सैन्य उपकरण बनाने के लिए स्वीडन की कंपनियां को भारत आने का न्यौता : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह



नई दिल्ली 09 जून । भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और सैन्य उपकरणों के आयात को कम करने की दिशा में काम कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वीडन की दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियों को भारत आने का न्यौता दिया ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को स्वीडन की दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियों को भारत में आकर सैन्य उपकरण बनाने का न्यौता दिया है। भारत-स्वीडन रक्षा उद्योग सहयोग पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, भारत निवेश के लिहाज से एक बेहतर विकल्प है और स्वीडिश कंपनियों को यहां रक्षा उत्पादन का हब स्थापित करने आना चाहिए।

राजनाथ ने कहा, केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिसके बाद रक्षा उद्योगों को न केवल देश बल्कि वैश्विक मांग को भी पूरा किया जा सकता है। रक्षा मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में सरकार ने स्वचालित रूप से 74 फीसदी तथा सरकार के रास्ते से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दी है।

तकनीक आधारित एफडीआई से भारतीय उद्योगों को स्वीडन के साथ मिलकर काम करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, विदेश के मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) व्यक्तिगत रूप से या भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी में संयुक्त उद्यमों या प्रौद्योगिकी समझौते के माध्यम से मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा बन सकते हैं।

सिंह ने स्वीडन की कंपनियों को खास तौर पर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा कॉरिडोर स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि इससे उन्हें राज्य सरकारों की विशेष प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ मिल सकता है। द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्यूफैक्चरर्स (एसआईडीएम) और स्वीडिश सिक्योरिटी एंड डिफेंस इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसओएफएफ) के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी हुए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्रित एफडीआई नीति के चलते भारतीय उद्योग प्रामाणिक एवं उपयुक्त सैन्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में स्वीडन के उद्योगों के साथ सहयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि विदेशी ओईएम (ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) अपने दम पर संस्थान स्थापित कर सकते हैं, वे इस काम के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर सकते हैं तथा ‘मेक इन इंडिया’ पहल का लाभ उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘एसएएबी जैसी स्वीडन की कंपनियां पहले से भारत में मौजूद हैं और मुझे भरोसा है कि अन्य स्वीडिश कंपनियां भी पाएंगी कि रक्षा विनिर्माण के लिए भारत निवेश का प्रमुख स्थल है। स्वीडिश कपंनियों और भारत के रक्षा उद्योग के बीच सह-उत्पादन तथा सह-विकास की अनेक संभावनाएं हैं। भारतीय उद्योग स्वीडिश उद्योगों को संघटकों की आपूर्ति भी कर सकते हैं।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान किफायती एवं उच्च गुणवत्ता के उत्पादन से संबंधित है और इसका मूल उद्देश्य है ‘भारत में बनाएं’ और ‘दुनियाभर के लिए बनाएं’।

उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर मैं स्वीडिश कंपनियों को उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु में समर्पित रक्षा गलियारों में निवेश के लिए आमंत्रित करता हूं जहां पर वे राज्य सरकारों द्वारा प्रदत्त लाभों का और उच्च दक्षता प्राप्त कार्यबल का फायदा उठा सकती हैं।’ स्वीडन के रक्षा मंत्री पीटर हल्टक्विस्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को विस्तारित करने की काफी गुंजाइश है और दोनों देश भविष्य की समस्याओं का समाधान ला सकते हैं।

स्वीडन में भारत के राजदूत तन्मय लाल ने कहा कि भारत और स्वीडन दीर्घकालिक साझेदार हैं और संबंधों के व्यापक आयामों में रक्षा सहयोग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। वहीं, भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार और रक्षा क्षेत्र में व्यापक संभावना है तथा स्वीडन की 200-250 कंपनियां पहले ही भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर विभिन्न उत्पाद विकसित कर रही हैं।

सैन्य उपकरण बनाने के लिए स्वीडन की कंपनियां को भारत आने का न्यौता : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह



नई दिल्ली 09 जून । भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और सैन्य उपकरणों के आयात को कम करने की दिशा में काम कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वीडन की दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियों को भारत आने का न्यौता दिया ।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को स्वीडन की दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियों को भारत में आकर सैन्य उपकरण बनाने का न्यौता दिया है। भारत-स्वीडन रक्षा उद्योग सहयोग पर एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, भारत निवेश के लिहाज से एक बेहतर विकल्प है और स्वीडिश कंपनियों को यहां रक्षा उत्पादन का हब स्थापित करने आना चाहिए।

राजनाथ ने कहा, केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिसके बाद रक्षा उद्योगों को न केवल देश बल्कि वैश्विक मांग को भी पूरा किया जा सकता है। रक्षा मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि रक्षा उत्पादन क्षेत्र में सरकार ने स्वचालित रूप से 74 फीसदी तथा सरकार के रास्ते से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दी है।

तकनीक आधारित एफडीआई से भारतीय उद्योगों को स्वीडन के साथ मिलकर काम करने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, विदेश के मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) व्यक्तिगत रूप से या भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी में संयुक्त उद्यमों या प्रौद्योगिकी समझौते के माध्यम से मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा बन सकते हैं।

सिंह ने स्वीडन की कंपनियों को खास तौर पर उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा कॉरिडोर स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि इससे उन्हें राज्य सरकारों की विशेष प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ मिल सकता है। द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्यूफैक्चरर्स (एसआईडीएम) और स्वीडिश सिक्योरिटी एंड डिफेंस इंडस्ट्री एसोसिएशन (एसओएफएफ) के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी हुए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी केंद्रित एफडीआई नीति के चलते भारतीय उद्योग प्रामाणिक एवं उपयुक्त सैन्य प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में स्वीडन के उद्योगों के साथ सहयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि विदेशी ओईएम (ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर) अपने दम पर संस्थान स्थापित कर सकते हैं, वे इस काम के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर सकते हैं तथा ‘मेक इन इंडिया’ पहल का लाभ उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘एसएएबी जैसी स्वीडन की कंपनियां पहले से भारत में मौजूद हैं और मुझे भरोसा है कि अन्य स्वीडिश कंपनियां भी पाएंगी कि रक्षा विनिर्माण के लिए भारत निवेश का प्रमुख स्थल है। स्वीडिश कपंनियों और भारत के रक्षा उद्योग के बीच सह-उत्पादन तथा सह-विकास की अनेक संभावनाएं हैं। भारतीय उद्योग स्वीडिश उद्योगों को संघटकों की आपूर्ति भी कर सकते हैं।’ रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान किफायती एवं उच्च गुणवत्ता के उत्पादन से संबंधित है और इसका मूल उद्देश्य है ‘भारत में बनाएं’ और ‘दुनियाभर के लिए बनाएं’।

उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर मैं स्वीडिश कंपनियों को उत्तर प्रदेश तथा तमिलनाडु में समर्पित रक्षा गलियारों में निवेश के लिए आमंत्रित करता हूं जहां पर वे राज्य सरकारों द्वारा प्रदत्त लाभों का और उच्च दक्षता प्राप्त कार्यबल का फायदा उठा सकती हैं।’ स्वीडन के रक्षा मंत्री पीटर हल्टक्विस्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को विस्तारित करने की काफी गुंजाइश है और दोनों देश भविष्य की समस्याओं का समाधान ला सकते हैं।

स्वीडन में भारत के राजदूत तन्मय लाल ने कहा कि भारत और स्वीडन दीर्घकालिक साझेदार हैं और संबंधों के व्यापक आयामों में रक्षा सहयोग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। वहीं, भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि दोनों देशों के बीच कारोबार और रक्षा क्षेत्र में व्यापक संभावना है तथा स्वीडन की 200-250 कंपनियां पहले ही भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर विभिन्न उत्पाद विकसित कर रही हैं।

कांग्रेस को झटका देते हुए कांग्रेसी नेता जितिन प्रसाद हुए बीजेपी में शामिल



 

दिल्ली/ देहरादून 9 जून ।अगले साल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने हैं और देश के सबसे बड़े राज्य के चुनाव की तैयारी में बीजेपी जुट चुकी है. इस कड़ी में बीजेपी ने एक बड़ी जीत हासिल की है और कांग्रेस के एक दिग्गज नेता को अपने पाले में कर लिया है.

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पैदा हुए 48 साल के जितिन प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस के दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद के बेटे हैं. प्रसाद ने अपना राजनीतिक करियर साल 2001 में कांग्रेस के युवा संगठन यूथ कांग्रेस के साथ महासचिव के तौर पर शुरू किया था. साल 2004 में उन्होंने अपने गृह जिले शाहजहांपुर से अपना पहला लोकसभा चुनाव जीता.

 

अपने पहले कार्यकाल में जितिन प्रसाद को कांग्रेस सरकार में इस्पात राज्य मंत्री बनाया गया. वे मनमोहन सिंह सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में से एक थे. साल 2009 में उन्होंने धरौरा से चुनाव लड़ा. उन्होंने मीटर गेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने का वादा किया. जिससे उन्हें भरपूर जनसमर्थन मिला. उन्होंने दो लाख वोट से जीत हासिल की.

यूपीए सरकार के दौरान जितिन प्रसाद ने कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली. एक साल तक इस्पात मंत्रालय संभालने के बाद वे 2009 से 2011 तक वो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे. 2011-12 में उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी. 2012-14 तक जितिन, मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री भी रहे.  साल 2008 में इस्पात मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र में एक स्टील फैक्ट्री भी लगवाई.

जितिन प्रसाद अपनी पीढ़ी के तीसरे नेता हैं, इससे पहले उनके दादा ज्योति प्रसाद कांग्रेस पार्टी के नेता रहे और स्थानीय निकायों से लेकर विधानसभा तक कांग्रेस के नेतृत्व का किया.

इसके साथ ही  उनके जितेंद्र प्रसाद भी कांग्रेस में बड़े नेता रहे. उनके पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार रहे.

जब ेेेेेेेेेेेेे मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार केंद्र में आई है, तब से बतौर कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद का कद लगातार कमजोर हो रहा था. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार मिली और इसके साथ ही साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

हार का सिलसिला 2019 के लोकसभा चुनाव में भी जारी रहा है और उन्हें बीजेपी के करारी हार मिली. खास बात ये है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्टी ने उन्हें राज्य का प्रभारी नियुक्त किया था, लेकिन वहां कांग्रेस अपना खाता खोलने में नाकाम रही थी.

यूपी पंचायत चुनाव में भी वो अपने इलाके में कांग्रंस को जीत नहीं दिला सके थे. इन हालात में वो कांग्रेस में हाशिए पर थे.

देश में बीते 24 घंटे में 1.32 लाख नए केस मिले, 2713 मरीजों की मौत



देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में लगातार दो दिन से बढ़ोतरी देखी जा रही है
हालांकि शुक्रवार को सामने आए मामलों में हल्की गिरावट देखी गई

नई दिल्ली 04जून । देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में लगातार दो दिन से बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि शुक्रवार को सामने आए मामलों में हल्की गिरावट देखी गई है। बीते 24 घंटे में देश में 1.32 लाख नए केस दर्ज हुए हैं, जबकि 2713 मरीजों की मौत हुई है। पिछले कई दिनों से दैनिक मामले कम हो रहे थे, जिसके चलते कई राज्यों ने अपने यहां अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

वहीं कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जा रहा है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में अभी लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने का फैसला लिया गया है। वहीं यूपी, दिल्ली समेत कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं दिल्ली में कंपनियों के खुलने से अब प्रवासी मजदूरों ने आना शुरू कर दिया है।

केंद्रीय मंत्रालय ने जानकारी दी कि देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 28,75,286 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 22,41,09,448 हुआ। भारत में कोरोना के दैनिक मामलों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 1.32 लाख मामले सामने आए, जिसके बाद कुल संक्रमित मामलों की संख्या 2,85,74,350 हुई। वहीं 2713 मरीजों ने कोरोना वायरस के आगे दम तोड़ दिया है।

राजौरी के दूरदराज के गांव बहरोट के सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक 12 वर्ष के छात्र ने कोरोना योद्धाओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक पेन बनाया है। पेन बनाने वाले छात्र अबू अब्बास ने बताया, ”मैंने कॉपर की तार और कॉटन का इस्तेमाल करके इसे बनाया है।” अबू अब्बास ने आगे कहा कि ऑनलाइन कक्षाओं में यह पेन काफी फायदेमंद है। यह किसी भी मोबाइल फोन पर चल सकता है। मैंने इसे खासकर डॉक्टरों के लिए बनाया है क्योंकि वे हाथों में ग्लव्स पहनते हैं जिससे टच स्क्रीन फोन नहीं चला पाते हैं। मेरा संदेश है कि हम सबकुछ कर सकते हैं लेकिन हम कभी कोशिश नहीं करते।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक, भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 35,74,33,846 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 20,75,428 सैंपल कल टेस्ट किए गए।

सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द, पीएम मोदी बोले- छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता



हमारे छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा
ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए
प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक में बड़ा फैसला करते हुए सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने पर सहमति बनी

नई दिल्ली  01जून । प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक में बड़ा फैसला करते हुए सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा रद्द करने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही आईएससी बोर्ड की 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। बैठक में सहमति बनी है कि यदि पिछले साल की तरह कुछ छात्र परीक्षा देने की इच्छा रखते हैं, तो स्थिति अनुकूल होने पर सीबीएसई द्वारा उन्हें परीक्षा में बैठने का विकल्प प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। बारहवीं कक्षा के परिणाम समयबद्ध तरीके से और अच्छी तरह से तैयार किए जाएंगे। हमारे छात्रों का स्वास्थ्य और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं होगा। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में परीक्षाओं के आयोजन को लेकर जो चिंता है उसे दूर किया जाना चाहिए। ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने अकादमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में अत्यधिक चिंता और तनाव पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए। पीएम ने कहा कि देश भर में कोविड-19 महामरी की स्थिति लगातर बदल रही है। हालांकि, देश में नए मामलों की संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं, कुछ राज्यों ने अभी भी तालाबंदी का विकल्प चुना है। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं। मंगलवार को हुई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सीबीएसई के चेयरमैन और शिक्षा मंत्रालय के सचिव और सीबीएसई सचिव भी भी मौजूद रहे। इनके अलावा बैठक में प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के सचिव और अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया। बैठक में कई विकल्पों पर विचार विमर्श किया गया था। बता दें कि सीबीएसई 12वीं बोर्ड 2020 की परीक्षा में 5% अधिक छात्र पास हुए थे। सीबीएसई बोर्ड 2020 की परीक्षाओं में करीब 12 लाख स्टूडेंट्स पंजीकृत थे। परीक्षाओं को रद्द करने के निर्णय के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी छात्रों को शुभकामनाएं दी।

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कोहराम अब कम होता नजर आ रहा, देश में बीते 24 घंटे में डेढ़ लाख के करीब आए दैनिक मामले, 3128 मरीजों ने गंवाई जान,



कोविड-19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा

नई दिल्ली  31मई । देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कोहराम अब कम होता नजर आ रहा है लेकिन कोविड-19 से होने वाली मौतों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना की वजह से अबतक तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं महामारी के साथ ब्लैक फंगस का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

कई राज्यों में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 1.52 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जबकि 3128 के करीब मरीजों की मौत हुई है। राहुल गांधी आज कल पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर हमलावर होते नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट कर पीएम मोदी की रणनीति और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर तंज कसा।

उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन का आर्थिक प्रभाव यह पड़ा कि मई 2021 में बेरोजगारी दर डबल डिजिट में हो गई। राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि एक आदमी और उसके अहंकार प्लस एक वायरस और उसके म्यूटेंट्स की वजह से ऐसा हुआ।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के मुताबिक, भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 16,83,135 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 34,48,66,883 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोरोना से ठीक होने की दर बढ़कर 91.60% हो गई है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 9.04% और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 9.07% है जो लगातार 7 दिनों से 10% से कम है।

कोरोना वायरस की दूसरी लहर कमजोर पड़ी, देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 1.73 लाख मामले आए सामने, 46 दिनों में सबसे कम



देश में लगातार दूसरे दिन दो लाख से कम मामले सामने आए हैं
हालांकि मृत्यु दर ऊंची बनी हुई है और रोजाना करीब 3000 मौतें हो रही हैं

नई दिल्ली  29 मई । देश में कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को देश में करीब 1.73 लाख नए मामले सामने आए। 46 दिन में कोरोना संक्रमण का ये सबसे कम आंकड़ा है। गुरुवार को 1.86 लाख मामले सामने आए थे। लेकिन मौतों का आंकड़ा अब भी तीन हजार के पार बना हुआ है।

पिछले 32 दिन से रोजाना औसतन तीन हजार लोगों की मौत हो रही है। 26 अप्रैल को 2766 लोगों ने जान गंवाई थी, इसके बाद से आंकड़ा तीन हजार के ऊपर ही बना हुआ है। महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोविड-19 के 20,740 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 56,92,920 हो गए, जबकि 424 मरीजों की मौत होने से राज्य में इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 93,198 हो गई। इससे पहले बृहस्पतिवार को 21,273 मामले सामने आए थे और 425 मरीजों की मौत हुई थी।

पिछले कुछ दिनों से राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में लगातार कमी देखी जा रही है। मार्च-अप्रैल के दौरान राज्य में औसतन दो दिन में करीब एक लाख नए मामले सामने आ रहे थे। विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 30,671 मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई, जिससे राज्य में इस जानलेवा वायरस को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 53,07,874 हो गई। प. बंगाल में कोरोना वायरस के 12,193 केस सामने आए, 145 की हुई मौत और कुल 19,396 स्वस्थ हुए। राज्य में कुल सक्रिय केस 1,09,806 हैं।

गुजरात में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 2521 नये मामले सामने आये, जिसके बाद प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़ कर 8,03,387 हो गयी है । स्वास्थ्य विभाग ने से प्राप्त जानकारी में कहा गया है कि संक्रमण के कारण प्रदेश में 27 और लोगों की मौत हो गई जिसके बाद राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 9,761 पर पहुंच गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और जिला प्रशासन को दिए निर्देश,कोविड से अनाथ हुए बच्चों की ले जिम्मेदारी



दिल्ली 28 मई ।  सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और जिला प्रशासन को दिए निर्देश, कहा उन बच्चों की जिम्मेदारी उठाई जाए जिनके माता-पिता की कोविड की वजह से मौत हो गई है।

कोर्ट ने कहा कि प्रशासन अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी लें और सुनिश्चित करें कि उनकी बुनियादी ज़रूरतें तुरंत पूरी हों, एक भी बच्चा भूखा न रहे। कोर्ट ने सभी राज्यों और केन्द्र सरकार से इसके आ़कडे भी मांगे हैं । 

 ज्ञात रहे उत्तराखंड सरकार द्वारा इस संबंध में  पहले ही एडवाइजरी जारी कर कोविड की वजह से अनाथ हुए बच्चों की आर्थिक सहायता जारी करने को कहा हैै।

कोरोना के मामलों में उतार चढ़ाव जारी, बीते 24 घंटे में मिले 2.11 लाख नए केस, 3842 की मौत



देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत ज्यादातर राज्यों में तमाम पाबंदियां लागू

नई दिल्ली 27मई । देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश समेत ज्यादातर राज्यों में तमाम पाबंदियां लागू हैं। कोरोना संक्रमण के नए मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। वहीं आज कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटे में 2.11 लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिले हैं।और 3,847 लोगों की जान चली गई है।

इस बीच, देश में ब्लैक फंगस भी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। भारत में कोरोना के 2,11,298 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,73,69,093 हुई। 3,847 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 3,15,235 हो गई है। 2,83,135 नए डिस्चार्ज के बाद कुल डिस्चार्ज की संख्या 2,46,33,951 हुई। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 24,19,907 है।

झारखंड सरकार ने दावा किया कि राज्य में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की मंगलवार की सूचना के विपरीत कोरोना वायरस टीकों की सिर्फ 4.65 प्रतिशत खुराक ही बेकार गई हैं। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आंकड़ों में सुधार करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि राज्य सरकार के पास अब तक टीके की कुल खुराक की उपलब्धता के अनुसार, अपव्यय अनुपात केवल 4.65 प्रतिशत है। असम में कोरोना से 90 और लोगों की मौत के बाद राज्य में बुधवार तक मृतक संख्या बढ़कर 3,005 हो गई।

वहीं, 5,699 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,86,870 हो गई है। पश्चिम बंगाल में एक दिन में कोविड-19 के 16,225 नए मामले सामने आने के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 13,18,203 हो गई।स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, 153 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 14,827 हो गई। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अभी 1,23,377 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है तथा 11,79,999 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

भारत में बैन हो जाएंगे फेसबुक,व्हाट्सएप,ट्विटर और इंस्टाग्राम, गाइडलाइंस का पालन नहीं करने वाली कंपनियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश जारी ।



नई गाइडलाइन में 24 घंटे के अंदर विवादित कंटेट हटाने होंगे
नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा

नई दिल्ली 26मई । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम समेत कोई और साइट चलाते हैं तो आज से आप सतर्क हो जाएं। ऐसे इसलिए कि सभी माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइंस का पालन नहीं करने वाली कंपनियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्देश जारी किया गया है।

दरअसल, मोदी सरकार ने 25 फरवरी को सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की और नियमों को सख्त किया। सरकार ने इन कंपनियों को नई गाइडलाइंस लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया था। 25 मई को केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन की तिथि समाप्त हो गई।

ऐसे में केंद्र की नई गाइडलाइन को लागू नहीं करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भारत में प्रतिबंध किया जा सकता है। माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भारत सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन को लागू करने के लिए छह महीने का समय मांगा । ट्विटर का कहना है कि नई पॉलिसी लागू करने के लिए उन्हें कुछ वक्त की जरूरत है। वहीं दूसरी तरफ नई सोशल मीडिया गाइडलाइन लागू करने से पहले फेसबुक ने बयान जारी कर कहा कि वह सरकार की नई गाइडलाइन का सम्मान करती है और इसे लागू करने को लेकर प्रतिबध है।

सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइंस में साफ लिखा गया है कि देश में सोशल मीडिया कंपनियों को कारोबार की छूट है , लेकिन इस प्लेटफॉर्म के हो रहे दुरुपयोग को रोकना जरूरी है। केंद्र सरकार की नई सोशल मीडिया गाइडलाइन के तहत शिकायत के 24 घंटे के भीतर सोशल प्लेटफॉर्म से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। नई गाइडलाइंस के अनुसार आपत्तिजनक कंटेंट को समयसीमा के अंदर हटाना होगा।

देश में इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी (नोडल अधिकारी, रेसिडेंट ग्रीवांस अधिकारी) को नियुक्त करना होगा। किसी भी सूरत में जिम्मेदार अधिकारियों को 15 दिनों के अंदर OTT कंटेंट के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों का निपटारा करना होगा। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हर महीने अपनी रिपोर्ट जारी करनी होगी। इसके अलावा किन पोस्ट और कंटेंट को हटाया गया या क्यों हटाया गया , इसके बारे में भी बताना होगा।