Category: धर्म
ऋषिकेश स्थित त्रिवेणी घाट पर सर्वपितृ अमावस्या को हजारों ने अनुष्ठान कर पितरों की मुक्ति के लिए किया तर्पण
ऋषिकेश, 14 अक्टूबर । सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर फिर से नगरी ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट सहित लक्ष्मण झूला तक सभी घाटों पर अपने पितरों की मुक्ति के लिए किए गए श्रद्धालुओं द्वारा अनुष्ठान के साथ ही पितरों की विदाई करते हुए पितृपक्ष यानि श्राद्ध पक्ष का समापन हुआ।
शनिवार को अमावस्या पर जिन भूले बिसरे पितरों की मृत्यु की तिथि पता नहीं होती, उनका श्राद्ध किया गया। साथ ही जिन्होंने आश्विन पूर्णिमा पर श्राद्ध नहीं किया, उन्होंने भी सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध और तर्पण कर पितरों की मोक्ष पर प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने देवभूमि ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर स्नान कर पुण्य अर्जित किया। सर्वपितृ अमावस्या को पितृविसर्जनी अमावस्या या महालय समापन अथवा महालय विसर्जन के नाम से भी जाना जाता है। महालय के दिन ही सभी पितरों की विदाई होती है। वैसे भी आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन पितर श्राद्ध तर्पण की आशा में अपने वंशजों के द्वार आते हैं, लेकिन अगर उन्हें पिंडदान न दिया जाये तो ऐसा कहा जाता है कि वह श्राप देकर वापस चले जाते हैं। इसलिये सर्वपितृ विसर्जन के दिन पितरों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
शनिवार को अमावस्या पर सुबह से ही त्रिवेणी घाट पर अपने पितरों के निमित्त तर्पण व कर्मकांड संम्पन्न कराने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। लोगों ने पितरों के निमित्त वस्त्र, भोजन सहित अन्य वस्तुएं दान दी। इस दौरान लोगों ने हवन व तर्पण कर अपने पितरों को मोक्ष मिलने की कामना की।
त्रिवेणी घाट पर बड़ी गाड़ियों के प्रवेश से दिनभर रहा जाम
सर्वपितृ अमावस्या पर त्रिवेणी घाट में भारी अव्यवस्थाओं का झोल देखने को मिला।सुबह से ही घाट पर हजारों श्रद्वालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी।इसके बावजूद पुलिस प्रशासन की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नही की गई थी।बड़ी गाड़ियों के घाट पर प्रवेश के चलते दिनभर उग्रसेन द्वार से लेकर त्रिवेणी घाट मुख्य द्वार तक जाम लगा रहा।
पाकिस्तान से उत्तराखंड की यात्रा पर पहुंचे हिंदू यात्रियों का ऋषिकेश में किया गया भव्य स्वागत -भारत और पाकिस्तान की संस्कृति में विशेष अंतर नहीं-कपिल कुमार
ऋषिकेश, 04 अक्टूबर । पाकिस्तान से उत्तराखंड के ऋषिकेश हेमकुंड गुरुद्वारे में हेमकुंड की यात्रा के लिए पहुंचे, 65 लोगों के हिंदूओं के जत्थे का वाहेगुरु दा खालसा वाहेगुरु जी फ़तेह के उद्घोष के साथ जबरदस्त स्वागत किया गया।
पाकिस्तान के कराची शहर से कपिल कुमार और ईश्वर सिंह के नेतृत्व में पहुंचे 65 हिंदू यात्रियों का ऋषिकेश में बुधवार को भव्य स्वागत किया गया .जिनके स्वागत से गदगद यात्रियों ने दिल्ली शीशगंज साहिब में दिल्ली के अध्यक्ष परमजीत सिंह चंदोक ने उनका भव्य स्वागत किया, तो वही ऋषिकेश पहुंचने पर हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह के नेतृत्व में वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी फ़तेह के उद्धघोष के साथ भव्य स्वागत किया गया ।
इस दौरान कपिल कुमार जो कि कराची से 47लोगों के साथ और ईश्वर सिंह 18 लोगों के जत्थे के साथ ऋषिकेश पहुंचे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और भारत की संस्कृति में कोई ज्यादा अंतर नहीं है, वह पाकिस्तान में भी अपने आप को काफी सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि वहां कि सरकार हमें गुरुद्वारों में सभी प्रकार के कार्यक्रम किए जाने की अनुमति पूरी सुरक्षा के साथ देती है। कपिल कुमार ने बताया कि 65 लोगों का जत्था कराची से 26 तारीख को चला था ।जिसने 27 सितम्बर को बाघा बॉर्डर क्रॉस किया था। इसके बाद वह सीधा 28 सितंबर को दिल्ली पहुंचा, और वहां 6 दिन रहने के बाद आज 4 सितंबर को ऋषिकेश पहुंचा है। जहां उनका भव्य स्वागत किया गया ।इसके बाद वह कल हेमकुंड साहिब की यात्रा पर निकलेंगे, उन्होंने कहा कि भारत में पहुंचने पर उनका दिल्ली और ऋषिकेश में जो स्वागत किया गया है। वह उससे काफी अभिभूत है। हेमकुंड की यात्रा करने के बाद सीधे वापस अमृतसर जाएंगे ,और वहां स्वर्ण मंदिर में शीश नवाने के बाद सीधे कराची के लिए रवाना हो जाएंगे।
राष्ट्रीय हिंदू संगठन ने अपने 11वे स्थापना दिवस का किया आयोजन, संगठन ने ऐप भी किया लॉन्च
ऋषिकेश, 30 सितम्बर। हिंदू धर्म ही है जो विश्व का कल्याण चाहता है, जिसे बचाए रखने के लिए सभी हिंदुओं को एकजुट होकर जागरूकता के साथ संगठित होना होगा।
यह विचार शनिवार को ऋषिकेश हरिद्वार मार्ग पर स्थित खटला मंदिर में राष्ट्रीय हिंदू संगठन के 11वें स्थापना दिवस पर आयोजित सुभाष सैनी की अध्यक्षता और जेएस भंडारी के संचालन में आयोजित सम्मेलन के दौरान मुख्य वक्ता गोविंद सिंह रावत ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन धर्म बहुत पुराना धर्म है, लेकिन आज उसे कुछ सनातन विरोधी ताकतों द्वारा समाप्त किए जाने की चेतावनी दी जा रही है। यह कोई मामूली चेतावनी नहीं है, यह एक हिंदू समाज व सनातन धर्मियों के लिए विचारणीय विषय है।
उन्होंने कहा कि हालांकि सनातन धर्म को कोई मिटा नहीं सकता उसे मिटाने वाले औरंगजेब, बाबर जैसे सनातन धर्म विरोधी आताताई जैसे खुद ही मिट गए हैं, उन्होंने कहा कि आज हिंदू समाज विरोधी ताकते गरीबों के बीच अपनी घुसपैठ कर हमारी मां बहनों के साथ दुराचार कर रही है जो कि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसके प्रति सभी लोगों को जागरुक होकर अपने धर्म को बचाने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।
इस दौरान महंत कृष्णानंद, स्वामी धर्मदास, स्वामी सौरभ दास, ने भी अपने विचार व्यक्त किये।इसी के साथ संगठन के प्रदेश सचिव सुभाष सैनी ने राष्ट्रीय हिंदू संगठन के आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा के साथ , देश में प्रमुख स्थानों पर गुरुकुलों की स्थापना किए जाने, संगठन द्वारा निशुल्क केंद्रखोलने, 22 शहरों में प्रदेश कार्यालय खोले जाने, सभी जनपदों में क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने, 21 लाख लोगों का इस साल तक सदस्य बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किये जाने की जहां जानकारी दी ,वहीं इसी के साथ उन्होंने संगठन का एप भी लॉन्च किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि जवाहरलाल त्रिपाठी,प्रदेश मंत्री सुभाष सैनी ,जिला प्रभारी रमेश त्रिपाठी जिला अध्यक्ष जे एस भण्डारी, जिला महामंत्री संजीव गुप्ता, जिला मंत्री ऋषभ गौड़, जिला मंत्री पन्नालाल कोठियाल, नगर मंत्री अविनाश सेमलटी , कोषाध्यक्ष आशा भट्ट, एवं नगर अध्यक्ष योगेश मालियान, संजीव चौधरी ,एवं काफी संख्या में हिंदू संगठनों से जुड़े लोग उपस्थित थे।
तीर्थ नगरी ऋषिकेश में गणेश मंदिरों में श्रद्धापूर्वक सिद्धिविनायक गणेश जी की विधि विधान से की मूर्ति स्थापना,महापौर ने शहरवासियों को दी गणेश चतुर्थी पर्व की बधाई
ऋषिकेश, 19 सितम्बर। गणेश चतुर्दशी के अवसर पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश के तमाम गणेश मंदिरों के साथ घरों में श्रद्धालुओं ने सिध्दीविनायक गणेश जी की विधि विधान से मूर्ति स्थापना की।
मंगलवार को नगर में सार्वजनिक मूर्ति स्थापना दिवस मनीराम मार्ग पर स्थित श्री गणपति सेवा मंडल, श्री गंगेश्वर बजरंग महादेव ,स्वामी जगन्नाथ मंदिर, मां जानकी रसोई ,जय गुरुजी संगत और श्री खाटू श्याम मंदिर न्यास ऋषिकेश के सहयोग से आयोजित किया गया ।
गणेश चतुर्थी पर्व पर मेयर अनिता ममगाईं ने नगर वासियों को गणेश चतुर्थी की बधाई दी है।देशभर के साथ देवभूमि में भी रिद्धि-सिद्धि के दाता श्रीगणेश मंगलवार को घर-घर विराजे। तीर्थनगरी में मेयर अनिता ममगाई ने आर्दश ग्राम पुष्कर मंदिर में एवं श्री गणपति सेवा मंडल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर गणपति बप्पा की पूजा अर्चना कर सुख और सृमद्धि की मंगल कामना की। शहर में गणेश उत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्तहर्ष और उल्लास है। भगवान गणेश के जन्म उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेशजी को बुद्धि, समृद्धि, सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह उत्सव दस दिन बाद अनंत चतुर्थी के दिन समाप्त होता है। गणेश चतुर्थी पर्व की बधाई देते हुए महापौर ने कहा कि पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। उन्होंने पर्व पर शहरवासियों के तमाम विघ्न दूर करने और परिवार में सुख सृमद्धि की मंगलवार कामना भी की।उधर श्री गणेश चतुर्थी पर्व के मौके पर श्रद्धालुओं ने घरों में ही भगवान गणपति की प्रतिमा की स्थापना की। श्रद्धालुओं ने आस्था और विश्वास के साथ भगवान गणेश की स्तुति की। बाजारों में भी रौनक देखने को मिली।
वहीं ऋषिकेश लक्ष्मण झूला मार्ग पर स्थित बगलामुखी पीठ में पीठ के संस्थापक स्वामी राहुलेश्वरानंद की अध्यक्षता व आदर्श ग्राम स्थित गणेश मंदिर में भी हर गोपाल अग्रवाल और अशोक अग्रवाल के संचालन में विधि विधान से विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, श्री गणपति सेवा मंडल महोत्सव 2023 की जानकारी देते हुए आलोक चावला ने बताया कि गणेश उत्सव के दौरान स्वामी जगन्नाथ आश्रम ऋषिकेश के अध्यक्ष मंहत लोकेश दास की अध्यक्षता में मूर्ति स्थापना के पश्चात विनोद राजन द्वारा गणेश जी की वंदना की गई, इस दौरान धीरज चथरज ,कृष्ण चतुर्वेदी बावरे मुंबई द्वारा एक शाम भोले के नाम भी आयोजित की गई ,इसी के साथ कार्यक्रम के दूसरे दिन 20 सितम्बर की सुबह 11:00 बजे गणपति की आरती, मोनू डंग, सतीश पांथरी, हेमंत डंग, राजीव अग्रवाल ,दक्षेस चंदानी, अनिल द्विवेदी ने की।
जिसकी मुख्य अतिथि नगर निगम महापौर अनीता ममगांईं थी। ,अतिरिक्त ज्योति शर्मा, मनीष शर्मा पटियाला की ओर से माता की चौकी आयोजित की जाएगी, 21 सितम्बर को उदित नारायण एवं अनुभव नारायण अनुष्का भटनागर मंदसौर मध्य प्रदेश द्वारा एक शाम खाटू श्याम बाबा के नाम होगी, 22 सितंबर को विजेंद्र शर्मा रोहित राजस्थानी द्वारका दिल्ली द्वारा एक शाम सांईं नाथ बाबा के नाम आयोजित की जाएगी। इसी के साथ अंतिम दिन इस दौरान ईशा नागपाल एवं मास्टर मनोज दिल्ली द्वारा सत्संग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी।
श्री बदरीनाथ मंदिर में किसी भी तरह की कोई नई दरार और भू-धंसाव को नकारते हुए बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ने दिया स्पष्टीकरण, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) की रिपोर्ट का दिया हवाला
देहरादून : 14 सितंबर। श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने कहा है श्री बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में कोई नयी दरार नहीं देखी गयी है और नहीं बदरीनाथ मंदिर क्षेत्र में भू-धंसाव हो रहा है।
बीकेटीसी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) द्वारा बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार में पहले से आयी हल्की दरारों का मरम्मत कार्य चल रहा है। वर्तमान में कोई भी नयी दरार नहीं दिखी है।
उल्लेखनीय है कि श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने वर्ष 2022 में शासन को पत्र लिखकर बदरीनाथ मंदिर के सिंह द्वार पर आयी हल्की दरारों के विषय में अवगत कराया था। तत्पश्चात शासन ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ( एएसआई) को इस इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। इस क्रम में जुलाई 2022 में एएसआई ने मरम्मत की कार्य योजना तैयार की थी।
अक्टूबर 2022 को एएसआई ने सिंह द्वार की दरारों पर ग्लास टायल्स (शीशे की स्केलनुमा पत्तियां) फिक्स कर दी थीं, जिससे यह पता लग सके की दरारें कितनी चौड़ी हुई हैं। 09 अगस्त, 2023 को ग्लास टायल्स के अध्ययन के बाद एएसआई ने ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया था। तब दरारों में कोई खास बदलाव नहीं आंका गया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सिंह द्वार के ट्रीटमेंट कार्य के अंतर्गत पहले चरण में सिंह द्वार के दायीं ओर ट्रीटमेंट कार्य किया जा चुका है। अब बायीं ओर की दरारों पर ट्रीटमेंट प्रस्तावित है। इस तरह स्पष्ट है कि सिंह द्वार पर दरारें बहुत पहले से हैं, जिसका ट्रीटमेंट कार्य किया जा रहा है।