कांवड़ मेले की सुरक्षा को लेकर मुनी की रेती पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर चलाया सघन चेकिंग अभियान,  



ऋषिकेश 6 जुलाई। कांवड़ मेले में नीलकंठ महादेव के दर्शनों को आ रहे कावड़ियों और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद टिहरी गढ़वाल नवनीत भुल्लर के निर्देशानुसार आज मुनी की रेती पुलिस द्वारा सघन चेकिंग अभियान चलाया गया।

कांवड़ मेला की सुरक्षा को लेकर  वीरेन्द्र दत्त ढोबाल अपर पुलिस अधीक्षक टिहरी गढ़वाल एवम रवींद्र कुमार चमोली क्षेत्राधिकारी नरेन्द्र नगर के निर्देशन में  प्रभारी निरीक्षक मुनि की रेती रितेश शाह द्वारा  बम डिस्पोजल स्क्वाड, डॉग स्क्वायड, क्यू आर टी,जल पुलिस, टीम के साथ जानकी पुल, आस्था पथ, कैलाश गेट पार्किंग, चंद्रभागा पार्किंग में विशेष चेकिंग आभियान चलाया गया। एवम ड्यूटी में लगे पुलिस बल को आवश्यक निर्देश दिए गए।

करोड़ों शिव भक्तों की आस्था के प्रतीक कावड़ मेले का पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद के बीच हुआ शुभारंभ, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने संभाला मोर्चा, तीर्थ नगरी ऋषिकेश गुलजार हो उठा शिव भक्तों से



ऋषिकेश,04 जुलाई। करोड़ों शिवभक्तों की आस्था के प्रतीक कांवड मेले का शुभारंभ हो गया।शिव की आराधना के सावन मास के पहले दिन एक लाख से ज्यादा शिवभक्तों ने मणिकूट पर्वत स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया।

मंगलवार से सावन मास के कांवड़ मेले का विधिवत आगाज हो गया।शिवधाम नीलकंठ महादेव मंदिर में मेले के प्रथम दिन ही शिवभक्तों का हजूम उमड़ पड़ा।कांवड़ मेला आस्था और विश्वास का ऐसा पर्व है, जिसमें रंगने को हर कोई आतुर रहता है। यही वजह है कि यात्रा की शुरुआत में ही शिवभक्तों की जबरदस्त भीड़ आज तीर्थ नगरी से नीलकंठ की और हर हर महादेव के उद्वोषों से दिनभर पग भरती नजर आई।शिवधाम जाने वाले समस्त मार्ग शिवभक्तों से गुलजार रहे।

बम-बम भोले के जयकारों के बीच श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे थे। यात्रा में आस्था के अनोखे रंग नजर आ रहे हैं।उत्तराखंड में पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में सावन मास शुरू हो चुका है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा सच्चे मन से करता है उसकी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है। इसके साथ ही कन्याओं को सुयोग्य वर प्राप्ति का भी आशीर्वाद मिलने की मान्यता है।

इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की शुरुआत उनके अभिषेक के साथ होती है।सावन के कांवड़ मेले के लिए शिवधाम नीलकंठ महादेव मंदिर को खासतौर पर सजाया गया है।जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत मणिकूट पर्वत की तलहटी पर स्थित पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचे। पुलिस कंट्रोल रूम जनपद पौड़ी गढ़वाल के मुताबिक सोमवार की देर रात तक हजारो श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने को पहुंचे।

व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे ने यही कैंप किया।इस वर्ष प्रदेश पुलिस प्रशासन को यहां भारी भीड़ के आने की सूचना मिल रही थी। यही कारण है कि राज्य पुलिस प्रशासन से जुड़े बड़े अधिकारी पिछले एक सप्ताह के भीतर कई बार यहां पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा ले चुके हैं।

इस वर्ष कांवड़ यात्रा में भारी भीड़ आने की संभावना को देखते हुए समूचे नीलकंठ मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। बम निरोधक दस्ता, स्वान दल सहित खुफिया विभाग की टीम निरंतर क्षेत्र में सक्रिय है। जलाभिषेक के वक्त किसी को भी ज्यादा समय रुकने की इजाजत नहीं है, क्योंकि यहां पर भीड़ का दबाव बनने की पूरी संभावना बनी हुई थी। महादेव के दरबार में जल स्पर्श कराने के बाद श्रद्धालु जल पात्र को मंदिर परिसर में ही छिड़क रहे हैं।

श्रावण मास के पहले दिन शिव भक्तों ने नीलकंठ में विधि विधान से आरती कर मनोकामना सिद्धि के लिए किया जलाभिषेक इस बार अधिमास होने से रहेगा, 59 दिन का श्रावण- भूपेंद्र गिरि



ऋषिकेश,04 जुलाई । नीलकंठ महादेव में मंदिर में श्रावण मास के पहले दिन लगभग शिव भक्तों ने भगवान नीलकंठ महादेव की विधि विधान से आरती कर मनोकामना सिद्धि के लिए जलाभिषेक किया।

इस दौरान भक्तों ने नीलकंठ महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक और भस्म आरती भी की । जिसमें मंदिर के पुजारियों द्वारा बाबा नीलकंठ को दूध दही का अभिषेक किया गया। वही बाबा नीलकंठ महादेव का भव्य श्रृंगार भी किया गया था, इसके बाद अखाड़े के गादीपति शिवानंद गिरी महाराज द्वारा भगवान को भस्मी अर्पित की गई। इसके बाद बाबा की आरती प्रारंभ हुई जिसे देख श्रद्धालु अभिभूत हो गए। यह पूरा सिलसिला अब दो महीने तक लगातार चलता रहेगा, और बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए हर हर महादेव के उद्घोष के साथ पहुंचने शुरू हो गए हैं।

इस दौरान षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा भूपेंद्र गिरी ने कहा कि भगवान शिव पार्वती और वेद व्यास जी के परम प्रिय शिष्य शुद्ध जी को कहते हैं, कि सावन मास मेरे को इसलिए प्रिय है, कि जब समुद्र मंथन में कालकूट विष पीने की वजह से भगवान शिव की जो उछलता बढ़ गई थी। उनकी शीतलता और शांति के लिए देवा दी देव महादेव के सभी कार्यों को सम्पन्न करवाने के लिए ब्रह्मा जी के द्वारा विष्णु भगवान के लिए जलाअभिषेक किया गया था। वह सावन मास में किया गया था, इसी के साथ सती के सती होने के बाद पार्वती जी का जब अवतरण हुआ तो सती ने पार्वती जी से भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए इसी सावन मास में निर्जल रहकर भगवान शिव की आराधना की थी , और भगवान के रुद्राभिषेक से भगवान को प्रसन्न किया था। उसी के पश्चात भगवान शिव ने पार्वती जी से पानी ग्रहण किया, इसलिए भगवान शिव कहते हैं कि यह सावन मेरे को बहुत प्रिय है। भगवान विष्णु एकादशी से देव उठानी एकादशी तक जप करते हैं। आलोक में तो उनके पालन का जो पोषण का जो कार्यभार है, वह भी भगवान शिव पर है। जो कि 2 महीने का रहता है। जिसके कारण यह अधि मास कहलाता है, जिसकी वजह से भक्तों को भगवान शिव का पूजन अभिषेक करने का और मौका मिलेगा।

ऋषिकेश के आश्रमों मे गुरु पूर्णिमा पर भक्तों ने अपने गुरुओ का किया पूजन , -गुरु दीक्षा लिए जाने के साथ अपने गुरुओं के प्रति की श्रद्धा व्यक्त



ऋषिकेश, 03 जुलाई । ऋषि मुनियों की तपस्थली ऋषिकेश के आश्रमों में गुरु पूर्णिमा के अवसर देश-विदेश के विभिन्न स्थानों से आए भक्तों ने अपने गुरु का विधि विधान से पूजन कर गुरु दीक्षा लिए जाने के साथ पर अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा व्यक्त की । भक्तों द्वारा अपने गुरुओं की पूजा किए जाने के लिए 1 दिन पहले ही ऋषिकेश आना प्रारंभ हो गया था जिन्होंने सुबह से ही गुरुओं का पूजन किया ।

इस दौरान श्री जयराम आश्रम, मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम, कृष्ण कुंज आश्रम ,जनार्दन आश्रम ,तारा माता मंदिर, गीता आश्रम, जगन्नाथ आश्रम और भगवान आश्रम में धूमधाम के साथ अपने गुरुओं की पूजा अर्चना की गई ।

इस दौरान मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर भूपेंद्र गिरी ने कहा कि आषाढ़ माह के दिन ही महर्षि वेद व्यास ने अपने शिष्यों और ऋषि-मुनियों को श्री भागवत पुराण का ज्ञान दिया. तब से महर्षि वेद व्यास के 5 शिष्यों ने इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने और इस दिन गुरु पूजन करने की परंपरा की शुरुआत की। इसके बाद से हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के रूप में मनाया जाने लगा ।

तो वहीं जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि शास्त्रों में भी गुरु को देवताओं से भी ऊंचा स्थान प्राप्त है. स्वयं भगवान शिव गुरु के बारे में कहते हैं, ‘गुरुर्देवो गुरुर्धर्मो, गुरौ निष्ठा परं तपः। गुरोः परतरं नास्ति, त्रिवारं कथयामि ते।।’ यानी गुरु ही देव हैं, गुरु ही धर्म हैं, गुरु में निष्ठा ही परम धर्म है. इसका अर्थ है कि, गुरु की आवश्यकता मनुष्यों के साथ ही स्वयं देवताओं को भी होती है.गुरु को लेकर कहा गया है कि, ‘हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहिं ठौर’. यानी भगवान के रूठने पर गुरु की शरण मिल जाती है, लेकिन गुरु अगर रूठ जाए तो उसे कहीं भी शरण नहीं मिलती. इसलिए जीवन में गुरु का विशेष महत्व होता है. किसके लिए कहा गया है कि आप जिसे भी अपना गुरु मानते हों, गुरु पूर्णिमा के दिन उसकी पूजा करने या आशीर्वाद लेने से जीवन की बाधाएं दूर हो जाती है।

इसी कड़ी में श्री गीता आश्रम मे स्वामी प्रकाशानंद ने गुरु पूर्णिमा महोत्सव बड़े धूमधाम और श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया ।  वहीं गीता आश्रम में इस अवसर पर 1 से 3 जुलाई पर्यंत तीन दिवस का धार्मिक आयोजन संपन्न हुआ, इसके अंतर्गत आश्रम में गीता पाठ रामचरितमानस अखंड पाठ भजन कीर्तन योग सत्र एवं पानीपत ऋषिकेश के कलाकारों द्वारा सुंदर झांकियों का प्रदर्शन किया गया इसके साथ ही भजन कीर्तन एवं प्रवचन का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ । अनेक स्थानों से गुरुदेव के भक्तों ने यहां आकर आश्रम संस्थापक ब्रह्मलीन सदगुरुदेव स्वामी वेदव्यासानंद सरस्वती महाराज एवं ट्रस्ट के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी शान्तानंद सरस्वती की मूर्तियों का पूजन अर्चन किया ,इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ दीपक गुप्ता उपाध्यक्ष डॉ भारती गुप्ता सचिव मुनेश त्यागी ट्रस्टी प्रदीप मित्तल हरे कृष्ण भाटिया नरेंद्र कुमार राज नरेश शर्मा गिरीश शुक्ला प्रमिला शाह एवं प्रमुख प्रमुख भक्तों सर्व श्री बीडी गुप्ता उज्जवल गुप्ता राकेश शर्मा अनिल सलवान चंद्र सिंह तोमर मयंक शशि बाला सिंघल सुदेश जी चंद्र मित्र शुक्ल योगाचार्य बृजेश त्रिभुवन उपाध्याय प्रेम प्रसाद लक्ष्मण सिंह पंडित उदय राम गीता चैतन्य बंसी नौटियाल आदि अनेक भक्त स्थानीय लोग आश्रम वासी उपस्थित थे सभी महानुभावों ने पूज्य गुरुदेव की मूर्ति का पूजन अर्चन किया इसके उपरांत विशाल भंडारा कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन भानु मित्र शर्मा ने किया ।

बताते चले कि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन को गुरु पूर्णिमा पर्व के रूप में मनाने की शुरुआत महर्षि वेद व्यास जी के 5 शिष्यों द्वारा की गई. हिंदू धर्म में महर्षि वेद व्यास को बह्मा, विष्णु और महेश का रूप माना गया है. महर्षि वेद व्यास को बाल्यकाल से ही अध्यात्म में गहरी रूचि थी. ईश्वर के ध्यान में लीन होने के लिए वो वन में जाकर तपस्या करना चाहते थे. लेकिन उनके माता-पिता ने इसके लिए उन्हें आज्ञा नहीं दी. तब वेद व्यास जी जिद्द पर अड़ गए. इसके बाद वेद व्यास की माता ने उन्हें वन में जाने की अनुमति दे दी. लेकिन माता ने कहा कि, वन में परिवार की याद आए तो तुरंत वापस लौट जाए. इसके बाद पिता भी राजी हो गए. इस तरह माता-पिता की अनुमति के बाद महर्षि वेद व्यास ईश्वर के ध्यान के लिए वन की ओर चले गए और तपस्या शुरू कर दी।वेद व्यास ने संस्कृत भाषा में प्रवीणता हासिल की और इसके बाद उन्होंने महाभारत, 18 महापुराण, ब्रह्मसूत्र समेत कई धर्म ग्रंथों की रचना की. साथ ही वेदों का विस्तार भी किया. इसलिए महर्षि वेद व्यास को बादरायण के नाम से भी जाना जाता है।

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर ऋषिकेश में जयराम आश्रम के ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम बाबा भूपेंदर गिरी, कृष्ण कुंज आश्रम में उत्तराखंड पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णाचार्य, जनार्दन आश्रम केशव स्वरूप ,तारा माता मंदिर महंत संध्या गिरी, जगन्नाथ आश्रम में महंत लोकेश दास और भगवान आश्रम में साक्षी महाराज की धूमधाम के साथ भक्तों ने अपने गुरुओं की पूजा अर्चना की।

ऋषिकेश में आश्रम ,धर्मशाला, गौशाला खुर्द बुर्द  करने वालों के खिलाफ कार्यवाही किए जाने की मांग को लेकर गंगा सेवा रक्षा दल ने एसडीएम को दिया ज्ञापन



ऋषिकेश, 03 जुलाई ।गंगा सेवा रक्षा दल ने उप जिलाधिकारी से मुलाकात कर देवभूमि के ऐतिहासिक आश्रम ,धर्मशाला, गौशालाओ को खुर्द बुर्द करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने एवं अवैध रूप से हो रहे नव निर्माणों रोक लगाए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

गंगा सेवा रक्षा दल के अध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में कहां गया किविश्वभर मे प्रसिद्ध देवभूमि ऋषिकेश का अस्तित्व पौराणिक मंदिर आश्रम धर्मशालाओ से है। जहा ऋषिकेश को अनेकों नामों से विश्व भर में जाना जाता है, तीर्थ नगरी, योग नगरी, स्नान धाम, धर्मनगरी, देवभूमि, यहां पर प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में देश विदेश से श्रद्धालु यात्रियों का आवागमन होता है।उत्तराखंड कि चारों धाम यात्रा का प्रारंभ भी ऋषिकेश से ही किया जाता है। नीलकंठ यात्रा भी ऋषिकेश से ही प्रारंभ होती है। पौराणिक आश्रम ,धर्मशाला एवं मंदिर नगर निगम में दर्ज जिनकी संख्या लगभग 137 है, यहां के मंदिर आश्रम धर्मशाला का निर्माण श्रद्धालुओं द्वारा यात्रियों की सुख सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की याद में बनवाया गया था।

आश्रम धर्मशाला आदि के निर्माणकर्ताओं के परिवार का हस्तक्षेप ना होने के कारण खंडहर होती जा रही हैं।कुछ स्थानों पर संचालकों के परिवार एवं किराएदार कब्जा किए हुए हैं।

भू माफिया एवं संचालकों की मिलीभगत से समस्त ऐतिहासिक, धर्मशालाओ ,मंदिरों, आश्रमओ को खुर्द, कर भूमि का स्वरूप बदलने वाले दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त एवं कठोर कार्रवाई करते हुए संबंधित विभागो , तहसील प्रशासन, म॔सूरी विकासप्राधिकरण, नगर निगम, आदि को निर्देशित कर अवैध नव निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए नव मानचित्र की स्वीकृति प्रदान किए जाने पर प्रतिबंध लगाएंगे।

नगर के आश्रम धर्मशालाओं मे निवास कर रहे ,व्यक्तियों की जांच एवं सत्यापन की कार्यवाही कराना भी अति आवश्यक है। इस प्रकरण को गंभीरता से ना ले जाने पर संबंधित विभागों के खिलाफ संगठन को न्यायालय की शरण लेने पर मजबूर होना पड़ेगा।

ज्ञापन सौंपने वालों में में सुबोध कुमार, अनूप बिष्ट, नवीन चौधरी, रंजीत यादव, राहुल सक्सेना, धीरज कुमार मौजूद रहे।

शिरडी साईं धाम ऋषिकेश की नयी कार्यकारिण मे अध्यक्ष अशोक थापा ,महासचिव वेद प्रकाश धींगरा को चुना गया



ऋषिकेश, 02 जुलाई ।श्री साईं बाबा सेवा समिति की एक आयोजित बैठक मे श्री शिरडी साईं धाम ऋषिकेश की नयी कार्यकारिकियाक गठन करते हुए अध्यक्ष अशोक थापा ,महासचिव वेद प्रकाश धींगरा को चुना गया। बैठक मे मंदिर के आय व्यय का ब्योरा भी दिया गया।

जिसके बाद समिति की नई कार्यकारिणी का चुनाव किया गया। जिसमे समिति के संरक्षक राकेश जुनेजा, अनिल कोहली, ओम प्रकाश मुल्तानी, प्रदीप धीमान ,अध्यक्ष अशोक थापा ,उपाध्यक्ष : विजेंद्र गौड़ ,के के शर्मा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,कनिष्ठ उपाध्यक्ष योगेश कालडा,महासचिव वेद प्रकाश धींगरा ,सहसचिव संजय कपूर , उपसचिव राजीव नांगपाल,कोषाध्यक्ष सुरेंद्र आहूजा ,उपकोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ,पवन शुक्ला , ऑडिट एवं क़ानूनी सलाहकार, कार्यकारिणी के सदस्यों में प्रमोद थापा ,रचित गुप्ता ,राजेंद्र चौहान ,संजय चौहान,विशाल गुप्ता ,सुनील ठाकुर ,डॉ० राजेश मनचंदा, विवेक पुरी ,सुधीर कालड़ा,अमित जैन , को चुना गया।

चुनाव संपन्न होने पर निर्वाचित अध्यक्ष अशोक थापा ने कहा कि 3 जुलाई को श्री शिरडी साईं धाम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। जिसमें प्रातः 6.0 बजे से 7.0 बजे तक साईं नाथ को दुग्धाभिषेक कराया जायेगा, प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक भजन व दोपहर 12 बजे मध्याह्न आरती के उपरांत भंडारे का आरोहण किया जाएगा चुनाव के पश्चात सभी पदाधिकारियों व नवगठित कार्यकारिणी को धन्यवाद दिया गया ।

गंगा जी में बढे जल स्तर ओर जी-20 को देखते गंगा सेवा समिति ने 28 जून तक त्रिवेणी घाट पर होने वाली गंगा आरती की स्थगित 



ऋषिकेश, 25 जून ।पहाड़ों में हो रही लगातार वर्षा के कारण बढे गंगा जी के जल स्तर और जी-20  को देखते हुए श्री गंगा सेवा सभा ने रविवार की शाम से 28 जून तक त्रिवेणी घाट पर होने वाली नियमित गंगा आरती को स्थगित कर दिया है।

यह जानकारी समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल शर्मा ने देते हुए बताया कि पहाड़ों में लगातार हो रही वर्षा के साथ त्रिवेणी घाट पर चल रहे जी-20 की बैठक के दौरान निर्माण कार्यों के मध्य नजर गंगा आरती को 28 जून तक स्थगित किया गया है।

अब आरती 29 जून की शाम को नियमित रूप से की जाएगी।

ज्योतिष पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के ऋषिकेश पधारने पर दयानंद आश्रम में हुआ संत सम्मेलन का आयोजन, शंकराचार्य ने भरत मंदिर में की पूजा अर्चना, मंदिर के महंत वरुण प्रपन्नाचार्य ने किया अभिनंदन,



ऋषिकेश 25 जून। ऋषिकेश स्थित दयानंद आश्रम में ज्योतिष पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पधारने पर संत सम्मेलन का आयोजन किया गया।

संत सम्मेलन में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने ऋषिकेश के धार्मिक स्वरूप में हो रहे बदलाव पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जहां वेद और शास्त्र का परायण होता था वहां वर्तमान में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

रविवार सुबह ऋषिकेश शीशम झाड़ी स्थित दयानंद सरस्वती आश्रम के सभागार में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि गुरु परंपरा को पुनर्जीवित किए जाने की आवश्यकता है। गुरु केवल ज्ञान दाता, मार्गदर्शक ही नही बल्कि मानव जीवन के कल्याण का मार्ग प्रशस्त भी करता है।ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती जी को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती जी से उनका काफी पुराना संबंध रहा। कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में उनका उल्लेखनीय योगदान रहा उसे हमेशा याद किया जायेगा ।

दयानंद सरस्वती आश्रम के अध्यक्ष स्वामी साक्षात्कृतानंद नंद सरस्वती महाराज ने ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज के अभीषिक्त होने पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

इस अवसर पर स्वामी शुद्धानंद सरस्वती, सहजानंद, ज्योर्तिमठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद, अभिषेक चैतन्य, कार्यक्रम संयोजक महंत रवि प्रपन्नाचार्य ,ब्रह्मचारी स्वामी शंकर तिलक आनंद, लटन दास महाराज, मंहत आशुतोष पुरी, प्रबंधक गुणानंद रयाल , अजय पांडे, उमेश सती, प्रकाश रावत आदि उपस्रिथ रहे। कार्यक्रम का संचालन डा बृजेश सती ने किया।

तो वही ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने ऋषिकेश पहुंचने पर भरत  मंदिर में भी पूजा अर्चना की।  तत्पश्चात भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, की ओर से ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का पादुका पूजन एवं अभिनंदन किया गया ।इस अवसर पर शंकराचार्य में भरत मंदिर से संबंधित जानकारियां ली।

इस अवसर पर मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, तरुण प्रपन्नाचार्य हर्षवर्धन शर्मा , मंहत रवि प्रपन्नखचार्य और सुरेन्द्र भटट ने शंकराचार्य का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद , मीडिया प्रभारी डॉ बृजेश सती, स्वामी सहजानंद, उमेश सती ,रमा बल्लभ भट्ट ,एलपी रतूड़ी आदि उपस्थित रहे।

जी-20 के चलते त्रिवेणी घाट पर हो रहे सौंदर्य करण के विकास कार्यों के दौरान गंगा, जमुना, सरस्वती, सांईं के बाद‌ गणेश और शीतला माता की मूर्ति पर चला रात के अंधेरे में प्रशासन का पीला पंजा मूर्तियों को हटाए जाने के विरोध में हाईकोर्ट के दरवाजे पर दी जाएगी दस्तक-महंत गोपाल गिरी



ऋषिकेश, 16 जून । जी-20 के दौरान ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर आयोजित होने वाली गंगा आरती में विदेशी मेहमानों के स्वागत के चलते किए जा रहे ,सौंदर्य करण के विकास कार्यों को देखते हुए हिंदू देवी देवताओं गंगा जमुना सरस्वती के साथ सांईं के बाद गुरुवार की आधी रात को गणेश और शीतला माता की मुर्तियों को प्रशासन के पीले पंजे की भेंट चढा दिया गया है । जिसके बाद सनातन धर्मियों में प्रशासन के विरुद्ध रोष उत्पन्न हो गया है। जो कि मूर्तियां तोड़े जाने के विरोध में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलेंगे।

गुरुवार की आधी रात को त्रिवेणी घाट पर प्रशासन द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के दौरान भगवान गणेश और शीतला माता की मूर्तियों को भी छोड़ दिया गया है इससे पूर्व विगत‌‌ शनिवार को साईं, के साथ गंगा जमुना सरस्वती की मूर्ति को प्रशासन ने पीले पंजे से हटा दिया था। इतना ही नहीं जी-20 के दौरान ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर आयोजित होने वाली विदेशी मेहमानों के स्वागत में विशेष आरती को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर सौंदर्य करण कार्य किए जा रहे हैं। जबकि मंदिरों के संस्थापक महंत गोपाल गिरी का कहना है कि इन मूर्तियों के लिए उनके पास कोर्ट का आदेश भी है। मूर्ति हटाए जाने को लेकर संतों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मिलेगा। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह शीघ्र ही प्रशासन के विरुद्ध न्यायालय का दरवाजे पर भी न्याय दिलाने और मूर्तियों को पुनर्स्थापित किए जाने के लिए भी जाएंगे।

वहीं षड्दर्शन साधू समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष बाबा भूपेंद्र गिरी ने मूर्तियां तोड़े जाने की घोर निंदा करते हुए मूर्ति तोड़ने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है।

उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल, तहसीलदार ने बताया कि यह सभी निर्माण कार्य 1 सप्ताह के अंदर पूर्ण कर लिए जाएंगे, जिसके अंतर्गत सड़कों पर क्रॉस कर रही इलेक्ट्रिक तारों को हटा कर अंडर ग्राउंड किया जाएगा, नगर की विद्युत व्यवस्था को नियंत्रित किए जाने के लिए त्रिवेणी घाट ओर रेलवे रोड पर विशाल ट्रांसफार्मर भी लगाये गये है।

उन्होंने बताया कि विदेशी मेहमानों को गौरादेवी चौक से पुराने रेलवे स्टेशन होते हुए त्रिवेणी घाट लाया जाएगा, जहां उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे जिसकी तैयारियां की जा रही है।

भारत और सनातन धर्म को बचाने के लिए हिन्दूओं को एकजुट होने की आवश्यकता-स्वामी ईश्वरदास -राष्ट्रीय हिंदू संगठन का सम्मान समारोह संपन्न -सबका साथ सबका प्रयास, भारत बने हिंदू राष्ट्र नारे के साथ आगे बढ़ने का लिया संकल्प



ऋषिकेश 10 जून । उत्तराखंड संत समिति के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी ईश्वर दास ने कहा कि पूरे देश में विधर्मी द्वारा गाए जा रहे, धर्म परिवर्तन को देखते हुए आज भारत और सनातन धर्म को बचाने के लिए हिन्दूओं को एकजुट होने की आवश्यकता है।

यह बात स्वामी ईश्वरदास ने मायाकुंड स्थित गुजराती आश्रम में राष्ट्रीय हिंदू संगठन ऋषिकेश इकाई द्वारा किए जा रहे, कार्यों को देखते हुए पूरे भारत में पंचम स्थान प्राप्त किए जाने पर आयोजित सम्मान समारोह के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिस की रक्षा के लिए हमारी वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की बलि तक दी ,वही देश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए, हंसते हंसते अपने को दीवारों में चिनवा दिया, यह हमें नहीं भूलना चाहिए कि इसे बचाए जाने के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया, और आज भी सनातन धर्म की रक्षा के लिए अयोध्या में राम मंदिर मथुरा में कृष्ण और काशी में विश्वनाथकी भूमि को बचाए जाने के लिए संघर्ष किया गया, जिसके लिए हिंदुओं की एकजुटता के चलते भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। वहीं भारत में ऐसे मंदिरों का निर्माण किया जा रहा है ,जिसे विधर्मियों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था, एक बार फिर हिंदुओं को सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर काफी गंभीर है किसके द्वारा स भी उत्तराखंड में नागरिकता संहिता कानून लागू कर दिया जाएगा, जिस पर राज्य सरकार द्वारा तेजी से कार्य किया ‌‌जा रहा है।

संगठन की समस्या समाधान समिति के अध्यक्ष राजेश्वर शर्मा, प्रदेश प्रभारी , प्रदेश अध्यक्ष अजय वर्मा, प्रदेश सह प्रभारी गणेश शर्मा, प्रदेश मंत्री सुभाष सैनी, ने आह्वान करते हुए कहा कि सबका साथ ,सबका प्रयास भारत बने हिन्दू राष्ट्र, केर नारे के साथ आज पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाया गया है।

विकास संगठन तब तक सांत नहीं बैठेगा, जब तक हिंदू समाज सनातन धर्म की रक्षा के लिए एकजुट नहीं होगा अब समय आ गया है सब को एकजुट होकर देश में बहुत तेजी के साथ फैल रहे लव जिहाद धर्म परिवर्तन जैसी घटनाओं को रोकना होगा।

वक्ताओं ने कहा कि आज उत्तराखंड भी इस प्रकार की घटनाओं से अछूता नहीं है जिसका ताजा उदाहरण बाबा विश्वनाथ की धरती उत्तरकाशी में भी देखने को मिला है परंतु हिंदू समाज की एकता के कारण लड़कियों को मां से भागना पड़ा है। उन्होंने कहा कि हमें पूरे उत्तराखंड में भी एकजुटता दिखाते हुए उनके विरूद्ध आंदोलन करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। इस दौरान देहरादून जिले की कार्यकारिणी का विस्तार भी किया गया।

महंत रवि शास्त्री के संचालन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संजीव कुमार गुप्ता, रमेश त्रिपाठी, नगर अध्यक्ष ऋषिकेश के योगेश मालयान, आशा भट्ट ,गणेश शर्मा सोती, प्रमोद शुक्ला, राजेंद्र प्रसाद, आशा भट्ट संजीव गुप्ता, रविंद्र बिष्ट, राजीव बोराड़ी ,भानु प्रताप सिंह राणा, गौरी सिंह अविनाश सेमल्टी, बीना राणा, जवाहरलाल त्रिपाठी, रीता शर्मा, राधा धोनी सेमवाल, आशा भट्ट सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।