जी-20 में शिरकत करने आए विदेशी मेहमानों के लिए की गई गंगा आरती के बाद स्थानीय नागरिकों ने त्रिवेणी घाट की सजावट को किया बदरंग  इलेक्ट्रिक दिए, एलईडी झालर, सजावटी फूलों को तहस-नहस कर किया नेस्तनाबूद, विदेशी मेहमानों के लिए बनाए गए भोजनालय मे घुस मिष्ठान और खाने के पैकेट को लेकर की छीना झपटी -सुरक्षा की दृष्टि से एसडीएम और पुलिस को संभालना पड़ा मोर्चा


ऋषिकेश,29 जून ।उत्तराखंड में आयोजित तीन दिवसीय जी-20  की बैठक  के दौरान ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर हुई विदेशी मेहमानों के स्वागत में गंगा आरती जहां भक्ति और श्रद्धा भाव  के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई, वही आरती के आधे घंटे बाद त्रिवेणी घाट पर करोड़ की लागत से मंसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण सहित स्थानीय सभी विभागों द्वारा की गई, सुंदरता पर उस समय पलीता लग गया ।जब शहर के लोग घाट पर लगे फूलों ,एलईडी, सुंदर सभी देवी देवताओं के साथ गढ़वाल की संस्कृति से जुड़ी यादगार को उठाकर ले जाने लगे। जिन्हें रोकने के लिए उप जिलाधिकारी व स्थानीय प्रशासन को त्रिवेणी घाट पर मोर्चा संभालना पड़ा।

उल्लेखनीय है कि 28 जून को विदेशी मेहमानों के स्वागत में ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट  सहित पूरे नगर को रंगाई पुताई किए जाने के साथ सभी दुकानों पर एकरूपता लाने के लिए सुंदर होल्डिंग बोर्ड के अतिरिक्त त्रिवेणी घाट पर कमल ,गेंदे ,चमेली  रात की रानी के फूलों के साथ इलेक्ट्रिक एलईडी से सजाया गया था ।परंतु आरती के उपरांत रात्रि 10:00 बजे जैसे ही पुलिस प्रशासन ने त्रिवेणी घाट को आम जनता के लिए खोला ,घाट की सजावट देखने के लिए हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिक वहां पहुंच गए ,और देखते ही देखते  प्रशासन द्वारा की गई सजावट को तहस-नहस कर पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर दिया।

जिसके चलते त्रिवेणी घाट से लगाए गए लगभग 4000 ऑटोमेटिक जलने वाले दिए, लगभग 200 एलईडी झालर, फूलों के गुलदस्ते ,गमले यहां तक की हरियाली के लिए लगाई गई घास तो ले ही गए साथ ही विदेशी मेहमानों के लिए बना बनाए गए भोजनालय में भी सैकड़ों लोग घुस गए,  जहां से वह इड़ली डोसा बड़े ,मिष्ठान शाही भोग भी ले गए ,इसी के साथ कारीगरों के लिए रखे गए लगभग 300 खाने के डिब्बे भी छीना झपटी में ले गए। यह सारी घटना 15 से 30 मिनट के अंदर घटी।

जिसे देखकर उप जिलाधिकारी सौरभ अस्वाल , कोतवाली के वरिष्ठ एसएसआई डीपी काला और चौकी प्रभारी विनोद कुमार को मोर्चा संभालना पड़ा, जिन्होंने पूरे घाट को खाली करवा दिया गया।

वही कुछ स्थानीय नागरिकों का कहना था कि यदि यह सुंदरता बनी रहती  तो लोगों द्वारा खींची जाने वाली सेल्फी और फोटूएं पूरी दुनिया में ऋषिकेश का मान बढ़ाने और यादगार के रूप में  सहायक होती।

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