एम्स ऋषिकेश में किडनी ट्रांसप्लांट से मरीज को मिला नया जीवन, केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद हुई सुविधा शुरू, आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी खर्च पर भी होगा इलाज



ऋषिकेश,09 मई। एम्स ऋषिकेश में मरीजों को अब किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा भी मिल सकेगी। केन्द्र सरकार से किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट के संचालन हेतु आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद एम्स ऋषिकेश में गुर्दा प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू कर दी गई है। हाल ही में यहां नैनीताल के एक 27 वर्षीय मरीज की किडनी प्रत्यारोपित कर उसे नया जीवन दिया गया है। यह इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत सरकारी खर्च पर किया गया। एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला सरकारी अस्पताल है जहां यह सुविधा शुरू हो गई है। किसी व्यक्ति के शरीर की जब दोनों किडनियां काम करना बंद कर देती हैं तो उसे किडनी ट्रांसप्लांट ( गुर्दा प्रत्यारोपण ) की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में शरीर के किसी ऑर्गन ( अंग ) ट्रांसप्लांट तकनीक की यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल होती है। इस मामले में एम्स ऋषिकेश के यूरोलाॅजी, नेफ्रोलाॅजी और ऐनेस्थेसिया विभाग की संयुक्त टीम ने प्रत्यारोपण प्रक्रिया में सफलता हासिल की है।

उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एम्स ऋषिकेश लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। इसी कड़ी में बीते दिनों संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किडनी फेलियर समस्या से ग्रसित एक 27 वर्षीय मरीज का किडनी ट्रांसप्लांट कर उसे नया जीवन दिया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने गुर्दा प्रत्यारोपण करने वाले डाॅक्टरों की टीम को बधाई देते हुए कहा कि हमारे विशेषज्ञ चिकित्सकों के प्रयास से यह उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का भी सहयोग रहा। प्रोफेसर डाॅ. मीनू सिंह ने बताया कि मरीजों का जीवन बचाने के लिए एम्स ऋषिकेश प्रतिबद्ध है और निकट भविष्य में लीवर ट्रांसप्लांट सहित अन्य बीमारियों से संबन्धित ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा भी संस्थान में शुरू की जाएगी।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने ट्रांसप्लांट करने वाली टीम की प्रशंसा की और कहा कि एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड का पहला सरकारी अस्पताल है जहां यह सुविधा शुरू की गई है।
गुर्दा प्रत्यारोपण करने वाली टीम के सदस्य और यूरोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. अंकुर मित्तल ने इस संबन्ध में बताया कि गुर्दे की विफलता की स्थिति में गुर्दा प्रत्यारोपण ( किडनी ट्रांसप्लांट ) एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है। उन्होंने बताया कि किडनी प्रत्यारोपण करने वाली टीम के लिए यह चुनौतीपूर्ण कार्य था लेकिन टीम वर्क से यह प्रक्रिया पूर्ण तौर से सफल रही और लगभग 3 घंटे तक चली प्रत्यारोपण प्रक्रिया के बाद 27 वर्षीय मरीज को उसके पिता की किडनी लगाई गई। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज को 19 अप्रैल से लगातार निगरानी में रखा गया था। उन्होंने बताया कि मरीज को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। मरीज अब पूर्णरूप से स्वस्थ है और उसे शीघ्र ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। टीम में शामिल नेफ्रोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. गौरव शेखर ने कहा कि एम्स ऋषिकेश में पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। उन्होंने कहा कि हीमोडायलेसिस करवाने वाले किडनी रोगियों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट की यह सुविधा किसी वरदान से कम नहीं है।

कब पड़ती है किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत

यूरोलाॅजिस्ट डाॅ. अंकुर मित्तल ने बताया कि किसी व्यक्ति की किडनी खराब हो जाने, किडनी के सही ढंग से काम न करने और नियमितौर पर डायलेसिस की जरूरत पड़ने पर किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि डायलेसिस की प्रक्रिया से रोगी के शरीर की नसों में संक्रमण की संभावना ज्यादा होती है और बार-बार डायलेसिस करवाने से मरीज का जीवन खराब हो जाता है। ऐसे में किडनी प्रत्यारोपण ही बेहतर विकल्प है।

टीम में यह विशेषज्ञ चिकित्सक रहे शामिल

एम्स यूरोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ.अंकुर मित्तल, डाॅ.विकास पंवार और डाॅ. पीयूष गुप्ता, नेफ्रोलाॅजी विभागाध्यक्ष डाॅ.गौरव शेखर, डाॅ. शेरोन कंडारी और डाॅ. संदीप सैनी, ऐनेस्थेसिया विभाग के डाॅ.संजय अग्रवाल, डाॅ. वाई.एस. पयाल और डाॅ. प्रवीन तलवार शामिल थे।

एम्स दिल्ली के चिकित्सकों का मिला सहयोग

ट्रांसप्लांट के लिए एम्स दिल्ली की ट्रांसप्लांट टीम के विशेषज्ञ चिकित्सकों को बतौर मार्गदर्शन के लिए बुलाया गया था। इस टीम में एम्स दिल्ली की ट्रांसप्लांट टीम के प्रो. वीरेन्द्र कुमार बंसल, प्रो. संदीप महाजन, प्रो. लोकेश कश्यप, डाॅ. संजीत सिंह और डाॅ. राजेश्वर सिंह शामिल थे।

पिता ने दी बेटे को किडनी

जिस मरीज की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है वह मात्र 27 वर्ष की उम्र का है। युवक के पिता ने बेटे की जिन्दगी बचाने के लिए अपनी किडनी दान दी है। मरीज के पिता लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि उनके परिवार में 4 लोग हैं और परिवार की सामुहिक राय के बाद यह निर्णय लिया गया।

सीमा डेंटल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधक एवं कर्मचारियों के बीच हुआ विवाद -कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर गेट के बाहर दिया धरना



ऋषिकेश ,09 मई । सीमा डेंटल कॉलेज ‌हॉस्पिटल प्रबंधक एवं कर्मचारी यूनियन के बीच कर्मचारियों की नियुक्ति ‌ओर वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर हुए विवाद के बाद कर्मचारियों ने गेट के बाहर कार्य बहिष्कार कर धरना देना प्रारंभ कर दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिला पंचायत सदस्य एवं यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौहान जब मंगलवार को कॉलेज के निदेशक विवेक सिंह से कर्मचारियों के संबंध में बातचीत करने गए ,तो उन्होंने ठीक से बात ना कर कर्मचारियों को उनकी शर्तों के आधार पर कार्य करने की चेतावनी देते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा जाने की धमकी दी।

जिस पर वहां उपस्थित अन्य कर्मचारियों में निदेशक के विरोध में रोष उत्पन्न हो गया और सभी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर गेट के बाहर धरना देना प्रारंभ कर दिया।

बताया गया कि सीमा डेंटल कॉलेज में कर्मचारियों को कार्य करते हुए कई वर्ष हो गए हैं जिनको 5 वर्ष में पुनरनियुक्त किए जाने के एग्रीमेंट के साथ उनका वेतन ग्रेच्युटी कार्ड का चैक उनके खाते में जमा करने के उपरांत नगद पैसा वापस ले लिया जाता है।

यह भी बताया गया कि सीमा डेंटल कॉलेज में इन कर्मचारियों को अस्थाई रूप से रखकर नई नियुक्ति की जाती है, यह खेल सीमा डेंटल कॉलेज की स्थापना के बाद से चल रहा है ।इसी संबंध में कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौहान जब बातचीत करने गए थे, उनका कहना था कि नियुक्ति पत्र में 10% वृद्धि का उल्लेख था। मगर कर्मचारियों को 2.3 प्रतिशत की गई है। इसी के साथ कुशल कर्मचारियों को अंकुश और कर्मचारी के रूप में भर्ती किया जाता है। जिसे लेकर कार्यकारी निदेशक इस संबंध में संतोषजनक उत्तर न देकर कर्मचारियों का उत्पीड़न करते हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि यदि कोई कर्मचारी अपनी मांग को लेकर आवाज बुलंद करता है, तो उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। इन मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कॉलेज के प्रबंधक वर्ग को नोटिस देते हुए कार्य बहिष्कार कर गेट के बाहर धरना देना शुरू कर दिया है ।

जहां संजीव चौहान यूनियन के उपाध्यक्ष लंकेश रयाल, सचिव रघुवीर सिंह रावत, संयुक्त सचिव ऋषि गैरोला ,संगठन मंत्री अशोक शर्मा, कोषाध्यक्ष सुनील उनियाल सहित अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।

बारिश के चलते जलमग्न हुई सड़क का महापौर ने लिया जायजा  एन एच की लापरवाही से बड़ी जलभराव की समस्या-अनिता ममगाई नाला गैंग को महापौर ने दिए आवश्यक निर्देश



ऋषिकेश-3 मई।  तीन दिन से तीर्थ नगरी में हो रही लगातार बारिश के चलते हरिद्वार रोड़ पर हुई जलमग्न की स्थिति का जायेजा लेने महापौर अनिता ममगाई निगम के अमले के साथ मौके पर पहुंची।

इस दौरान एन एच द्वारा सड़क के चौड़ीकरण के लिए बनवाये गये चैम्बरों को उन्होंने जांच के लिए उठवाया तो एन एच के निर्माण सामग्री से वो अटे पढ़े थे।महापौर ने क्षेत्रवासियों को फोरी राहत दिलाने के लिए तुरंत नाला गैंग को सफाई के लिए लग जाने के निर्देश दिए।उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों के साथ देवभूमि ऋषिकेश में भी पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। खासतोर पर हरिद्वार रोड़ स्थित पुरानी चुंगी पर सड़क बरसाती पानी से जलमग्न हो रखी है।

आवागमन में क्षेत्रवासियों सहित अन्य क्षेत्र के लोगों एवं पर्यटकों को आवागमन में आ रही दुश्वारियों का संज्ञान लेते हुए बारिश के बावजूद महापौर मौके पर पहुंची और आवश्यक कारवाई के तुरंत निर्देश दिए।उन्होंने बताया कि एन एच द्वारा नाले निर्माण में बरती गई लापरवाही की वजह से बारिश में जलभराव कि समस्या उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने जानकारी दी कि इस बाबत निगम अधिकारियों को तत्काल एन एच को नोटिस दिए जाने के आदेश दिए गये हैं।

साथ ही एन एच अधिकारियों को कहा जायेगा कि भविष्य में निगम के साथ तालमेल करके ही अपने निर्माण को करें ताकि इस तरह की समस्याओं से जनता को जूझना ना पढ़े। उन्होने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को पूरा फोकस नाला सफाई पर लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। ताकि बारिश में शहर को जलभराव से बचाया जा सके।

इस दौरान सहायक नगर आयुक्त रमेश रावत, अधिशासी अभियंता दिनेश प्रसाद उनियाल, सफाई निरीक्षक अभिषेक मल्होत्रा, तरुण लखेरा, विनय बलोधी, विनोद पुरोहित, संदीप रतूड़ी आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

गोविंद नगर में बने कूड़े के पहाड़ को जल्द हटाया जाएगा- अनिता ममगांई सोमवार से लाल बीट में की जाएगी नए प्लांट लगाए जाने की कार्रवाई -नगर निगम महापौर ने अधिकारियों और पीड़ित लोगों के साथ की संयुक्त बैठक कूड़े के पहाड़ के कारण लोगों को रिश्ते नाते निभाने हो रहे भारी



ऋषिकेश 26 अप्रैल। पिछले 40 वर्षों से हीरालाल मार्ग पर स्थित गोविंद नगर में डाले जा रहे नगर‌‌ निगम के कूड़े के बाद बने पहाड़ को समाप्त किए जाने को लेकर नगर निगम महापौर ने स्थानीय प्रशासन की आवश्यक बैठक बुलाकर तत्काल कूड़े को हटाए जाने पर चर्चा की।

जिसमें आश्वासन दिया गया कि सोमवार से लाल बीट में कूड़ा निस्तारण के लिए प्लांट लगाए जाने की कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को नगर निगम महापौर अनीता ममगांई की अध्यक्षता में आयोजित उप जिलाधिकारी सौरभ अस्वाल, नगर निगम के मुख्य आयुक्त राहुल गोयल, पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी, अग्निशमन अधिकारी वीरबल सिंह के साथ विशेष रूप से चर्चा की गई।

जिसमें नगर निगम महापौर ने कहा कि नगर निगम द्वारा कूड़े के पहाड़ को हटाए जाने के लिए लाल पानी बीट में वन विभाग से लगभग दो करोड़ की जमीन खरीद ली है, जहां पर पुराने कूड़े को हटाए ‌जाने की कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान के अंतर्गत इस कूड़े का निस्तारण किए जाने पर कूड़े से पीड़ित नगर वासियों ने अपनी समस्याओं को रखा।

डॉ आरके भारद्वाज ने कहा कि वर्ष 1998 तक ऋषिकेश में डेंगू जैसी बीमारी नहीं होती थी, परंतु उसके बाद अनेकों बीमारियां पनप रही है। इस कूड़े के निस्तारण का तत्काल समाधान होना चाहिए, उन्होंने कहा कि जब कूडा हटाए जाने के लिए अन्य जगह पर स्थान चिन्हित कर लिया है, तो कूडा क्यों नहीं हटाया जा रहा है।

जिस पर उपजिलाधिकारी सौरभ अस्वाल और नगर निगम मुख्य आयुक्त राहुल गोयल ने नगर वासियों का आश्वासन दिया कि लाल पानी बीट में लगने वाले कूड़ा निस्तारण प्लांट का विरोध करने वाले ग्रामीणों से तत्काल बातचीत कर इसका समाधान कर लिया जाएगा, वही कूड़े के ढेर पर लगे पिछले 2 दिनों से आग के कारण पीड़ित लोगों ने अपनी समस्या को रखते हुए कहा कि जब से यहां पर कूडा डालना शुरू किया गया है ,तब से अभी तक कूड़ा उठाए जाने की कोई प्रक्रिया जारी नहीं की गई है। जिसके कारण यह पहाड़ बना और आज पहाड़ के कारण पूरा शहर बदबू से पीड़ित है। इतना ही नहीं इसके कारण लोगों को जहां सांस लेने मैं तकलीफ हो रही है वही हार्ट अटैक की बीमारियों के कारण कई लोग दम भी तोड़ चुके हैं, इतना ही नहीं इस पूरे के कारण आसपास रहने वाले लोगों के यहां उनके रिश्तेदारों ने जहां आना बंद कर दिया वही विवाह जैसे शुभ कार्य भी करने में दिक्कत हो रही है, जिसके कारण सगाई आदि करने के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ रहा है।

बैठक में एस एन ए रमेश सिंह रावत कं, अर्जुन सिंह ,सत्यवीर सिंह, तोमर ,सुनीता ग्रोवर ,आशीष ,विनय बलोदी, तरसेम लाल, के के पांडे ,आलोक ज़ख्मोला, पंकज शर्मा,रामकमार कमलेश जैन, जगजीत सिंह, विकास तेवतिया, राजेंद्र कुमार, आभा सहगल, राजेंद्र कुमार, हरजीत कुमार, सीता अग्रवाल सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

चार धाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की 50 स्वास्थ्य की जांच मात्र एक बूंद खून द्धारा हेल्थ एटीएम से की जाएगी- चंदोला ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय और यात्रा बस अड्डे पर मिलेंगी सुविधा



ऋषिकेश,0 9 अप्रैल। उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे उत्तराखंड में लगाए जाने वाले हेल्प एटीएम ‌ की श्रृंखला में ऋषिकेश को भी 2 एटीएम प्राप्त हो गए हैं ‌।जिससे स्वास्थ्य संबंधी 50 प्रकार की जांच की जाएगी ।

यह जानकारी ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पीके चंदोला ने देते हुए बताया कि चार धाम यात्रा को देखते हुए उत्तराखंड राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने देश और दुनिया से आने वाले चार धाम यात्रा पर यात्रियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तत्काल उनके स्वास्थ्य की जांच किए जाने के लिए चारों धामों की यात्रा मार्गों पर हेल्थकेयर एटीएम लगाए जाने का निर्णय लिया है, जिसके चलते ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय और चारधाम यात्रा बस अड्डे पर भी हेल्थ एटीएम लगाया गया है ।जिसमें सभी प्रकार की जांच की जाएगी।

चंदोला का कहना था कि अभी तक स्वास्थ्य की जांच के लिए प्राप्त किए जाने वाले सैंपल की रिपोर्ट मिलने में काफी समय लगता था, परंतु हेल्प एटीएम के माध्यम से सैंपल लेने के बाद कुछ ही सेकंड के पश्चात उसकी रिपोर्ट मरीज के हाथ में होगी। जिससे मरीज के स्वास्थ्य की जहां जांच रिपोर्ट तत्काल मिल जाएगी। वही चिकित्सकों को भी मरीज का उपचार करने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि यह एटीएम की सुविधा चार धाम यात्रा प्रारंभ होते ही यात्रियों को मिलनी प्राप्त हो जाएगी।

उत्तराखंड स्थित एक जेल में एचआईवी ‘बम’ फूटने से मचा हड़कंप , एक कैदी महिला समेत 54 कैदी पाए एचआईवी पॉजिटिव



ऋषिकेश/ देहरादून /हल्द्वानी,8 अप्रैल। कुमाऊं की सबसे अधिक कैदियों वाली हल्द्वानी जेल में एचआईवी ‘बम’ फूटने से हड़कंप मचा हुआ है।जेल में एचआईवी संक्रमित कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

हल्द्वानी जेल में 54 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें एक महिला कैदी भी शामिल है। एचआईवी संक्रमित सभी कैदियों का सुशीला तिवारी अस्पताल एआरटी सेंटर में इलाज चल रहा है. यह सभी कैदी जांच के दौरान एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं।

वहीं डॉक्टरों की मानें तो एचआईवी संक्रमित मिले कैदी अधिकतर ड्रग एडिक्ट हैं.लगातार बढ़ रही है मरीजों की संख्या: हल्द्वानी जेल में क्षमता से अधिक कैदी हैं. वर्तमान समय में 1629 पुरुष, जबकि 70 महिला कैदी हैं. ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद जेल प्रशासन भी अब कैदियों की रूटीन जांच करा रहा है. जिससे समय रहते एचआईवी संक्रमित कैदियों का इलाज हो सके।
सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि एचआईवी मरीजों के लिए एआरटी सेंटर बनाया गया है, जहां संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता है. उन्होंने बताया कि जेल में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण कैदियों में अधिकतर ड्रग्स एडिक्शन के चलते देखा गया है. जो भी कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाया जाता है, उनको निशुल्क इलाज और दवाइयां दी जाती हैं.
सुशीला तिवारी अस्पताल के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि एचआईवी पॉजिटिव से घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन इसमें दूसरे मरीजों को एचआईवी ना फैले इसमें सावधानी और जागरूकता बहुत जरूरी है।

हल्द्वानी जेल के अधीक्षक प्रमोद पांडे ने बताया कि जेल में जो भी एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं, उनका रूटीन चेकअप सुशीला तिवारी अस्पताल के एआरटी सेंटर के माध्यम से कराया जाती है. साथ ही इस बीमारी से बचने लिए कैदियों के बीच जन जागरूकता अभियान चलाकर बचाव की जानकारी दी जाती है. जेल में 54 एचआईवी पॉजिटिव मरीज हैं. जिसमें एक महिला मरीज भी शामिल है. कैदियों की एचआईवी जांच के लिए समय-समय पर शिविर का आयोजन भी किया जाता है।

जानकारी के मुताबिक जांच में फरवरी माह में 23 एचआईवी पॉजिटिव, जबकि मार्च माह में 17 एचआईवी पॉजिटिव कैदी सामने आए हैं. बाकी 14 कैदी पहले के शामिल हैं।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में हेल्थ एटीएम और 40 ट्रू नेट मशीनों का किया लोकार्पण,



देहरादून 6 अप्रैल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जेके टायर लिमिटेड कम्पनी तथा यस बैंक द्वारा C.S.R. के तहत लगाये गए Health A.T.M. का लोकापर्ण किया।

इस दौरान महानिदेशक स्वास्थ्य तथा उक्त कम्पनियों के मध्य स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग हेतु MoU पर भी हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री  धामी ने इंडियन ऑयल कॉरपोरशन लिमिटेड के सौजन्य से C.S.R. के तहत राज्य के सभी ब्लॉकों में उपलब्ध कराई जाने वाली 40 ट्रू नेट मशीनों का भी लोकपर्ण किया।

इन ट्रू नेट मशीनों की सहायता से T.B., Covid तथा अन्य रोगों की जांच में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यस बैंक, आईओसीएल व जेके टायर इन हेल्थ एटीएम तथा ट्रू नेट मशीनों की इस पहल के लिए बधाई के पात्र हैं।

आईओसीएल द्वारा प्रदेश के सभी ब्लॉकों के लिए 40 ट्रू नेट मशीनों की उपलब्धता से हमारे राज्य में इस दिशा में 100 प्रतिशत का लक्ष्य पूरा हो गया है। उन्होंने कहा कि इन सुविधाओं से न केवल समय की बचत होगी बल्कि धन की भी बचत होगी। लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। इन हेल्थ एटीएम के माध्यम से जनमानस स्वयं समय-समय पर अपनी जाँच कर अपने स्वास्थ्य की देखभाल बेहतर ढंग से कर सकेंगे।

उन्होंने निजी कम्पनियों से अपील करते हुए कहा कि कम्पनियां उत्तराखण्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य व स्वच्छता के क्षेत्र में अपनी मदद देकर एक मॉडल स्थापित कर सकती हैं। सीएम ने आईओसीएल से विशेष रूप से राज्य में रोजगार सृजन के क्षेत्र में योगदान की अपील की।

6 महीने से आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान ना होने पर आशाओं ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी का किया घेराव 



ऋषिकेश ,05 अप्रैल । ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय‌ में आशा कार्यकर्ताओं को पिछले 6 महीने से उनके कार्य का भुगतान न किये जाने से नाराज आशा कार्यकर्ताओं ने भुगतान को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के शिकायत पोर्टल पर भी अपनी मांग की गई थी, जिसका स्वास्थ्य निदेशक कार्यालय से भी संज्ञान लिया गया है। जिसके बाद आज चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का घेराव कर उनका भुगतान किए जाने की मांग की।

बुधवार को आशा कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीके चंदोला का घेराव करने के उपरांत उनके द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि आशा कार्यकर्ताओं से पल्सपोलियो, एचपीएलसी ,जेएसवाई का कार्य लिया जा रहा है, परंतु उनका भुगतान पिछले एक नवंबर से नहीं दिया गया है जिसके कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका आरोप था कि चिकित्सालय के कनिष्ठ लिपिक की लापरवाही के कारण उनका भुगतान नहीं किया गया है।

जबकि  मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीके चंदोला का कहना था कि उनके चिकित्सालय में 60 आशा कार्यकर्ता कार्य करती हैं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अब आशा कार्यकर्ताओं को‌ आशा संगनी एप के माध्यम से एक नवंबर से पेमेंट किया ‌जायेगा, जबकि 31अक्टूबर तक का‌‌ पेमेंट किया जा चुका है। जिन्हे बजट सत्र में सभी आशा कार्यकर्ताओं का भुगतान कर दिया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी का घेराव करने वाली आशाओं कार्यकर्ताओं में लाजवंती भंडारी, सावित्री शर्मा, वंदना शर्मा, रचना जाटव, राजेश्वरी, जया वती, अनीता बंसल, बबीता धीमान, विनोद कुमारी, मधु अरोड़ा, रितु रस्तोगी, रीना शर्मा, सरोजिनी चौहान, संयोगिता देवी, सहित सभी आशा कार्यकर्ता मौजूद थी।

निर्मल आश्रम ने किया स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन



ऋषिकेश 3 अप्रैल। समाज सेवा में अग्रणीय भूमिका निभा रहे निर्मल आश्रम ऋषिकेश द्वारा आज दिनांक 3 अप्रैल 2023 को खैरी कलां में 12वें स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया ।

गौरतलब है निर्मल आश्रम ऋषिकेश अपने संस्थानों एन.जी.ए. (निर्मल ज्ञान दान अकैडमी), एन.ई.आई (निर्मल आई इन्सटिट्यूट) एवं निर्मल संगीत अकैडमी का सालाना स्थापना दिवस मना रहा है।

तीन दिन तक चलने वाले इस समागम मे मध्य के दिन यानि कि आज स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । शिविर में बड़ी संख्या मे लोग रक्तदान के लिए आगे आए।

आश्रम मैनेजर हरमनप्रीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि संस्था द्वारा साल में दो बार रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है और इस कड़ी में यह 12वाँ स्वैच्छिक रक्तदान शिविर है। इस पुनीत यज्ञ में ……64…….. लोगों ने रक्तदान के जरिए मानवता की सेवा में आहुति दी।

उन्होंने बताया कि निर्मल आश्रम के महंत बाबा राम सिंह जी महाराज ने स्वयं अपने करकमलों द्वारा रिबन काट कर इस शिविर का शुभारंभ किया। इस मौके पर महाराज जी ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को जीते जीते रक्तदान एवं मरणोंपरांत नेत्रदान का संकल्प लेना चाहियें तथा मानव सेवा से बढ़कर दुनियां में काई कार्य नहीं है। इस दौरान संत जोध सिंह जी महाराज ने चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में निर्मल आश्रम की ओर से कराए जा रहे जन कल्याणकारी कार्यों को जारी रखने की बात कही।

इस मौके पर अनिल किंगर, करमजीत सिंह, अजय शर्मा, आत्मप्रकाश, डा. सुनीता शर्मा एवं एम्स ऋषिकेश की ब्लड डोनेशन टीम प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एम्स ऋषिकेश में आधी रात को किया निरीक्षण मरीजों का जाना हाल चाल, छात्रों से की चाय पर चर्चा



ऋषिकेश, 01 अप्रैल । केन्द्रीय स्वास्थ्य एवम् परिवार कल्याण मंत्री  मनसुख मांडविया ने शुक्रवार की ‌आधी रात को अचानक ऋषिकेश एम्स पहुंचकर इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में मरीजों का हाल चाल पूछने के साथ एम्स की ‌सभी व्यवस्थाओं का मौका मुआयना किया ।

शुक्रवार की देर रात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ओर उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत एम्स ऋषिकेश पहुंचे ।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री शुक्रवार को गढ़वाल दौरे पर थे जिसके उपरांत वह ऋषिकेश एम्स में इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में मरीजों का हाल चाल पूछने के बाद एम्स की ‌सभी व्यवस्थाओं का मौका मुआयना किया।इसी के साथ मनसुख मांडवीया ने हॉस्टल की मेस में एमबीबीएस के छात्रों के साथ चाय पर चर्चा करते हुए अमृतकाल में देश के विकास में योगदान के लिए संदेश भी दिया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान एम्स की निदेशक प्रोफ़ेसर मीनू सिंह सहित तमाम अधिकारी भी मौजूद थे।