ऋषिकेश: पारिवारिक समस्याओं के समाधान करने के बहाने ठगी करने वाले गिरोह के 02 शातिर ठग (सगे भाई) गिरफ्तार, नगदी बरामद, 2 माह पूर्व हुई ऋषिकेश की महिला के साथ ठगी का भी हुआ खुलासा



ऋषिकेश 26 नवंबर। कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता डबल सिंह रावत पुत्र स्वर्गीय श्री उत्तम सिंह रावत निवासी ग्राम व पोस्ट गंगा भोगपुर, तहसील चीला, यम्केश्वर पौड़ी गढ़वाल के द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया कि मुझे दो व्यक्तियों के द्वारा जिसमें से एक ने डॉक्टर का पता पूछने के बहाने से मुझे रोका व दूसरा व्यक्ति कपड़े का व्यापारी बता कर बात करने लगा इसी बीच पहला व्यक्ति अपने को वृंदावन का पुरोहित बताकर व प्रार्थी को धोखे में रखकर मेरा बैग जिसमें कुल ₹32000 नगद व अन्य कागजात थे लेकर मेरे साथ धोखाधड़ी कर भाग गए।
शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा अपराध संख्या 549/2021 धारा 420 आईपीसी बनाम अज्ञात दर्ज कर घटना की जानकारी उच्च अधिकारी गणों को दी गई।
क्षेत्र में ठगी की इस घटना की गंभीरता के दृष्टिगत  उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक  जनपद देहरादून के द्वारा तत्काल टीम गठित करते हुए, मुकदमे के शत-प्रतिशत अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने हेतु आदेश दिए गए।  प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा कोतवाली ऋषिकेश एवं एसओजी देहात की संयुक्त पुलिस टीम बनाकर  दिशा निर्देश दिए।

जिस पर दिनांक 25 नवंबर 2021 की सायं मुखबिर की सूचना पर बस अड्डे के पीछे से दो अभियुक्तों  अमजद पुत्र महिउद्दीन निवासी ग्राम गोपालपुर मोहर टोला थाना ठाकुरगंगती जिला गोड्डा झारखंड उम्र 50 वर्ष , कबीर अंसारी पुत्र मोहिउद्दीन निवासी ग्राम गोपालपुर मोहर टोला थाना ठाकुरगंगती जिला गोड्डा झारखंड उम्र 42 को आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया है। जिनके पास से ₹33500 की नकदी बरामद की गई।

पूछताछ करने पर दोनों अभियुक्तों के द्वारा बताया गया कि हम दोनों सगे भाई हैं झारखंड के रहने वाले हैं पैसे कमाने के चक्कर में हम दोनों भाई साधु बाबाओं के तरीके से लोगों के परिवार की समस्याओं का समाधान करने के बहाने अपने झांसे में लेकर खासकर बुजुर्ग व महिलाओं को धोखा देकर उनका पैसा ज्वेलरी आदि सामान लेकर मौका देख कर भाग जाते हैं 3 दिन पहले यही ऋषिकेश बाजार में हम दोनों ने एक बुजुर्ग व्यक्ति को रास्ते में रोककर उसके परिवार की समस्याओं के समाधान करने के झांसा देकर उसका बैग ले लिया और मौका पाकर वहां से भाग गए जिसमें करीब ₹30000 नगद व कुछ कागजात थे बैग से पैसे व आधार कार्ड हमने अपने पास रख लिया तथा कपड़े और अन्य कागजात हमने सड़क किनारे नाली में फेंक दिए थे।

अभियुक्तों के द्वारा बताया गया कि करीब 2 माह पूर्व भी हम दोनों ने ऋषिकेश मेन बाजार में टेंपो स्टैंड के पास एक महिला को झांसे में लेकर उसकी ज्वेलरी जिसमें एक सोने का पेंडल एक सोने की अंगूठी फोन व पर्स था लेकर भाग गए थे पर्स में करीब ₹2000 थे पैसे निकालकर हमने उस पर सुबह फोन को झारखंड जाते हुए ट्रेन से रास्ते में फेंक दिया था और उसकी ज्वैलरी झारखंड में राह चलते व्यक्ति को मजबूरी बताकर ₹15000 में बेच दी थी उस महिला की ज्वेलरी से जो पैसा मिला था वह हम दोनों ने अपने रहने खाने किराया आदि में कुछ खर्च कर लिया है जिसमें से करीब ₹3500 कबीर के पास बच्चे हुए थे आज भी हम दोनों ऋषिकेश में किसी को झांसा देकर ठगने के इरादे से आए थे कि आप लोगों के द्वारा पकड़ लिया गया।

अभियुक्तों से पूछताछ एवं बरामदगी के आधार पर 2 माह पूर्व वादिनी चंदा सिलस्वाल पत्नी दीपक सिलस्वाल निवासी चोपड़ा फार्म ग्राम खदरी श्यामपुर ऋषिकेश देहरादून के साथ हुई घटना के पश्चात कोतवाली हाजा पर पंजीकृत अभियोग मुकदमा अपराध संख्या 455/21 धारा 420 का भी अनावरण किया गया।
उत्तराखंड,सरहदी जनपदों एवं झारखंड से भी उपरोक्त अभियुक्तों के अपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
दोनो अभियुक्तों को समय से माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।

 

गोमुख से गंगासागर तक का पैदल सफर कर प्रदूषण मुक्त गंगा की अलख जगाते अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक अतुल कुमार चौकसे, पूर्व में भी 35 अंतरराष्ट्रीय व 71 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके



अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक अतुल कुमार चौकसे कर रहे हैं गंगा के साथ गोमुख से गंगासागर तक का पैदल सफर

ऋषिकेश 25 नवंबर। प्रदूषण मुक्त गंगा की अलख जगाते हुए  गोमुख गंगोत्री ग्लेशियर से 6 नवंबर को अपनी यात्रा   आरंभ कर  गंगोत्री वैली गरतंग वैली, हर्षिल वैली, गंगायनी को पार करते हुए उत्तरकाशी तेरी डैम देवप्रयाग के बाद ऋषिकेश पहुंचे अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक अतुल कुमार चौकसे  गंगा के साथ गोमुख से गंगासागर तक का पैदल सफर कर रहे है।

यात्रा के बारे में उन्होंने बताते हुए कहा कि रास्ते में चढ़ाई के दौरान उन्हें कई सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा उनकी ट्राली जिसमें वह अपना लगेज और उपकरण लेकर दौड़ व चल रहे थे उसके डिस्क ब्रेक टूट गए जिसकी मरम्मत कराने आज वह ऋषिकेश में रुके हुए हैं फिर वहां हरिद्वार के लिए रवाना होंगे

इसके पहले उन्होंने 35 अंतरराष्ट्रीय पुरुस्कार वा 71 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं

इसके लिए उन्होंने पूर्व में 2018 में उतर अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान मे 55 डिग्री सेल्सियस के तापमान में दौड़ लगाई थी और भारत तिरंगा लहराया था
2017 में नुबरा बेली सियाचिन मार्ग से खडूंगला टाप को 20000 फीट की उचाई में दौड़ते हुए पार किया है
एवं 2021 जनवरी को गुजरात कच्छ नमक के रेगिस्तान पाकिस्तान एवं इंडिया अंतरराष्ट्रीय सीमा से दौड़ लगाते हुए हू 1551 किलोमीटर थार मरुस्थल को पार किया था

उसने यह भी बताया कि फ़िलहाल अभी वह जो कर रहे हैं गंगोत्री ग्लेशियर के  गंगा उद्गम स्थल से बंगाल की खाड़ी गंगासागर तक की यात्रा लगभग 3000 से भी ज्यादा किलोमीटर की अपने कदमों से पूरी कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि वे अपनी इस यात्रा के द्वारा गंगा को प्रदूषण मुक्त हो इसी नारे  को लेकर गंगा के समीप बसने वाले गांव ओर शहरों में चौपाल के द्वारा जागरुकता फैला रहे हैं।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में ऋषिकेश को उत्तराखंड में नंबर 1 व पूरे भारत में 53वे स्थान पर, गंगा टाउन में रहने पर पूरे भारत में पांचवा स्थान 



स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में ऋषिकेश को उत्तराखंड में नंबर 1 व पूरे भारत में 53वे स्थान पर, गंगा टाउन में रहने पर पूरे भारत में पांचवा स्थान, महापौर ने इसका श्रेय निगम के अधिकारियों और और कर्मचारी को देकर किया सम्मान।

 

ऋषिकेश 21 नवंबर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में शहरी विकास मंत्रालय की ओर से की गई रैंकिंग में 50000 से 100000 की आबादी वाले नगर निगम  ऋषिकेश को उत्तराखंड प्रदेश में नंबर 1 व पूरे भारत वर्ष में 53 वा स्थान मिला है ।इसी कड़ी में पूरे भारतवर्ष में गंगा किनारे वाले टाउनशिप में नगर निगम ऋषिकेश को पांचवां स्थान मिला है।

इसकी पुष्टि करते हुए मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि गंगा किनारे बसें शहरों में ऋषिकेश को पांचवा स्थान मिला है, जो खासी उपलब्धि है। अगले साल इससे ओर बेहतर हो सके इसके लिए प्रयास जारी हैं।

शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी स्वच्छता सर्वेक्षण में ऋषिकेश नगर निगम को साफ-सफाई, कूड़ा प्रबंधन में 53वां स्थान मिला है। अच्छी खबर यह है कि पिछली बार 83वां स्थान था, इस बार रैंकिंग में सुधार होने से 30 पायदान नीचे आए। यानी कि शहर में इस साल स्वच्छता में सुधार हुआ है। 40 वार्ड के नगर निगम ऋषिकेश की आबादी करीब सवा लाख की है। इस वर्ष 2021 में रैकिंग में काफी सुधार हुआ है और 53वां स्थान मिला है। मेयर अनिता ममगाईं ने स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत नगर निगम को मिले स्थान को उपलब्धि बताया है।

उन्होंने इसका श्रेय निगम अधिकारी और कर्मचारी को दिया है। साथ ही उन्होंने नगर निगम क्षेत्र के लोगों से स्वच्छता मुहिम में सहयोग करने की अपील की है। मेयर ने उम्मीद जतायी कि स्वच्छता में सामूहिक सहयोग और जनजागरूकता से 2022 में प्रथम आएंगे।

हरिद्वार रोड स्थित पुरानी चुंगी के पास तीन दुकानों में लगी भीषण आग, दमकल विभाग की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर किया आग पर काबू



ऋषिकेश 13 नवंबर। आज दोपहर बाद हरिद्वार रोड स्थित पुरानी चुंगी के पास डंपिंग ग्राउंड के बाहर लगे तीन खोखो में आग लग गई। घटना में एक खोखा जलकर खाक हो गया। जबकि दो खोखे आंशिक रूप से जले हैं। जिससे वहां पर अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया।

प्राप्त समाचार के अनुसार वहा पर मौजूद सोनू जेसीबी वालों की दुकान में गैस का सिलेंडर और बाइक खड़ी हुई थी। जिस पर पीछे से ट्रेचिंग ग्राउंड में पड़े कबाड़े से आग लगी जो लगातार विकराल रूप धारण करते हुए दुकान में जा पहुंची  जिससे दुकान में रखे गैस के सिलेंडर या बाइक मै धमाका हुआ और आग पकड़ती चली गई और विकराल रूप धारण कर बगल से सटी दूसरी दुकानों में भी पहुंच गई।

नजारा देख आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही 15 मिनट में दमकल विभाग की एक गाड़ी मौके पर पहुंची। जिसमें आग पर काबू पाना शुरू किया, लेकिन पानी खत्म होने की वजह से दमकल विभाग को दूसरी गाड़ी भी मौके पर बुलानी पड़ी।

करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल विभाग की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। इस दौरान डंपिंग ग्राउंड के कचरे में लगी आग को भी दमकल विभाग ने बुझाने का भरसक प्रयास किया। मौके पर डंपिंग ग्राउंड में लगे ट्यूबवेल से भी पानी की बौछारें डाल आग को बुझाने की कोशिश की गई।तब जाकर कचरे के ढेर में लगी आग को बुझाया जा सका।

बता दें कि आग लगे खोखो में शामिल एक खोके में करीब 6 महीने पहले भी आग लगने की घटना हुई थी। दमकल विभाग के अनुसार डंपिंग ग्राउंड में लगी आग की वजह से ही खोखो में आग लगी है। जिसमें एक खोखा जलकर खाक हो गया है। दो खोखे आंशिक रूप से जले हैं।

मोदी मंत्री मंडल विस्तार: 30 लोकसभा और 11 राज्यसभा के सदस्य जबकि दो मंत्री किसी भी सदन के सदस्य नहीं



नई दिल्ली 08जुलाई ।नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिपरिषद विस्तार में शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों में 30 लोकसभा और 11 राज्यसभा के सदस्य हैं। इसके साथ ही, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन दो ऐसे मंत्री हैं जो फिलहाल संसद के किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। सोनोवाल फिलहाल असम विधानसभा सदस्य हैं।

इस मंत्रिपरिषद विस्तार में कुल 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। राज्यसभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है उनमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे, जद (यू) अध्यक्ष आरसीपी सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, हरदीप पुरी, मनसुख मंडाविया और पुरुषोत्तम रुपाला शामिल हैं।
भाजपा के ही राजीव चंद्रशेखर, बीएल वर्मा, भागवत कराड को राज्य मंत्री बनाया गया है और ये तीनों मंत्री राज्यसभा के सदस्य हैं। वहीं, लोकसभा के जिन सदस्यों को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

उनमें भाजपा के डॉक्टर वीरेंद्र कुमार, किरेन रिजिजू, आरके सिंह, जी किशन रेड्डी और अनुराग ठाकुर तथा लोक जनशक्ति पार्टी (पारस गुट) के नेता पशुपति कुमार पारस शामिल हैं।  इनके अलावा, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, भाजपा के एसपी सिंह बघेल, शोभा कारंदलाजे, भानू प्रताप सिंह वर्मा, दर्शना जारदोश, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, अजय कुमार, चौहान देवूसिंह, भगवंत खूबा, भारती पवार, पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, मुंजपारा महेंद्रभाई, निशीथ प्रामाणिक, ए नारायणस्वामी, कपिल पाटिल, राजकुमार रंजन सिंह, प्रतिमा भौमिक, सुभाष सरकार, भागवत कराड, बिश्वेसर टुडू और जॉन बारला भी लोकसभा सदस्य हैं, जो राज्य मंत्री बने हैं।

हिमाचल की राजनीति को लगा बहुत बड़ा झटका,पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन



देेेेेेेेहरादून 08जुलाई।   बृहस्पतिवार सुबह लंबी बीमारी के बाद हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का आईजीएमसी शिमला में निधन हो गया। एक तरह से हिमाचल की राजनीति का ध्रुव तारा अस्त हो गया।उन्होंने शिमला स्थितआईजीएमसी अस्पताल में सुबह करीब 3.40 बजे अंतिम सांस ली। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने इसकी पुष्टि की है। वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश में शोक छा गया है। वीरभद्र सिंह 87 साल के थे।
12 अप्रैल को पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। कोरोना संक्रमित होने के बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना से उबरने के बाद 30 अप्रैल को शिमला लौटने के दौरान एक बार फिर उनकी तबियत बिगड़ गई थी। जिसके चलते उन्हें आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया था।
वीरभद्र सिंह 30 अप्रैल से आईजीएमसी में भर्ती थे। वीरभद्र सिंह कोरोना से उबरने के कुछ महीनों बाद ही फिर से पॉजिटिव हो गए थे। 10 जून को उनकी कोरोना रिपोर्ट फिर से पॉजिटिव आई थी। उन्हें मेकशिफ्ट में रखा गया था, लेकिन बीते सप्ताह उनकी रिपोर्ट ठीक आने पर उन्हें स्पेशल वार्ड में रखा गया था।
वीरभद्र सिंह की हालत सोमवार से बिगड़ गई थी। उन्हें कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था। सांस लेने में तकलीफ की वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। लेकिन बुधवार सुबह उनका निधन हो गया।
उल्लेखनीय है कि वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र सिंह यूपीए सरकार में भी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके पास केंद्रीय इस्पात मंत्रालय रहा। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी रह चुका है। वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में हुआ।
वीरभद्र सिंह ने 1962 में, वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 में हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में चुने गए।
उन्होंने पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू उन्हें राजनीति में लाए थे। इस बात को वीरभद्र सिंह बार-बार दोहराते थे। लोकसभा के लिए वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में चुने गए। वर्तमान में वीरभद्र सिंह अर्की से विधायक थे।
इंदिरा गांधी की सरकार में वीरभद्र सिंह दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे। दूसरी बार भी वह इंदिरा सरकार में ही वर्ष 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे।
इसके बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकुर राम लाल की जगह मुख्यमंत्री की कमान संभाली। उसके बाद से राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए।
फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व की केंद्र की यूपीए सरकार में वीरभद्र सिंह 28 मई 2009 से लेकर 18 जनवरी 2011 तक कैबिनेट मंत्री रहे। उनके पास पहले इस्पात मंत्रालय रहा। उसके बाद उन्हें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय दिया गया।
वीरभद्र सिंह परंपरागत सीट रोहड़ू से विधानसभा चुनाव लड़ते थे। अपने घर रामपुर की सीट के अनारक्षित होने के कारण वह कभी भी यहां से चुनाव नहीं लड़ पाए।
पुनर्सीमांकन के चलते रोहड़ू सीट भी आरक्षित हुई तो 2012 में उन्होंने शिमला ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा। 2017 में उन्होंने यह सीट अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए सीट छोड़ दी और खुद अर्की से चुनाव लड़ा और जीते। उनके निधन से हिमाचल की राजनीति को बड़ा झटका लगा।

सांसद अजय भट्ट ने ली केंद्रीय राज्य मंत्री की शपथ, उत्तराखंड से अकेले मंत्री



देहरादून 07जुलाई । -ऊधमसिंहनगर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद अजय भट्ट को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार के सांसद व केद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के उपरांत वह उत्तराखंड से अकेले मंत्री होंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल विस्तार में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-त्रिवेंद्र सिंह रावत व तीरथ सिंह रावत के साथ राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी के भी केंद्रीय मंत्री बनने की चर्चाएं थीं, लेकिन उन्हें दरकिनार कर केवल अजय भट्ट को मंत्री बनाया गया है

माना जा रहा है कि पिछले दिनों राज्य में नेतृत्व परिवर्तन के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के दूत के रूप में उल्लेखनीय भूमिका निभाने, हमेशा जिम्मेदारी मिलने पर पूरी शक्ति से अपनी जिम्मेदारी निभाने के प्रतिफल में उन्हें यह तोहफा मिला है। यह भी माना जा रहा है कि राज्य में भाजपा द्वारा अब तक भुवन चंद्र खंडूड़ी के अतिरिक्त सभी मुख्यमंत्री क्षत्रिय वर्ग से ही बनाए जाने की स्थितियों में ब्राह्मण वर्ग को संतुष्ट करने के लिए भी उन्हें मंत्री पद दिया गया है। एक जून 1961 को अल्मोड़ा जनपद के रानीखेत में जन्मे श्री भट्ट पेशे से अधिवक्ता रहे हैं। वे भाजपा के उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष सहित उत्तराखंड व पूर्ववर्ती उत्तर प्रदेश में विभिन्न पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उत्तराखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को रिकॉर्ड मतों से पराजित किया था।

देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी थमी नहीं, पिछले 24 घंटे में मिले 54,069 नए मरीज, 1321 की गई जान



देश में अब तक 30,16,26,028 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी

नई दिल्ली 24जून । देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी थमी नहीं है। राहत की बात ये है कि कोरोना के दैनिक संक्रमित मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या में भारी गिरावट आई है। हालांकि, कोरोना की तीसरी लहर की संभावना अभी भी चिंता का विषय है।

बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 54,069 नए मामले सामने आए और 1,321 लोगों की संक्रमण से जान चली गई। देश में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 से अधिक मामले सामने आए हैं। देश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए तेजी से टीकाकरण करने पर जोर दिया जा रहा है।

देश में अब तक 30,16,26,028 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में 68,885 मरीज स्वस्थ्य होकर घर लौट गए हैं। इसके साथ ही अब तक 2,90,63,740 लोग घातक वायरस को मात देकर जिंदगी की जंग जीतने में कामयाब रहे हैं।

देश में फिलहाल सक्रिय मामले घटकर 3,91,981 रह गए है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में 54,069 नए कोरोना मरीज मिले। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,00,82,778 पहुंच गई। वहीं इस अवधि में 1,321 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो गई। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या में 3,91,981 हो गई है।

देश में बुधवार शाम तक 39,78,32,667 सैंपल की कोरोना जांच की जा चुकी है। इनमें से 18,59,469 सैंपल की जांच बुधवार यानी 23 जून को की गई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

देश में 88 दिनों में सबसे कम मामले हुए दर्ज, बीते 24 घंटे में 1422 मरीजों ने गंवाई जान



देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामले तेज गति से कम हो रहे हैं
भारत में 88 दिनों बाद कोरोना के नए मामले कम रिपोर्ट हुईं रिकवरी रेट बढ़कर 96.36 फीसदी हो गया है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.83 फीसदी

नई दिल्ली 21जून । देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामले तेज गति से कम हो रहे हैं। रविवार को सामने आए दैनिक मामले पिछले 81 दिन में सबसे कम दर्ज किए गए। इसके अलावा कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी अब घटने लगा है। कोरोना के कम मामलों को देखते हुए अब कई राज्यों ने अनलॉक की प्रक्रिया अपनानी शुरू कर दी है, हालांकि कुछ राज्यों में अभी भी कोरोना कर्फ्यू और लॉकडाउन जारी है।

आज से 18+ लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए टीका लगाया जाएगा। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 53256 नए मामले सामने आए और इसी दौरान 1422 मरीजों की मौत हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि भारत में 88 दिनों बाद कोरोना के नए मामले कम रिपोर्ट हुईं। रिकवरी रेट बढ़कर 96.36 फीसदी हो गया है और दैनिक पॉजिटिविटी रेट 3.83 फीसदी है।

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस की 30,39,996 वैक्सीन लगाई गईं, जिसके बाद कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 28,00,36,898 हुआ। देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में गिरावट लगातार जारी है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के 53256 नए मामले सामने आए, जबकि 1422 मरीजों की जान गई है। इस दौरान 78,190 मरीजों ने कोरोना को मात दी है।

देशभर में मुफ्त टीकाकरण आज से, कोविन एप पर पंजीयन कराना अनिवार्य नहीं



देश में तेजी से टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिनों देशभर में मुफ्त वैक्सीनेशन का फैसला किया था

नई दिल्ली , 21जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सात जून को की गई घोषणा के अनुसार 21 जून सोमवार से देशभर में कोरोना रोधी टीकों की खुराकें मुफ्त लगने लगेंगी। टीकाकरण के इस नए चरण में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को निशुल्क खुराक दी जाएगी। इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। एक और अहम बात यह है कि अब कोविन एप पर पहले से पंजीयन कराना अनिवार्य नहीं है।

देश में तेजी से टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार ने बीते दिनों देशभर में मुफ्त वैक्सीनेशन का फैसला किया था। इसमें सोमवार से देशभर में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीके लगाए जाएंगे। अब राज्यों को वैक्सीन निर्माताओं से टीके नहीं खरीदना पड़ेंगे।

अब केंद्र सरकार टीके खरीदकर राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को निशुल्क देगी। बता दें, पूरी दुनिया की नाक में दम करने वाली कोरोना महामारी से निपटने में टीकाकरण ब्रह्मास्त्र के रूप में सामने आया है। विश्वभर में कोविड-19 टीकाकरण का काम जारी है। भारत में करीब 30 लाख लोगों को रोज टीके लगाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में इसकी गति और तेज होगी।

देश में 16 जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। इस पहले चरण में 16 जनवरी से 30 अप्रैल तक केंद्र सरकार ने टीका निर्माता कंपनियों से 100 फीसदी टीके खरीदकर राज्यों को दिए निशुल्क दिए थे। इस चरण में फ्रंट लाइन वर्करों व 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीके लगाए गए थे। इसके बाद एक मई से टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू हुआ था। इसमें केंद्र ने 50 फीसदी टीके खरीदे व बचे हुए राज्यों व निजी अस्पतालों ने सीधे खरीदे।

मंत्रालय ने बताया कि रविवार से सुबह आठ बजे तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को भारत सरकार ने अभी तक 29,10,54,050 से अधिक टीके निशुल्क उपलब्ध कराए हैं। इसमें से बर्बाद हो चुके टीकों समेत कुल 26,04,19,412 टीकों की खपत हुई है। इस तरह राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी कोविड-19 रोधी 3,06,34,638 टीके उपलब्ध हैं।

मंत्रालय ने कहा कि 24,53,080 और टीके भेजने की तैयारी है और अगले तीन दिनों में उन्हें ये मिल जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘जांच, निगरानी और कोविड अनुकूल व्यवहार के साथ ही टीकाकरण इस महामारी के प्रबंधन और इसे रोकने के लिए सरकार की व्यापक रणनीति का अहम स्तंभ है।