हुक्का बार पर छापेमरी से संचालकों में हड़कंप



पुलिस की इस छापेमारी ने तीन माह पूर्व की यादाश्त को ताजा कर दिया,जिले में हुक्का बार पर पाबंदी के वावजूद भी रेस्टोरेंट संचालकों के हौसला बुलंद हैं और रेस्टोरेंट के आड़ में हुक्काबार के संचालन में लिप्त हैं।बताते चलें कि विगत तीन माहपूर्व पुलिस छापेमारी में बिलरिया की चुंगी व आवास विकास कालोनी हर्रा की चुंगी पर दो रेस्टोरेंट्स पर अवैध रूप से हुक्काबार संचालन के आरोप में छः लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुनः दूसरी बार की पुलिसिया कार्रवाई से हुक्काबार संचालकों में हड़कम्प मचा हुआ है। मुखविर की सूचना पर सिधारी थाना प्रभारी निरीक्षक विनय कुमार मिश्र व शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक के के गुप्ता विश्वकर्मा मंदिर तिराहे पर स्थित ब्रदर्स क्लब के नाम से संचालित हुक्का बार पर अपने दल बल के साथ आ धमके इस छापेमारी युवक युवतियों में अफरा तफरी मच गई और मौके से संचालक फरार हो गया जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

चंदौली : जिले में आशा देवी को लगा कोरोना का पहला टीका



रिपोर्ट : ओ पी श्रीवास्तव

चंदौली:-जिले में आशा कार्यकर्ता आशा देवी को कोरोना का पहला टीका लगने के साथ ही शनिवार को कोविड – 19 टीकाकरण महा अभियान की शुरुआत हो गई है। शाम पांच बजे तक जिले के 287 लोगों को कोविड – 19 टीका से प्रतिरक्षित किया गया। चंदौली पीएचसी पर प्रथम वैक्सीन आशा कार्यकर्त्ती आशा देवी को लगा, वही नियामताबाद में एएनएम आभा देवी को साहबगंज में एएनएम आलिया खातुन बरहनी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ रितेश टीका लगा। साहबगंज में 84 लोगों को, चंदौली में 70 लोगों को, साथ ही बरहनी में 62 और नियामताबाद में 71 लोगों को प्रथम चरण का टीका लगा।

प्रतिरक्षित लोगों को कोविड – 19 टीका की अगली डोज के लिए 15 फरवरी की तारीख दी गई है। इसके लिए उनके मोबाइल पर मैसेज भी आएगा।

जिलाधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस कि अब उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विश्व में तबाही मचाने वाले कोविड-19 वायरस जैसी विकराल समस्या का अब समाधान निकल चुका है। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की निगरानी में टीके को लांच किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर के मिश्रा ने बताया कि जनपद में कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन की पहली डोज जिले को प्राप्त हो चुकी हैं। शनिवार को लांचिंग के लिए जिला, ब्लॉक एवं सत्र स्तर पर नोडल अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को नामित किया गया था। इसके पहले जिले में दो बार ड्राई रन यानी पूर्वाभ्यास भी किया जा चुका है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि भारत में विकसित कोरोना वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी है। कोल्ड चेन के मानकों को पूर्ण करते हुये यह वैक्सीन जिले में आई है। अत्याधुनिक तकनीक से हम कोल्ड चेन बनाए हुये हैं।सीएमओ ने बताया कि पहले डोज के बाद दूसरा डोज 28वें दिन लगेगा। टीका लगने के बाद आधे घंटे तक टीकाकरण केंद्र पर रुकना होगा। प्रतिरक्षित व्यक्ति को यदि बेचैनी या किसी भी तरह की समस्या होती है तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारियों, एएनएम और आशा को इसकी सूचना दें। इसके लिए एंबुलेंस सेवा 108 भी उपलब्ध रहेगी। प्रतिरक्षित व्यक्ति भी कोरोना अनुरूप व्यवहारों जैसे मास्क पहनना, हाथ की सफाई और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाये रखने का पालन करें। उन्होंने बताया कि उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण के लिए चिन्हित किया गया है। इन्हें तीन समूहों में बांटा गया है- पहले समूह में हेल्थकेयर वर्कर, दूसरे समूह में फ्रंटलाइन वर्कर, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रशासन / कोविड नोडल अधिकारी डॉ डी के सिंह ने बताया कि कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के कोरोना वैक्सीन नहीं प्राप्त कर सकता है । कोरोना वैक्सीनेशन के लिए पंजीकरण के बाद ही सत्र स्थल और समय की जानकारी दी जायेगी । फोटो आईडी पंजीकरण और सत्यापन दोनों के लिए जरूरी है। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद लाभार्थी को वैक्सीनेशन की नियत तिथि, स्थान और समय के बारे में मोबाइल पर एसएमएएस प्राप्त होगा। कोरोना वैक्सीन की उचित खुराक मिलने पर लाभार्थी को उनके मोबाइल नंबर पर एक क्यूआर कोड आधारित प्रमाण पत्र भी भेजा जायेगा।

झूठी सूचना देकर पुलिस को परेशान करने वालों की खैर नहीं



जो घटना हुई ही नहीं, उसकी झूठी सूचना मिलने से वर्ष 2020 में गोरखपुर पुलिस सबसे ज्यादा परेशान रही। पूरे साल में गोरखपुर पुलिस को 1852 झूठी सूचनाएं दी गईं। इसमें पुलिस का न सिर्फ समय जाया हुआ बल्कि संशाधनों का भी दुरुपयोग हुआ। अब झूठी सूचना देने वालों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। एडीजी डायल 112 असीम अरुण ने पिछले दिनों अपने गोरखपुर दौरे के दौरान कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में पुलिस ने पूरे डाटा जुटाया है। पता चला है कि इसमें कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने एक से ज्यादा बार झूठी सूचनाएं दी हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक झूठी सूचनाओं में हत्या हत्या के प्रयास और अपहरण तक की झूठी सूचनाएं अच्छी-खासी संख्या में आई हैं। पिपराइच में बालक बलराम के अपहरण और हत्या के दौरान ही पुलिस को कई और बच्चों के अपहरण की सूचना मिली थी। चूंकि उस अपहरण ने पुलिस की काफी बदनामी कराई थी लिहाजा अन्य घटनाओं की सूचना से पीआरवी ही नहीं थाना पुलिस और अफसर भी इस दौरान काफी परेशान रहे। एक आंकड़े के मुताबिक अपहरण की 112 से ज्यादा झूठी सूचनाएं दी गई वहीं हत्या में भी दर्जनभर सूचनाएं फर्जी आईं जबकि हत्या के प्रयास में यह संख्या सैकड़ों में रही। झूठी सूचना की सभी 1852 कॉल की लिस्ट बना ली गई है। उसके हिसाब से मोबाइल नम्बर दर्ज किए गए हैं। अब इसमें यह देखा जा रहा है कि कितने लोग ऐसे हैं जिन्होंने एक बार से अधिक झूठी सूचनाएं देकर पुलिस को परेशान किया है। ऐसे सभी लोग अब निरोधात्मक कार्रवाई के दायरे में आएंगे। यही नहीं ये सारे नम्बर रिकॉर्ड में दर्ज किए जाएंगे और आगे चलकर अगर इन नम्बरों से कोई झूठी सूचना फिर आती है तो उन पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो जाएगा। एक बार गलती करने वाले नम्बरों की जांच में अगर यह साबित हो गया है कि उसने जानबूझ कर गलती नहीं की है तो उसे एक मौका मिलेगा लेकिन नम्बर हमेशा रिकॉर्ड में दर्ज रहेगा।

एडीजी ने दिए हैं मुकदमे के निर्देश

दिसम्बर महीने के आखिरी सप्ताह में गोरखपुर आए एडीजी असीम अरुण ने कहा था कि अगर कोई झूठी सूचना देकर बार-बार पुलिस को परेशान कर रहा है या पुलिसकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहा है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कराएं। उन्होंने कहा कि यूपी-112 सेवा एक आपातकालीन सेवा है। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक पीड़ितों तथा शिकायतकर्ताओं का सहयोग करना है मगर इस पर बार-बार अनावश्यक कॉल और गम्भीर प्रकृति की झूठी एवं फर्जी सूचनाएं आ रही हैं। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई करें।
वर्ष 2020 में गोरखपुर से 1852 बार डायल 112 पर झूठी सूचना देकर पुलिस को परेशान किया गया। इन सभी की लिस्ट तैयार कर ली गई है। इनमें से जिन लोगों ने एक से ज्यादा बार झूठी सूचना दी है तो वह निरोधात्मक कार्रवाई के दायरे में आएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। वीरसेन सिंह प्रभारी निरीक्षक डायल 112

जिला प्रशासन का चला बुलडोजर विवादित मकान को कराया कब्जा मुक्त



सिविल जज जूनियर डिवीजन के आदेशों का अनुपालन जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने कराते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर गौरव सिंह सोगरवाल को अधिकृत करते हुए खोवा मंडी स्थित जमीन पर वर्षों से प्रभाकर द्विवेदी बनाम पुष्पा देवी व शशि देवी के जमीनी विवाद को पटाक्षेप करने का निर्देश दिया था जिसे आज ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ जिला विकास अधिकारी अनुराज जैन के नेतृत्व में टीम गठित कर उक्त विवादित स्थल को खाली कराने को भेजा जहां डीआईजी/ एसएसपी जोगिंदर कुमार ने सहायक पुलिस अधीक्षक शशांक सिंह के नेतृत्व में कैंट थाना प्रभारी अनिल उपाध्याय व चौकी प्रभारी जटेपुर ईत्यानंद पांडेय सहित भारी फोर्स बल के साथ खोवा मंडी पहुंचकर उक्त विवादित स्थल को कब्जा मुक्त कराते हुए प्रभाकर द्विवेदी पुत्र प्रह्लाद द्विवेदी को कब्जा देते हुये ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अनुराज जैन ने बताया कि गलत दस्तावेजों के सहारे जमीन पर वर्षो से अवैध निर्माण कर अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ कार्रवाई के तहत आज भारी पुलिस बल के साथ यह कार्रवाई की गई है जो निरंतर जारी रहेगी वही दूसरे पक्ष पुष्पा देवी के पति भीम यादव ने बताया कि उक्त जमीन पर हम 1983 से कब्जा दाखिल हैं जिसे 1983 में राजकुमार शाह पुत्र छंगा लाल ने प्रणय अग्रवाल से रजिस्ट्री बैनामा कराया था उन्हीं के कहने पर उक्त जमीन पर हम 1983 से रह रहे थे जिसे हम साडे चार डिसमिल 26 जून 2012 को व साडे चार डिसमिल 21 अप्रैल 2014 को रजिस्ट्री बैनामा कराते हुए खारिज दाखिल कराया था जो नगर निगम में 73 ए मकान नंबर का गृह कर जमा करते आ रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन ने हमारी एक भी बात ना सुनी भू माफिया व अपराधी विनोद उपाध्याय के पार्टनर प्रभाकर द्विवेदी के प्रभाव में आकर वर्षों से रह रहे इस मकान से हमे बेदखल करते हुए सड़कों पर रहने को मजबूर कर दिया। वहीं प्रभाकर द्विवेदी ने बताया कि उक्त जमीन को 2009 में प्रणय अग्रवाल से रजिस्ट्री बैनामा कराया था जिसका मुकदमा हमारे विपक्षियों द्वारा सिविल जज जूनियर डिविजन के यहां मुकदमा किया गया था जिसे माननीय न्यायालय ने खारिज करते हुए उक्त जमीन को हमें कब्जा दाखिल जिला प्रशासन को निर्देशित किया था जिसके अनुपालन में माननीय मजिस्ट्रेट ने हमें आज कब्जा देते हुए माननीय न्यायालय सिविल जज जूनियर डिविजन के आदेशों का अनुपालन कराया। जहां प्रशासन द्वारा खाली कराते समय स्थानीय लोगों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई।