मुख्यमंत्री ने जौलीग्रांट स्थित नवनिर्मित एस.डी.आर.एफ मुख्यालय एवं फायर स्टेशन का किया लोकार्पण ,एसडीआरएफ उत्तराखण्ड ने अपनी कार्यकुशलता एवं रेस्क्यू दक्षता के चलते राज्य के आम जनमानस के मन मस्तिष्क में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई : पुष्कर सिंह धामी



ऋषिकेश जौलीग्रांट 24 अप्रैल। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को जौलीग्रान्ट में नवनिर्मित एस.डी.आर.एफ मुख्यालय एवं फायर स्टेशन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एसडीआरएफ के जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एस०डी०आर०एफ० द्वारा 11 हजार फीट से अधिक ऊँचाई पर किये जाने वाले रेस्क्यू कार्यों के लिए अन्य अर्धसैनिक बलों की तर्ज पर एस.डी.आर.एफ में कार्य करने वाले राजपत्रित अधिकारियों को 1500 रुपए एवं अराजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 1000 रुपए प्रतिदिन जोखिम भत्ता प्रदान किया जाएगा। आपदा प्रबन्धन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से एस.डी.आर.एफ की छठी कम्पनी गठित की जाएगी, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर एक-तिहाई महिला कार्मिकों की नियुक्ति की जाएगी। एस.डी.आर.एफ. में प्रतिनियुक्ति की समयावधि 07 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष की जाएगी।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने नवनिर्मित एस.डी.आर.एफ ट्रेनिंग सेंटर और वाहिनी मुख्यालय के लोकार्पण के अवसर पर एस.डी.आर.एफ की टीम को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए हर्ष का विषय है कि मुझे मुख्य सेवक के रूप में एसडीआरएफ के इस नवनिर्मित मुख्यालय को आज प्रदेश को समर्पित करने का मौका मिल रहा है। लगभग 144.43 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एस.डी.आर.एफ के मुख्यालय में प्रशिक्षण एवं आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अन्य गतिविधियां भी होंगी। उन्होंने कहा कि एस.डी.आर.एफ के जवानों और अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन साहस, वीरता, सेवा और समर्पण भाव को से किया जा रहा है। इनका त्याग और कार्यकुशलता अनुकरणीय है। विषम परिस्थितियों में इनके द्वारा जिस साहस से कार्य किया जाता है, वह सराहनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में हमारे पुलिस के जवान मोर्चा संभालते हैं और लोगों की जान बचाने के लिए आगे आते हैं। राज्य में 2013 में एस.डी.आर.एफ के गठन से ही एस.डी.आर.एफ ने आपदा के समय देवभूमि में समय-समय पर अनुकरणीय एवं प्रभावी कार्य किए है। गठन से अब तक एसडीआरएफ द्वारा तीन हजार से अधिक रेस्क्यू ऑपरेशनों में बारह हजार से अधिक घायलों का सफल रेस्क्यू किया गया एवं विषम परिस्थितियों में करीब दो हजार शवों को रिकवर भी किया गया। एसडीआरएफ उत्तराखण्ड ने अपनी कार्यकुशलता एवं रेस्क्यू दक्षता के चलते राज्य के आम जनमानस के साथ-साथ प्रतिवर्ष धार्मिक, आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन हेतु राज्य में आने वाले लाखों लोगों के मन मस्तिष्क में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। विकट परिस्थितियों में राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही आम जनमानस को आपदा की विभीषिका का बोध कराने एवं सामुदायिक क्षमता विकसित करने हेतु एसडीआएफ द्वारा वृहद स्तर पर जन-जागरूकता कार्यक्रम भी संचालित किये जाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ माह पूर्व जोशीमठ में आई प्राकृतिक भूधंसाव की घटना के पश्चात राहत एवं बचाव कार्य के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने का कार्य भी एसडीआरएफ के हमारे जवानों और अधिकारियों ने बड़ी ही कुशलता के साथ किया। उत्तरकाशी एवलांच की घटना के बाद फंसे हुए ट्रैकर्स को निकालने में भी एसडीआरएफ की बड़ी भूमिका रही थी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इसी प्रकार एसडीआरएफ आगे भी कुशलतापूर्वक किसी भी आपदा के समय राहत एवं बचाव का महत्वपूर्ण कार्य करती रहेगी।

हरिद्वार सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि एस.डी.आर.एफ के मुख्यालय बनने से यहां पर जवानों को प्रशिक्षण एवं अन्य सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि हमारा हिमालयी क्षेत्र आपदा प्रभावित क्षेत्र होने के कारण एस.डी.आर.एफ को सशक्त बनाना जरूरी है। एसडीआरएफ के गठन के बाद से ही इनके द्वारा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एसडीआरएफ को जिला एवं मंडल स्तर तक भी लोगों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्थाओं की दिशा में भी आगे बढ़ना होगा।

अपर मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड में एसडीआरएफ के गठन से ही उनके द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। एसडीआरएफ एक मोटिवेशनल फोर्स के रूप में आगे बढ़ रही है। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से एक सशक्त बल के रूप में कार्य कर रही है।

पुलिस महानिदेशक  अशोक कुमार ने कहा कि एस.डी.आर.एफ की 05 कंपनियां कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में 39 स्थानों पर एस.डी.आर.एफ की टीमें व्यवस्थित की गई हैं। आपदाओं के दौरान एसडीआरएफ के जवानों ने सराहनीय कार्य कर अपनी कार्यक्षमता का परिचय दिया है।

इस अवसर पर विधायक बृज भूषण गैरोला, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. पी.वी.के. प्रसाद, आई.जी.एस.डी.आर.एफ श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल, सेनानायक एस.डी.आर.एफ श्री मणिकांत मिश्रा एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

अतिथि देवो भवःकी तर्ज पर श्रद्वालुओं का होगा स्वागत-अनिता ममगाई चारधाम यात्रा को लेकर निगम की तैयारियां पूर्ण-मेयर निगम अधिकारियों की बैठक में महापौर ने दिए आवश्यक निर्देश



ऋषिकेश 17 अप्रैल। – अतिथि देवो भवः की परम्परा को जारी रखते हुए नगर निगम प्रशासन विश्व प्रसिद्व चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्वालुओं का स्वागत करेगा।निगम से जुड़ी हर आवश्यक सुविधा का लाभ श्रद्वालुओं को देने के लिए कटिबद्वता के साथ निगम प्रशासन ने कमर कस ली है।

इस संदर्भ  में महापौर अनिता ममगाई ने निगम अधिकारियों की आवश्यक बैठक लेकर तैयारियों को परखा , साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

सोमवार को निगम कार्यालय में अधिकारियों की बैठक लेते हुए महापौर ने कहा कि यात्राकाल के दौरान चारधाम सहित देश और दुनिया की निगाहें यात्रा के मुख्य द्वार ऋषिकेश में रहेगीं। निगम से संबधित सफाई व्यवस्था एवं पथ प्रकाश व्यवस्था में किसी भी तरह की कमी नजर नही आने पाये इसके लिए तमाम अधिकारियों को फील्ड में उतरना होगा । वह खुद भी इसकी मानिटरिंग करेगीं।

बैठक में उन्होंने रात्रि की सफाई व्यवस्था में बेहतर सुधार  के साथ कीटनाशक दवाओं का छिडकाव तमाम महत्वपूर्ण स्थानों पर रोज कराये जाने के निर्देश दिए।

बैठक में नगर आयुक्त राहुल कुमार गोयल, सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत,सहायक नगर आयुक्त द्वितीय चंद्रकांत भट्ट,अधिशासी अभियंता  दिनेश प्रसाद उनियाल ,लेखाधिकारी यतिन शाह ,कर अधिकारी भारती आदि शामिल रहे।

गंगा के स्पर्श मात्र से, मनुष्य करोड़ों पापों से मुक्त हो जाता है-पुष्कर सिंह धामी, गंगा को मोक्ष दायनी माने जाने के कारण ही गंगा में अस्थि विसर्जन का भी महत्व है :रामाशीष ऋषिकेश में हुआ गंगा समग्र सम्मेलन का आयोजन



ऋषिकेश, 16 अप्रैल ।प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा के स्पर्श मात्र से मनुष्य द्वारा किए गए करोड़ों पाप से वह मुक्त हो जाता है।

यह विचार प्रदेश के मुख्यमंत्री ने रविवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित गंगा समग्र अभियान सम्मेलन के समापन अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद देश और प्रदेश में अनेकों सरकारें बनी, परंतु किसी ने भी गंगा स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंगा स्वच्छता को लेकर देश में गंगा काउंसिल का गठन किया गया है ,जिसमें उत्तराखंड राज्य सरकार को भी सदस्य के रूप में मनोनीत किया है। गंगा गोमुख से निकलकर भारत के हजारों शहरों‌ को छुकर गंगा सागर में जा रही है, जिससे स्वच्छ और साफ किए जाने का उत्तराखंड सरकार संकल्प ले चुकी है। जिसके चलते उसमें शामिल होने वाले उत्तराखंड के125 नालों को एसटीपी के माध्यम से स्वच्छ किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जो गंगा को स्वच्छ किए जाने का प्रयास किया जा रहा है, वह काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार भी संकल्पित है, जो भी इस कार्य में योगदान होगा उसे लोगों के माध्यम से पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लैंड जिहाद के नाम पर मस्जिदों और मजारों का निर्माण किया जा रहा है, उसे उनकी सरकार द्वारा ‌बर्दाश्त नहीं किया जाएगा ।क्योंकि यह गंगा-जमुना की भूमि है ,जो कि वनों पर्वतों से आच्छादित है, जिसका स्वरूप बना रहेगा ।उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी कीमत पर इस प्रकार की जमीनी जिहाद को प्रदेश में होने नहीं देगी। नमामि गंगे योजना के अंतर्गत गंगा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए एसटीपी के माध्यम से गंगा में गिरने वाले नालों को रोका जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति के जन जागरण का कार्य किया जा रहा है। बद्री धाम में मास्टर प्लान भी लागू कर दिया गया है, दिसंबर माह तक बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे के‌ लिए किए‌ जा रहे कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे। हेमकुंड साहिब में रोपवे का शिलान्यास हो चुका है, देवी पूर्णागिरी मंदिर के निर्माण पर 135 करोड़ रुपए खर्च कर विकास कार्य किए जा रहे हैं, ऑल वेदर रोड के साथ ऋषिकेश से करणप्रयाग तक रेल लाइन का कार्य भी गतिमान है।

उन्होंने बताया कि 13‌लाख से अधिक लोगों ने चार धाम ‌यात्रा पर जाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से सबक लेते हुए हमने संतुलन बनाते हुए अधिक विकास कार्य भी किए है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए राज्य सरकार ने धर्मांतरण कानून बनाया है।महिलाओं को धूएं से बचाने के लिए उज्जवला योजना के अंतर्गत सिलेंडर उपलब्ध कराएं है।

गंगा समग्र अभियान के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने कहा कि गंगा जी को बचाने के लिए सामूहिक सहयोग और जन जागरण की आवश्यकता है ,क्योंकि भारतीय संस्कृति और जीवन में गंगा का विशेष स्थान है। जो कि मोक्ष जीवन दायिनी भी है। इसीलिए गंगा में अस्थि विसर्जन को भी महत्वपूर्ण माना गया है।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमा अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि भारत में 6 लाख गांव है ,जहां 10 लाख तालाब बनाए जाने की आवश्यकता है। जिन्बहें चाए जाने के लिए उनके किनारे वृक्षारोपण भी किया जाए जिससे पर्यावरण भी बचेगा और गंगा भी बच जाएगी।

इस अवसर पर गंगा समग्र गंगा निर्मल गंगा कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन मंत्री प्रांत संगठन मंत्री गंगा समग्र निरंजन त्रिवेदी और राष्ट्रीय महामंत्री आशीष भैया दिव्य सेवा मिशन के संचालक, ने किया इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक ‌अरुण घिडियाल, सह संयोजक जगदीश तिवारी, केंद्रीयटोली के सदस्य निभा झा, ऋषिकेश जिला सह संयोजक राजीव गुप्ता, शुभम सिंघल, सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

तीर्थ नगरी ऋषिकेश में गंगा स्नान कर धूमधाम से मनाया गया बैसाखी का पर्व, सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारे में माथा टेकने के बाद करी सुख समृद्धि की कामना, ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने की कड़ी मशक्कत



ऋषिकेश, 14 अप्रैल । देश के विभिन्न प्रांतों से आए ‌तीर्थ नगरी ऋषिकेश में वैशाखी के पर्व पर हजारों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी घाट , राम झूला ,लक्ष्मण झूला सहित अन्य गंगा घाटों पर शांतिपूर्ण तरीके से हर हर गंगे के उद्घोष के साथ पुण्य की डुबकी लगाई।

शुक्रवार को वैशाखी के पर्व पर शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में जहां फसल काटकर खुशियां मनाई गई, वहीं देवभूमि के तमाम गुरूद्वारों में आयोजित गुरुवाणी सुनने के लिए दिन भर संगतों से गुलजार रहे।

देवभूमि ऋषिकेश में बैसाखी पर्व पर उत्सव सरीखा माहौल रहा। पर्व पर सुबह चार बजे से ही स्नान का क्रम शुरू हो गया था। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य किया। इस बार वैशाखी पर्व पर गंगा स्नान को श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ उमड़ी है। श्रद्धालुओं की गंगा स्नान करने के लिए भीड़ उमड़ी। वहीं, गंगा स्नान के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से पर्याप्त इंतजाम किए गए ।

इन सबके बीच गुरुद्वारा श्री सिंह सभा,गुरूद्वारा श्री हेमकुण्ड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट एवं निर्मल आश्रम गुरूद्वारे में बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया गया। सिख समुदाय के लोगों ने गुरुद्वारे में माथा टेकने के बाद सुख समृद्धि की कामना की। सुबह से ही सिख श्रद्धालु गुरुद्वारे में पहुंचने लगे थे। रागी जत्था ने शबद कीर्तन के माध्यम से सिख संगत को निहाल कर दिया। कीर्तन के द्वारा गुरु की शिक्षाओं और आदर्शों पर प्रकाश डाला गया। के चलते तमाम गुरुद्वारों पर रोशनी के लिए लडियां लगाई गई थी ।

वही बैसाखी के अवसर पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा बनाए गए नए ट्रैफिक प्लान के दोपहर तक लागू न होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। यातायात निरीक्षक रमाकांत सेमवाल और कोतवाली प्रभारी निरीक्षक खुशीराम पांडे ,एसआई डीपी काला को देश के अन्य प्रांतों से वैशखी का स्नान करने आने वाले यात्रियों के वाहनों को नियंत्रित करने के लिए पसीना बहाता देखा गया, जिनका कहना था कि ऋषिकेश में यातायात 10:00 बजे बाद अचानक बढ़ना शुरू हुआ, जिसके कारण काफी संख्या में वहान ऋषिकेश पहुंच चुके हैं। यही हाल ऋषिकेश से तपोवन तक रहा। जहां थाना मुनिकीरेती प्रभारी रितेश शाह द्वारा ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए पूर्णानंद की पार्किंग में वाहनों को पार्क करवाया गया।

डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती पर महापौर ने की श्रद्धा सुमन अर्पित, उनके विचारों की प्रासंगिकता सदैव कायम रहेंगी: अनिता ममगाई



ऋषिकेश 14अप्रैल। – बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की जंयती पर महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि उनके विचारों की प्रासंगिकता सदैव कायम रहेंगी।

अपने अनुभवों के आधार पर उन्होंने जो बातें कहीं, वो आज के समय में लोगों के लिए प्रेरणादायी हैं और भटके हुए लोगों को भी सही राह दिखाती हैं।

शुक्रवार को महापौर निगम के स्वच्छता प्रहरियों और सुपर वाईजरों के साथ अंबेडकर चौक पहुंची जहाँ उनके द्वारा भारत रत्न संविधान रचियता बाबा साहेब डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के संविधान का मसौदा तैयार करने के अलावा बाबा साहब ने एक अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और वकील के रूप में उन्होंने भारत के सबसे महत्वपूर्ण आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई। उनके अंदर हमेशा से ही कुछ नया सीखने की इच्‍छा रहती थी। उनकी इस जिज्ञासु प्रवृत्ति ने उन्‍हें इतनी ऊंचाइयों तक पहुंचने में बड़ी भूमिका निभाई। हम सभी को भी भी बाबा साहब से ये गुण सीखना चाहिए।

महापौर ने कहा कि बाबा साहब समाज के प्रति अपनी जिम्‍मेदारियों को अच्‍छे से समझते थे। उनका मानना था कि हर व्‍यक्ति को समाज के लिए कुछ करना चाहिए ताकि उसके आसपास के लोग भी बेहतर जीवन जी सकें। बाबा साहब हमेशा लोगों को साथ लेकर चले, इसीलिए उनका व्‍यक्तित्‍व इतना बड़ा बन सका।

इस दौरान मुकेश ग्रोवर, सफाई निरीक्षक अभिषेक मल्होत्रा, नरेश खेरवाल ,विनेश विनोद भारती ,विनोद सूद ,मुकेश खेरवाल, तीरथ बिरला ,सुरेंदर ,अजय बागड़ी, विक्रम डोगरा, राजेश डोगरा, रवि भारती ,राकेश खेरवाल अमित कुमार, महेंद्र कुमार, आदि मोजूद रहे।

मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जाते हुए एम्स ऋषिकेश के आउटसोर्स कर्मचारियों को ‌पुलिस ने ‌रोका, तहसीलदार को दिया ज्ञापन



ऋषिकेश, 11 अप्रैल । रणवीर सिंह देवभूमि केसरी। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर शिरोमणि अकाली दल मान यूथ ‌प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जाते हुए कार्यकर्ताओं को जंगलात चौकी के निकट पुलिस ने रोक दिया गया।

मंगलवार को अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह जग्गा के नेतृत्व में सुबह त्रिवेणी घाट पर गंगा मां के चरणों में शीश नवाने के बाद एक जीप में सवार होकर एक दर्जन कार्यकर्ता ऐम्स में आउट सोर्स कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन देने जा रहे थे।।। देवभूमि केसरी।।जिन्हें जंगलात चौकी के निकट पुलिस ने रोक दिया, उसके बाद उन्होने तहसीलदार डा,अमृता शर्मा को अपना ज्ञापन दिया। जिसमें कहा गया कि पिछले 8 वर्षों से एम्स में आउट सोर्स के माध्यम से सुरक्षाकर्मियों से कार्य लिया जा रहा था, उन्हें अचानक ‌हटा दिया गया है।।।देवभूमि केसरी।।। जिसके बाद उपनल से अवकाश प्राप्त कर्मचारियों को भर्ती किया गया है ।जिससे पहले से कार्यरत कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं और भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं जिन्होंने अपनी नियुक्ति की मांग की है इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि वह मार्च माह से एम्स के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं।

ज्ञापन देने वालों में सब्बल सिंह नेगी, संदीप राणा, मनोज कुमार, राम ध्यान, संजीव चौधरी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं कार्यकारी अध्यक्ष का नगर वासियों ने किया स्वागत चार धाम यात्रा के साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना सभी का कर्तव्य – ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचरी



ऋषिकेश,0 8 अप्रैल । नगर के सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं ने संयुक्त रूप से वर्ष 2023 में आयोजित होने वाली चार धाम यात्रा को विधिवत रूप से संचालित किए जाने के लिए गठित संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के 12वीं बार चुने गए अध्यक्ष संजय शास्त्री और कार्यकारी अध्यक्ष मनोज ध्यानी का स्वागत समारोह में अभिनंदन किया गया।

देहरादून मार्ग पर स्थित एक होटल में आयोजित जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी की अध्यक्षता और पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा के संचालन में स्वागत समारोह के दौरान मुख्य वक्ता ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि हमें चार धाम यात्रा के दौरान पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए भी संकल्प लेना चाहिए, उन्होंने कहा कि इस यात्रा को ठीक प्रकार से संचालित की जाने के लिए नगर वासियों को भी एकजुट होकर कार्य करना चाहिए, क्योंकि जो यात्रा में यात्रा पर यात्री आ रहा है वह हमारे मेहमान हैं। उनका स्वागत अतिथि देवो भव के साथ किया जाना चाहिए, जिससे वह यात्रा कर अपने घर लौटने पर ऋषिकेश वासियों द्वारा किए गए स्वागत का गुणगान कर सके ,और वह अपने यहां अच्छा संदेश देगा।संजय शास्त्री ने कहा कि यह यात्रा ऋषिकेश ही नहीं, अभी तो पूरा गढ़वाल मंडल की आर्थिक हेल्पलाइन भी है ,जिससे जुड़े लाखों लोगों का जीवन भी इसी यात्रा पर निर्भर करता है, जिसे सुचारू रूप से चलाया जाना नगर वासियों का भी कर्तव्य है, क्योंकि नगर में जो भी चार धाम यात्रा के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में यात्री आता है उसका नगर वासियों द्वारा स्वागत किया जाना चाहिए इस यात्रा से दुकानदारों को भी व्यापार मिलता है और वाहन स्वामियों को भी इसलिए हम सभी का कर्तव्य है कि इसे और सुंदर और सुविधाजनक बनाएं, जिसके लिए सभी नगर वासियों का सहयोग मिलना चाहिए ।हमें आने वाली यात्रियों का स्वागत द्वार बनाकर उनका स्वागत करना चाहिए ।

वही कार्यकारी अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने धर्मशालाओं के ‌संचालकों और नगर वासियों से इस यात्रा में सहयोग किए जाने की अपील की। स्वागत समारोह में उपस्थित व्यापारियों ने यात्रा में सहयोग किए जाने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर‌ पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अतुल शर्मा, सूरज गुल्हटी, जितेंद्र अग्रवाल, ,महेंद्र खन्ना, अशोक अग्रवाल , ललित मोहन मिश्रा, मनीष शर्मा,बृजेश चंद्र शर्मा, देवेंद्र रावत, योगेश उनियाल, प्रेम दत्त सेमवाल , सुधाकर भट्ट ,गंभीर सिंह मेवाड़, मनोज आर्य , वेद प्रकाश, विनोद भट्ट, मधुकर शर्मा, अशोक रस्तोगी, मुकुल शर्मा, कर्मवीर, विनोद अग्रवाल, अनिल शर्मा, सहित काफी संख्या में व्यापारी और सही लोकेशन से जुड़े वाहन स्वामी भी उपस्थित थे।

ऋषिकेश को‌ मिली पहले एफ एम की सौगात विधानसभा अध्यक्ष ने किया उद्घाटन



ऋषिकेश,07 अप्रैल ।ऋषिकेश को मिली पहले कम्युनिटी रेडियो एफएम स्टेशन की सौगात जिसका‌ दीप प्रज्वलित कर ऋतु खंडूरी भूषण ने उद्घाटन किया।

शुक्रवार को ऋषिकेश वासियों को पहले एफएम रेडियो की सौगात मिल गई है। ढालवाला के भारतीय ग्रामोत्थान संस्था से प्रसारण होने वाले पहले एफएम चैनल रेडियो ऋषिकेश 90 एफएम का उद्घाटन विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने‌ करते हुए कहा की यहां से रेडियो पर होने वाले प्रसारण को अब दुनियाभर में सुना जा सकता है। उन्होंने आशा व्यक्त की‌‌ है कि यह रेडियो स्टेशन अपने कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में जागरूकता लाएगा और लोगों के दुख, दर्द के साथ ही समस्याओं को उजागर भी करेगा।संचार क्रांति के दौर में अब भले ही मनोरंजन के बहुत सारे साधन उपलब्ध हैं, लेकिन रेडियो की जगह कोई नहीं ले पाया है।

मोबाइल फोन पर रेडियो सुनने की सुविधा उपलब्ध होने से श्रोताओं की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। इसकी पहुंच गांव-गांव घर-घर तक है ,तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मन की बात रेडियो का सहारा लेते हैं। एफ एम के कार्यक्रम शुरू किए जाने की वजह से युवा पीढ़ी भी रेडियो से जुड़ रही है।रेडियो के माध्यम से भी स्थानीय प्रतिभाओं, कलाकारों, शिक्षाविदों एवं बुद्धिजीवियों को मंच उपलब्ध होगा।

इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय ग्रामोत्थान संस्था का स्थलीय निरक्षण कर वहां बन रहे घरेलू उत्पादों की जानकारी ली।

उन्होंने ग्रामोत्थान संस्था की सराहना करते हुए कहा की भारतीय ग्रामोत्थान संस्था महिलाओं को रोजगार देने के साथ साथ पहाड़ी उत्पादों का प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं। संस्था द्वारा तैयार किए गए तरह-तरह के उत्पाद बाजार में अपनी खास पहचान बना रहे हैं।

उच्च गुणवत्ता वाले इन उत्पादों की मांग देश के विभिन्न प्रदेशों के साथ ही विदेशों में भी बढ़ रही है।

इस अवसर पर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, नगर पालिका अध्यक्ष मुनी की रेती रोशन रतूड़ी, अतुल चंदोला,उनियाल चंदोला मौजूद रहे।

उत्तराखंड में वन विभाग की भूमि पर 1000 से अधिक जगहों पर अवैध मजारों के रूप में हुए अतिक्रमण को धामी सरकार करेगी नेस्तनाबूद, वन विभाग की जमीन पर बनी अवैध मजारों के नीचे खोजने पर नहीं मिले कोई अवशेष



ऋषिकेश देहरादून 7 अप्रैल। देवभूमि उत्तराखंड में पिछले काफी समय से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के मामले सामने आ रहे थे।

इसी कड़ी में उत्तराखंड वन विभाग की जमीन पर अवैध मजारों के जरिए अतिक्रमण को बढ़ावा दिया जा रहा था जब सरकार द्वारा ऐसे स्थानों को चिन्हित किया गया तो। चिन्हित की गई 1000 मजारों को जब जांचा गया तो उन मजारो के नीचे खोदने पर उसमें किसी भी तरह की कोई अवशेष नहीं मिले। जिसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी साफ कह दिया है कि देवभूमि उत्तराखंड में अवैध मजारों को ध्वस्त करेंगे। इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा है कि ये नया उत्तराखण्ड है यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी नहीं।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा प्रदेश में एक हजार से अधिक ऐसे स्थान चिन्हित किए गए हैं जो अनावश्यक रूप से बना दिए गए हैं। कहीं पर मजार बना दी गई हैं और कहीं कुछ, लेकिन जब इन्हें खोदा गया तो इनके नीचे कुछ अवशेष नहीं निकल रहे हैं ,देवभूमि उत्तराखंड गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों का उद्गम स्थल है और सदियों से ही ऋषि-मुनि और तपस्वियों को आकर्षित करती रही है ये देवभूमि। कहा जाता है कि यहां के जंगलों में दुर्लभ औषधियों का खजाना है, लेकिन इन दिनों उत्तराखंड के जंगल किसी और वजह से चर्चा में हैं।

उत्तराखंड के वन विभाग तक की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। नैनीताल के रामनगर में बना जिम कॉर्बेट भारत के सबसे पुराने राष्ठ्रीय पार्कों में से है, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कारण ये हमेशा से पर्यटकों की पसंदीदा जगह रही है। हालांकि यह जिम कॉर्बेट में भी अवैध मजार हैं.। इस जगह मजार होने का मतलब ये है कि यहां लोगों की भीड़ भी जुटती होगी।

हालांकि सवाल ये है कि टाइगर रिजर्व के इस प्रतिबंधित क्षेत्र में मजार और मजार पर भीड़ जुटाने की इजाजत कैसे दी गई।

भगवान गिरी महाराज का 37 वां निर्वाणउत्सव‌ धूमधाम से मनाया गया गुरु ज्ञान के बिना शिष्य का जीवन सुखमय नहीं होता-भूपेंद्र गिरी



ऋषिकेश, 07 अप्रैल। गुरु द्वारा दिए गए ज्ञान के प्रकाश के बिना शिष्य का जीवन कभी सुख मय नहीं हो सकता, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्यों को सही र्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

यह विचार षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष और भगवान ‌गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर ‌ बाबा भूपेंद्र गिरी ने मायाकुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज के 37 वें निर्वाणउत्सव‌ के दौरान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति मैं गुरु का सबसे ऊंचा स्थान है जो कि अपने शिष्य को‌ उनके कल्याण मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है जोकि अंतर्मन से दिये गए आशीर्वाद स्वरूप हमेशा अपने शिष्य के कल्याण की कामना करता है।

उन्होंने कहा कि गुरु बनाए जा का जीवन जहां अपने शिष्य के प्रति समर्पित रहता है वही शिष्य को भी अपने गुरु के प्रति समर्पित रहना चाहिए, इस दौरान षड दर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी, ने कहा कि ब्रह्मलीन भगवान गिरी महाराज ने जहां समाज सेवा को अपना मिशन बनाया ,वही उन्हें सिद्ध संत के रूप में भी जाना जाता था। उन्होंने पांडव गुफा में वर्षों से ध्यान लगाकर कई प्रकार की सिद्धियां भी प्राप्त की थी।

कबीर चौरा आश्रम के महंत कपिल मुनि, ने भी अपने विचार व्यक्त किए वही , इस दौरान आश्रम में सुंदरकांड, रामायण का भी भोग लगाये जाने के साथ विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। वही भगवान गिरी जी का निर्वाण उत्सव धूमधाम से मनाया गया।

जिसमें निरंजनी अखाड़े के स्वामी अमर गिरी, स्वामी मधुर बन, आह्वान अखाड़े के श्री मंहत थानापति रवि गिरी, मंहत प्रयाग गिरी, निर्वाणी अखाड़े के मैच राधेपुरी, उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ,नगर निगम महापौर अनीता ममगांई, हेमकुंड गुरुद्वारे के प्रबंधक सरदार दर्शन सिंह, गुरुद्वारा डेरा ठाकरा के महंत बलवीर सिंह ,मनोहर लाल, जतिन विरमानी, सोनू ,कसमीर सिंह, महंत विनय सारस्वत, श्री ब्रह्मचारी केशव स्वरूप शंकराचार्य आश्रम, देव सिंह, महंत कपिल मुनि कबीर चौरा आश्रम, गोपाल विरमानी, विनोद शर्मा सहित काफी संख्या में लोगों ने प्रतिभाग किया।