सरस्वती विद्या मंदिर के अध्यापक और प्रधानाचार्य ग्रेच्युटी के भुगतान को लेकर करेंगे उत्तराखंड में आंदोलन वर्ष 2024 के चुनाव में ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं तो वोट नहीं का‌‌ ‌नारा किया जाएगा बुलंद


ऋषिकेश,0 4 फरवरी ‌‌। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बावजूद सरस्वती शिशु मंदिर, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेजों में कार्यरत अध्यापकों और प्रधानाचार्यो को उनकी सेवा निवृत्ति के उपरांत भी भी‌ उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान ना दिए जाने को लेकर तमाम अध्यापक और प्रधानाचार्यो में रोष व्याप्त है ।

जिन्होंने चेतावनी दी‌ है कि यदि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ मतदान का विरोध किया जाएगा ।

यह जानकारी शनिवार को ऋषिकेश में पूर्व प्रधानाचार्य समर बहादुर चौहान पूर्व प्रधानाचार्य गिरीश कुमार शर्मा और सरोज गुप्ता ने संयुक्त रूप से आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान देते हुए बताया कि उन्हें उनकी सेवा निवृत्ति के बावजूद भी उनकी ग्रेजुएटी का भुगतान नहीं किया जा रहा है ,जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 29 अगस्त 2022 को भुगतान किए जाने के निर्देश दिए गए हैं, इसके बावजूद भी ग्रेच्युटी का भुगतान शेष है ।

उन्होंने कहा कि पूरे उत्तराखंड के पूर्व प्रधानाचार्य एवं अध्यापक अपनी समस्या के समाधान को लेकर कई मर्तबा सरस्वती विद्या मंदिर की प्रबंधकीय समिति के अधिकारियों से भी वार्ता कर चुके हैं। लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। जिसके विरोध में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य और अध्यापकों ने ऐलान किया है, कि यदि ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जाएगा तो वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं तो चुनाव नहीं नारे के साथ पूरे उत्तराखंड में जन जागरण अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को पूरे उत्तराखंड के अध्यापक और प्रधानाचार्यो का समर्थन प्राप्त है ।उन्होंने कहा कि यदि इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह न्याय को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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