विवेकाधीन कोष से शारीरिक अक्षमता, विधवा, उपेक्षित, वंचित लोगों को आर्थिक सहायता दी जा रही: विधानसभा अध्यक्ष



ऋषिकेश 20 जून।विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में आर्थिक रूप से जरूरतमंद लोगों को अपने विवेकाधीन कोष से 4 लाख रुपये सहायता राशि के चेक वितरित किए। इसमें 62 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। इस दौरान प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से केवल असहाय, आर्थिक संसाधनविहीन व्यक्ति को ही आर्थिक सहायता दी जा रही है। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने ज़रूरतमंद लोगों को मास्क एवं सेनिटाइजर वितरित करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जागरूक भी किया।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विवेकाधीन कोष के अंतर्गत दिए जाने वाली आर्थिक सहायता संपूर्ण प्रदेश में आर्थिक रूप से जरूरतमंद लोगों में वितरित की जा रही है। कोष से केवल असहाय, संसाधन विहीन व्यक्तियों को ही आर्थिक सहायता दी जा रही है। शारीरिक अक्षमता, विधवा, उपेक्षित, वंचित लोगों को प्राथमिकता के आधार पर इस राशि का वितरण किया जा रहा है।

इस मौके पर विधान सभा अध्यक्ष ने विधानसभा क्षेत्र में करवाए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विधानसभा को आदर्श विधानसभा बनाने के लिए वह निरंतर प्रयत्नशील हैं। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कई योजनाओं से सड़क निर्माण, पेयजल आपूर्ति, बिजली की व्यवस्था को दुरुस्त करने संबंधी एवं अन्य कार्य प्रगति पर हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारियों के संग बैठक कर क्षेत्र में चल रही योजनाओं के अंतर्गत निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जा रही है।

इस अवसर पर ऋषिकेश मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद शिव कुमार गौतम, पार्षद सुंदरी कंडवाल, अरुण बडोनी, राजेश जुगलान, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, रवि शर्मा, गौतम राणा, नरेंद्र रावत आदि उपस्थित थे।

पौधे रोपित करना ही जिम्मेदारी नहीं बल्कि उसका संरक्षण भी जरूरी: मेयर, गंगा दशहरा पर्व पर परिवार सहित पौधारोपण किया



ऋषिकेश 20जून ।-मानसून के आगमन एवं गंगा दशहरा पर्व के मौके पर नगर निगम महापौर ने देहरादून रोड़ स्थित जंगलात बैरियर पर परिवार सहित पौधरोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश।

इस अवसर पर महापौर ने प्रत्येक व्यक्ति से पांच-पांच पौधे लगाने और उनकीअपने बच्चे की तरह संरक्षित करने की अपील की है। महापौर ने कहा कि ऑक्सीजन के बगैर जीवन की कल्पना संभव नहीं है। कोविड-19 के संक्रमण ने इसका एहसास करा दिया है। यह हम सब के लिए नसीहत है कि हम प्रकृति की रक्षा करें और इसका संव‌र्द्धन करें।

उन्होंने कहा कि पौधा रोपित करने तक हमारी जिम्मेदारियां खत्म नहीं हो जाती। पौधों का संरक्षण करना भी जरूरी है।रविवार को सुबह परिवार सहित जंगलात बैरियर में पौधरोपण के लिए पहुंची महापौर ने कहा कि अक्सर देखने में आता है कि मानसून सीजन में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया जाता है, लेकिन उसमें से बहुत कम पौधे ही बच पाते हैं। यदि हम इनके संरक्षण की तरफ ध्यान देंगे तो आने वाले समय में वह प्रकृति का आधार बनेंगे और ऐसा वातावरण तैयार होगा जिसकी हमें और हमारी पीढ़ी को जरूरत है। महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि हम विकास की बात तो करते हैं ,लेकिन निजी स्वार्थ के चलते जो प्राकृतिक विनाश हुआ है, उसका खमियाजा आज संपूर्ण मानव जाति को वैश्विक महामारी कोरोना के रूप में उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल ने सबको ऑक्सीजन की कीमत का अहसास कराने का काम किया है।उन्होंने बताया कि निगम के तमाम क्षेत्रों में वृहद स्तर पर पौधरोपण की मुहिम चलाई जायेगी जिसमें तमाम सामाजिक संस्थाओं का सहयोग भी लिया जायेगा। इस दौरान वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह रावत मोजूद रहे।

उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों की उपस्थिति में मनाया जायेगा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस



देहरादून 20 जून ।  अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग द्वारा योग प्रोटोकॉल के अभ्यास का कार्यक्रम उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में किया जायेगा। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री तीरथ सिंह रावत, मा० मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड एवं विशिष्ट अतिथि डॉ० हरक सिंह रावत, मा० आयुष एवं आयुष शिक्षा मंत्री होंगे। कार्यक्रम में सचिव, आयुष शिक्षा श्री चन्द्रेश कुमार एवं निदेशक, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवायें डॉ० एम०पी० सिंह भी प्रतिभाग करेंगे।

कार्यक्रम में सामान्य योग अभ्यासक्रम प्रोटोकॉल का पालन कर योगाभ्यास किया जायेगा। उत्तराखण्ड की प्रबुद्ध आम जनता से इस कार्यक्रम में ऑनलाईन लिंक Tiny.co/idy21june पर click कर सीधे जुड़ने की अपील की जाती है। योग सत्र के अभ्यास संबंधी कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रातः 06:30 पर किया जायेगा, जिसमें कोविड प्रोटोकॉल के नियमों का पालन करते हुए आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिये गये स्लोगन “घर पर रहकर करें योग परिवार के साथ करें योग के अनुसार कार्यक्रम का आयोजन होगा।

मा० कुलपति, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी ने प्रदेश की जनता से अनुरोध किया है कि आप सभी अपने-अपने घरों में रहकर उपरोक्त लिंक से जुड़कर योगाभ्यास करें। आप चाहे तो पूर्वाभ्यास tiny.co/yopaprotocol पर video देखकर भी कर सकते हैं।

कार्यक्रम की तैयारियों की व्यापक जानकारी हेतु मा० कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार जोशी जी ने परिसर में एक समीक्षा बैठक ली तथा तैयारियों का जायजा लिया।

जिसमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव, प्रोफेसर उत्तम कुमार शर्मा, कुलपति के निजी सचिव श्री चन्द्रमोहन पैन्यूली परीक्षा नियंत्रक डॉ० पी०के० गुप्ता, डॉ० नवीन चन्द्र जोशी, डॉ० नंद किशोर दाधीच, डॉ० अमित तमाडडी आदि ने प्रतिभाग किया।

 

उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू 29 जून तक बढ़ा, हफ्ते में 5 दिन खुलेगा बाजार,



देहरादून /ऋषिकेश 20 जून । उत्तराखंड सरकार ने कोविड कर्फ्यू को 29 जून तक बढ़ा दिया है। हालांकि कोविड कर्फ्यू में इस बार सरकार ने राहत भी दी है।

जिसमें 5 दिन दुकानों को खोलने का निर्णय सरकार ने लिया है, वही होटल और रेस्टोरेंट 50% की मंजूरी के साथ खुलेंगे, रात 10:00 बजे से 6:00 बजे तक होटल बंद रहेंगे, वहीं 50% उपस्थिति के साथ बार भी खुल सकेंगे। नगरीय क्षेत्रों में रात्रि को कोविड कर्फ्यू रहेगा। चार धाम यात्रा को लेकर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

1 जुलाई से स्थानीय जनपद वासियों के लिए चार धाम यात्रा शुरू हो जाएगी। वही 11 जुलाई से राज्य वासियों के लिए चार धाम यात्रा शुरू होगी। 50% उपस्थिति के साथ सरकारी दफ्तर खुलेंगे। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने यह जानकारी दी है,सुबोध उनियाल का कहना है कि मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है।

शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कोविड कर्फ्यू और चारधाम यात्रा के सम्बन्ध में जानकारी दी।

1 उच्च स्तर पर लिये गए निर्णय के अनुसार 22 जून से 29 जून तक कोविड कर्फ़्यू कुछ ढील के साथ लागू रहेगी।

2 जनरल मर्चेंट, परचून इत्यादि दुकाने शनिवार, रविवार को छोड़ कर सप्ताह में पांच दिनों के लिये पूर्व समय की भांति खोली जाएगी।

3 होटल ,रेस्टोरेंट, 50 प्रतिशत डाइनिंग क्षमता के साथ खोली जाएगी और रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बंद रहेगी।
बार भी 50 क्षमता के साथ खुलेंगी।

3 समस्त सरकारी ,अर्ध सरकारी ,निजी कार्यालय 50 क्षमता के साथ खुलेंगे।
आवश्यक सेवाओ से सम्बंधित कार्यालय पूरी क्षमता से खुलेंगे।

4 चारधाम यात्रा एक जुलाई से बदरीनाथ चमोली जनपद के लिये,केदारनाथ रुद्रप्रयाग जनपद के लिये और गंगोत्री ,यमुनोत्री उत्तरकाशी जनपद वासियों के लिए खुलेगी तथा 11 जुलाई से उत्तराखंड राज्य वासियो के लिये खुलेगी। इसके लिये आर टी पी सी आर या एंटीजन या रेपिड टेस्ट जरूरी होगा।
राज्य में प्रवेश के लिये अथवा मैदान से पहाड़ पर जाने के लिये आर टी पी सी आर या एंटीजन या रेपिड टेस्ट जरूरी होगा।

गंगा दशहरे पर गंगा में स्नान करने वालों पर कोविड-19 ओर बढ़ते जलस्तर के चलते प्रशासन ने लगाई रोक, सुनसान दिखाई दिए घाट



गंगा सभा ने सूक्ष्म रूप से आरती कर निभाई औपचारिकता
ऋषिकेश,20 जून । कोविड-19 के प्रकोप के साथ पहाड़ों में हो रही बरसात के कारण गंगा का जल स्तर बढ़ने के चलते गंगा दशहरे के पर्व पर गंगा स्नान करने वाले तीर्थ यात्रियों पर लगाई गई ,प्रशासन द्वारा रोक के कारण ऋषिकेश तीर्थ नगरी के त्रिवेणी घाट सहित राम झूला तक सभी घाटों पर जहां सुनसानी छाई रही, वहीं गंगा सभा ने गंगा जी की सूक्ष्म रूप से पूजा कर औपचारिकता का निर्वहन किया। ज्ञात रहे की हिन्दु धर्म ग्रंथों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन ही, मानव जीवन के उद्धार के लिए स्वर्ग से गंगा मैया का धरती पर अवतरण हुआ था, इसलिए इसे महापुण्यकारी पर्व के रूप में मनाया जाता है, तथा इस दिन मोक्षदायिनी गंगा की पूजा की जाती है।

गंगा दशहरे के अवसर पर 72 सीडी पर स्थित गंगेश्वर महादेव मंदिर के पंडित अर्जुन गौतम ने बताया कि वराह पुराण के अनुसार गंगा दशहरा के दिन, यानि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन, हस्त नक्षत्र में गंगा स्वर्ग से धरती पर आई थी। इस पवित्र नदी में स्नान करने से दस प्रकार के पाप नष्ट होते है।इस दिन को यानि ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को संवत्सर का मुख कहा गया है, इस दिन स्नान, दान, (अन्न-वस्त्रादि), जप-तप- उपासना और उपवास करने से दस प्रकार के पाप दूर होते है। (तीन प्रकार के कायिक, चार प्रकार के वाचिक, और तीन प्रकार के मानसिक ) इस दिन गंगा नदी में स्नान करते हुए भी दस बार डुबकी लगानी चाहिए।

गंगा माँ का स्वरूप:-
गंगा का चेहरा बहुत शांत और उज्ज्वल है। उनके चार हाथ हैं, जिसमें से एक हाथ में कमल और एक हाथ में कलश है ,तथा दो अन्य हाथ वर और अभय मुद्रा में है। वे सफेद वस्त्र धारण किए हुए है ।जो शांति और कोमलता का प्रतीक है। इनके गले में फूलों की माला तथा माथे पर अर्धचंद्राकार चंदन लगा है। यह कमल पर विराजमान रहती हैं। इनका निवास स्थान तीनों लोकों में है।

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार गंगा जी पर्वतों के राजा हिमवान तथा उनकी पत्नी देवी मीना की पुत्री हैं। गंगा जी देवी पार्वती की बहन हैं।

गंगा जी के कुछ अन्य नाम :-
मंदाकिनी,गंगा जी, भोगवती, हरा-वल्लभ, भागीरथी, सावित्री, रम्य ।

गंगा दशहरा व्रत और पूजन विधि :-
सर्वप्रथम इस दिन पवित्र नदी गंगा जी में स्नान किया जाता है. यदि कोई मनुष्य वहाँ तक जाने में असमर्थ है तब अपने घर के पास किसी नदी या सरोवर में गंगा मैया का ध्यान करते हुए स्नान करने से पुण्य अर्जित कर सकते है ।

यदि नदी, सरोवर के पास भी न जा सके तो घर मे ही गंगा जल से स्नान करके व्रत रखे ।

यदि व्रत भी न रख सके तो भी दोनो ही सूरतो मे, गंगाजल से स्नान के उपरांत दैनिक पूजा-पाठ के साथ गंगास्तुति करके दान-पुण्य, पितरी तर्पण इत्यादि अवश्य करे ।

स्नान के उपरांत गंगामैया की षोड्षोपचार पूजा करे। यदि यह भी संभव न हो तो गंगा मैया की दूध, बताशे, रोली, चावल, मौली, नारियल, दक्षिणा, धूप-दीप द्वारा पूजा करके पुष्पांजलि अर्पित करे ।

गंगा जी का पूजन या स्नान करते हुए निम्न मंत्रो का जाप या उच्चारण करना चाहिए :-

ॐ ह्रीं गंगायै | ॐ ह्रीं स्वाहा ।

ऊँ नम: शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम:

गंगा गायत्री मंत्र :-
ॐ भागीर्थ्ये च विद्महे, विश्नुपत्न्ये च धीमहि ।
तन्नो गंगा प्रचोदयात ।

गंगा महामंत्र:-

*ॐ नमः शिवाय गंगायें, शिव दायै नमो नमः ।*
*नमस्ते विष्णु रूपणायै , ब्रह्म मूर्तिये नमस्तुते ।।*

इन मंत्र के साथ मां गंगा की पूजा के बाद निम्नलिखित मंत्र के उच्चारण के साथ, पाँच पुष्प अर्पित करते हुए गंगा को धरती पर लाने वाले ऋषि भगीरथी का नाम से पूजन करना चाहिए ।

ऊँ नमो भगवते ऎं ह्रीं श्रीं हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा

इसके साथ ही गंगा के उत्पत्ति स्थल गोमुख को भी स्मरण करना चाहिए। गंगा जी की पूजा में सभी वस्तुएँ दस प्रकार की होनी चाहिए. जैसे दस प्रकार के फूल, दस गंध, दस दीपक, दस प्रकार का नैवेद्य, दस पान के पत्ते, दस प्रकार के फल होने चाहिए।गंगा पूजन के बाद शिवालय जाकर शिवलिंग पर दस प्रकार के गंध, फूल, धूप-दीप,फल और नैवेद्य अर्पित करके पूजन करे । फिर पितृरी तर्पण करे । यदि नदी या सरोवर के पास है तो पितरी तर्पण, जल मे कमर तक खडे होकर करे और यदि जल के पास न हो तो यह पितरी तर्पण किसी पात्र मे अवश्य करे, क्योंकि गंगामैया को धरती पर लाने का उद्देश्य ही पितरो की सद्गति करवाना था ।इस प्रकार इस विधि के द्वारा पूजन करने से स्वयं को भी मृत्यु के उपरांत सदगति की प्राप्ति होती है, तथा पितरो का उद्धार होकर उनका भी कल्याण होता है तथा वह सद्गति को प्राप्त करते है ।कायिक, वाचिक, और मानसिक पाप दूर होते है। जिससे मानव को अपार पुण्य की प्राप्ति होती है ।

दान-पुण्य का महत्व:
गंगा दशहरा के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है । इस दिन सत्तू, केला, नारियल, अनार, सुपारी, खरबूजा, आम, जल भरी सुराई, हाथ का पंखा आदि दान करने से दुगुना फल प्राप्त होता है।

गंगा दशहरा पूजन के उपरांत दान भी दस प्रकार की वस्तुओं का करना चाहिए, परंतु जौ और तिल का दान सोलह मुठ्ठी का होना चाहिए। दक्षिणा भी दस ब्राह्मणों को देनी चाहिए। गंगा नदी में स्नान करें तब दस बार डुबकी लगानी चाहिए।

इस प्रकार पूजन तथा दान करने से जन्मकुण्डली मे निर्बल चंद्र, खराब चंद्रमा की दशा, साढे-साती, तथा पितृ दोष से राहत मिलती है । यदि पितरो की शांति हेतु कोई यज्ञ या अनुष्ठान करना हो तो उसके लिए भी गंगादशहरा का दिन बहुत शुभ है ।

गंगा अवतरण की संक्षेप मे कथा-
प्राचीन काल मे अयोघ्या मे सगर नाम के राजा राज्य करते थे, उनके केशिनी तथा सुमति नामक दो रानियां थी। केशिनी से एक पुत्र अंशुमान, तथा सुमति से साठ हजार पुत्र उत्पन्न हुए ।
एक बार राजा ने अश्वमेध यज्ञ किया। तब यज्ञ का घोडा चुराकर इंद्रदेव कपिल मुनि के आश्रम मे बांध आये। राजा के साठ हजार पुत्र घोडे को खोजते हुए कपिल मुनि के आश्रम पहुुॅचकर चोर-२ पुकारने लगे, तब कपिल मुनि की क्रोधाग्नि से राजा के साठ हजार पुत्र जल कर भस्म हो गये।

तब राजा के जीवित पुत्र अंशुमान को महात्मा गरुड ने सारा वृतांत सुनाकर अंशुमान को भाइयो की मुक्ति हेतू गंगाजी को धरती पर बुलाने को क्हा।

पहले राजा सगर, उनके बाद अंशुमान और फिर उनकी मृत्यु के उपरांत अंशुमान के पुत्र महाराज दिलीप तीनों ने मृतात्माओं की मुक्ति के लिए घोर तपस्या की ताकि वह गंगा को धरती पर ला सकें किन्तु सफल नहीं हो पाए और अपने प्राण त्याग दिए

महाराज दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए उन्होंने गंगा को धरती पर लाने के लिए गोकर्ण मे जाकर पांव के एक अंगूठे पर खडे होकर घोर तपस्या की और एक दिन ब्रह्मा जी उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और भगीरथ को वर मांगने के लिए कहा तब भगीरथ ने गंगा जी को अपने साथ धरती पर ले जाने की बात कही जिससे वह अपने साठ हजार पूर्वजों की मुक्ति कर सकें।

ब्रह्मा जी ने कहा कि मैं गंगा को तुम्हारे साथ भेज तो दूंगा लेकिन उसके अति तीव्र वेग को सहन कौन करेगा? इसके लिए तुम्हें भगवान शिव की शरण लेनी चाहिए वही तुम्हारी मदद करेगें।

अब भगीरथ भगवान शिव की तपस्या एक टांग पर खड़े होकर करते हैं। भगवान शिव भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगाजी को अपनी जटाओं में संभालने को तैयार हो जाते हैं। भगवान शिव गंगा को अपनी जटाओं में रोककर एक जटा को पृथ्वी की ओर छोड देते हैं।

जिससे गंगा जी भगवान शिव की जटाओ से छूटकर हिमालय की घाटियोे से गुजरती हुई ऋषि जाह्रू के आश्रम पहुॅच गई। जहां ऋषि जाह्रू ने उन्हे अपनी तपस्या मे विघ्न समझकर उन्हे पी गये, तब फिर भगीरथी जी की प्रार्थना करने पर ऋषि जाह्रू ने उन्हे अपनी जांध से निकाल कर मुक्त किया। तभी से गंगा, जाह्रू पुत्री या जाह्नवी कहलाई।

इस प्रकार कठिनाईयो को पारकर गंगा मां ने राजा सगर के साठ हजार पुत्रो के भस्म अवशेषो का उद्धार कर मुक्ति प्रदान की।

तब ब्रह्माजी ने भगीरथ के कठिन तप व प्रयासो से प्रसन्न होकर गंगा का नाम भगीरथी रखा और भगीरथ को अयोध्या का राज्य संभालने को कहकर अंर्तध्यान हो गये।प्रतिदिन गंगा स्तोत्र का पाठ करने वाले मनुष्य का मरणोपरांत बैकुंठ मे वास होता है, और जीवन मरण के चक्र से मुक्त होता है । यदि संभव हो तो गंगा स्तोत्र का पाठ कमर तक गंगा मे खड़े होकर करना चाहिए और यदि ये संभव न हो तो गंगा किनारे बैठ कर स्तोत्र पाठ करे ।

कार्य में लापरवाही पर प्रभारी मंत्री ने लोनिवि अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार



समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री की चेतावनी, कार्य प्रणाली में सुधारात्मक रवैया न अपनाया तो होगी कार्यवाही

 

भाजपा कार्यसमिति की बैठक में भी किया वर्चुवल प्रतिभाग

रूद्रपुर 19  जून। प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व, संस्कृति एवं जनपद प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक सम्पन्न हुयी।

जिला कलेक्ट्रेट सभागार में शनिवार को हुई बैठक में जहाँ एक ओर प्रदेश के पर्यटन, सिंचाई, जलागम, धर्मस्व, संस्कृति एवं जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज ने विभागीय अधिकारियों की जमकर क्लास ली वहीं उन्होने इससे पूर्व जिला भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी कार्यालय में जाकर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी वर्चुवल शामिल होकर प्रतिभाग किया।
जिला कलेक्ट्रेट सभागार में हुई समीक्षा बैठक में जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो बजट जिस मद में आवंटित किया गया है उस कार्यो को गुणवत्ता व समयबद्धता के साथ शतप्रतिशत खर्च करना सुनिश्चित करें। प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज ने जिलाधिकारी से कहा कि जिस विभागाध्यक्ष द्वारा बजट पूर्ण खर्च नहीं किया जायेगा उसको प्रतिकूल प्रविष्ठि देना सुनिश्चित करें।

बैठक में स्थानीय विधायकों ने कार्य में शिथिलता और लापरवाही के लिए जब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की शिकायत की तो कैबिनेट मंत्री श्री महाराज ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास लेते हुए फटकार लगाई। उन्होने लोनिवि अधिकारियों से जल्द ही अधूरी पड़ी सड़कों के निर्माण कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए।

उन्होने कहा कि जनपद में जो कोविड-19 संक्रमण की रोक-थाम, टीकाकरण व विकास कार्य किये जा रहे हैं वह सराहनीय है, लेकिन इससे भी और अधिक मेहनत से कार्य करने की जरूरत है।

प्रभारी मंत्री ने जिलाधिकारी को कहा कि एनएच, एनएचएआई व लोनिवि द्वारा किये जा रहे कार्यो की माॅनिट्रिंग करते हुये उनकी समीक्षा भी करें। उन्होने लोनिवि के अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माण कार्यो की सूची शीघ्र उपलब्ध करायें व जो अधूरे कार्य हैं उसे शीघ्र पूर्ण करें व प्रस्ताव बनाने से पहले कार्यो का भली भांति परीक्षण कर ले तभी शासन को प्रस्तुत करें। उन्होने चेतावनी देते हुये कहा कि कार्य प्रणाली में सुधारात्मक रवैया अपनाये नहीं तो प्रतिकुल प्रविष्ठि अमल में लायी जायेगी।

उन्होने कहा कि अधिकारी निर्माण कार्यो का समय-समय पर निरीक्षण भी करें ताकि कार्यो में गुणवत्ता व पारदर्शिता बनी रहे। श्री महाराज ने कहा कि सरकार की मंशा है कि विकास योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सकें। उन्होने जनपद में कोविड-19 संक्रमण की रोक-थाम के लिये टेस्टिंग/सैम्पलिंग बढाने व संक्रमित व्यक्ति को तत्काल उचित उपचार मुहैया कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये।

उन्होने मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 डीएस पंचपाल को निर्देश दिये कि आशा, आंगनबाडी, एएनएम को आॅक्सोमीटर, थर्मामीटरी, मास्क, सैनेटाईजर आदि उपलब्ध करायें ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों की जांच भली भांति हो सकें। उन्होने कहा कि टैस्टिंग, वैक्सीनेशन की इस तरह से प्लानिंग करें कि आम आदमी को सरलता से इसका लाभ मिल सकें। जनपद के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज ने समीक्षा के दौरान कहा कि कोरानो संक्रमण के दौरान आम जनता द्वारा यह भी शिकायतें आयी हैं कि कतिपय निजी अस्पतालों द्वारा ईलाज के एवज में अधिक धनराशि ली जा रही थी। उन्होने कहा कि इन मामलों को गम्भीरता को देखते हुये सम्बन्धित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुये शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होने जनपद में अवैध खनन पर भी रोक लगाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिये कि जिन लाभार्थियों के राशन कार्ड आॅनलाईन नहीं हुये हैं उन्हे भी राशन देने की प्रक्रिया शीघ्र सुनिश्चित करें व उनकी सूची शासन को उपलब्ध करायें। इस विषय में उन्होने सचिव खाद्य से फोन पर वार्ता भी की।

उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो लोग ठेली, फड लगाकर अपना गुजर-बसर करते हैं उन लोगों को स्थाई जगह चिन्हित कर आवश्यक कार्यवाही करें। जिले के प्रभारी मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि आधुनिक पंद्धति के आधार पर कृषि को बढावा दिया जाये व मार्केट की मांग के अनुसार कृषि की जाये जिससे की लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सकें व उनका जीवन स्तर उपर उठ सकें।

श्री महाराज ने कहा कि सम्बन्धित विभाग प्रिन्ट, इलैक्ट्राॅनिक, सोशल मीडिया के माध्यम से विकास योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सकें। उन्होने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये कि जनपद में बढते हुये नशे के ग्राफ को रोकने के लिये गोपनीय तरीके से छापामारी करते हुये आवश्यक कार्यवाही कराना सुनिश्चित करें।

बैठक में जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने अवगत कराया कि जनपद में कोविड-19 संक्रमण की रोक-थाम के लिये निरंतर सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा मिल कर आपस में समन्वय बनाते हुये कार्य किया जा रहा है व समय समय पर सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन का अनुपालन कराने हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किये जाते हैं।

मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना ने पाॅवर प्रजेन्टेशन के माध्यम से वर्तमान में कोविड-संक्रमण की स्थिति व संक्रमण की रोक-थाम, जिला योजना संरचना आजीविका के अन्तर्गत कृषि, पशुपालन, उद्यान, मत्स्य, लघु सिंचाई, दुग्ध आदि किये जा रहे कार्यो के सम्बन्ध में विस्तार से अवगत कराया।

कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि विभिन्न ग्रोथ सेन्टरों के माध्यम से लोगों को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोडने का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, पुष्कर सिंह धामी, आदेश सिंह चैहान, मेयर रामपाल सिंह, उषा चौधरी, अपर जिलाकारी जगदीश चन्द्र काण्डपाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 डीएस पंचपाल, मुख्य नगर आयुक्त रिंकु बिष्ट, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्या, मुख्य उद्यान अधिकारी एचसी तिवारी, अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि महिपाल सिंह रावत, ईई जल संस्थान तरूण शर्मा, पीडी हिमांशु जोशी, जिला विकास अधिकारी डा0 महेश कुमार, जिला अर्थ एवं संध्याधिकारी ललित चन्द्र आर्य सहित सम्बन्धित विभागों के अधकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा ने श्रद्धांजलि अर्पित की



फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा ने दी श्रद्धांजलि।।

ऋषिकेश-19 जून । महान धावक मिल्खा सिंह के निधन पर अंतरराष्ट्रीय गढवाल महासभा ने गहरी संवेदना जताई है।शनिवार को शौक कर महासभा ने विश्व एथलेटिक्स में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले मिल्खा सिंह को श्रद्वांजलि अर्पित की।

महासभा के कार्यालय में आयोजित शौक सभा में उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि मिल्खा सिंह के जीवन के संघर्ष और चरित्र की ताकत की कहानी भारतीयों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था।

फ्लाइंग सिख के नाम से दुनियाभर में अपनी पहचान कायम करने के लिए राष्ट्र उन्हें हमेशा भारतीय खेलों के सबसे चमकते सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा।श्रद्धांजलि अर्पित करने वालोंं में विक्रांत भारद्वाज, विनायक गिरी,नरेंद्र सिंह,प्रवीन असवाल,ऋषभ सिंह,मनमोहन नेगी,सुनील जुगरान,प्रभात झा,दीपक जुगरान,अभिषेक सिंह आदि शामिल थे।

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव द्वारा “सड़क है नहीं रुपाई ही सही”कार्यक्रम का आयोजन कर विधायक प्रेमचंद को चेताया



सत्ता के नशे में ऋषिकेश विधानसभा का विकास भूले प्रेमचंद अग्रवाल : राजपाल खरोला

ऋषिकेश 19 जून । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया की विगत 2 वर्षों से सिविर लाइन खोदने के कारण पशुलोक विस्थापित क्षेत्र निर्मल बाग की सड़क ना बनने के कारण विस्थापित क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों का आना-जाना दुर्बर हो गया है ।
आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजपाल खरोला के नेतृत्व में “सड़क है नहीं रुपाई ही सही” कार्यक्रम ऋषिकेश विधानसभा के अंतर्गत टिहरी विस्थापित पशुलोक क्षेत्र में किया गया जहां पिछले 2 वर्षों से सड़क न बनने के कारण लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है ।
खरोला ने जानकारी देते हुए बताया की एक तरफ ऋषिकेश के विधायक कह रहे हैं की उन्हें सोचना पड़ रहा है कि मैं अपनी विधायक निधि कौन सी सड़क पर लगाऊं ऋषिकेश विधानसभा में कोई भी सड़क अब कच्ची नहीं बची है दूसरी ओर टिहरी बांध विस्थापित लोगों के घर आने जाने की सड़क पिछले 2 साल से नहीं बन पाई है।
खरोला ने क्षेत्रीय विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा ऋषिकेश के विधायक अपनी विधायक निधि से 50 से 100 मीटर की सड़क ही बना पा रहे हैं ।

खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि टिहरी बांध विस्थापित अपना घर, परिवार, यादें, संस्कृति को छोड़कर राष्ट्रहित में ऋषिकेश आए थे यहां उनको वह मूलभूत सुविधाएं अभी तक नहीं मिल पा रही है जो उनको उनके पैतृक गांव में मिलती थी अभी तक राजस्व की सुविधा विस्थापितों को नहीं मिल पाई है और अब जो थोड़ी बहुत सड़क बनी हुई थी उसे भी सिविर लाइन बनाने की वजह से तोड़ दिया गया और पिछले 2 वर्षों से स्थानीय लोग अपने घर तक मुस्किलो से जा रहे हैं।

खरोला ने बताया कि जो सिविर लाइन यहां पड़ी है उसका लाभ भी विस्थापित क्षेत्र के लोगों को नहीं मिल पा रहा है, वह सिविर लाइन सिर्फ ऋषिकेश शहर को कनेक्ट करते हुए सिविर ट्रीटमेंट प्लांट तक जा रही है जबकि सड़क विस्थापितों की तोड़ी गई है एक तरफ सड़क को तोड़कर पुनः नई सड़क न बनाना जिससे 2 साल से लोगों को बस तकलीफो का सामना करना पड़ रहा है वही दूसरी तरफ विस्थापितों को सिविर लाइन का फायदा भी ना मिल पाना इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता है ।

खरोला ने कहा की 1 वर्ष पूर्व सीमा डेंटल कॉलेज एम्स हॉस्पिटल को जोड़ने वाली मुख्य मार्ग की सड़क भी इसी हालत में थी जब पिछले वर्ष बरसात के इसी मौसम में उनके द्वारा मुख्य मार्ग पर रुपाई की गई थी तब जाकर के प्रशासन की नींद खुली थी और वह मुख्य मार्ग बन पाया था ।
खरोला ने कहा इसलिए आज मैं एक बार फिर रुपाई के इस कार्यक्रम को कर रहा हूं ताकि ऋषिकेश विधायक सत्ता के नशे से बाहर निकले जिससे यह सड़क बन पाए ।
खरोला ने क्षेत्रीय विधायक को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही इस सड़क को बनाए जाने का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।

कार्यक्रम में उनके साथ लल्लन राजभर, गंभीर गुलियाल,जगदम्बा रतूड़ी, मनीष मैठानी, प्रेम लाल मैठाणी, बलबीर सिंह, धर्मेंद्र गुलियाल,राजेन्द्र गैरोला, सुभाष जखमोला, सोनू पाण्डे,लोकपाल कैंतुरा, जितेंद्र यादव, करन पडियार, सुरेश खरोला, निर्मल बहुगुणा, गिरवीर गुलियाल, सुरेंद्र राणा, सोहन लाल जोशी, बिशन सिंह रावत, बलवीर सिंह रावत, मदन लाल, दीपक थपलियाल आदि उपस्थित रहे।

ऋषिकेश, रुड़की व कोटद्वार में अब कचरा प्रबंधन बेहतर ढंग से हो सकेगा – प्रेमचंद



ऋषिकेश, 19 जून । गढ़वाल मंडल के तीन शहरों ऋषिकेश, रुड़की व कोटद्वार में अब कचरा प्रबंधन बेहतर ढंग से हो सकेगा। स्वच्छ भारत मिशन(शहरी) के तहत केंद्र सरकार द्वारा इन तीन शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 32.14 करोड़ धनराशि स्वीकृत किए जाने पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप पुरी का आभार व्यक्त किया है।वहीं अग्रवाल ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का भी धन्यवाद किया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा ऋषिकेश, रुड़की व कोटद्वार शहरों में कचरा प्रबंधन के लिए राज्य को 32.14 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर दी गयी है जिस पर शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही पूरी कर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य धरातल पर दिखेगा। अग्रवाल ने कहा कि इस धनराशि से ऋषिकेश शहर में भी कचरा प्रबंधन नीति को ठोस बनाकर शहर में अनावश्यक कूड़े का निस्तारण होगा साथ ही कचरा प्रबंधन की दिशा में बेहतर तरीके से कार्य हो सकेंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा के विगत दिनों मुख्यमंत्री जी द्वारा दिल्ली में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी से मुलाकात की गई थी इस मुलाकात के दौरान ही इन तीन शहरों में अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 32.14 करोड़ की स्वीकृति राज्य को प्राप्त हुई है, विधानसभा अध्यक्ष ने इसके लिए मुख्यमंत्री का विशेष आभार व्यक्त किया है।

उफान पर आई गंगा के खतरे को भांपते हुए नगर निगम मेयर ने निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश



ऋषिकेश 19 जून -पहाड़ों में मूसलाधार बारिश के बाद उफान पर आई गंगा के खतरे को भांपते हुए नगर निगम महापौर ने त्रिवेणी घाट पर गंगा के जल स्तर का निरीक्षण किया।इस और दौरान उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को तमाम मुकम्मल इंतजार करने के आदेश दिए।

शनिवार की दोपहर बारिश के बीच महापौर त्रिवेणी घाट पहुंची ओर उन्होंने गंगा के जल प्रवाह का मुआयना किया।विभिन्न विभागों के अधिकारियों को उन्होंने मौके पर बुलवाकर बढ़े हुये जलस्तर के संबंध में जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।उन्होंने गंगा और उसकी सहायक नदियों के उफान पर आने के बाद जलस्तर के वर्तमान स्थिति के बारे में भी अधिकारियों से जानकारी ली।

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि विभिन्न जगहों पर जाकर गंगा नदी के जलस्तर को हम देख रहे हैं।उन्होंने कहा कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। जलस्तर बढ़ भी सकता है, इसके लिए पहले से ही सतर्क रहना पड़ेगा। इसको लेकर दिशा-निर्देश दे दिये गए हैं।

उन्होंने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों से अपील करते हुए कहा कि प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। इस दौरान उपजिलाधिकारी मनीष कुमार, नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, तहसीलदार अमृता शर्मा ,पार्षद विजयलक्ष्मी शर्मा,जेई सिचाई विभाग आशीष बिष्ट, जल संस्थान से एच के बंसल, पंकज शर्मा ,राजपाल ठाकुर ,राजू शर्मा,रूपेश गुप्ता ,गौरव कैंथोला,महेन्द्र बर्मा, आदि मोजूद रहे।