ऋषिकेश 16 मई । -मोबाइल सेवा के जरिए समाजसेवियों की एक टोली ने साधू बाबाओं, गरीब तबके के लोगों सहित जरूरतमंदों के लिए ऋषिकेश, मुनि की रेती,हरिद्वार क्षेत्र में कोविड किचन (भोजन व्यवस्था) शुरू कर दी है।
कोरोनावायरस को लेकर उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू चल रहा है। तीर्थ नगरी में इस तालाबंदी की मार सबसे ज्यादा उन लोगों पर पड़ी है, जिन्हें रोज काम पर निकलने के बाद ही पेट भरने के लिए पैसे मिलते थे। यानी दिहाड़ी मजदूर और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो चुका है।ऐसे में शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाएं व समाजसेवी आगे आयें हैं।कोरोना संकट से निपटने के लिए हुए कोविड कफ्र्यू ने दिहाड़ी मजदूरों, रेहड़ी दुकानदारों की रोजी रोटी छीन ली है। उनके सामने उत्पन्न भोजन की समस्या के समाधान के लिए शहर के अनेकों समाजसेवी संगठन आगे आए हैं।
कोरोना संक्रमित परिवारों के साथ देवभूमि में रहने वाले हर गरीब और मजलूम की मदद का जज्बा भी समाजसेवियों द्वारा दिखाया जा रहा है। विभिन्न संगठनों से जुड़े समाजसेवी डॉ राजे सिंह नेगी एवं समाजसेवी राधे साहनी ने अपने साथियों सामाजिक कार्यकर्ता संजय बहुगुणा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष संदीप शर्मा, समाजसेवी राकेश सिंह बिष्ट, महावीर पंवार, सन्नी प्रजापति, प्रवीन असवाल के साथ इस मुश्किल घड़ी में मोबाइल सेवा के जरिए जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरण करना शुरू कर दिया है।
हर की पैड़ी हरिद्वार से हरिपुर कलां, ऋषिकेश से लेकर तपोवन तक सैकड़ों जरुरतमंदों सहित साधू बाबाओं एवं भिक्षुओं के भोजन का प्रबंध इनके द्वारा किया जा रहा है।इसके साथ ही समय समय पर ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को भी जूस वितरण भी किया जा रहा है।
मोबाइल सेवा की जानकारी देते हुए डॉ नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में कोविड कर्फ्यू लगातार आगे बढ़ाए जाने के बाद उन्होंने अपने मित्रों संग ऐसे लोगों को निशुल्क भोजन उपलब्ध कराने का फैसला लिया है, जिनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है। खास तौर से उस वर्ग के लिए यह मुहिम शुरू की गई है जिनके सामने वैश्विक महामारी में पेट भरने का संकट आ गया है, जो रोज दिहाड़ी मजदूरी करते हैं।
रिक्शा-ठेला चालक, चाय-पान के छोटे दुकानदार, फेरी करने, फुटपाथ और रेहड़ी पर दुकान लगाने वाले हजारों परिवारों के समक्ष आमदनी का कोई जरिया न होने से उनके घर में चूल्हा जल पाना मुश्किल हो गया है। डॉ राजे नेगी के अनुसार एक लाख गरीबों एवं जरूरतमंदों के भोजन की व्यवस्था के लक्ष्य को लेकर यह मुहिम वन लाख मिल्स शुरू की गई है ,जोकि लॉक डाउन तक निरंतर जारी रहेगी।
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