Category: धर्म
ऋषिकेश; शरद पूर्णिमा के अवसर पर मधुबन आश्रम ने निकाली नगर में भगवान जगन्नाथ की भव्य शोभायात्रा कैबिनेट मंत्री, महापौर सहित संतो ने जगन्नाथ भगवान की पूजा अर्चना कर यात्रा को किया रवाना
ऋषिकेश, 09 अक्टूबर । शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री मधुबन आश्रम नगर में भव्य श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। आश्रम के परमाध्यक्ष परमानंद दास महाराज, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, उत्तराखंड पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य महाराज, भारत मंदिर के महंत वत्सल शर्मा, पंडित रवि शास्त्री आदि ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना कर यात्रा की शुरुआत की।
रविवार को मुनिकीरेती स्थित मंदिर परिसर से यात्रा की रवानगी से पूर्व मंत्री अग्रवाल ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और छप्पन भोग चढ़ाया गया।
नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने जगन्नाथ यात्रा में सहभागिता कर संतो का आर्शीवाद लेकर शहर की खुशहाली की मनोकामना के लिए भगवान जगन्नाथ की विशेष आरती की।
वहीं मंत्री अग्रवाल ने भगवान बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण जी की 25वीं झांकी निकालने पर मधुबन आश्रम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि रथ के आगे झाड़ू लगाने तथा रथ को रस्सी के सहारे खींचने से इस सांसारिक जीवन में दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। भगवान उन्हें इस जन्म के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।
इस मौके पर अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा के आगे झाड़ू लगाया और भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। वही मंत्री अग्रवाल ने यात्रा में प्रतिभाग करते हुए रथ को भी खींचा
मधुबन आश्रम से शुरू हुई 25वीं रथयात्रा का हरिद्वार व लक्ष्मण झूला से होती हुई तिलक मार्ग रेलवे मार्ग पर स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में पहुंचकर समाप्त हुई। जिसकामुख्य मार्ग पर विभिन्न संस्थाओं ने जगह जगह पुष्प वर्षा के साथ विधिवत पूजा की गई।
यात्रा में डांडिया सहित राधा माधव कीर्तन मंडली के भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा में साधु-संत सहित नगर तथा आस-पास क्षेत्र जाए श्रद्धालु शामिल हुए।
यात्रा के दौरान विनोद शर्मा राजेंद्र सेठी, हर्ष कौशल शर्मा, बच्चन पोखरियाल, मनोज द्विवेदी, चंद्रवीर पोखरियाल, चेतन शर्मा महेश शर्मा नरेश अग्रवाल ,महंत बलवीर सिंह ने भव्य स्वागत किया।
उत्तरप्रदेश ओर केरल के राज्यपाल ने परमार्थ गंगा आरती में किया सहभाग, नारी संसद का किया उद्घाटन
ऋषिकेश, 8 अक्टूबर। राज्यपाल, उत्तरप्रदेश आंनदी बेन पटेल और राज्यपाल केरल, आरिफ मोहम्मद खान ने परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया और दीप प्रज्वलित कर विधिवत नारी संसद का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर चिदानन्द सरस्वती ने राज्यपाल उत्तरप्रदेश और राज्यपाल केरल आरिफ मोहम्मद खान को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर अभिनन्दन किया।
स्वामी चिदानंद ने कहा कि सभी का सम्मान ही भारत की संस्कृति है। आज वेलनेस के संगीत की सभी को जरूरत है। वर्तमान समय में नारी को अपनी शक्ति को पहचानने की जरूरत है। नारी में स्वाभिमान तो हो परन्तु अभिमान न हो। स्वामी ने कहा कि देवी स्वस्थ तो देश स्वस्थ; शक्ति है सृष्टि है। उन्होंने कहा कि नारियों को जो अधिकार प्राप्त है उनका सद्उपयोग करें ताकि परिवार और समाज समुन्नत हो।
इस अवसर पर गंगा नन्दिनी त्रिपाठी , डा रचना बिमल , कपिल गर्ग , के. एन. गोविन्दाचार्य , रवि शंकर तिवारी , विनोद बागरोडिया एवं विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।
परमार्थ में आयोजित की जाएगी 8 अक्टूबर से दो दिवसीय नारी संसद नारी संसद भारतीय नजरिए से महिलाओं के अतीत और वर्तमान संजीदा पर किया जाएगा मंथन
ऋषिकेश, 07 अक्टूबर ।परमार्थ निकेतन एवं माता ललिता देवी सेवा आश्रम ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रुप से ऋषिकेश में 8 अक्टूबर से दो दिवसीय भारतीय नारी घर और बाहर पर ,नारी संसद का आयोजन किया जाएगा।
यह जानकारी शुक्रवार को परमार्थ निकेतन में परमाअध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि और नारी संसद के सह संयोजक रवि शंकर तिवारी ने पत्रकारों को देते हुए बताया कि उक्त संसद में 4 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें भारतीय समाज की प्राथमिकता इकाई द्वारा परिवार की संरचना और कार्य पर आधारित रहेगी। इसी के साथ भारतीय नारी के लिए क्या-क्या करना ठीक रहेगा, उसके सपने क्या है और चुनौती कहां आ रही है। पर आधारित विषयों पर व्याख्यान होगा। संसद के दौरान संसद का शुभारंभ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड के रितु खंडूरी भूषण भी उपस्थित रहेंगे।
इसके अतिरिक्त स्वामी चिदानंद सरस्वती ,भारतीय चिंतक और विचारक केएन गोविंदाचार्य ,जल पुरुष राजेंद्र सिंह, डॉक्टर साध्वी भगवती सरस्वती ,सांसद मनोज तिवारी, पर्यावरणविद वंदना शिवा के अलावा कई विश्व की महिला कुलपति अपना व्याख्यान देंगे ।इसी के साथ दिल्ली ,लखनऊ, गोरखपुर समेत दूसरे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर उत्तराखंड से तमिलनाडु की एंटरप्रेन्योर ,शोधार्थी और जमीन पर काम कर समाज सेवा में सकारात्मक बदलाव ला रही महिलाएं भी अपने अनुभव को नारी संसद में साझा करेंगे ।
कार्यक्रम के संयोजक रवि शंकर तिवारी ने बताया कि संसद के आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारतीय नजरिए से महिलाओं के अतीत और वर्तमान पर संजीदा विमर्श को आगे बढ़ाया जाना है ।जिससे जो व्यवहारिक ज्ञान की धारा निकलेगी। उससे भविष्य की कार्य योजना के प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। जो कामकाज को करना है उससे जुड़े प्रस्ताव केंद्र और राज्य सरकारों को सौपें जाएंगे ।जिससे समाज में सुधार आ सके।
ऋषिकेश: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी पर शस्त्र पूजन कर संघ का 97 स्थापना दिवस मनाया
ऋषिकेश, 05 अक्टूबर ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने विजयदशमी के अवसर पर संघ के 97 स्थापना दिवस के चलते नगर की सभी शाखाओं पर शस्त्र पूजन किया। बुधवार की सुबह मुख्य कार्यक्रम त्रिवेणी और भरत शाखा पर आयोजित किया गया। जहां संघ के स्वयंसेवकों ने सर्वप्रथम ध्वज प्रणाम करने के उपरांत शस्त्र पूजन किया।
नगर संघचालक भारत भूषण कुंदनानी की अध्यक्षता में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर दयाधर दीक्षित ने उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज से 97 वर्ष पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना परम पूज्य डॉक्टर हेडगेवार द्वारा भारतीय संस्कृति को बचाए जाने के लिए की थी, तबसे आज तक विश्व भर में हजारों की संख्या में संघ के स्वयंसेवक एक स्थान पर एकत्रित होकर संघ के कार्य को निर्विरोध रूप से बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। जिसके प्रति समाज में भी विश्वास का भाव बढ़ा है ।
उन्होंने कहा कि संघ ने अपने स्थापना काल के बाद से अपने 93 वर्षों की यात्रा में काफी उतार-चढ़ाव भी देखे हैं ।उसके बावजूद भी संघ का काम निर्बाध गति से बढ़ रहा है ,उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने देश में विपरीत परिस्थितियों में भी अपने को स्थापित किए जाने का कार्य किया है ।
इस अवसर पर दयाधर दीक्षित ने कहा कि आज हम विजयदशमी का पर्व सत्य पर असत्य की विजय के प्रतीक के रूप में मना रहे हैं ।जोकि भारत में मनाए जाने वाले 4 पर्व के रूप में से एक महत्वपूर्ण पर्व विजयदशमी का है। जोकि बुराई को समाप्त कर अच्छाई के रूप में मनाए जाने का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि इसे क्षत्रिय समाज के लोग शस्त्र पूजन कर मनाते हैं।
वही भरत शाखा पर मुख्य वक्ता के रूप में सुदामा सिंगल ने संघ के स्वयंसेवकों को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया
जिन्होंने संघ के संबंध में विस्तार पूर्वक स्वयंसेवकों को बताया। इस दौरान,अशोक , अभिषेक , दीपक कुमार तायल ,रमेश अरोड़ा ,राजेंद्र रैना, रविंद्र गर्ग ,श्रीकांत ,विपिन , भारत भूषण ने कुंदनानी , कृष्ण कुमार सिंघल, शिव कुमार गौतम, सहित काफी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।
मां गंगा रामलीला समिति द्वारा प्रथम भव्य रामलीला का हुआ सफ़लता पूर्वक मंचन, रावण, कुंभकर्ण मेघनाथ के पुतले दहन के साथ होगा समापन
ऋषिकेश 04 अक्टूबर। “मां गंगा रामलीला समिति” (रजिo) 14 बीघा द्वारा नया पुल खेल प्रांगण में लगभग 35 वर्षों के बाद सामाजिक युवा वर्ग द्वारा प्रथम भव्य रामलीला मंचन का आयोजन नवरात्रि के प्रथम दिवस 26 सितंबर 2022 से शुरू होकर दशहरा कार्यक्रम (रावण दहन) के दिन तक किया जा रहा है ।
बताते चलें खेल मैदान नया पुल 14 बीघा में प्रथम नवरात्र से गणेश वंदना रामलीला मंचन में नारद मोह, श्री राम जन्म उत्सव, ताड़का वध, जनक बाजार, सीता स्वयंवर, लक्ष्मण परशुराम संवाद, श्री राम वनवास, सीता हरण, श्री राम -हनुमान मिलन, लंका दहन,लक्ष्मण शक्ति, का 09 दिन से लगातार सफलतापूर्वक मंचन किया जा रहा है।
जिसका समापन कुंभकरण वध, मेघनाथ वध, राम रावण संग्राम के साथ भव्य विजयदशमी 5 अक्टूबर को (रावण दहन) कार्यक्रम शाम 4:00 बजे होगा।
रामलीला के अंतिम चरण में श्री राम जी के तिलक के साथ समस्त रामलीला कलाकारों की विदाई एवं सम्मान समारोह आयोजित भी किया जाएगा।
आयोजन समिति में राजपाल राणा (अध्यक्ष), संदीप परमार (कोषाध्यक्ष), अनिल बडोनी (महासचिव), मनीष उनियाल (उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी), अनिल राणा (उपाध्यक्ष),गंगा रावत (मंत्री), प्रदीप सकलानी (संगठन प्रवक्ता), डॉ विकास सूर्यवंशी (मंत्री) समिति सदस्य गण में देवेंद्र दत्त जोशी , रामकृष्ण पोखरियाल , गणेश थपलियाल, कुसुमलता, सुरेंद्र थपलियाल, चेतन रावत, सुधीर रावत, अर्पित रावत, धर्म सिंह नेगी, नरेश पुंडीर, डॉ मनीष भट्ट, महेश, जयंत जोशी आदि शामिल हैं।
तीर्थ नगरी ऋषिकेश में दुर्गा अष्टमी पर्व पर श्रद्वापूर्वक हुआ कन्या पूजन, पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढने में श्रद्वालुओं को करनी पड़ी मशक्कत
ऋषिकेश, 03 अक्टूबर ।तीर्थ नगरी ऋषिकेश में दुर्गा अष्टमी पर घर-घर में कंजक पूजन हुआ। सोमवार को धर्म प्रेमियों ने पावन दुर्गाष्टमी पर्व लोगों ने कन्याओं की पूजा कर धूमधाम से मनाया। शहर पूरी तरह मां भगवती की भक्ति के रस में डूबा नजर आया। अर्चना करने वाले साधकों को कन्या पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढ़ने में मशक्कत का सामना करना पड़ा।
लोगों को अपने घरों में कंजक बिठाने के लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ी और गली मुहल्लों में जाकर श्रद्वालु कन्याओं को ढूंढते दिखे। लोगों ने पूरे विधिविधान पूर्वक 7, 9 11 कन्याओं का श्रद्धापूर्वक पूजन किया। सुबह पहले श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर मां दुर्गा की आराधना की। इसके बाद अपने घरों में पहुंच कर देवी स्वरूप कन्याओं को भोजन करवाया।
पूजन के लिए आमंत्रित सभी कंजकों के गंगाजल से पैर धोकर उनके माथे पर तिलक किया। बाद में सभी कंजकों को हलवा, पुरी का भोजन करवा कर उनका आशीर्वाद लिया। साथ ही सभी कंजकों को उपहार भेंट कर विदा किया गया।
कंजकों को भोजन करवाने के बाद ज्यादातर घरों में आठवें नवरात्र पर पूजन के बाद व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने आज अपना व्रत खोल लिया। सात दिनों से श्रद्धालुओं ने व्रत रखा हुआ था। कई घरों में नवमी के अवसर पर यही विधि अपनाकर व्रत खोले जाने हैं। अष्टमी के चलते मंदिरों में भी दिनभर भीड़ रही। शहर के
कात्यायनी मंदिर,श्री दुर्गा शक्ति मंदिर सहित सभी मंदिर श्रद्वालुओं से रोशन रहे। पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया नवरात्रों में उपवास रखकर मां दुर्गा के पावन चरणों में पूजा प्राचीन काल से चली रही है कि जो साधक नवरात्र का व्रत कर अष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक भोजन करवाते हैं उन पर मां भगवती अपना आशीर्वाद रखती है। नवरात्रि में पूजा अर्चना करने से मां सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
श्राद्ध पक्ष में पितरों की शांति के लिए देश के विभिन्न प्रांतों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पिंड दान किए जाने के साथ कराए अनुष्ठान