पीएम-केयर से मिले संसाधनों का ऑडिट
दिल्ली, मुंबई सहित कुछ महानगरों में गुप्त तरीके से चल रहा ऑडिट
तीसरी लहर से बचने के लिए अस्पतालों के वर्तमान हालात पर तैयार हो रही रिपोर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय की कई टीमें तैयारियों में जुटीं, राज्यों के पास संसाधन और उनके सही इस्तेमाल पर शुरू हुई निगरानी
नई दिल्ली 20 अप्रैल । कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में अब तीसरी लहर की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। संक्रमण की यह लहर कब और कैसे आएगी इसके बारे में अभी तक विज्ञान को भी नहीं पता है, लेकिन सरकार ने जमीनी स्तर पर जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री राहत कोष (पीएम-केयर) फंड के जरिये राज्यों को मिले संसाधनों का ऑडिट भी शुरू हो चुका है। दिल्ली, मुंबई सहित कुछ महानगरों में यह काफी गोपनीय तरीके से किया जा रहा है जिसमें केंद्र सरकार की एजेंसियां शामिल नहीं हैं।
अलग-अलग शहरों में मौजूद ये टीमें हर दिन का डाटा तैयार कर रही हैं जिनमें वेंटिलेटर, बिस्तर, आईसीयू की वर्तमान संख्या और उनके उपयोग के अलावा जांच किट्स इत्यादि के इस्तेमाल पर जानकारी ली जा रही है। जानकारी में पता चला है कि पीएम-केयर फंड के जरिये राज्यों को 38 हजार से अधिक वेंटिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। लेकिन उनमें से काफी वेंटिलेटर संचालित भी नहीं हुए हैं। हाल ही में पंजाब गई केंद्रीय टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की थी। इन्हीं वेंटिलेटर का सच पता लगाने के लिए टीमें ऑडिट कर रही हैं।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भले ही नए मामले अभी कम हो रहे हों लेकिन अस्पतालों में स्थिति काफी गंभीर है। दो लहर देखने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि देश में काफी सख्त तैयारियों की आवश्यकता है। इसीलिए अब पूरा ध्यान तीसरी लहर की ओर है। उन्होंने कहा कि शायद लोगों का व्यवहार सही रहा तो अगली लहर न देखने को मिले लेकिन सरकार को अब तैयार रहना ही पड़ेगा।