एम्स ऋषिकेश में आयोजित स्वच्छता जनजागरुकता पखवाड़ा विधिवत हुआ संपन्न


 

पखवाड़े के दौरान सफाईकर्मियों को कूड़ा निस्तारण व स्वच्छता से जनस्वास्थ्य की दृष्टि से होने वाले लाभ संबंधी दी जानकारियां

ऋषिकेश, 15 अप्रैल ।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयोजित स्वच्छता जनजागरुकता पखवाड़ा विधिवत संपन्न हो गया। पखवाड़े के दौरान सफाईकर्मियों को कूड़ा निस्तारण के उपाय और स्वच्छता से जनस्वास्थ्य की दृष्टि से होने वाले लाभ संबंधी विस्तृत जानकारियां दी गई। अभियान के अंतिम दिन विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने स्वच्छता जनजागरुकता कार्यक्रमों में प्रति जानकारी दी। गौरतलब है, कि एम्स ऋषिकेश में निदेशक रवि कांत की देखरेख में ’स्वच्छता पखवाड़े’ की शुरुआत बीती 1 अप्रैल को की गई थी। इसके अंतर्गत दो सप्ताह तक आयोजित किए गए विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान संस्थान के अलग अलग विभागों की टीमों द्वारा स्वच्छता संबंधी कार्यक्रमों के माध्यम से मरीजों और उनके तीमारदारों को साफ सफाई को लेकर प्रेरित किया और इससे जनस्वास्थ्य पर पड़ने वाले अच्छे प्रभावों से रूबरू कराया।आयोजित कार्यक्रमों के तहत ओपीडी एरिया, आईपीडी एरिया, कैंटीन एरिया, वेटिंग एरिया, किचन एरिया और संस्थान के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक, पोस्टर प्रदर्शनी, ट्राॅली रिले एक्टिविटी, ऑनलाइन वेबिनार, टीवी स्क्रीन पर डिस्पले प्रोग्राम आदि खासतौर से आयोजित किए गये, संस्थान के सफाई कर्मियों को सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्रशिक्षण दिया गया, साथ ही उन्हें अनुपयोगी ठोस अपशिष्ट पदाथों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को लेकर आगाह किया गया। बताया गया कि अपशिष्ट कचरे का प्रबंधन से मृदा संरक्षण, जल संरक्षण और स्वच्छ पर्यावरण के लिए नितांत जरूरी है। लिहाजा अपशिष्ट कचरे का प्रबंधन व इसका समय रहते निस्तारण किया जाना आवश्यक है। उधर हाॅस्पिटल इन्फेक्शन टीम द्वारा संस्थान के नर्सिंग ऑफिसरों को हाथों को सही तरीके से धोने और स्वच्छ रखने का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक रवि कांत ने कहा कि स्वच्छता ही स्वस्थ जीवन का मूल मंत्र है। लिहाजा इसे दैनिक जीवन में अपनाया जाना नितांत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ समाज से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना संभव हो सकती है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति स्वच्छता के प्रति संकल्पित रहे और स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकाररूप देने में अपना योगदान सुनिश्चित करे। डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बीमारियों के नियंत्रण में स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की शुरुआत स्वयं से की जाए तो हमारे आसपास का वातावरण खुद ब खुद स्वच्छ हो जाएगा।डीन हाॅस्पिटल अफेयर्स प्रो. यूबी मिश्रा ने कहा कि स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया है। साफ-सफाई रखने से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। स्वच्छता के नियमों का पालन करने से हम सभी का जीवन भी निरोगी रहता है।आयोजन में मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. बीके बस्तिया जी, डा. अनुभा अग्रवाल जी, नर्सिंग सुपरिटेंडेंट मनीष शर्मा, डा. पूजा भदौरिया, डा. लेविन आदि मौजूद थे।

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