्व माँ गंगा के इस पावन तट पर पूरे भारत को देखता हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के अनेक देशों से सेवा देने आये साधकों को स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने संदेश दिया कि यह योग महोत्सव खुद को संवारने, तराशने और तलाशने का है। आप सभी प्रभु के यंत्र के रूप में अपनी सेवायें प्रदान करें। मैट पर योग करने के साथ ही आपस में भी योग (मेलजोल) करें यही वास्तव में योग है। यह अन्तर्राष्ट्रीय फेस्टिवल के साथ अन्तर (आत्मा) का भी पर्व है।

विशेष योगाभ्यास में – प्रातः 4ः30 बजे से रात 9ः30 बजे तक होगी, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, आयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, गंगा योग, ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, रेकी, लीला योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, डीप योग, नाड़ी योग एवं भारतीय दर्शन, डाॅस आफ प्राण, द रूट आफ यम, योग राग, सूर्योदय नाद, श्रीकृष्ण बांसुरी राग, कास्मिक हार्ट, की भी कक्षायें सम्पन्न होगी। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों, धर्मगुरूओं, विशेषज्ञों, राजनेताओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में होगा।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के माध्यम से वैश्विक स्तर पर भारत की संस्कृति, दर्शन, समृद्ध विरासत, धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने हेतु विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है।

भारत, अफगानिस्तान, अल्बानिया, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बोस्निया और हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राज़ील, बुल्गारिया, कंबोडिया, कनाडा, चाड, चीन, कोलंबिया, क्रोशिया, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, यूरोपीय संघ ईयू, फॉकलैंड, आइलैंड, फिनलैंड, फ्रांस, गैबॉन, जॉर्जिया, जर्मनी, घाना, यूनान, हांगकांग, आइसलैंड, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजराइल, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, कुवैत, लाओस, लिथुआनिया, मलेशिया, माली, माल्टा, मॉरीशस, मेक्सिको, मंगोलिया, मोंटेनेग्रो, मोरक्को, मोजाम्बिक, नामिबिया, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, ओमान, पेरू, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, श्रीलंका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताजिकिस्तान, तंजानिया, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे, उज्वेकिस्तान, वेनेजुएला, वियतनाम आदि अन्य अनेक देशों के 15 सो ‌‌‌‌ से अधिक योग जिज्ञासुओं, प्रतिभागियों और 25 से अधिक देशों से 75 से अधिक योग प्रशिक्षक सहभाग कर रहे हैं।

हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से की शिष्टाचार भेंट, श्यामपुर फाटक समेत अनेक समस्याओं पर की चर्चा, केंद्रीय मंत्री ने सभी मांगों को किया सहज स्वीकार



ऋषिकेश 06, मार्च । योग नगरी ऋषिकेश में आज उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से एक शिष्टाचार भेंट की। भेट के दौरान सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने ऋषिकेश, हरिद्वार, देहरादून जनपदो में फ्लाईओवर रोड कनेक्टिविटी को लेकर भी चर्चा की। जिसमें मुख्य रूप से निम्न मांगों पर नितिन गडकरी को अवगत कराया।

श्यामपुर फाटक ऋषिकेश में फ्लाईओवर का निर्माण जिससे क्षेत्र की जनता को हो रहे ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत मिलेगी

ग्राम डालूवाला-लालवाला- धनौरी मार्ग में रिठौरा ग्रान्ट के पास रतमऊ नदी पर पुल निर्माण किये जाने

आईएसबीटी से ट्रांसपोर्ट नगर तक बने फ्लाईओवर का डाट मन्दिर तक विस्तारीकरण किये जाने

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत लिंक रोड पर मानक पुर आदमपुर इंटर चेंज हेतु

मंगलौर ओवर ब्रिज से रूड़की रेलवे फाटक ओव ब्रिज

रामपुर चुंगी रूड़की से सालियर हाईवे ब्रिज तक मोटर मार्ग का चौड़ीरण कर डबल लेन मोटर मार्ग निर्माण

मनसादेवी ऋषिकेश में फ्लाईओवर निर्माण

 गुमानीवाला, ऋषिकेश निकट श्यामपुर पुलिस चौकी में फ्लाईओवर निर्माण

 हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं एवं समसामयिक विषयों पर चर्चा हुई।

जिसका केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने नितिन गडकरी ने हरिद्वार सांसद को आश्वासन देते हुए सभी मांगों को सहज स्वीकार कर लिया। 

उत्तराखंड में उठने लगी वायरोलॉजी लैब की मांग , पीएम मोदी ने देश में चार जोन में वायरोलॉजी लैब स्थापित करने की बात कही नॉर्थ जोन के लिए उत्तराखंड की दावेदारी के लिए राज्यसभा में उठा मुद्दा



ऋषिकेश 11 फरवरी। स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाए जाने एवं विश्वस्तरीय शोध हेतु भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान नेशनल इंस्टीट्ययूट ऑफ वायरोलॉजी एवं एकीकृत परिषद ( इंटीग्रेटेड काउंसिल) को उत्तराखंड में भी स्थापित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी मन की बात में इसका जिक्र किया है। उत्तराखंड की राज्यसभा सांसद कल्पना सैनी ने राज्यसभा में भी इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया।

ऋषिकेश एम्स के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर जितेंद्र गैरोला ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि इस संबंध में उन्होंने प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी सहित राज्य सरकार के अन्य मंत्रियों से पत्राचार कर  इंटीग्रेटेड कांउसिल ओर संस्थान को स्थापित करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उन्हें अवगत कराया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाए जाने और विश्वस्तरीय शोध हेतु उत्तराखण्ड में इंटीग्रेटेड कांउसिल स्थापित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया इस सम्बन्ध में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) का एक क्षेत्रीय परिषद गठन किया जा सकता है।

डॉ0 गैरोला ने मुख्यमन्त्री धामी के साथ स्वास्थ्य सेवाओं के बावत चर्चा करते हुए उत्तराखण्ड में आईसीएमआर के अस्तित्व और राज्य हित में इसके महत्व को बारीकी से समझाया।उल्लेखनीय है कि आयुष्मान भारत इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत भारत सरकार की ओर से जोनल स्तर पर ( उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) क्षेत्रों में 4 अलग-अलग स्थानों पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी स्थापित किए जाने हैं। इस योजना का उद्देश्य भविष्य में समय-समय पर सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चलते तेजी से फैलने वाली कोविड-19 जैसी महामारी से निपटने में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त राज्य में इस संस्थान की स्थापना हो जाने से नई एंटी वायरल दवाइयों पर शोध, डायग्नोस्टिक किट एवं वैक्सीन भी व्यापक स्तर पर बनाई जा सकेगी।राज्य सभा सांसद डॉ0 कल्पना सैनी भी इस मुद्दे को राज्य सभा में उठा चुकी हैं।

उन्होने बताया कि इस सम्बन्ध में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूरी भूषण, पूर्व मुख़्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, पूर्व केन्द्रीय मन्त्री और हरिद्वार सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल एवं रायपुर विधायक उमेश काऊ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपते हुए उनके समक्ष भी इस मांग को रखा।

डॉ. जितेन्द्र गैरोला ने इस बारे में बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की कोई भी इकाई अभी तक उत्तराखण्ड में स्थापति नहीं की गयी है। लिहाजा उत्तरी क्षेत्र के राज्यों में संक्रमण रोगों की निरंतर निगरानी के लिए यह महत्वपूर्ण होगा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी) उत्तराखंड में स्थापित किया जाए। इसकी स्थापना से संक्रामक रोगों के निदान में उत्तराखंड राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में स्वास्थ्य अनुसंधान के लिए एकीकृत परिषद ( इंटीग्रेटेड काउंसिल) स्थापित होनी चाहिए।

उन्होंन कहा कि एकीकृत परिषद के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा में शोध हेतु एक राज्यस्तरीय मल्टी-सेक्टोरल मॉडल बनाया जा सकता है। इससे वैकल्पिक चिकित्सा (इंटीग्रेटेड मेडिसिन ) को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, यह समग्र रणनीति राज्य में स्वास्थ्य देखभाल और नवाचारों में वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए कई विषयों को एक साथ लाने में सफल होगी। गौरतलब है कि डॉ. जितेन्द्र गैरोला की हाल ही में ’राष्ट्रीय एकीकरण एवं वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता’ नाम से एक पुस्तक भी प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक में उन्होंने वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता और कोरोना महामारी से सीख जैसे मुद्दों को बड़ी गंभीरता से उठाया है।

बताते चलें ऋषिकेश एम्स के वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर जितेंद्र गैरोला लगातार सरकार से उत्तराखंड की पैरवी कर रहे हैं जिसमें केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही साइड निरीक्षण की बात कही गई है अगर सब ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड में वायरोलॉजी लैब स्थापित होने के बाद शोध शुरू हो जाएंगे

भारतीय क्रिकेटर स्टार विराट कोहली परिवार संग पहुंचे ऋषिकेश, नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु दयानंद स्वामी आश्रम में जमाया डेरा



ऋषिकेश 31 जनवरी। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी मां सरोज कोहली और पत्नी अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती के ऋषिकेश स्थित आश्रम में पहुंचे।

यहां उन्होंने गुरु की समाधि पर पुष्प अर्पित कर ध्यान लगाया।भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली परिवार के साथ सोमवार सुबह जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लाक स्थित मोहनचट्टी के एक रिसार्ट में पहुंचे।शाम करीब पांच बजे विराट, अनुष्का और उनकी मां सरोज ऋषिकेश के शीशम झाड़ी स्थित स्वामी दयानंद आश्रम पहुंचे।

बता दें कि स्वामी दयानंद सरस्वती प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु थे। उनसे मुलाकात करने के लिए प्रधानमंत्री स्वयं यहां आए थे। बाद में स्वामी दयानंद सरस्वती ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने आश्रम पहुंचने के बाद सबसे पहले स्वामी दयानंद सरस्वती की समाधि स्थल पर उनकी प्रतिमा में पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की। उन्होंने यहां करीब 20 मिनट तक ध्यान भी लगाया।आश्रम परिसर में स्थित भगवान शंकर के मंदिर में उन्होंने पूजा-अर्चना की आश्रम आगमन के बाद विराट, अनुष्का और उनकी मां सरोज ने दयानंद आश्रम के अध्यक्ष स्वामी साक्षातकृता नंद महाराज से आशीर्वाद लिया।

रात को वह यहीं आश्रम में ही प्रवास किया। शाम करीब साढ़े सात बजे उन्होंने आश्रम की रसोई में बना भोजन किया। उन्होंने अपने ही कक्ष में रोटी, सब्जी, खिचड़ी, कढ़ी खाई ।

आश्रम के प्रबंधक गुणानंद रयाल ने बताया कि आश्रम पद्धति के अनुरूप विराट व उनका परिवार यहां अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। आश्रम में नियमित होने वाली सुबह सात से नौ के बीच योग क्लास में भी वह शामिल होंगे।

रायवाला में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक का शुभारंभ दूसरे दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया राजनीतिक प्रस्ताव पर चर्चा जारी



ऋषिकेश, 30 जनवरी । भारतीय जनता पार्टी की रायवाला में स्थित दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को दूसरे दिन कार्यक्रम का शुभारंभ देवेंद्र शास्त्री सभागार में किया ।

बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव के साथ संगठनात्मक रूप से प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर विचार किया गया। इसमें एक भारत श्रेष्ठ भारत, के साथ प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर भी मंथन हुआ।

इस दौरान प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, टिहरी की सांसद माला राज लक्ष्मी शाह, सांसद अजय टम्टा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद भट्ट, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक सहित प्रदेश के सभी मंत्री विधायक एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।