ऋषिकेश: संत निरंकारी मिशन के रक्तदान शिविर में 78 यूनिट रक्त दान किया गया



ऋषिकेश, 09 अक्टूबर। संत निरंकारी मिशन ऋषिकेश में सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज की प्रेरणा से मानवता की सेवा हेतु रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 78 मतदाताओं ने रक्तदान किया।

रविवार को आयोजित रक्तदान शिविर का शुभारंभ रिबन काटकर शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल एवम जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने संयुक्त रूप से किया गया।संत निरंकारी मिशन द्वारा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के माध्यम से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत ब्रांच के सेवादल, के साध संगत के महापुरुषों ने मिलकर रक्तदान शिविर में भाग लिया। जिसमें 78 यूनिट ब्लड एम्स अस्पताल को दिया गया।

प्रातः 10 बजे से रक्तदान के लिए निरंकारी भक्तो की लाइनें लगनी शुरू हो गई। रक्तदान के लिये 158 महापुरषों ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिसमें से 78 महात्मा ही रक्तदान कर सके। लगभग 80 महात्मा रक्तदान से वंचीत रह गये।एम्स ब्लड बैंक एच ओ डी गीता नेगी ने कहा संत निरंकारी मिशन मानवता की सेवा के लिए सदैव अग्रणी रहा है। सतगुरु के आशीर्वाद से रक्तदान करने वालो की लाइने लगी होती है। कोरोना काल मे जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड के कई स्थानों पर रक्त दान किया गया। मिशन की सेवाएं सराहनीय है।

जोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने कहा कि 1 युनिट दिये गये ब्लड से 3 व्यक्तियों को जीवनदान दिया जा सकता है। रक्तदान से शरीर में कोई कमी नही होती। 18 से 65 वर्ष के स्वस्थ्य व्यक्ति हर 3 महीने के अंतराल के बाद रक्तदान कर सकता है। रक्तदान करने से हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमी नही आती है। रक्तदान केवल मनुष्य जीवन में ही किया जा सकता है।

रक्तदान व्यवस्था ज्ञान प्रचारक, क्षेत्रीय संचालक, संचालक सेवादल, व साध संगत के भाई-बहनों प्रतिभाग किया।
एम्स ऋषिकेश से डॉ गीता नेगी, डॉ वैदेही प्रशांथ, डॉ जूही भाटिया, वरुण, दीपेंद्र, नदीम, विजय, उषा, रीना, केदार, अस्मिता आदि मौजूद थे।

ऋषिकेश; शरद पूर्णिमा के अवसर पर मधुबन आश्रम ने निकाली नगर में भगवान जगन्नाथ की भव्य शोभायात्रा कैबिनेट मंत्री, महापौर सहित संतो ने जगन्नाथ भगवान की पूजा अर्चना कर यात्रा को किया रवाना



ऋषिकेश, 09 अक्टूबर । शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री मधुबन आश्रम नगर में भव्य श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। आश्रम के परमाध्यक्ष परमानंद दास महाराज, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, उत्तराखंड पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य महाराज, भारत मंदिर के महंत वत्सल शर्मा, पंडित रवि शास्त्री आदि ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना कर यात्रा की शुरुआत की।

रविवार को मुनिकीरेती स्थित मंदिर परिसर से यात्रा की रवानगी से पूर्व मंत्री अग्रवाल ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और छप्पन भोग चढ़ाया गया।

नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने जगन्नाथ यात्रा में सहभागिता कर संतो का आर्शीवाद लेकर शहर की खुशहाली की मनोकामना के लिए भगवान जगन्नाथ की विशेष आरती की।

वहीं मंत्री अग्रवाल ने भगवान बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण जी की 25वीं झांकी निकालने पर मधुबन आश्रम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि रथ के आगे झाड़ू लगाने तथा रथ को रस्सी के सहारे खींचने से इस सांसारिक जीवन में दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। भगवान उन्हें इस जन्म के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।

इस मौके पर अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा के आगे झाड़ू लगाया और भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। वही मंत्री अग्रवाल ने यात्रा में प्रतिभाग करते हुए रथ को भी खींचा

मधुबन आश्रम से शुरू हुई 25वीं रथयात्रा का हरिद्वार व लक्ष्मण झूला से होती हुई तिलक मार्ग रेलवे मार्ग पर स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में पहुंचकर समाप्त हुई। जिसकामुख्य मार्ग पर विभिन्न संस्थाओं ने जगह जगह पुष्प वर्षा के साथ विधिवत पूजा की गई।

यात्रा में डांडिया सहित राधा माधव कीर्तन मंडली के भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा में साधु-संत सहित नगर तथा आस-पास क्षेत्र जाए श्रद्धालु शामिल हुए।

यात्रा के दौरान विनोद शर्मा राजेंद्र सेठी, हर्ष कौशल शर्मा, बच्चन पोखरियाल, मनोज द्विवेदी, चंद्रवीर पोखरियाल, चेतन शर्मा महेश शर्मा नरेश अग्रवाल ,महंत बलवीर सिंह ने भव्य स्वागत किया। 

 उत्तरप्रदेश ओर केरल के राज्यपाल ने परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग, नारी संसद का किया उद्घाटन



ऋषिकेश, 8 अक्टूबर।  राज्यपाल, उत्तरप्रदेश  आंनदी बेन पटेल और  राज्यपाल केरल, आरिफ मोहम्मद खान  ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया और दीप प्रज्वलित कर विधिवत नारी संसद का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर चिदानन्द सरस्वती  ने  राज्यपाल उत्तरप्रदेश और  राज्यपाल केरल  आरिफ मोहम्मद खान  को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर अभिनन्दन किया।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि सभी का सम्मान ही भारत की संस्कृति है। आज वेलनेस के संगीत की सभी को जरूरत है। वर्तमान समय में नारी को अपनी शक्ति को पहचानने की जरूरत है। नारी में स्वाभिमान तो हो परन्तु अभिमान न हो। स्वामी  ने कहा कि देवी स्वस्थ तो देश स्वस्थ; शक्ति है सृष्टि है। उन्होंने कहा कि नारियों को जो अधिकार प्राप्त है उनका सद्उपयोग करें ताकि परिवार और समाज समुन्नत हो।
इस अवसर पर  गंगा नन्दिनी त्रिपाठी , डा रचना बिमल ,  कपिल गर्ग , के. एन. गोविन्दाचार्य , रवि शंकर तिवारी , विनोद बागरोडिया  एवं विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।

परमार्थ में आयोजित की जाएगी 8 अक्टूबर से दो दिवसीय नारी संसद नारी संसद ‌‌भारतीय नजरिए से महिलाओं के अतीत और वर्तमान संजीदा पर किया जाएगा मंथन



ऋषिकेश, 07 अक्टूबर ।परमार्थ निकेतन एवं माता ललिता देवी सेवा आश्रम ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रुप से ऋषिकेश में 8 अक्टूबर से दो दिवसीय भारतीय नारी घर और बाहर पर ,नारी संसद का आयोजन किया जाएगा।

यह जानकारी शुक्रवार को परमार्थ निकेतन में परमाअध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि और नारी संसद के सह संयोजक रवि शंकर तिवारी ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि उक्त संसद में 4 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें भारतीय समाज की प्राथमिकता इकाई द्वारा परिवार की संरचना और कार्य पर आधारित रहेगी। इसी के साथ भारतीय नारी के लिए क्या-क्या करना ठीक रहेगा, उसके सपने क्या है और चुनौती कहां आ रही है। पर आधारित विषयों पर व्याख्यान होगा। संसद के दौरान संसद का शुभारंभ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड के रितु खंडूरी भूषण भी उपस्थित रहेंगे।

इसके अतिरिक्त स्वामी चिदानंद सरस्वती ,भारतीय चिंतक और विचारक केएन गोविंदाचार्य ,जल पुरुष राजेंद्र सिंह, डॉक्टर साध्वी भगवती सरस्वती ,सांसद मनोज तिवारी, पर्यावरणविद वंदना शिवा के अलावा कई विश्व की महिला कुलपति अपना व्याख्यान देंगे ।इसी के साथ दिल्ली ,लखनऊ, गोरखपुर समेत दूसरे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उत्तराखंड से तमिलनाडु की एंटरप्रेन्योर ,शोधार्थी और जमीन पर काम कर समाज सेवा में सकारात्मक बदलाव ला रही महिलाएं भी अपने अनुभव को नारी संसद में साझा करेंगे ।

कार्यक्रम के संयोजक रवि शंकर तिवारी ने बताया कि संसद के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय नजरिए से महिलाओं के अतीत और वर्तमान पर संजीदा विमर्श को आगे बढ़ाया जाना है ।जिससे जो व्यवहारिक ज्ञान की धारा निकलेगी। उससे भविष्य की कार्य योजना के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। जो कामकाज को करना है उससे जुड़े प्रस्ताव केंद्र और राज्य सरकारों को सौपें जाएंगे ।जिससे समाज में सुधार आ सके।

ऋषिकेश: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी पर शस्त्र पूजन कर संघ का 97 स्थापना दिवस मनाया



 

ऋषिकेश, 05 अक्टूबर ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी के अवसर पर संघ के 97 स्थापना दिवस के चलते नगर की सभी शाखाओं पर शस्त्र पूजन किया। बुधवार की सुबह मुख्य कार्यक्रम त्रिवेणी और भरत शाखा पर आयोजित किया गया। जहां संघ के स्वयंसेवकों ने सर्वप्रथम ध्वज प्रणाम करने के उपरांत शस्त्र पूजन किया।

 

नगर संघचालक भारत भूषण कुंदनानी की अध्यक्षता में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर दयाधर दीक्षित ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज से 97 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार द्वारा भारतीय संस्कृति को बचाए जाने के लिए की थी, तबसे आज तक विश्व भर में हजारों की संख्या में संघ के स्वयंसेवक एक स्थान पर एकत्रित होकर संघ के कार्य को निर्विरोध रूप से बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। जिसके प्रति समाज में भी विश्वास का भाव बढ़ा है ।

उन्होंने कहा कि संघ ने अपने स्थापना काल के बाद से अपने 93 वर्षों की यात्रा में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे हैं ।उसके बावजूद भी संघ का काम निर्बाध गति से बढ़ रहा है ,उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने देश में विपरीत परिस्थितियों में भी अपने को स्थापित किए जाने का कार्य किया है ।

इस अवसर पर दयाधर दीक्षित ने कहा कि आज हम विजयदशमी का पर्व सत्य पर असत्य की विजय के प्रतीक के रूप में मना रहे हैं ।जोकि भारत में मनाए जाने वाले 4 पर्व के रूप में से एक महत्वपूर्ण पर्व विजयदशमी का है। जोकि बुराई को समाप्त कर अच्छाई के रूप में मनाए जाने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि इसे क्षत्रिय समाज के लोग शस्त्र पूजन कर मनाते हैं।

वही भरत शाखा पर मुख्य वक्ता के रूप में सुदामा सिंगल ने संघ के स्वयंसेवकों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया
जिन्होंने संघ के संबंध में विस्तार पूर्वक स्वयंसेवकों को बताया। इस दौरान,अशोक , अभिषेक , दीपक कुमार तायल ,रमेश अरोड़ा ,राजेंद्र रैना, रविंद्र गर्ग ,श्रीकांत ,विपिन , भारत भूषण ने कुंदनानी , कृष्ण कुमार सिंघल, शिव कुमार गौतम, सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।

मां गंगा रामलीला समिति द्वारा प्रथम भव्य रामलीला का हुआ सफ़लता पूर्वक मंचन, रावण, कुंभकर्ण मेघनाथ के पुतले दहन के साथ होगा समापन



ऋषिकेश 04 अक्टूबर। “मां गंगा रामलीला समिति” (रजिo) 14 बीघा द्वारा नया पुल खेल प्रांगण में लगभग 35 वर्षों के बाद सामाजिक युवा वर्ग द्वारा प्रथम भव्य रामलीला मंचन का आयोजन नवरात्रि  के प्रथम दिवस 26 सितंबर 2022 से शुरू होकर दशहरा कार्यक्रम (रावण दहन) के दिन तक किया जा रहा है ।

बताते चलें खेल मैदान नया पुल 14 बीघा में प्रथम नवरात्र से गणेश वंदना रामलीला मंचन में नारद मोह, श्री राम जन्म उत्सव, ताड़का वध, जनक बाजार, सीता स्वयंवर, लक्ष्मण परशुराम संवाद, श्री राम वनवास, सीता हरण, श्री राम -हनुमान मिलन, लंका दहन,लक्ष्मण शक्ति, का 09 दिन से लगातार सफलतापूर्वक  मंचन किया जा रहा है।

जिसका समापन कुंभकरण वध, मेघनाथ वध, राम रावण संग्राम के साथ भव्य विजयदशमी 5 अक्टूबर को (रावण दहन)  कार्यक्रम शाम 4:00 बजे होगा।

 रामलीला के अंतिम चरण में श्री राम जी के तिलक के साथ समस्त रामलीला कलाकारों की विदाई एवं सम्मान समारोह आयोजित भी किया जाएगा।

आयोजन समिति में  राजपाल राणा (अध्यक्ष),  संदीप परमार (कोषाध्यक्ष),  अनिल बडोनी (महासचिव),  मनीष उनियाल (उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी),  अनिल राणा (उपाध्यक्ष),गंगा रावत (मंत्री),  प्रदीप सकलानी (संगठन प्रवक्ता), डॉ  विकास सूर्यवंशी (मंत्री) समिति सदस्य गण में  देवेंद्र दत्त जोशी ,  रामकृष्ण पोखरियाल ,  गणेश थपलियाल,  कुसुमलता,  सुरेंद्र थपलियाल,  चेतन रावत,  सुधीर रावत,  अर्पित रावत,  धर्म सिंह नेगी,  नरेश पुंडीर, डॉ मनीष भट्ट,  महेश,  जयंत जोशी आदि शामिल हैं।

तीर्थ नगरी ऋषिकेश में दुर्गा अष्टमी पर्व पर श्रद्वापूर्वक हुआ कन्या पूजन, पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढने में श्रद्वालुओं को करनी पड़ी मशक्कत



ऋषिकेश, 03 अक्टूबर ।तीर्थ नगरी ऋषिकेश में दुर्गा अष्टमी पर घर-घर में कंजक पूजन हुआ। सोमवार को धर्म प्रेमियों ने पावन दुर्गाष्टमी पर्व लोगों ने कन्याओं की पूजा कर धूमधाम से मनाया। शहर पूरी तरह मां भगवती की भक्ति के रस में डूबा नजर आया। अर्चना करने वाले साधकों को कन्या पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढ़ने में मशक्कत का सामना करना पड़ा।

लोगों को अपने घरों में कंजक बिठाने के लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ी और गली मुहल्लों में जाकर श्रद्वालु  कन्याओं को ढूंढते दिखे। लोगों ने पूरे विधिविधान पूर्वक 7, 9 11 कन्याओं का श्रद्धापूर्वक पूजन किया। सुबह पहले श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर मां दुर्गा की आराधना की। इसके बाद अपने घरों में पहुंच कर देवी स्वरूप कन्याओं को भोजन करवाया।

पूजन के लिए आमंत्रित सभी कंजकों के गंगाजल से पैर धोकर उनके माथे पर तिलक किया। बाद में सभी कंजकों को हलवा, पुरी का भोजन करवा कर उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही सभी कंजकों को उपहार भेंट कर विदा किया गया।

कंजकों को भोजन करवाने के बाद ज्यादातर घरों में आठवें नवरात्र पर पूजन के बाद व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने आज अपना व्रत खोल लिया। सात दिनों से श्रद्धालुओं ने व्रत रखा हुआ था। कई घरों में नवमी के अवसर पर यही विधि अपनाकर व्रत खोले जाने हैं। अष्टमी के चलते मंदिरों में भी दिनभर भीड़ रही। शहर के 

कात्यायनी मंदिर,श्री दुर्गा शक्ति मंदिर सहित सभी मंदिर श्रद्वालुओं से रोशन रहे। पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया नवरात्रों में उपवास रखकर मां दुर्गा के पावन चरणों में पूजा प्राचीन काल से  चली रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन करवाते हैं उन पर मां भगवती अपना आशीर्वाद रखती है। नवरात्रि में पूजा अर्चना करने से मां सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।

श्राद्ध पक्ष में पितरों की  शांति के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पिंड दान किए जाने के साथ कराए अनुष्ठान



 

ऋषिकेेश, 18 सितम्बर ‌‌‌।भादो माह के दौरान श्राद्ध पक्ष में अपने पितरों की  शांति के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से गंगा किनारे और बद्रीनाथ में पिंड दान किए जाने के लिए आए हजारों की संख्या में ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूजा पाठ अनुष्ठान आदि कर कुलपुरोहित और ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया ।

रविवार को अपने पितरों के निमित्त किए गए पिंडदान ,अनुष्ठान कराने के लिए महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा ,राजस्थान सहित कई प्रदेशों के लोग शनिवार की रात को ही ऋषिकेश पहुंच गए थे। जिन्होंने रविवार की सुबह से ही गंगा में स्नान करने के उपरांत अपने कुलपुरोहित, ब्राह्मणों से अनुष्ठान कराए जाने के उपरांत उन्हें अपने पितरों के निमित्त भोजन इत्यादि करवाने के बाद वस्त्र के साथ अपनी सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया।

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर तीर्थ पुरोहित समिति की ओर से अपने पितरों के निमित्त पूजा-पाठ अनुष्ठान कराए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सामान की निशुल्क व्यवस्था की गई थी ,लेकिन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए कराए गए अनुष्ठान में उन्होंने इस सेवा का कोई लाभ न उठा कर स्वयं ‌‌‌‌ से सभी खर्च कर पुण्य के भागी बने।

तीर्थ पुरोहित समिति के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत ने कहा कि वह त्रिवेणी घाट पर आने वाले क्रिया कर्म के लिए सभी लोगों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर है। इस सेवा के अंतर्गत ब्राह्मणों से लेकर सभी आवश्यक सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

विश्वकर्मा पूजा समिति 36वें वार्षिकोत्सव के दौरान विश्वकर्मा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा  वार्षिक उत्सव में विख्यात लोक गायक अपने भजनों की प्रस्तुति देंगे -शंभू पासवान



ऋषिकेश, 15 सितंबर । कोरोना काल के बाद पूजा महोत्सव परिवार द्वारा चंद्रेश्वर नगर में आगामी 17 सितंबर को विश्वकर्मा चैरिटेबल ट्रस्ट पूजा महोत्सव का 36वां वार्षिकोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।

यह जानकारी विश्वकर्मा पूजा समिति के अध्यक्ष शंभू पासवान ने देते हुए बताया कि विश्वकर्मा महोत्सव के अवसर पर 17 सितंबर की सुबह पूजााा अर्चना के बाद शाम को सांस्कृतिक भजन संध्या आयोजित की जाएगी। जिसका ऋषिकेश और मुनी की रेती क्षेत्र में सीधा प्रसारण किया जाएगा ।

जिसका शुभारंभ प्रदेश के कृषि एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ,शहरी विकास एवं वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में करेंगे। जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में व्यापार सभा के कोषाध्यक्ष ललित जिंदल ,जाट महासभा के अध्यक्ष संदीप चौधरी, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष दीप शर्मा, विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे ।

कार्यक्रम के दौरान विख्यात गायक एवं नायक प्रमोद प्रेमी यादव, शूरवीर उपविजेता महुआ चैनल के गायक मुकुल सिंह के साथ शेषनाथ अरोड़ा, अपने भजनों की प्रस्तुति भी देंगे।

पत्रकार वार्ता के दौरान समिति के उपाध्यक्ष लालबाबू ठेकेदार, उप सचिव अनिल ठेकेदार भी उपस्थित थे।

द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती हुए गोलोकगमन, जयराम आश्रम के परमअध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने समर्पित की भावपूर्ण विन्रम श्रद्धांजलि



ऋषिकेश नरसिंहपुर/भोपाल  11 सितंबर। : शारदा पीठ और द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है।उन्होंने अंतिम सांस मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर में ली।

द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का 99 साल की उम्र में निधन हो गया है। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में आश्रम में दोपहर 3:00 बजे के करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपना जन्मदिन धूमधाम के साथ मनाया था। उनका जन्म 2 सितंबर 1924 में हुआ था और वह द्वारका और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी राजनीतिक व सामाजिक हस्तियों ने शंकराचार्य के निधन पर दुख व्यक्त कर अपनी शोक संवेदना प्रकट की है। इसी कड़ी में भारत साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और जयराम आश्रम के परमा अध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं महामंत्री स्वामी चिन्मयानंद महाराज परमार्थ आश्रम हरिद्वार ने भी शंकराचार्य के निधन पर शोक प्रकट किया है।

जयराम आश्रम के परम अध्यक्ष और भारतीय साधु समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने अपनी भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए कहा कि शंकराचार्य जी महाराज की परंपरा एवं विचारो का संरक्षण निरंतर होता रहे यही पूज्य शंकराचार्य महाराज के प्रति सच्ची एवं सार्थक श्रद्धांजलि होगी।