गंगा भोगपुर में वन गुर्जरों, घुमंतू पशुपालकों का दो दिवसीय सम्मेलन हुआ प्रारंभ गुर्जरों को उनकी संस्कृति और जीवन शैली से कराया जाएगा अवगत- अवधेश कौशल



ऋषिकेश 24 मार्च  ।उत्तराखंड सेंटर फॉर पेस्टोरलिस्म और वन गुर्जर ट्राइबल युवा संगठन द्वारा आयोजित उत्तराखंड के वन गुर्जरों, घुमंतू पशुपालकों की संस्कृति और जीवन शैली पर आधारित दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान वन गुर्जरों की समस्याओं पर विशेष रूप से चर्चा का प्रारंभ हुआ।

गुरुवार को गुर्जरो की समस्याओं पर पर आधारित गंगाभोगपुर मल्ला कोडिया गांव में पद्म भूषण अवधेश कौशल की अध्यक्षता और अमीर हमजा के संचालन में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रेनू बिष्ट ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कई दशकों से जंगलों में रहकर अपने बच्चों पालन पोषण कर रहे, घुमंतू पशुपालकों की काफी समस्याएं हैं,जिन का निदान किया जाना अत्यंत आवश्यक है ।

जिनकी संस्कृति और जीवन शैली के संबंध में आने वाली पीढ़ी को भी अवगत कराना चाहिए, कि किस प्रकार उनके बुजुर्गों ने उन्हें पालने के लिए कष्टों को सहा है ।आज उनके सामने अपने पशुओं को जीवित रखने के साथ अपने जीवन को सुधारने का भी संकट वन अधिनियम 1980 के चलते संकट में आ गया है ।जिस का शीघ्र समाधान किया जाना अत्यंत आवश्यक है ।

 

जिसके लिए वह विधानसभा में भी सवाल उठाएंगी। इस अवसर पर मोहम्मद शाहदात ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दो दिवसीय सम्मेलन उत्तराखंड के वन गुर्जरों, घुमंतू पशुपालकों की संस्कृति और जीवन शैली को सभी तक पहुंचाने का एक सार्थक प्रयास है। जिसमें पेस कला ,गुजरी किस्से कहानियां ,मल्टीमीडिया और फिल्म प्रस्तुत कर घुमंतू पशुपालकों को उनकी संस्कृति से परिचय कराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के वन गुर्जर एक घुमंतु समुदाय के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।जो कि ज्यादातर गुजरी नस्ल की भैंसों का पालन पोषण कर सकें । और इसी के माध्यम से यह लोगअपना जीवन यापन भी कर रहे हैं ।इसी के साथ यह लोग उत्तराखंड के शिवालिक और हिमालय की ऊंची नीची पहाड़ियों में गर्मी हो या सर्दी में मौसम के हिसाब से ऊंची पहाड़ियों पर अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

कुछ अपने पशुओं के लिए चारे की तलाश में हिमाचल प्रदेश तक जाते हैं। हालांकि उनकी जीवनशैली और परिवार का यह स्वरूप कई पीढ़ियों से ऐसे ही बना है ।लेकिन अब देश के बाकी घुमंतू पशु पालकों की ही तरह उन्हें भी कई सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ।

यह सम्मेलन चरवाहों और अन्य प्रतिभागियों के लिए आपसी बातचीत में शामिल कर घुमंतु समुदाय के अनुभवों को सुनने और बाहरी लोगों के लिए उत्तराखंड के घुमंतू पशुपालकों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दिए जाने के लिए आयोजित किया गया है ।जिसका लाभ सभी को मिले यह सम्मेलन का उद्देश्य है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अवधेश कौशल ने कहा कि इस सम्मेलन में देश के पांच राज्य उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र ,गुजरात और यूपी से लगभग 300 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जिसमें गुर्जर ट्राईबल युवा संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जिसकी पहल पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया है ।

उन्होंने बताया कि कुमाऊं गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के उधम सिंह नगर एवं नैनीताल जनपद तथा गढ़वाल के हरिद्वार, देहरादून ,पौड़ी ,टिहरी ,उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग जनपद में पशुओं के संग स्थाई एवं अस्थाई रूप से प्रवास करने वालो की समस्याओं को लेकर इस सम्मेलन में चर्चा की जाएगी ।जिनके व्यवसाय के रूप में ज्यादातर गोजरी नस्ल की भैंसों को पाला जाता है ,जो कि दूध और दूध से भनी सामग्री को बेचकर ही अपना जीवन यापन करते हैं ।लेकिन सरकारों द्वारा इनकी भूमि तथा अन्य अधिकारों के संबंध में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है ।जो किइन लोगों के लिए समस्या बनी है ।

सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिभागियों को उनकी पौराणिक जीवन शैली के किस्से कहानियों ,मल्टीमीडिया ऑफ फिल्म के माध्यम से अवगत कराया जाना भी इस सम्मेलन ‌‌‌‌की यह एक पहल है ,किस्सो के माध्यम से उन्हें उनके घुमंतू पशुपालकों के जीवन को बेहतर बनाने और भारतीय घुमंतू पशुपालन की समझ को बढाने का‌‌ भी मकसद इस सम्मेलन का भाग‌ है।

 

इस सम्मेलन में गुर्जरों के ऐतिहासिक जीवन को भी प्रमुखता दी जाएगी। जिसमें 27 मार्च को कुनाओ चोड में पशु मेला भी लगाया जाएगा। सम्मेलन में पहले दिन कासिम कणी, अमीर हमजा, अवधेश कौशल ,अमित राठी, फैजान कोसवाल आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

लगातार बिगड़ते पर्यावरण के कारण आने वाली पीढ़ी को जीवन बचाने के लिए अपने कंधों पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर घूमना पड़ेगा -डॉक्टर एसएन मिश्रा -विश्व वानिकी दिवस पर आईडीपीएल में प्रारंभ की जाएगी नवग्रह वाटिका, कैंसर जैसे असाध्य रोगों के निवारण हेतु लगाए जाएंगे औषधीय वृक्ष



ऋषिकेश; 20 मार्च। देश में लगातार बिगड़ते प्रदूषण के कारण हमारे देश का पर्यावरण पूरी तरह से बिगड़ जाएगा , आने वाली पीढी को अपना जीवन बचाने के लिए प्रत्येक नागरिक को कंधे पर ऑक्सीजन का सिलेंडर रखकर सड़क पर चलना पड़ेगा।

 

लगातार बिगड़ते पर्यावरण के कारण आने वाली पीढ़ी को जीवन बचाने के लिए अपने कंधों पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर घूमना पड़ेगा -डॉक्टर एसएन मिश्रा –

विश्व वानिकी दिवस पर आईडीपीएल में प्रारंभ की जाएगी नवग्रह वाटिका,

कैंसर जैसे असाध्य रोगों के निवारण हेतु लगाए जाएंगे औषधीय वृक्ष

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 जिसे बचाने के लिए उनके द्वारा ऋषिकेश के निकट आईडीपीएल क्षेत्र में कैंसर जैसे रोगों के निवारण के लिए 5000 कृष्णा फल के पेड़ के साथ सीता अशोक के पेड़ों की नर्सरी लगाए जाने का संकल्प लिया है।

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यह जानकारी रविवार को ऋषिकेश प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों को देते हुए  नीर फाउंडेशन ऋषिकेश के संस्थापक डॉक्टर एसएन मिश्रा (पेड़ बाबा) ने कि वानिकी दिवस के अवसर पर बताया कि पेड़ पंचायत एवं गोविंद दर्शन ट्रस्ट, नीर फाउंडेशन गंगा सेवा एवं पर्यावरण संरक्षण समिति, रिहैबिलिटेशन ट्रस्ट के संयुक्त प्रयास से आईडीपीएल में औषधीय वृक्षो का रोपण किया जाएगा। उनका मूल उद्देश्य लगातार देश में बढ़ते प्रदूषण के कारण बिगड़ते पर्यावरण को रोकने के लिए जहां वृक्षों का रोपण किया जाना है, वही आने वाले समय में बिगड़ते पर्यावरण के कारण युवाओं को सांस लेने में होने वाली दिक्कत से बचाना है ।क्योंकि पर्यावरण बिगड़ने के कारण लोगों को जीने के लिए सांस लेना भी दूभर हो जाएगा, और युवाओं को अपना जीवन बचाने के लिए कंधे पर ऑक्सीजन का सिलेंडर लेकर घूमना पड़ेगा ।उन्होंने कहा कि वन गमन के दौरान सीता माता‌ भी अशोक के पेड़ के नीचे बैठी थी, जिसके कारण उनका जंगल में जीवन बचा था। डॉक्टर एसएन मिश्रा का कहना था कि अशोक के पेड़ में वह शक्ति है ,जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती ।जोकि कैंसर जैसी बीमारियों का निवारण करता है ।

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उन्होंने कहा कि उनके द्वारा आईडीपीएल में 21 मार्च को नवग्रह वाटिका एवं अन्य वाटिकाओ का शुभारंभ किया जा रहा है। इस पूरी वाटिका में 5000 से अधिक कैंसर वाटिका इत्यादि का आरंभ किया जाएगा। जिसमें 30 बच्चों को वृक्ष मित्र सम्मान से भी सम्मानित किया जाएगा। जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे विश्व में बिगड़ते पर्यावरण के कारण प्रदूषण की समस्या से निपटना है। क्योंकि आज पूरा विश्व स्वच्छ पर्यावरण के लिए त्राहि त्राहि कर रहा है। जिसके लिए समाज को एकजुट होकर सार्थक प्रयास किए जाने की आवश्यकता है ।उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए आज पूरे विश्व में बड़े-बड़े सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं ।

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जिसमें वैज्ञानिकों ने वृक्षों की उपयोगिता पर जोर दिया है ,उनका कहना था कि उनकी कल्पना है। कि ऋषिकेश आईडीपीएल क्षेत्र को इस अवसर पर कैंसर उद्यान बनाया जाए। जहां आकर वैज्ञानिक और औषधीय वृक्षों पर रिसर्च कर अनेक बीमारियों का निवारण कर सकें ।इस प्रकार के वृक्ष लगाए जाने से वैज्ञानिकों को पेड़ पौधों के बारे में भी जानकारी मिलेगी ।पत्रकार वार्ता में दर्शन शाह ,महंत रवि शास्त्री आदि भी मौजूद थे।

आज़ादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन



 

ऋषिकेश 19 मार्च। आज़ादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सूर्या फाउंडेशन व इंटरनेशनल नैचरोपैथी ऑर्गेनाइजेशन(आईएनओ) द्वारा रोग मुक्त भारत अभियान के तहत खदरी ग्राम सभा में प्राकृतिक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया।
खदरी, श्यामपुर के स्वामी विवेकानंद स्कूल में आयोजित एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर के दौरान कोविड-19 काल में इम्युनिटी बढ़ाने हेतु जीवन शैली में किए जाने वाले बदलाव हेतु जानकारी दी गई| बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 18 नवंबर 2021 से 15 अगस्त 2022 तक रोग मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई है।

इस अभियान को सार्थक बनाने के लिए सूर्या फाउंडेशन एवं आईएनओ द्वारा देश में जगह-जगह प्राकृतिक चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे हैं|इस आयोजन में जानकारी दी जा रही है कि प्राकृतिक चिकित्सा को किस प्रकार से अपना कर जीवन की पद्धति में बदलाव ला सकते हैं क्योंकि आज कल खान-पान व रहन-सहन के व्यवस्थित नहीं रहने से शरीर में अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाने से अनेक बीमारियां शरीर में घर बना लेती है जिसका जड़ मूल से उपचार नेचुरोपैथी के माध्यम से ही हो सकता है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि मनुष्य के स्वस्थ रहने के लिए उसके आसपास के वातावरण का स्वच्छ व स्वस्थ रहना जरूरी है| इस दिशा में शरीर के स्वास्थ्य के लिए नियमित योगाभ्यास तथा आत्मा की संतुष्टि के लिए ध्यान योग व प्राणायाम आवश्यक है। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना आवश्यक है जिसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में परिवर्तन कर नियमित योगाभ्यास एवं खानपान में सुधार करना होगा।

इस शिविर में विशेषज्ञों ने प्राकृतिक चिकित्सा के विविध पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, प्रकृति का मूल आधार मिट्टी, पानी, धूप व हवा है और इनके द्वारा रोगों का उपचार भी किया जा सकता है। इसके लिए हम सभी को वापस प्रकृति की ओर ही लौटना होगा। प्रकृति को अपने व्यवहार व अपनी आत्मा से पूरा-पूरा अपनाना होगा। हर कुछ प्रकृति के अनुसार करना होगा। हमें जीवनयापन आत्म संयम व आत्मायोग से करना होगा। अपने आहार में स्थानीय व मौसम अनुकूल खाद्य पदार्थो, सब्जियों व फलों एवं कच्चे भोजन की मात्रा को बढ़ाना होगा। उपवास का पालन करना होगा। प्राकृतिक रूप में जैविक खेती करनी होगी। इन सब के द्वारा ही रोगों से मुक्ति संभव है। इसके लिए हमें दृढ़ संकल्प के साथ नियमित रूप में सक्रिय व संयमित जीवन अपनाना होगा।
इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य देवेश्वरी रयाल, प्रबंधक गजेंद्र रयाल, आईएनओ के अधिकारी मनोज रतूड़ी, सरस्वती काला, विनोद जुगलान, मदन काला, सुरेंद्र रयाल, मणिराम रयाल, अमन कुकरेती, अतुल थपलियाल, जीतराम थपलियाल सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

नगर पालिका मुनि की रेती ढालवाला की टीम द्वारा विशेष सफाई अभियान चलाकर प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित कर कूड़ा निस्तारण प्लांट में भेजा



ऋषिकेश 15 मार्च। आज नगर पालिका मुनि की रेती द्वारा नरेंद्र नगर के मुख्य मार्ग और वन क्षेत्र में विशेष सफाई अभियान चलाकर प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित कर कूड़ा निस्तारण प्लांट में भेजा गया।

बताते चलें मुख्य सचिव उत्तराखंड एवम जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल द्वारा नगर पालिका मुनि की रेती ढाल वाला के अधिशासी अधिकारी तनवीर सिंह मारवाह को विशेष सफाई अभियान चलाकर प्लास्टिक वेस्ट को निस्तारण हेतु के आदेश दिए गए हैं।

जिसके तहत आज माता भद्रकाली मंदिर से चंद्रा पैलेश ढालवाला तक सड़क के किनारे एवम माता भद्रकाली मंदिर से पी.डब्लू.तिराहे तक सड़क तथा वन क्षेत्र में विशेष सफाई अभियान चलाकर प्लास्टिक वेस्ट को एकत्रित कर कूड़ा निस्तारण प्लांट में भेजा गया ।
इस दौरान दौरान भूपेंद्र सिंह पंवार सफाई निरीक्षक ,राजू,महिपाल आदि पर्यावरण मित्र आदि शामिल रहे।

रोटरी क्लब ,ओ आई एम टी ऋषिकेश के आयोजित रक्तदान शिविर में रक्त दाताओं ने 70 यूनिट रक्त दिया जीवन को बचाने के लिए रक्तदान किया जाना अत्यंत आवश्यक -डॉ .रवि कौशल



ऋषिकेश,12 मार्च ।रोटरी क्लब ऋषिकेश एवं लायंस क्लब देवभूमि के सहयोग से जयराम आश्रम रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया । जिसमें 70 यूनिट रक्त दाताओं ने रक्तदान किया ।

शनिवार को आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान रोटरी क्लब ऋषिकेश अध्यक्ष डॉ रवि कौशल ने उपस्थिति को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में दैनिक कार्यों के लिए और ही भागम भाग के चलते देश में बढ़ रही दुर्घटनाओं के दौरान समाज को खून की काफ आवश्यकता है जिसके अभाव में लोग अकाल मौत के ग्राहक बन रहे हैं जिले सुरक्षित बचने के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा रक्तदान शिविरों का आयोजन कर युवाओं को रक्तदान के जाने के लिए प्रेरणा दी जा रही है जिनके द्वारा दिया गया रक्त दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के जीवन को सुरक्षित करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है,।

जिसे देखते हुए विश्व रोटरेक्ट पखवाड़ा के अंतर्गत 190 देशों में 10904 रोट्रेक्ट क्लबों के इस पखवाड़े में7 मार्च से 13 मार्च इंटरनेशनल अध्यक्ष शेखर मेहता के आवाहन पर हिस्ट्री बनाने के लिए ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किए जा रहे हैं । अध्यक्ष प्रतीक वर्मा ने बताया कि आज 29 संस्था की ओर से लगाए गए शिविर में 70 यूनिट रक्त इकट्ठा किया गया, सभी सदस्यों के सहयोग से हमारा यह प्रथम प्रयास बहुत सफल रहा ।

शिविर में रोटरी क्लब ऋषिकेश अध्यक्ष डॉ रवि कौशल, डॉ डी के श्रीवास्तव राकेश अग्रवाल एवं कैंप चेयरमैन राजीव गर्ग तथा लॉयन अध्यक्ष गोपाल नारंग एवं सचिव विनय भाटिया ने उपस्थित रहकर अपना सहयोग दिया ।

केंद्रीय और राज्य एनएचएम की टीम निरीक्षण करने के बाद लौटी वापस -राजकीय चिकित्सालय मे एनएचएम के मानकों में खरा उतरने के बाद किया जाएगा सेवा विस्तार



 

ऋषिकेश: 12 मार्च।  नेशनल हेल्थ मिशन की नेशनल और स्टेट क्वालिटी एश्योरेंस टीम ने संयुक्त रुप से 2 दिन तक एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में आमजन को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा समेत अन्य व्यवस्थाओं को जांचने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर लिए जिसे वह शीघ्र ही केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगी।

पिछले एक पखवाड़े से राज्य सरकार की टीम द्वारा किए जा रहे हैं निरीक्षण के बाद अस्पताल में क्या कमिया हैं और कहां सुधार की जरूरत है इसकी पूरी रिपोर्ट भी तैयार की गई थी जिसे केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग से भेजी गई 2 सदस्य टीम को सौंप दिया गया है जिसके बाद टीम ने भी अपने स्तर पर जांच की । केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बिहार राज्य से डॉक्टर सरिता और तमिलनाडु से डॉ एस रजीना सहित गुरुवार को राष्ट्रीय एवं स्टेट क्वालिटी एश्योरेंस की चार सदस्यीय टीम ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय पहुंची थी ।

टीम ने ओपीडी, इमरजेंसी, दवा स्टोर, इंजेक्शन कक्ष, महिला और पुरुष वार्ड लेबर रूम आदि का निरीक्षण किया।

टीम में शामिल राज्य सलाहकार डा. अपूर्वा महर ने बताया कि केंद्र सरकार ने देहरादून जिले के रायपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय की स्वास्थ्य सेवा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुधार के लिए चिह्नित किया था। इसके तहत गुरुवार को अस्पताल का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

यह टीम तीन दिनों से  सुथार की व्यवस्थाओं को परखती रही, यह टीम अब अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दिखाते की जिसके परिणाम एक महीने बाद आएंगे इस रिपोर्ट के बाद केंद्रीय टीम की कसौटी पर यदि ऋषिकेश का अस्पताल खरा उतरता है ,तो यहां मेडिकल सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा।

इस दौरान टीम सदस्यों ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश सिंह राणा से विस्तृत चर्चा की। मौके पर राज्य सलाहकार डा. प्रियांशी श्रीवास्तव, डा. संतोष भास्कर, अस्पताल के कनिष्ठ लिपिक नीरज गुप्ता आदि भी मौजूद रहे।

नगर निगम ऋषिकेश द्वारा गंदगी और पॉलिथीन का इस्तेमाल करने पर फिर करी चलानी कार्रवाई, 13 चालान कर ₹15300 की धनराशि का जुर्माना वसूला



ऋषिकेश 11 मार्च। आज फिर नगर निगम ऋषिकेश द्वारा गंदगी फैलाने और पॉलिथीन का इस्तेमाल करने पर अभियान चलाकर चालानी कार्रवाई की गई। 

 नगर आयुक्त महोदय के आदेश पर आज  वीरभद्र रोड एम्स रोड 20 बीघा पर अब अभियान चलाते हुए पॉलिथीन इस्तेमाल करने वालों एवं गंदगी करने वालों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई करते हुए कुल 13 चालान कर ₹15300 की धनराशि का जुर्माना वसूला।

जिसमें पॉलिथीन का इस्तेमाल करने पर 8 चालान कर ₹9500 की धनराशि का जुर्माना और गंदगी करने पर 5 चालान काटकर ₹5800 की धनराशि का जुर्माना लगाया गया।  
नगर निगम द्वारा चलाए गए अभियान की टीम में सफाई निरीक्षक धीरेंद्र दत्त सेमवाल, अभिषेक मल्होत्रा, सफाई नायक अजय बागड़ी, विनेश कुमार शमिल थे।

ऋषिकेश में उत्तराखंड को टीवी मुक्त बनाए जाने के लिए चलाया जाएगा जन जागरण अभियान -टीवी रोगी की सूचना देने वालों को मिलेंगे ₹500: हेमलता अभियान में 6 सदस्यों की टीम की गई गठित 



उत्तराखंड को टीवी मुक्त बनाए जाने के लिए ऋषिकेश में चलाया जाएगा जन जागरण अभियान

-टीवी रोगी की सूचना देने वालों को मिलेंगे ₹500: हेमलता

अभियान में 6 सदस्यों की टीम की गई गठित

ऋषिकेश,0 7 मार्च ।जिला स्वास्थ्य समिति देहरादून और आश संस्था द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर आयोजित बैठक में जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया।

सोमवार को राजकीय चिकित्सालय में आयोजित राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता को लेकर आशु संस्था की सचिव हेमलता की अध्यक्षता में बैठक के दौरान जन जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए 6 सदस्यों की टीम भी गठित की गई ।

जिसमें टीवी मुक्त नेटवर्क उत्तराखंड की अध्यक्ष पारुल जाटव, उपाध्यक्ष मनीष सिंह ,सचिव लक्ष्मी देवी, सह सचिव सविता देवी, कोषाध्यक्ष मोनिका को नियुक्त किया गया है।जिला स्वास्थ्य समिति के एसटीएस मुकेश रावत ने बताया कि टीवी एक संक्रामक रोग है, जो माइक्रोबैक्टेरियम ,ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु से होता है। टीवी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। टीवी अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है। जिसके कारण पलमोनरी ट्यूबर हो जाती है। उत्तराखंड में इस रोग से लगभग 275 लोग प्रभावित है ।

यह रोग हवा के माध्यम से एक संक्रामक रोग विशेषज्ञ मनुष्य में फैल जाता है ,जो लोगों को फेफड़ों की टीवी का रोगी बनाता है । उन्होंने कहा कि जब टीवी का रोगी छिंकता है या खांंसता है तो छोटी-छोटी बूंदों में टीवी के जीवाणुओं में फैल जाते हैं ।जब वह किसी स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वह वह भी संक्रमित हो जाता है, एक बलगम धनात्मक रोगी साल में अनुमान 10 से 15 नए रोगियों को पैदा करता है ।इसलिए इसके प्रति सावधानी बरतते हुए खांसते समय मुंह को ढकना अत्यंत आवश्यक है ।

आश संस्था की सचिव हेमलता ने बताया कि टीवी होने पर 2 हफ्ते से अधिक खांसी, शाम के समय के बाद आना, शरीर का वजन घटना, भूख ना लगना, छाती में बलगम , खून आने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा टीवी रोग मुक्त बनाए जाने के लिए राष्ट्रीय टीवी उन्मूलन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत निक्षय पोषण योजना संचालित की जा रही है ।इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक पंजीकृत टीवी रोगी को प्रति माह ₹500 का पोषण भत्ता दिया जाता है ।इसके अतिरिक्त टीवी रोगी की प्रथम सूचना दाता को संबंधित योगी के पंजीकरण होने पर ₹500 दिए जाने की व्यवस्था की गई है ,साथ ही पंजीकृत रोगी को पूरे कोर्स की दवा खिलाने वाले व्यक्ति के दवा कोर्स के लिए 1000 से ₹5000 तक की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

जिसके लिए जन जागरण अभियान किया जाना अत्यंत आवश्यक है। बैठक में मुकेश रावत, लंकेश भट्ट ,डॉ रविकांत बहुगुणा, डॉक्टर अभिज्ञान बहुगुणा, लैब टेक्नीशियन सुनील नेगी, देशराज नौटियाल ,चंद्रमणि कोठियाल ,कैलाश आदि भी उपस्थित थे ।

एनएचएम की टीम निरीक्षण को पहुंची राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश – एनएचएम के मानकों में खरा उतरने के लिए ऋषिकेश, डोईवाला, रायपुर चिकित्सालयों का होगा निरीक्षण,  केंद्रीय टीम की कसौटी पर खरा उतरने पर मेडिकल सुविधाओं में होगा विस्तार,उत्तराखंड के जिला अस्पतालों में भी कैंसर रोगियों का इलाज होगा -सरोज नैथानी



ऋषिकेश,05 मार्च । अब उत्तराखंड के सभी जिलों में कैंसर रोगियों का भी इलाज किया जाएगा जिसकी शुरुआत के लिए राज्य के 4 चिकित्सालय को चयनित किया गया है।

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जिसमें दो चिकित्सालय देहरादून जिले के हैं यह जानकारी राज्य की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ सरोज नैथानी ने शनिवार को ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय का निरीक्षण करने के उपरांत पत्रकारों को देते हुए बताया कि ऋषिकेश के राजकीय चिकित्सालय में सभी सुविधाएं उपलब्ध है ।

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भारत सरकार ने भी स्वास्थ्य मिशन को सफल बनाने के लिए काफी सहयोग दिया है। जिसके अंतर्गत उत्तराखंड को 20 करोड़ रुपए की दवाइयों और अन्य उपकरणों की खरीद के लिए दिए जाते हैं। परंतु राज्य सरकार द्वारा मात्र ₹13 करोड़ खर्च किए गए थे।

निदेशक डॉ सरोज नैथानी ने बताया कि नेशनल हेल्थ मिशन की स्टेट क्वालिटी एश्योरेंस टीम एसपीएस राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में आमजन को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा समेत अन्य व्यवस्थाओं को परखेगी। तीन दिन तक निरीक्षण के बाद अस्पताल में क्या कमिया हैं और कहां सुधार की जरूरत है इसकी पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौपी जायेगी।

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स्टेट क्वालिटी एश्योरेंस की चार सदस्यीय टीम ने ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय में निरिक्षण किया है। टीम ने ओपीडी, इमरजेंसी, दवा स्टोर, इंजेक्शन कक्ष, महिला और पुरुष वार्ड आदि का निरीक्षण किया।

टीम में शामिल राज्य सलाहकार डा. अपूर्वा महर ने बताया कि केंद्र सरकार ने देहरादून जिले के रायपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ऋषिकेश राजकीय चिकित्सालय की स्वास्थ्य सेवा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुधार के लिए चिह्नित किया है।

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इसके तहत अस्पताल का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया है। 10 मार्च को केंद्र की क्वालिटी एश्योरेंस टीम भी निरीक्षण के लिए पहुंचेगी। केंद्रीय टीम की कसौटी पर अस्पताल खरा उतरता है तो यहां मेडिकल सुविधाओं में विस्तार हो सकता है।

इस दौरान टीम सदस्यों  और राज्य सलाहकार  निदेशक डॉ सरोज नैथानी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश सिंह राणा से विस्तृत चर्चा की। मौके पर एनएचएम की टीम में डा. प्रियांशी श्रीवास्तव, डा. संतोष भास्कर, डा. अमित, डॉ अपूर्वा ,डॉक्टर सी एस रावत ,डॉ संतोष भास्कर ,डॉक्टर अमित ,डॉ अजय शामिल थे।

अतुल्य गंगा स्वच्छता साइकिल यात्रा का ऋषिकेश पहुंचने पर किया भव्य स्वागत, गंगोत्री से गंगा सागर तक होगी यात्रा -यात्रा का उद्देश्य गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाया जाना है -गोपाल शर्मा



ऋषिकेश,0 5 मार्च ।अतुल्य गंगा स्वच्छता अभियान 2022 के गंगा की स्वच्छता एवं पर्यावरण की दृष्टि से जागरूक किए जाने के लिए 1 मार्च को गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी गंगासागर तक प्रारंभ की गई साइकिल यात्रा के सदस्यों का शनिवार को ऋषिकेश पहुंचने पर सड़क सीमा संगठन के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

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सड़क सीमा संगठन के ऑफिसर क्लब में आयोजित कार्यक्रम के दौरान संस्था के संस्थापक गोपाल शर्मा ने बताया कि उनकी यह साइकिल यात्रा गंगोत्री से प्रारंभ होकर बंगाल गंगा सागर तक जाएगी।

जिस का समापन 5 अप्रैल को होगा उन्होंने बताया कि इस यात्रा का शुभारंभ 1 मार्च को गोमुख में उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमुख सिंह ने किया था ,यह यात्रा 2850 किलोमीटर की होगी ,जिसमें 25 सदस्य भाग ले रहे हैं। जो कि गंगोत्री से प्रारंभ होकर उत्तरकाशी ,कोटेश्वर, देवप्रयाग और शिवपुरी होते हुए ऋषिकेश पहुंची है। जोकि कानपुर प्रयाग राज और वाराणसी से होते हुए पटना के रास्ते बंगाल जाएगी ।

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जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ गंगा की स्वच्छता और निर्मल बनाए जाने के साथ लोगों को जागरूक किया जाना है। उन्होंने बताया कि अतुल्य गंगा परिक्रमा का शुभारंभ 2020 में किया गया था। इस दौरान 5530 किलोमीटर की यात्रा 190 दिन में पूरी की गई थी। जोकि गंगोत्री से गंगासागर तक की गई थी ।

इस दौरान उनकी संस्था द्वारा गंगा जी के किनारे बृहद स्तर पर वृक्षारोपण कर हरा-भरा बनाए जाने का प्रयास किया गया था। इस बार अतुल्य गंगा साइकिल अभियान के अंतर्गत 28 50 किलोमीटर की यात्रा की जाएगी ,जो कि पांच आयामों के उद्देश्य को लेकर की जा रही है ।

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इसमें गंगा के किनारों को प्लास्टिक मुक्त ,गंगा के किनारे वृक्षारोपण किया जाना, गंगा जी को स्वच्छ किए जाने के लिए जागरूक किए जाने के साथ लोगों में जागरूकता लाना ,प्रमुख है ।

अभियान दल में जनरल कलेर, ब्रिगेडियर रोहिला, कर्नल दर्शन, कर्नल माइक , कर्नल विवेक , अवधेश त्यागी लेफ्टिनेंट कर्नल मोहित, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्चना, योगेश ,दीक्षांत , राघव ,संजय आदि प्रमुख थे।