जी-20 के लिए त्रिवेणी घाट पर गंगा की जलधारा को घाट पर लाकर बनने वाले टापू के सौंदयीकरण का काम रुका – मुख्य विकास अधिकारी ने किया त्रिवेणी घाट का निरीक्षण


ऋषिकेश, 14 जून। जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत इस माह के अंतिम सप्ताह में त्रिवेणी घाट पर विदेशी मेहमान गंगा आरती में शामिल होंगे। इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए सभी विभागों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। आरती स्थल के सामने गंगा के बीच टापू के सौंदयीकरण के कार्य जिलाधिकारी देहरादून के निर्देश पर किया जा रहा था।  यह काम स्थाई प्रवृत्ति का ना होने के कारण रोक दिया गया है। शेष घाट पर काम जारी है। सिंचाई विभाग के अधिकारी इस मामले में साफ तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

बुधवार को जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत विदेशी मेहमानों के लिए आयोजित की जा रही त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती के लिए किए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने पहुंची मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने सभी निर्माण कार्यों को 20 जून तक पूरा करने के लिए बोला, जिसकी मॉनिटरिंग के लिए उच्च स्तरीयअधिकारी त्रिवेणी घाट पर ही बैठेंने को भी कहा गया है। 

 उल्लेखनीय है कि त्रिवेणी घाट में जहां नियमित आरती होती है उसके सामने गंगा काफी दूर बहती है। सिंचाई विभाग की ओर से गंगा की मुख्यधारा से एक धारा निकाली गई है जो आरती स्थल के पास से होकर बहती है। ऋषिकेश में आरती के आयोजन की तैयारी का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी देहरादून तीन बार यहां आ चुकी है। उनका हमेशा यही फोकस रहा है, कि आरती भव्य हो और आरती स्थल के सामने टापू का विशेष सौंदयीकरण होना चाहिए। जिसके लिए उन्होंने निर्देशित किया था, कि इस पर लाइटिंग, फुलवारी व पेड़ पौधे आदि लगाए जाए। जिसके बाद से सिंचाई विभाग दिन रात इस काम को पूरा करने में जुटा हुआ है। कई मशीनें यहां लगाई गई हैं, जो टापू के लेबल को बराबर करने के साथ-साथ एकरूपता प्रदान करने का काम कर रही हैं। दो दिन पूर्व जिलाधिकारी सोनिका यहां का निरीक्षण करके गई थी, उन्होंने 20 जून तक हर हाल में काम पूर्ण करने के निर्देश दिए थे।

बीते सोमवार की शाम कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल यहां निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने कार्यों में गुणवत्ता और स्थाई प्रकृति के काम करने के लिए कहा था।

जिसके बाद त्रिवेणी घाट में टापू के सौंदयीकरण का कार्य रोक दिया गया। घाट में अन्य क्षेत्र का सौंदयीकरण के कार्य अन्य दिनों की तरह जारी था। टापू के ऊपर काम करने के लिए लगाई गई मशीनें अचानक खामोश हो गई। यहां पर सीवर पंपिंग स्टेशन के पास गंगा की मुख्यधारा से पानी बैक मारने लगा और जहां काम चल रहा है वहां धारा में पानी आ गया। यहां काम पर लगी मशीनों का कुछ हिस्सा भी पानी में डूब गया। टापू के सौंदयीकरण का काम अचानक काम बंद होने से सभी लोग सकते में हैं। अब तक इस काम में सरकार के लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं ,और काफी समय भी बर्बाद हो चुका है। अधिकारी साफ-साफ कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

 सहायक अभियंता सिंचाई विभाग अनुभव नौटियाल का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अब टापू का  सुंदरीकरण नहीं किया किया जा रहा है। शेष काम अपने निर्धारित समय में पूर्ण होगा। 

निरीक्षण के दौरान बिजली विभाग के एक्सईएन ने बताया कि जी-20 के दौरान लगभग छः करोड़ की लागत से विद्युत के कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें दो बड़े ट्रांसफार्मर  भी लगाए गए हैं निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सौरभ अस्वाल, तहसीलदार डॉक्टर अमृता शर्मा‌ सहित सभी विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।

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