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उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता के लिए समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपा ड्राफ्ट, ड्राफ्ट रिपोर्ट का विधिक अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेंगे: पुष्कर सिंह धामी


देहरादून 2 फरवरी। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में बनी समिति ने आज मुख्य सेवक सदन में ड्राफ्ट मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी को सौंपा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति ने विभिन्न वर्गों के सुझावों के बाद यह ड्राफ्ट तैयार किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता से किए गये वादे के अनुरूप सरकार गठन के तुरंत बाद हुई पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था।उन्होंने कहा कि 27 मई 2022 को पांच सदस्यीय समिति गठित की गई।

UCC के लिए गठित समिति में पूर्व न्यायाधीश डॉ रंजना प्रकाश, सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश  प्रमोद कोहली , उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव  शत्रुघन सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी  मनु गौड़ को शामिल किया गया था।

मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति ने दो उप समितियों का गठन भी किया। जिसमें से एक उपसमिति ने “संहिता“ का प्रारूप तैयार किया एवं दूसरी उपसमिति ने प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित कर संवाद स्थापित किया। समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत की गई।

उन्होंने बताया कि समिति ने कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किए। जिसमें समिति को कुल 2 लाख 32 हजार 961 सुझाव प्राप्त हुए जो कि प्रदेश के लगभग 10% परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का विधिक अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र उत्तराखंड राज्य के लिए समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर संबंधित विधेयक को आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेगी। इस कानून को लागू करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम,  विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव  पराग मधुकर धकाते, समान नागरिक संहिता के सदस्य सचिव  अजय मिश्रा एवं महानिदेशक सूचना  बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।


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