दो महा पूर्व गायब हुई 17 वर्षीय किशोरी को पुलिस द्वारा सकुशल रेस्क्यू कर परिजनों को सौंपा, राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने पुलिस की थपथपाई पीठ 


ऋषिकेश 11 अक्टूबर। दो महा पूर्व ऋषिकेश के शिवाजी नगर से  गायब हुई 17 वर्षीय किशोरी को पुलिस द्वारा सकुशल रेस्क्यू कर उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।

बताते चलें ऋषिकेश में स्थित शिवाजी नगर  में 17 वर्षीय नाबालिक किशोरी के अचानक गायब हो जाने पर उसके परिजनों द्वारा ऋषिकेश कोतवाली में एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिसको लेकर लगातार रूप से उत्तराखंड प्रदेश की महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल भी लगातार पुलिस और नाबालिक किशोरी के परिजनों के संपर्क में थी। जिस पर पुलिस ने तुरन्त छानबीन शुरू कर दी थी। परंतु किशोरी के पास मोबाइल न होने के कारण उसकी जानकारी मिल पाना अत्यंत कठिन हो गया था।

 परिजनों द्वारा उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल से मुलाकात कर मामले की जानकारी दी गई। जिस पर महिला आयोग के अध्यक्ष ने मानव तस्करी को रोकने के लिए काम कर रही संस्था ह्यूमन राइट काउंसिल के राजेंद्र पँवार के साथ स्वयं ऋषिकेश कोतवाली पहुंच कर जल्द से जल्द किशोरी को ढूंढने के लिए निर्देशित किया था तथा सभी संदिग्धों को जांच के दायरे में लेते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।मामले में आयोग की अध्यक्ष लगातार पुलिस से जानकारी लेती रही जिस पर एसओजी ऋषिकेश ने आज फोन पर जानकारी दी कि कुछ दिन  पूर्व किशोरी को कॉल में बात करने के बाद उस की लोकेशन ट्रेस की गई जिसे मेरठ से रेस्क्यू कर लिया गया।

ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी के आर पांडे ने बताया कि लड़की की उम्र लगभग 17 वर्ष 6 माह की है जिसको सकुशल बरामद कर उसकी मर्जी से उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने पुलिस के अधिकारियों  व पूरी टीम की पीठ थपथपाते हुए बधाई दी। और कहा कि ऐसे मामले काफी बढ़ने लगे है जिस पर अंकुश लगाना अत्यंत आवश्यक है। पुलिस को ऐसे प्रकरणों में तत्काल जांच व कार्यवाही करनी चाहिये तथा युवतियों के भागने या गायब हो जाने वाले इन मामलों में सहयोग करने वालो के विरुद्ध भी एक्शन लेना चाहिए।

महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने सभी माता पिता से अपील करते हुए कहा की अपने बच्चों को अपने मित्र की भांति व्यवहार करें तथा उनकी मोनिटरिंग अवश्य करें की हमारे बच्चे किस संगत में है तथा किस किस से कितनी कितनी देर बात कर रहे है क्योंकि इस उम्र में ऐसी घटनाओं के घटने की संभावना अधिक बढ़ जाती है इसी लिए हमे अपनी युवा पीढ़ी को मित्र रूप में रखकर अपने संस्कारों व अपनी जड़ों से जोड़कर रखना चाहिए।

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